कोरोना को चुनौती देती डॉ.एम.डी.सिंह की कविता


समय कुटिल साधना होगा
जीवन को बांधना होगा

युद्ध मृत्यु से हो चाहे
कठोर अनित्य से हो चाहे
मनुज हारा नहीं अभी तक
संघर्ष अभित्य से हो चाहे

उसे अवश्य हारना होगा
जीवन को बांधना होगा

कोरोना कौन है आखिर 
कहां है पूंछ किधर है सिर
कहां छुपी जान है उसकी
कैसे जी उठ रहा फिर फिर

हमको यह जानना होगा
जीवन को बांधना होगा

अजर है जो जर नहीं सके
अमर है जो मर नहीं सके
हाल अश्वत्थामा सा करें 
रहे कुछ भी कर नहीं सके

कलंक माथ साटना होगा
जीवन को बांधना होगा

रावण को भी पड़ा जाना
हिरणकश्यप भी नहीं माना
महिषासुर भी मरा आखिर 
हुआ व्यर्थ उसे अभय पाना 

कुछ भी बन मारना होगा
जीवन को बांधना होगा



 -डॉ.एम.डी.सिंह 
 महाराजगंज गाजीपुर उत्तर प्रदेश
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