ॐ गं गणपतये नमः।।
गुरूर-ब्रह्मा, गुरूर-विष्णूगुरूर-देव महेश्वरा
गुरूर- साक्षात परब्रह्म तस्मैश्री गुरूर-नम:
ॐयमायधर्मराजायश्रीचित्रगुप्तवे नमो नम:
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻
प्रिय साथियो।
🌹राम-राम
🌻 नमस्ते।🌻
आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयोंकादिनांक 24 दिसंबर 2020 गुरू
वारप्रातःकी बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।
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आज की बात आपके साथ अंक मे है
A कुछ रोचक समाचार
B आज के दिन जन्मे.हिंदी सिनेमा के एक प्रख्यात गायक.मोहम्मद रफ़ी.साहब का.जीवन परिचय लेख।
C आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण
व्यक्तित्व
E आज के दिन निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
F आज का दिवस का नाम ।
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(A) कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त)
💗(A/1)कैशलेश इकॉनोमी की ओर बढ़ रहे देशको यूपीआई पेमेंट पसंद,पिछले 11 महीनों में इसमें 180 फीसदी की ग्रोथ💗
💗(A/2)पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह
के जन्मदिन 23 दिसम्बर को सम्पूर्ण देश
राष्ट्रीय किसान दिवस’ मना रहा है।💗
💗(A/3)जानिए:-01जनवरी 21 यानी
नववर्ष 2021का स्वागत करनेकेसाथ ही।बैंकिंगसम्बंधी कई नियम बदल जायेंगे।💗
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(A)कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)
💗(A/1)कैशलेश इकॉनोमी की ओर बढ़ रहे देशको यूपीआई पेमेंट पसंद,पिछले 11 महीनों में इसमें 180 फीसदी की ग्रोथ💗
नईदिल्ली.देशकीअर्थव्यवस्था अब कोविड
संकट से उबरने के मूड में दिखाई दे रही है। आंकड़े भी यही बता रहे हैं कि देश के भीतर अब पैसे का लेन—देन तेजी से बढ़ रहा है। कैशलेश इकॉनोमी की ओर बढ़ रहे देश को यूपीआई पेमेंट पसंद आया है, यहीवजह है कि पिछले11 महीनों में इसमें 180 फीसदी की ग्रोथ देखी गई है।नवंबर में देश की200 बैंकों ने यूपीआई के जरिए 221करोड़सेज्यादा ट्रांजेक्शनकिए,जिसमें
110 करोड़ ट्रांजेक्शन सिर्फ चार बैंकों के जरिए किए गए। जिनमें सरकारी बैंक स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने 60 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन किए।
नेशनलपेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
(एनपीसीआइ) के मुताबिक नवंबर में यूपी
आइके जरिए3 लाख 90 हज़ारकरोड़रुपए सेज्यादा का लेन- देन दर्ज किया गया है। पिछले साल इसी महीने में हुए यूपीआइ लेन- देन से तुलना करें तो ट्रांजैक्शन की संख्या में बीते एक वर्ष में 81 फीसदी की बढोतरी दर्ज की गई है।
नवंबर, 2019 में 122 करोड़ तो इस साल नवंबर में 221 करोड़ से ज्यादा यूपीआई ट्रांजेक्शनहुए हैं।यानीबीते सालकेमुकाबले
99 करोड़ ज्यादा।ट्रांजैक्शन वैल्यू की बात कीजाएतोउसमें 106 फीसदी से ज्यादाकी
बढ़ोतरी हुईहै।नवंबर 2019के1.89 लाख
करोड़रुपए के मुकाबलेइससाल नवंबर में रिकॉर्ड 3.9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य का लेन- देन दर्ज किया गया है।
🌺मई2020 के बाद सेलगातारबढ़त🌺
प्री-कोरोना पीरियड की बात की जाए तो फऱवरी 2020 में सबसे ज्यादा ट्रांजेक्शन दर्ज़ किया गया था। फरवरी में 133 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए यूपीआई से 2 लाख 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का लेनदेन हुआ। कोरोना काल मेंयूपीआइ के जरिए लेनदेन अप्रेल माह में एक लाख 51 हजार करोड़ रुपए पर सिमट गया था। हालांकि मई से इसमें लगातार हर महीने बढ़ोतरीदर्ज की गई है।मई माह में यूपीआइ के जरिए2 लाख 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन- देन हुआ।आधे में चार बैंक
,बाकी में 196 बैंकनवंबर माह में हुए कुल 221 करोड़ यूपीआइ ट्रांजेक्शन का करीब आधा यानी 110 करोड़ ट्रांजेक्शन 4 बैंकों एसबीआइ,एक्सिस, एचडीएफसीऔर पेटी
एम से हुए।इनमें भी अकेले एसबीआइ से 60करोड़ सेअधिक ट्रांजेक्शनहुए। नवंबर
मेंइन चार ने कियाकुल ट्रांजेक्शन काआधा
कारोबार बैंक ट्रांजेक्शनअप्रूवल रेटडिक्ला
इन रेट
स्टेट बैंक आॅफ इंडिया 60.8 90.52 3.12
एक्सिस बैंक लि. 24.1 97.16 2.27
एचडीएफसी बैंक लि. 17.9 93.46 1.85
पेटीएम 16.9 92.71 0.08
'ट्रांजेक्शन के आंकड़े करोड़ में हैं, जबकि अप्रूवल और डिक्लाइन रेट प्रतिशत में
'डाटा नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का'
🍁फैक्ट्स एंड फिगर्स -🍁
— 221 करोड़ कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए नवंबर 2020 में, 3.90 लाख करोड़ का भुगतान
— 207 करोड़ कुल यूपीआई ट्राजेक्शन हुए अक्टूबर 2020 में, 3.86 लाख करोड़ का भुगतान
— 180 करोड़ कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए सितंबर 2020 में, 3.29 लाख करोड़ का भुगतान
— 161 करोड़ कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए अगस्त 2020 में, 2.98 लाख करोड़ का भुगतान
— 120 करोड़ कुल ट्रांजेक्शन हुए हुए थे जनवरी 2020 में, 2.16 लाख करोड़ का भुगतान
— 180 गुना बढ़ा जनवरी से अब तक यूपीआई के जरिए देश में भुगतान
— 144 बैंक यूपीआई पेमेंट से जुड़ी थीं जनवरी 2020 तक
— 200 बैंक यूपीआई पेमेंट से जुड़ी नंबवर 2020 तक, पिछले महीने से 11 ज्यादा
— 110 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन केवल चार बैंकों ने किए
— 60 करोड़ ट्रांजेक्शन सरकारी बैंक एसबीआई ने किए, जबकि डिकलाइन रेट सबसे ज्यादा
🤝यह दे रहे बेहतरीन सुविधा🤝
बैंक डिक्लाइन दर (प्रतिशत में)
पेटीएम — 0.08
एचडीएफसी — 2.77
एसबीआइ — 3.12
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻🌺(A/2)पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह
के जन्मदिन 23 दिसम्बर को सम्पूर्ण देश
राष्ट्रीय किसान दिवस’ मना रहा है।🌺
नई दिल्ली। हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस पूरे राष्ट्र में बड़े उत्साह एवं रुचि के साथ मनाया जाता है। भारत मुख्य रूप से गांवों का देश है। गांवों में रहने वाली अधिकांश आबादी किसानों की है और कृषि उनके लिए आय का मुख्य स्रोत है। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान करीब एक महीनें से आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच एक तरफ आज पूरा देश ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ मना रहा है। किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जन्मदिन पर मनाया जाता है।
🌺आंदोलन के दौरान कई किसानों की हुई मौत🌺
देश की राजधानी दिल्ली में तमाम किसान नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। लेकिन सरकार किसानों की मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान बीते 28 दिनों से बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान कई किसानों की मृत्यु भी हो चुकी है, इसके बावजूद किसान पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है।
पीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियन आगे की बातचीत के लिए केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर फैसला आज लेंगे। बताया जा रहा है कि आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से बैठक होने वाली है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक भी होगी। ये बैठक सुबह 10.30 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शुरु होगी। माना जा रहा हे कि इस बैठक में किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की संभावना है।
किसानों के लिए अतुलनीय योगदान
23 दिसंबर को देश के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है। चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को हापुड़ में हुआ था। चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए थे। इसके लिए उन्होंने कई कृषि बिल भी पारित कराए। किसानों के लिए उनका अतुलनीय योगदान रहा है। इसलिए साल 2001 से हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻🌺(A/3)जानिए:- 01जनवरी21 यानी
नववर्ष 2021का स्वागत करनेकेसाथ ही।बैंकिंगसम्बंधी कई नियम बदल जायेंगे।🌺
नई दिल्ली। 2020 जाने वाला है और हम नव वर्ष यानी 2021 का स्वागत करने जा रहे हैं। हर बार की तरह आने वाले साल में हमकों कुछ नई चीजें और नए बदलाव देखने को मिलेंगे। कुछ ऐसे बदलाव जिनका असर हमारे रोजमर्रा के जीवन पर पड़ता दिखाई देगा। 1 जनवरी 2021 से कई नियम बदल जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि हम समय रहते इन बदलावों के बारे में जान लें, ताकि हमें कोई नुकसान न उठाना पड़े।
इस सूची में 10 बदलाव शामिल हैं-
🌺चेक पेमेंट सिस्टम 🌺
1 जनवरी, 2021 से चेक पेमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव देखने को मिलेगा। इस बदलाव के अनुसार सकारात्मक भुगतान व्यवस्था के तहत चेक के माध्यम से 50 हजार रुपए या इससे अधिक के भुगतान पर कुछ जरूरीजानकारियों कोफिर सेपुष्टि
करनी होगी।हालांकियह खाता धारक पर निर्भर होगा कि चाहे तो वो इस सुविधा का फायदा उठाना चाहता है या नहीं?
🌺कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट्स🌺
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार एक जनवरी से कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट्स की लिमिट्स दो हजार से बढ़कर पांच हजार रुपए हो गई है। इसका लाभ यह होगा कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पांच हजार रुपए के भुगतान के लिए अब पिन नहीं डालना होगा।
🌺Mutual fund investment के नियम बदले🌺
सेबी ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। नए बदलावों के अनुसार अब फंड्स का 75 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में इंवेस्ट करना अनिवार्य होगा। हालांकि फिलहाल यह लिमिट 65 प्रतिशत है।
UPI payment में बड़ा बदलाव नए साल मेंयूपीआई के माध्यम सेभुगतान करना भी महंगा हो जाएगा।नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने थर्ड पार्टी कीओर से चलाए जा रहे ऐप्स पर एक्सट्रा चार्ज लगाने का ऐलान किया है।
🌺GST Return के नियम🌺
GST Return के नियम भी बदले
एक जनवरी से लागू होने जा रहे नए नियम के अनुसार अब जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से कम होगा, उनको हर माह रिटर्न दाखिल नहीं करना होगा। अब करदाता केवल 8 रिटर्न ही भरेंगे।
🌺लॉन्च होगीसरलजीवनबीमापॉलिसी🌺
हां, 2021 में आप कम प्रीमियम में बीमा पॉलिसी ले सकेंगे। IRDAI की ओर से इस संबंध में सभी कंपनियों को सरल जीवन बीमा लॉन्च करने के निर्देश दिए गए हैं। IRDAI ने एक स्टैंडर्ड टर्म लाइफ इंश्योरेंस पेश करने का निर्देश दिया है।
🌺कुछ फोन में बंद हो जाएगा
Whatsapp🌺
1 जनवरी के बाद से कुछ एंड्रायड और आईओएस फोन पर वॉट्सऐप अब महंगा होगा। नए बदलाव के अनुसार पुराने पड़ चुके सॉफ्टवेयर पर वॉट्सऐप नहीं चल पाएगा।
🍁कारें होंगी महंगी🍁
एक जनवरी से सबसे ज्यादा फर्क ऑटोमोबाइल मार्केट पर पड़ने वाला है। दरअसल, कई कंपनियां अपने कई मॉडल के रेट बढ़ाने वाली हैं। इसलिए नए साल में गाड़ियां खरीदनी कुछ महंगी होंगी। इस क्रम में मारुति, महिंद्रा, रेनॉ और MG मोटर पहले ही अपनी गाड़ियों के दामों में इजाफा कर चुकी हैं।
Fastag लगवाना जरूरी
1 जनवरी से सभी चार पहिया वाहनों पर फास्टैग (FASTag) लगाना जरूरी होगा। परिवहन मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि बिना फास्टैग के नेशनल हाईवे के टोल पर दोगुना शुल्क वसूला जाएगा।
फोन करने से पहले लगाना होगा '0'
टेलिकॉम सेक्टर में भी आने वाले साल में बड़ा बदलाव देखने कस मिलेगा। 1 जनवरी से अगर आप किसी लैंडलाइन से कोई मोबाइल नंबर मिलाते हैं तो उसके लिए पहले 0 लगाना होगा। जीरो न लगाने पर फोन नहीं मिल पाएगा।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(A/4)जन्मदीनविशेष:-अभिनेता,फिल्म
निर्मातानिर्देशकअनिल कपूर जी काजीवन
परिचय लेख
🌺 अनिल कपूर🌺
भारतीय फिल्म अभिनेता
नाम:-अनिल कपूर
जन्म: 24 दिसंबर,1959
हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं।
अनिल कपूर
व्यवसाय:-अभिनेता, निर्माता
पत्नी:- सुनीता कपूर(1984–वर्तमान)
मातापिता:-सुरिन्द्र कपूर (पिता)
माँ:- निर्मल
बच्चे:- सोनम कपूर,रियाकपूर,
हर्षवर्धन कपूर
🌺फिल्मी सफर🌺
अनिल कपूर ने उमेश मेहरा की फ़िल्म 'हमारे तुम्हारे' (1979) के साथ एक सहायक अभिनेता की भूमिका में अपने बॉलीवुड के सफर की शुरुआत की। 'हम पाँच' (1980) और 'शक्ति' (1982) के रूप में कुछ मामूली भूमिकाओं के बाद उन्हें 1983 में 'वो सात दिन' में अपनी पहली प्रमुख भूमिका मिली जिसमे उन्होंने एक उत्कृष्ट एवं स्वाभाविक प्रदर्शन किया। कपूर ने बाद में टॉलीवुड में अभिनय करने की कोशिश की और तेलुगू फ़िल्म 'वम्सावृक्षं' और मणिरत्नम की पहली कन्नड़ फ़िल्म 'पल्लवी अनुपल्लवी' (1983) की। इसके बाद उन्होंने यश चोपड़ा की 'मशाल' में एक बेहतरीन प्रदर्शन किया जहां उन्होंने दिलीप कुमार के साथ अभिनय कौशल दिखाया। 'मेरी जंग' (1985) जैसी फ़िल्म में न्याय के लिए लड़ रहे एक नाराज युवा वकील की भूमिका की जिसने उन्हें एक परिपक्व अभिनेता के रूप में स्थापित कर दिया। इसके अलावा अनिल कपूर ने 'कर्मा', 'मिस्टर इंडिया', 'तेज़ाब', 'राम लखन' जैसी फ़िल्में कीं जिन्होंने उन्हें स्टारडम की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
🌺 व्यक्तिगत जीवन🌺
अनिल कपूर जाने माने फ़िल्म निर्माता सुरेन्द्र कपूर के बेटे हैं। उनका जन्म तिलक नगर मुंबई में हुआ। उनके बड़े भाई बोनी कपूर एक प्रसिद्द निर्माता हैं और उनके छोटे भाई संजय कपूर भी एक अभिनेता हैं। 1984 में उन्होंने सुनीता कपूर से शादी की और उनके तीन बच्चे हैं जिनमे सोनम कपूर भी एक अभिनेत्री है।
🍭प्रमुख फिल्में🍭
वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
2017 मुबारकाँ करतार सिंह बाजवा
2015 वेलकम बैक (फ़िल्म)मजनू भाई
2015 दिल धड़कने दोकमल मेहरा
2013 महाभारत 3 डी फिल्मकर्ण
(वॉयस ओवर)
2013 शूटआउट एट वडाला इंस्पेक्टर अफाक भांगड़ा
2013 रेस 2 इंस्पेक्टर रॉबर्ट डी 'कोस्टा
2013 तेज़ अधिकारी अर्जुन खन्ना
2010 नो प्रौब्लमइंस्पेक्टर अर्जुन सिंह
2009 वांटेड
2009 Shortcut: The Con is on
2008 युवराज
2008 स्लमडॉग करोड़पतीप्रेम कुमार
2008 टशन
2007 यहाँ के हम सिकन्दर
2007 सलाम-ए-इश्कविनय मल्होत्रा
2007 वैलकममजनू भाई
2007 माई नेम इज़ एंथोनी गोंज़ालेज़
2006 डरना जरूरी हैकरन चोपड़ा
2006 नकशाकथा कहने वाला
2006 नो एन्ट्री किशन
2006 बेवफाआदित्य साहनी
2005 माइ वाइफ़्स मर्डर रवि पटवर्धन
2005 चॉकलेट
2004 मुसाफ़िर लकी
2003 कैलकटा मेलअविनाश
2003अरमान डॉक्टर आकाश सिन्हा
2002रिश्तेसूरज सिंह
2002बधाई हो बधाई राजा
2002 ओम जय जगदीशओम बत्रा
2001नायक शिवाजी राव
2001लज्जाराजू
2000 हमारा दिल आपके पास हैअविनाश
2000 पुकार
2000 बुलन्दी
2000कारोबार राजीव सिन्हा
1999 ताल विक्रांत कपूर
1999 हम आपके दिल में रहते हैं विजय
1999 बीवी नं॰ 1डॉक्टर लखन
1999 मनराज
1998 झूठ बोले कौआ काटे शंकर शर्मा ('रामानुज')
1998 घरवाली बाहरवाली अरुण वर्मा
1998 कभी ना कभी
1997 दीवाना मस्ताना राजकुमार
1997 जुदाईराज वर्मा
1997 विरासत शक्ति ठाकुर
1996 मिस्टर बेचारा आनन्द वर्मा
1996 लोफर रवि कुमार
1996राजकुमार राजकुमार
1995त्रिमूर्ति
1994 लाड़ला रवि
1994 अंदाज़अजय कुमार सक्सेना
1994 मिस्टर आज़ादआज़ाद
1993 रूप की रानी चोरों का राजा
1993,1942: अ लव स्टोरी नरेन्द्र सिंह
1993 गुरुदेव
1992 बेटा राजू
1992 ज़िन्दगी एक जुआहैरी
1992 हमलाशिव
1992 हीर राँझा राँझा
1992आसमान से गिरा
1992 अपराधीशिव
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐 💐(B)आज के दिन जन्मे.हिंदी सिनेमा के एक प्रख्यात गायक.मोहम्मद रफ़ी.साहब का.जीवन परिचय लेख।
जीवन परिचय लेख.
मोहम्मद रफ़ी
हिंदी सिनेमा के एक प्रख्यात गायक
मोहम्मदरफ़ी (24दिसंबर1924-31जुलाइ1980)जिन्हें दुनिया रफ़ी या रफ़ीसाहब के नाम से बुलाती है,हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। अपनी आवाज की मधुरता और परास की अधिकता के लिए इन्होंने अपने समकालीन गायकों के बीचअलग पहचानबनाई। इन्हेंशहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था।मोहम्मदरफ़ी की आवाज़ ने अपने आगामी दिनों में कई गायकों को प्रेरित किया। इनमें
सोनू निगम, मुहम्मद अज़ीज़ तथा उदित नारायण का नाम उल्लेखनीय है - यद्यपि इनमेंसे कइयों की अबअपनीअलगपहचान
है।1940 केदशकसेआरंभकर 1980 तक
इन्होने कुल 26,000 गाने गाए।इनमेंमुख्य
धारा हिन्दी गानोंकेअतिरिक्त ग़ज़ल, भजन
,देशभक्ति गीत,क़व्वाली तथाअन्यभाषाओं
में गाए गीत शामिल हैं। जिन अभिनेताओं परउनके गाने फिल्माए गए उनमें गुरुदत्त,
दिलीप कुमार,देव आनंदभारत भूषणजॉनी
वॉकर,जॉयमुखर्जी,शम्मीकपूर,राजेन्द्र
कुमार,राजेश खन्ना,अमिताभ बच्चनधर्मेन्द्र
जीतेन्द्र तथा ऋषि कपूर के अलावे गायक
अभिनेताकिशोर कुमार कानाम भीशामिल
है।24 दिसंबर 2017 को मोहम्मद रफी जी के 93वें जन्मदिवस पर गूगल ने उन्हें सम्मानित करते हुए उनकी याद में गूगल डूडल बनाकर उनके गीतों को और उनकी यादों को समर्पित किया |
आरंभिक दिन
मोहम्मदरफ़ी का जन्म 24 दिसम्बर 1924 कोअमृतसर, के पास कोटलासुल्तान सिंह
में हुआ था।आरंभिक स्कूली पढ़ाई कोटला सुल्तानसिंह में हुई।जब मोहम्मदरफीकरीब
सातसाल के हुए तबउनकापरिवार रोजगार केसिलसिलेमें लाहौरआ गया।इनकेपरिवार
का संगीत से कोई खास सरोकार नहीं था। जबरफ़ीछोटे थेतब इनके बड़े भाई की नाई कीदुकान थी,रफ़ी का काफी वक्त वहीं पर गुजरता था।कहा जाता हैकि रफ़ीजब सात
साल के थे तो वे अपने बड़े भाई की दुकान से होकर गुजरने वाले एक फकीर कापीछा
किया करते थे जो उधर से गाते हुए जाया करता था। उसकी आवाज रफ़ी को पसन्द आई और रफ़ी उसकी नकल किया करते थे। उनकी नकल में अव्वलता को देखकर लोगों को उनकी आवाज भी पसन्द आने लगी। लोग नाई की दुकान में उनके गाने की प्रशंशा करने लगे। लेकिन इससे रफ़ी को स्थानीय ख्याति के अतिरिक्त और कुछ नहीं मिला। इनके बड़े भाई मोहम्मद हमीद ने इनके संगीत के प्रति इनकी रुचि को देखा और उन्हें उस्ताद अब्दुल वाहिद खान के पास संगीत शिक्षा लेने को कहा। एक बार आकाशवाणी (उस समय ऑल इंडिया रेडियो) लाहौर में उस समय के प्रख्यात गायक-अभिनेता कुन्दन लाल सहगल अपना प्रदर्शन करने आए थे। इसको सुनने हेतु मोहम्मद रफ़ी और उनके बड़े भाई भी गए थे। बिजली गुल हो जाने की वजह से सहगल ने गाने से मना कर दिया। रफ़ी के बड़े भाई ने आयोजकों से निवेदन किया की भीड़ की व्यग्रता को शांत करने के लिए मोहम्मद रफ़ी को गाने का मौका दिया जाय। उनको अनुमति मिल गई और 13 वर्ष की आयु में मोहम्मद रफ़ी का ये पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था। प्रेक्षकों में श्याम सुन्दर, जो उस समय के प्रसिद्ध संगीतकार थे, ने भी उनको सुना और काफी प्रभावित हुए। उन्होने मोहम्मद रफ़ी को अपने लिए गाने का न्यौता दिया।
मोहम्मद रफ़ी का प्रथम गीत एक पंजाबी फ़िल्म गुल बलोच के लिए था जिसे उन्होने श्याम सुंदर के निर्देशन में 1944 में गाया। सन् 1946 में मोहम्मद रफ़ी ने बम्बई आने का फैसला किया। उन्हें संगीतकार नौशाद ने पहले आप नाम की फ़िल्म में गाने का मौका दिया।
ख्याति
नौशाद द्वारा सुरबद्ध गीत तेरा खिलौना टूटा (फ़िल्म अनमोल घड़ी, 1946) से रफ़ी को प्रथम बार हिन्दी जगत में ख्याति मिलीइसकेबाद शहीद, मेला तथा दुलारी में भी रफ़ी ने गाने गाए जो बहुत प्रसिद्ध हुए। 1951में जब नौशाद फ़िल्म बैजू बावरा के लिएगानेबनारहे थे तो उन्होनेअपनेपसंदीदा
गायकतलतमहमूद से गवाने की सोची थी। कहाजाता है कि उन्होने एकबार तलत मह
मूद को धूम्रपान करते देखकर अपना मन बदल लियाऔर रफ़ी से गाने कोकहा। बैजू बावरा केगानों ने रफ़ी कोमुख्यधारा गायक के रूपमें स्थापित किया।इसके बादनौशाद
ने रफ़ी को अपने निर्देशन में कई गीत गाने को दिए। लगभग इसी समय संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन को उनकीआवाज
पसंद आयी और उन्होंने भी रफ़ी से गाने गवाना आरंभ किया।शंकर जयकिशन उस समयराज कपूर के पसंदीदा संगीतकार थे, पर राज कपूर अपने लिए सिर्फ मुकेश की आवाज पसन्द करते थे।बाद में जब शंकर जयकिशन के गानों की मांगबढ़ी तो उन्होंने लगभगहरजगह रफ़ी साहब काप्रयोगकिया
यहाँ तक की कई बार राज कपूर के लिए रफी साहब ने गाया।जल्द ही संगीतकार
सचिन देव बर्मन तथा उल्लेखनीय रूप से
ओपीनैय्यर को रफ़ी की आवाज़ बहुत रास आयीऔर उन्होनेरफ़ीसे गवानाआरंभकिया
। ओ पी नैय्यर का नाम इसमें स्मरणीय रहेगा क्योंकि उन्होने अपने निराले अंदाज में रफ़ी-आशा की जोड़ी का काफी प्रयोग किया और उनकी खनकती धुनें आज भी उस जमाने के अन्य संगीतकारों से अलग प्रतीत होती हैं। उनके निर्देशन में गाए गानो से रफ़ी को बहुतख्याति मिलीऔरफिर रवि
,मदन मोहन, गुलाम हैदर, जयदेव, सलिल चौधरी इत्यादि संगीतकारोंकी पहली पसंद रफ़ी साहब बन गए।
दिलीप कुमार, भारत भूषण तथा देवानंद
जैसे कलाकारों के लिए गाने के बाद उनके गानों पर अभिनय करने वालो कलाकारों की सूची बढ़ती गई। शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, जॉय मुखर्जी, विश्वजीत, राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र इत्यादि कलाकारों के लिए रफ़ी की आवाज पृष्ठभूमि में गूंजने लगी। शम्मी कपूर तो रफ़ी की आवाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्होने अपने हर गाने में रफ़ी का इस्तेमाल किया। उनके लिए संगीत कभी ओ पी नैय्यर ने दिया तो कभी शंकर जयकिशन ने पर आवाज रफ़ी की ही रही। चाहे कोई मुझे जंगली कहे (जंगली), एहसान तेरा होगा मुझपर (जंगली), ये चांद सा रोशन चेहरा (कश्मीर की कली), दीवाना हुआ बादल (आशा भोंसले के साथ, कश्मीर की कली) शम्मी कपूर के ऊपर फिल्माए गए लोकप्रिय गानों में शामिल हैं। धीरे-धीरे इनकी ख्याति इतनी बढ़ गयी कि अभिनेता इन्हीं से गाना गवाने का आग्रह करने लगे। राजेन्द्र कुमार, दिलीप कुमार और धर्मेन्द्र तो मानते ही नहीं थे कि कोई और गायक उनके लिए गाए।।
🌻गायन सफर🌻
1950 के दशक में शंकर जयकिशन, नौशाद तथा सचिनदेव बर्मन ने रफ़ी से उस समय के बहुत लोकप्रिय गीत गवाए। यह सिलसिला 1960 के दशक में भी चलता रहा। संगीतकार रवि ने मोहम्मद रफ़ी का इस्तेमाल 1960 के दशक में किया। 1960 में फ़िल्म चौदहवीं का चांद के शीर्षक गीत के लिए रफ़ी को अपना पहला फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला। इसके बाद घराना (1961), काजल (1965), दो बदन (1966) तथा नीलकमल (1968) जैसी फिल्मो में इन दोनो की जोड़ी ने कई यादगार नगमें दिए। 1961 में रफ़ी को अपना दूसरा फ़िल्मफेयरआवार्ड फ़िल्म
ससुरालके गीत"तेरी प्यारी प्यारी सूरतको"
के लिए मिला।संगीतकार जोड़ीलक्ष्मीकांत
प्यारेलालनेअपना आगाज़ ही रफ़ी के स्वर से किया और1963 में फ़िल्म पारस मणि
केलिएबहुतसुन्दरगीतबनाए।इनमे"सलामत
रहो"तथा"वो जब याद आये"(लतामंगेशकर
केसाथ)उल्लेखनीय है।1965में ही लक्ष्मी-
प्यारेकेसंगीतनिर्देशनमेंफ़िल्मदोस्ती केलिए
गाए गीत"चाहूंगा मैतुझे सांझसवेरे"केलिए
रफ़ीको तीसराफ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला
1965 में उन्हेंभारतसरकार ने पद्मश्री पुर-
-स्कार सेनवाजा1965में संगीतकार जोड़ी
कल्याणजी~-आनंदजीद्वाराफ़िल्म#जब
जब फूल खिले# के लिए संगीतबद्ध गीत
"परदेसियों से नाअखियांमिलाना"लोकप्रिय
ता केशीर्षपर पहुंच गयाथा1966 मेंफ़िल्म
सूरज के गीत"बहारों फूल बरसाओ"बहुत
प्रसिद्ध हुआऔर इसके लिए उन्हें चौथा
फ़िल्म फेयरअवार्डमिला।इसका संगीत
शंकरजयकिशन ने दिया था।1968 में शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में फ़िल्म ब्रह्मचारी के गीत=दिल के झरोखे
में तुझको बिठाकर= के लिएउन्हें पाचवां फ़िल्मफेयरअवार्ड मिला।
🌺 अवरोहन 🌺
1960 के दशक में अपने करियर के शीर्ष पर पहुंचने के बाद दशक का अन्त उनके लिए सुखद नहीं रहा। 1969 में शक्ति सामंत अपनी एक फ़िल्म आराधना का निर्माण करवा रहे थे जिसके लिए उन्होने सचिन देव बर्मन (जिन्हे दादा नाम से भी जाना जाता था) को संगीतकार चुना। इसी साल दादा बीमार पड़ गए और उन्होने अपने पुत्र राहुल देव बर्मन(पंचमदा) से गाने रेकार्ड करवाने को कहा। उस समय रफ़ी हज के लिए गए हुए थे। पंचमदा को अपने प्रिय गायक किशोर कुमार से गवाने का मौका मिला और उन्होने रूप तेरा मस्ताना तथा मेरे सपनों की रानी गाने किशोर दा की आवाज में रेकॉर्ड करवाया। ये दोनो गाने बहुत ही लोकप्रिय हुए और इस गाने के अभिनेता राजेश खन्ना निर्देशकों तथा जनता के बीच अपार लोकप्रिय हुए। साथ ही गायक किशोर कुमार भी जनता तथा संगीत निर्देशकों की पहली पसन्द बन गए। इसके बाद रफ़ी के गायक जीवन का अवसान आरंभ हुआ। हँलांकि इसके बाद भी उन्होने कई हिट गाने दिये, जैसे ये दुनिया ये महफिल, ये जो चिलमन है, तुम जो मिल गए हो। 1977 में फ़िल्म हम किसी से कम नहीं के गीत क्या हुआ तेरा वादा के लिए उन्हे अपने जीवन का छठा तथा अन्तिम फ़िल्म फेयर एवॉर्ड मिला।
🏵 व्यक्तिगत जीवन 🏵
मोहम्मद रफ़ी एक बहुत हीसमर्पितमुस्लिम
व्यसनों सेदूर रहनेवाले तथाशर्मीले स्वभाव
के आदमी थे। आजादी के समय विभाजन
के दौरानउन्होने भारत में रहनापसन्दकिया
। उन्होने बेगम विक़लिस से शादी की और उनकी सात संतान हुईं-चार बेटे तथा तीन बेटियां।
मोहम्मद रफ़ी को उनके परमार्थो के लिए भी जाना जाता है। वो बहुत हँसमुख और दरियादिल थे तथा हमेशा सबकी मदद के लिये तैयार रहते थे।कईफिल्मी गीत उन्होनेँ बिनापैसेलिये या बेहद कमपैसोँ लेकरगाये। अपने शुरुआती दिनों में संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल (लक्ष्मीप्यारे के नाम से जाने जाते थे) के लिए उन्होने बहुत कम पैसों में गाया था।गानों की रॉयल्टीकोलेकर लता मंगेशकर के साथ उनका विवाद भी उनकी दरियादिली का सूचक है।उस समय लताजीका कहना था कि गाने गाने के बाद भीउनगानों से होने वाली आमदनी का एक अंश (रॉयल्टी)गायकों तथा गायिकाओं को मिलना चाहिए।रफ़ी साहब इसके ख़िलाफ़ थे और उनका कहना था कि एक बार गाने रिकॉर्ड हो गए और गायक-गायिकाओं को उनकी फीस का भुगतान कर दिया गया हो तो उनको और पैसों की आशा नहीं करनी चाहिए।इस बात को लेकरदोनो महानकला
कारों के बीच मनमुटाव हो गया। लता ने रफ़ी केसाथ सेट पर गाने से मना कर दिया और बरसों तक दोनो का कोई युगल गीत नहींआया। बाद में अभिनेत्री नरगिस के कहनेपर ही दोनो ने साथ गाना चालू किया और ज्वैल थीफ फ़िल्म में दिलपुकारे गाना गाया।
उनका देहान्त 31 जुलाई 1980 को हृदयगति रुक जानेके कारण हुआ।
🌹 गीतों की संख्या🌹
रफ़ी ने अपने जीवन में कुल कितने गाने गाए इस पर कुछ विवाद है। 1970 के दशक में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने लिखा कि सबसे अधिक गाने रिकार्ड करने का श्रेय लता मंगेशकर को प्राप्त है, जिन्होंने कुल 25,000 गाने रिकार्ड किये हैं। रफ़ी ने इसका खण्डन करते हुए गिनीज़ बुक को एक चिट्ठी लिखी। इसके बाद के संस्करणों में गिनीज़ बुक ने दोनों गायकों के दावे साथ-साथ प्रदर्शित किये और मुहम्मद रफ़ी को 1944 और 1980 के बीच 28,000 गाने रिकार्ड करने का श्रेय दिया।इसके बाद हुई खोज में विश्वास नेरुरकर ने पाया कि लता ने वास्तव में 1989 तक केवल 5,044 गाने गाए थे। अन्य शोधकर्ताओं ने भी इस तथ्य को सही माना है। इसके अतिरिक्त राजू भारतन ने पाया कि 1948 और 1987 के बीच केवल 35,000 हिन्दी गाने रिकार्ड हुए। ऐसे में रफ़ी ने 28,000 गाने गाए इस बात पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन कुछ स्रोत अब भी इस संख्या को उद्धृत करते हैं। इस शोध के बाद 1992 में गिनीज़ बुक ने गायन का उपरोक्त रिकार्ड बुक से निकाल दिया।
🌺🥉 पुरस्कार एवं सम्मान🥉🌺
फिल्मफेयर एवॉर्ड (नामांकित व विजित)
1960 - चौदहवीं का चांद हो (फ़िल्म - चौदहवीं का चांद) - विजित
1961 - हुस्नवाले तेरा जवाब नहीं (फ़िल्म - घराना)
1961 - तेरी प्यारी प्यारी सूरत को (फ़िल्म - ससुराल) - विजित
1962 - ऐ गुलबदन (फ़िल्म - प्रोफ़ेसर)
1963 - मेरे महबूब तुझे मेरी मुहब्बत की क़सम (फ़िल्म - मेरे महबूब)
1964 - चाहूंगा में तुझे (फ़िल्म - दोस्ती) - विजित
1965 -छू लेने दो नाजुक होठों को (फ़िल्म - काजल)
1966 - बहारों फूल बरसाओ (फ़िल्म - सूरज) - विजित
1968 - मैं गाऊं तुम सो जाोओ (फ़िल्म - ब्रह्मचारी)
1968 - बाबुल की दुआएं लेती जा (फ़िल्म - नीलकमल)
1968 - दिल के झरोखे में (फ़िल्म - ब्रह्मचारी) - विजित
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(C) आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
1524- यूरोप से भारत तक पहुँचने के समुद्री मार्ग का पता लगाने वाले पुर्तगाली खोजी नाविक वास्को डी गामा का कोच्ची
(भारत) में निधन हो गया।
1889- भारत में पहला मनोरंजन पार्क एशेल वाल्ड मुम्बई में खोला गया।
1921- नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।
1924-क्रोयडोन लंदन की एयर फील्ड में हुई विमान दुर्घटना में 8 लोगों की मृत्यु हो गई।
1924 अल्बानिया गणतंत्र बना।
1986- भारत में संसद द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया गया। इसलिए भारत में 24 दिसंबर को राष्ट्रिए उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
2000- विश्वनाथन आनंद विश्व शतरंज चैंपियन बने।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐(D)आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व
1922- आवा गार्डनर, अमेरिकी अभिनेत्री
1924 मो. रफी, भारतीय गायक.
1957 - हामिद करज़ई अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति
1959 अनिल कपूर, भारतीय अभिनेता.
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(E)आज के दिन निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
1987 - एम जी रामचंद्रन - तमिल अभिनेता और राजनेता।
1988 - जैनेन्द्र कुमार - हिन्दी लेखक
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(F) आज का दिन/दिवस का नाम
1.24 दिसंबर को राष्ट्रिय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
2. आवा गार्डनर, अमेरिकी अभिनेत्री का जयंती दिवस
3 मो. रफी, भारतीय गायक थे उनका जयंती दिवस
4 - हामिद करज़ई अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति थे का जन्मदिवस
5.अनिल कपूर, भारतीय अभिनेता.हे आज उनका जन्मदिवस हे उन्हे हार्दिक बधाई शुभ-कामनाएँ ।
6-एम.जी. रामचंद्रन - तमिल अभिनेता और राजनेता थे आज उनका पुण्यतिथि दिवस हे।
7-जैनेन्द्र कुमार - जाने माने साहित्यकार हिन्दी लेखक थे आज उनका पुण्यतिथि दिवस हे।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐
आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।
आज जन्म लिये सभी व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई। बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।
💐।जय चित्रांश।💐
💐जय महाकाल,बोले सो निहाल💐
💐।जय हिंद जय भारत💐
💐 निवेदक;-💐
💐चित्रांश ;विजय निगम।💐