कल बिजलीकर्मी करेंगे विरोध प्रदर्शन
  • इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में 19 जुलाई को प्रदेशभर के बिजली कर्मचारी व इंजीनियर्स करेंगे दो घण्‍टे का विरोध प्रदर्शन
उज्जैन।
बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर दिनांक 19.07.2021 को दो घण्‍टे को विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ 10 अगस्त को एक दिन की हड़ताल/ कार्य बहिष्कार करेंगे। एनसीसीओईई की ऑनलाइन हुई मीटिंग में हड़ताल का निर्णय लिया गया था। मीटिंग की अध्यक्षता ऑल इण्डिया पावरइंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने की। मीटिंग में ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन,ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ़ पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस (एटक), इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया (सीटू),इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेन (इंटक) और ऑल इंडिया पावरमेन्स फेडरेशन के अध्यक्ष व् महामंत्री उपस्थित।
मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर के श्री व्‍ही.के.एस.परिहार ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का एलान किया है, जिसके विरोध में बिजली कर्मियों को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली क़ानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करनेके बजाये इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमें) बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इस बिल में प्राविधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कम्पनियाँ बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण हेतु यह निजी कम्पनियाँ सरकारी वितरण कंम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी। उन्होंने बताया कि निजी कम्पनियाँ केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी जिससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी। इस प्रकार नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का सम्पूर्ण निजीकरण करने जा रही है जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बिल के विरोध में 19 जुलाई को देश भर में बिजली कर्मी विरोध सभाएं करेंगे। इसके बाद 27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत् मंत्री श्री आर के सिंह से दिल्ली में मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगे। 03 अगस्त को उत्तरी क्षेत्र, 04 अगस्त को पूर्वी क्षेत्र, 05 अगस्त को पश्चिमी क्षेत्र और 06 अगस्त को दक्षिणी क्षेत्र के बिजली कर्मी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह करेंगे। इसके बाद 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार ने 10 अगस्त के पहले संसद में बिल रखा तो देश भर के बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे।
इसी कार्यक्रम के तहत कल दिनांक 19.07.2021 को म.प्र. के सभी कंपनी मुख्यालय, क्षेत्रीय मुख्यालय एवं जिला मुख्यालयों में सांय 04:00 बजे से सांय 06:00 बजे विरोध प्रदर्शन किया जायेगा, जिसमें भोपाल में गोविन्‍दपुरा, बिजली गेट में श्री शैलेन्‍द्र दुबे अध्‍यक्ष ए.आई.पी.ई.एफ. भी उपस्‍थ‍ित रहेंगे एवं दिनांक 05.08.2021 मध्‍यप्रदेश के प्रतिनिध‍ि भी दिल्ली के विरोध प्रदर्शन में शामिल होगें एवं दिनांक 10.08.2021 को संपूर्ण देश के साथ-साथ संपूर्ण मध्यप्रदेश में एक दिवसीय कार्यवहिष्कार किया जायेगा।
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