"मैं अपने किरदार से गहराई से जुड़ा हूं क्योंकि उसी की ही तरह मैं भी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देता हूं"

ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'तदबीर' में वे एक पूर्व सेना अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं  


ज़ी थिएटर के मनोरंजक नाटक 'तदबीर' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जाने-माने अभिनेता राज अर्जुन के पास अपने किरदार से जुड़ी बहुत सी अच्छी यादें हैं। वह इस कहानी में एक पूर्व सेना अधिकारी की भूमिका निभाते हैं जिसे एक समूह द्वारा ज़िम्मा दिया जाता है कि वो समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले एक कार्यकर्ता की हत्या को अंजाम दे. उसकी मुलाकात एक युवा सोमू से होती है जो उसी की तरह एक ख़ास मक़सद के लिए चुना गया है. राज अर्जुन कहते हैं , "मैं एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाता हूं जो सेना छोड़ देता है क्योंकि वह बिना सोचे समझे किसी के निर्देशों के आगे झुकना नहीं चाहता है। लेकिन जब वह एक दूसरा रास्ता अपनाता है तो उसे एहसास होता है कि जाति और धर्म-निर्धारित निर्देश समाज में हर जगह मौजूद हैं। मैं अपने चरित्र से गहराई से जुड़ा हूं क्योंकि, उसी की ही तरह मैं भी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देता हूं."


राज का कहना है कि वह हमेशा ऐसी ही भूमिकाओं की तलाश में रहते हैं जो सार्थक हों और जिनमें कुछ महत्वपूर्ण संदेश हो। वह कहते हैं, "मेरे लिए, कहानी एक नायक है और अगर यह अच्छी तरह से लिखी गई है और इसमें गहराई है, तो मैं उसे स्वीकार कर लूंगा। मैं ऐसी भूमिकाएं चुनने की कोशिश करता हूं जिनमें मेरे भीतर के अभिनेता को संतुष्ट करने की क्षमता हो।"

राज इस बात से भी रोमांचित हैं कि ज़ी थिएटर 'तदबीर' जैसे नाटकों की पहुंच दर्शकों में बढ़ा रहा है और कहते हैं, "थिएटर को एक तरह की लाइब्रेरी में संरक्षित करने की यह पहल सराहनीय है। यह उन लोगों को थिएटर का आनंद लेने का मौका देता है जो लाइव नाटकों तक नहीं पहुंच सकते। हमारे देश में बहुत से महान नाटककार और रंगमंच से जुड़े दिग्गज हैं जिनका काम अब हमेशा के लिए संरक्षित रखा जाएगा।"

राज के दिल में थिएटर के लिए बहुत खास जगह है क्योंकि उन्होंने अपनी रचनात्मक यात्रा भोपाल के रंगमंच से शुरू की थी। वह याद करते हैं, “मैंने भारत भवन में थिएटर किया और बाद में हबीब तनवीर और फ़िरोज़ अब्बास खान जैसे दिग्गजों के साथ मुझे काम करने का मौका मिला। यह टेलीप्ले रंगमंच के अनुशासन और 'रियाज़' को फिर से जीने का एक शानदार अवसर था। फर्क सिर्फ इतना था की लाइव थिएटर में रीटेक नहीं होते और आपको पूरे समय चरित्र में बने रहना होता है।जबकि एक टेलीप्ले में आप कैमरे के सामने होते हैं और इसे सिनेमा की तरह फिल्माया जाता है. इसलिए टेलीप्ले रंगमंच और सिनेमा का एकदम सही मिश्रण है।"

साहिल सपले द्वारा निर्देशित, 'तदबीर' में राज अर्जुन के साथ अभिनय कर रहे हैं सिद्धार्थ मेनन, मनोज कोल्हटकर और जयंत गाडेकर। इसे 12 अक्टूबर को एयरटेल थिएटर, डिश टीवी रंगमंच एक्टिव और डी2एच रंगमंच एक्टिव पर प्रसारित किया जाएगा।

Comments