होस्टल संचालक से 10 हजार की घूस लेते साइबर सेल का प्रधान आरक्षक पकड़ाया

उज्जैन। होस्टल संचालक से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस की टीम ने प्रधान आरक्षक को गिरफ्तार किया है। आरोपित प्रधान आरक्षक सायबर सेल में पदस्थ है तथा होस्टल संचालक से जुआ चलाने के नाम पर बंदी मांग रहा था। रुपये नहीं देने पर वह होस्टल संचालक को झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा था। रविवार को लोकायुक्त पुलिस ने आरोपित प्रधान आरक्षक को होस्टल संचालक के शास्त्री नगर स्थित घर के समीप से गिरफ्तार किया है। प्रवीणसिंह के रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होने की सूचना मिलने के बाद एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने उसे तत्काल निलंबित कर दिया।

निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि देवेश अस्थाना निवासी शास्त्री नगर होस्टल संचालित करता है। अस्थाना से सायबर सेल में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रवीणसिंह जुआ चलाने के नाम पर 10 हजार रुपये की बंदी मांग रहा था। प्रवीण ने देवेश को धमकी दी थी कि अगर उसने रुपये नहीं दिए तो वह उसे झूठे केस में फंसा देगा। जिससे प्रताड़ित होकर देवेश ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। जिसके बाद लोकायुक्त्‌ ने प्रधान आरक्षक और देवेश की बातचीत को रिकार्ड किया था। इसके बाद देवेश ने प्रधान आरक्षक को रुपये देने के लिए अपने शास्त्री नगर स्थित घर के समीप बुलाया था। जैसे ही प्रधान आरक्षक प्रवीणसिंह ने घूस के रुपये लिए लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। टीआइ बसंत श्रीवास्तव, बलवीर सिंह यादव, एएसआइ जागन सिंह, आरक्षक संदीप विशाल, सुनील, उमेश, हितेश ने कार्रवाई को अंजाम दिया है।

चार साल पहले जुआ खेलते पकड़ा था : फरियादी देवेश ने बताया कि प्रधान आरक्षक प्रवीण सिंह ने उसे करीब चार साल पहले जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से वह उससे लगातार रुपये की मांग करता रहता था। परेशान होकर देवेश ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया था। कुछ दिन पूर्व प्रवीण को देवेश का मोबाइल नंबर मिल गया था। जिसके बाद वह उससे रुपये की मांग कर रहा था। 23 जून को प्रवीण ने उसे फोन लगाकर 50 हजार रुपये की गड्डी की मांग की थी। देवेश ने इतने रुपये देने से इनकार कर दिया था। बाद में दोनों के बीच 10 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। प्रवीण 23 जून को ही रुपये लेने आने वाला था लेकिन उसकी पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगने के कारण उसने फोन कर देवेश को कहा था कि वह रविवार को रुपये लेने आएगा। जिसके बाद देवेश ने लोकायुक्त को शिकायत कर दी और रविवार को जैसे ही प्रवीण रुपये लेने देवेश के घर पहुंचा पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

प्रधान आरक्षक ने भागने का किया था प्रयास : देवेश ने रुपये लेने के लिए प्रधान आरक्षक प्रवीणसिंह को अपने घर के समीप बुलाया था। जहां गार्डन में देवेश चला गया था। प्रवीण भी रुपये लेने के लिए गार्डन में गया था। जैसे ही उसने रुपये लिए तो लोकायुक्त की टीम भी गार्डन में पहुंची थी। प्रवीण ने निरीक्षक बसंत कुमार श्रीवास्तव को पहचान लिया था। जिस पर उसने भागने का प्रयास किया था। लोकायुक्त की टीम ने उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया। झूमाझटकी में प्रवीण की शर्ट कंधे के समीप से फट गई थी।

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