‘मध्यप्रदेश विद्युत निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा’’ का गठन; समस्त बिजली कर्मियों ने कार्य के दौरान हाथ में काली पट्टी बांध कर किया निजीकरण का विरोध


     उज्जैन। मध्यप्रदेश की सभी विद्युत संगठनों द्वार दिनांक 01.10.2020 को बैठक कर केन्द्र सरकार द्वारा सभी प्रदेशों की वितरण कंपनियों का निजीकरण करने हेतु स्टैंडर्ड बिड डाॅक्यॅमेंट जारी कर सभी वितरण कंपनियों के निजीकरण करने की योजना का विरोध करने हेतु ‘‘मध्यप्रदेश विद्युत निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा’’ का गठन किया गया है।


     केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश की वितरण कंपनियों के निजीकरण एवं उत्तरप्रदेश में निजीकरण के विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन पर दमनकारी नीतियां अपनाने के विरोध में संयुक्त मोर्चा द्वारा दिनंाक 05.10.2020 को निजीकरण का विरोध करने एवं उत्तर प्रदेश कर्मचारी संयुक्त समिति के समर्थन में मध्यप्रदेश मे काली पट्टी लगाकर, माननीय प्रधानमंत्री महोदय के नाम जबलपुर में प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पाॅवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, भोपाल में प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश क्षैत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर में प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पश्चिम क्षैत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं सभी जिला मुख्यालय में कलेक्टर को ज्ञापन देकर एवं साथ सभी जिला/वृत्त एवं पाॅवर हाउस मुख्यालयों पर गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन किया गया।


     म.प्र. में वितरण कंपनियों के निजीकरण से आम उपभोक्ताओं की बिजली महंगी होने के साथ-साथ अधिकारियों/कर्मचारियों का भविष्य अंधकार मय होगा एवं भविष्य में सभी की बिजली 8 रूपये से 10 रूपये की मिलेगी, जिससे गरीबों को बिजली खरीदना मुश्किल हो जायेगा।


     एक ओर सरकारें निजीकरण की बातें करती है एवं दूसरी ओर विद्युत कंपनियों को स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं करने देती है एवं सभी परियोजनायें शासन के नुमाइंदे एवं निजीघरानों को उपर उठाने के लिये लाई जाती है, जिससे आप उपभोक्ताओं को कोई फायदा नहीं होता है। मीटराइजेशन में उच्च स्तर पर भारी भृष्टाचार है जबकि अभियंताओं द्वारा दिये गये सुझावों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। यदि अभियंताओं द्वार दिये गये सुझावों पर कोई ध्यान दिया जाता है एवं यदि अभियंताओं के साथ मिलकर विद्युत व्यवस्था में सुधार लाये जाते है तो निश्चित ही कम खर्चें में विद्युत व्यवस्था संभव हो सकेगी। इसके लिये शासन को अभियंताओं/ कर्मचारियों से चर्चा करनी चाहिये एवं निजीकरण पर पूर्ण विराम लगाना चाहिये।



     संयुक्त मोर्चा यह भी अनुरोध करता है कि विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के प्रस्ताव को तत्काल रद्द किया जाये अन्यथा की स्थिति में 05.10.2020 के उपरांत संयुक्त मोर्चा उपभोक्ता हित एवं कर्मचारी हितों में कठोर निर्णय लेने में भी पीछे नहीं हटेगा एवं कभी भी कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया जा सकता है।


     संयुक्त मोर्चा में मध्यप्रदेश विद्युत से संबंधित संगठन म.प्र. वि.मं. अभि.संघ, म.प्र.पाॅ.इ.इं.ए., म.प्र.पत्रो. अभि.संघ, म.प्र. वि.कर्म. सं.फे. जबलपुर, म.प्र.वि.कर्म.पंचायत, म.प्र. तक.कर्म. संघ, बाह्य स्त्रोत वि.कर्म.संघ, म.प्र. वि.कर्म. यूनियन, म.प्र.वि. अधि./कर्म. कल्याण संघ, म.प्र.पाॅ.मे.अधि./कर्म.सम. समिति, म.प्र.वि.कर्म.कांगे्रस, म.प्र.वि. संविदा/अधि./कर्म.संघ, म.प्र.बि. कर्म.संघ, पश्चिम क्षे., म.प्र.बि.कर्म.पेश.महा संघ, म.प्र.वि. राज्य वि.मं.तक. कर्मचारी संघ।


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