इंदौर। समाजसेवा ही जीवन की असली सेवा है, जो भी इसका मोल समझ लेता है, जीवन से एक स्तर उठकर जीने में विश्वास रखता है। फिर उसे समाज के लिए समर्पण की भावना ही सर्वोपरि होती है। ऐसी ही एक संस्था, आनन्दम एक या दो नहीं, बल्कि विगत दस वर्षों से समाज के हित में पूर्ण समर्पण की भावना से कार्य करती आ रही है। इस महीने पूरे हुए सफल दस वर्षों के आनंदम के इस सफर को जश्न के रूप में मनाया गया, जिसके समारोह का आयोजन आनन्दम के ट्रस्टी श्री हरमिंदर सिंह भाटिया के फार्म हाउस पर उत्साहपूर्वक किया गया। विशेष बात यह है कि इसमें आनन्दम के सबसे वरिष्ठ सदस्य 94 वर्षीय श्री शान्ति भाई भी उपस्थित रहे और उनका आनन्दम ट्रस्टी श्री हरमिंदर सिंह भाटिया द्वारा सम्मान भी किया गया। इस समारोह में 120 सदस्यों ने भाग लिया।
श्री एस बी खंडेलवाल, सचिव, आनन्दम कहते हैं, "आनन्दम की दसवीं वर्षगाँठ दोहरी खुशी लेकर आई है, जब अबू धाबी के एक उदार दानदाता श्री निर्भय वैद्य से प्रति वर्ष दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता का वचन प्राप्त हुआ है। इस राशि का उपयोग विद्या कार्यक्रम एवं जरूरतमंद लोगों की स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं हेतु किया जाएगा। निश्चित रूप से यह अनुदान आनन्दम की समाज सेवा की गतिविधियों को गति प्रदान करते हुए एक स्तर ऊपर स्थान देने में सहायक होगा।"
आनन्दम की स्थापना वर्ष 2013 में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए की गई थी, जिसे इस माह एक दशक पूरे हो गए हैं। आज आनन्दम सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण तक ही सीमित नहीं है, इसके द्वारा समाज कल्याण की कई योजनाएँ प्रारम्भ की गई हैं, जिसमें गरीब वर्ग की मेधावी बालिकाओं की शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति की योजना 'विद्या' का संचालन किया जा रहा है। आनन्दम की समाज कल्याण की इस फ़्लैगशिप योजना के तहत अब तक 535 बालिकाओं को 24.92 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
इसके अलावा भी आनंदम अन्य कई योजनाओं को दिशा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें निःशक्त बुजुर्गों को मासिक राशन, गरीब महिलाओं को रोज़गारमुखी प्रशिक्षण तथा अनुभूति विज़न के मल्टी डिसेबिलिटी वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उनकी दवाओं के लिए आर्थिक सहायता आदि शामिल हैं।