पथनमथीट्टा(केरल)। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन है लोगों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। इन परेशानियों के बीच एक अच्छी खबरें भी सामने आई। केरल के पथनमथिट्टा जिले से ऐसी तस्वीर सामने आई जिसे देख कर हमें इन पर गर्व होगा। यहां के जिला कलेक्टर पी.बी. नूंह एक आइसोलेटेड फैमली की मदद करने पहुंचे। जिला अधिकारी होने के बावजूद वह राशन की बोरी को अपने कंधे पर रखकर उस परिवार तक पहुंचे। इसके साथ वह जरूरत का सामना भी ले गए।लोगों ने इनकी खूब तारीफ की। पथनमथीट्टा वही जगह है जहां मार्च में इटली से लौटे एक परिवार की वजह से देश में पहली बार कोरोना केस सामने आया था।
केरल के पथनमथीट्टा के कलेक्टर पी.वी.नूह के पास कलेक्टर कंट्रोल रूम 1077 से इन्फॉर्मेशन आई कि मुख्यालय से दूर नदी के पार एक गांव में तीन परिवार, जो आइसोलेट हैं उनके पास राशन पूरी तरह खत्म हो चुका है। आधी रात तक मीटिंग करने और अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद कलेक्टर साहब के पास सुबह जैसे ही ये इन्फॉर्मेशन आई, उन्होंने ब्रेकफास्ट छोड़ दिया। चूंकि कलेक्टर साहब को ये मालूम था कि जिले का हर बड़ा अधिकारी उनके साथ आधी रात तक मीटिंग में था इसलिए उन्होंने किसी दूसरे को कहने की जगह अपने ड्राइवर और एक सहयोगी के साथ राशन सामग्री अपनी कार में रखवाई और गांव के किनारे पहुंच गए।
गांव नदी पार था इसलिए सब किनारे पर उतरे और राशन उठा के आगे जाने लगे। कलेक्टर साहब ने उन्हें रोका, अपने जूते उतारते हुए बोले - 'सब साथ चलेंगे। तीन चक्कर लगा कर हर बार कलेक्टर साहब बोरियां लाद के राशन पहुंचा। बता दें कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के तौर पर दर्ज हुए पथनमथीट्टा में कभी 286 पॉज़िटिव केस थे जो आज सिर्फ 13 रह गए हैं । यहा प्रशासन पुरी तरह से मुस्तैद है।