अभी वक्त नहीं है हारने का, अभी तो तुझे लड़ना है,
अभी वक्त नहीं है आँसू को बहाने का, अभी तो तुझे अपनी मेहनत के पसीने से भीग ना है,
अभी वक्त नहीं है हार का, सफेद झंडा दिखाने का अभी तो तुझे इस जंग को जीतना है,
अभी वक्त नहीं है अपनी किस्मत को दोष देने का, अभी तो तुझे अपने परिश्रम से इसे बदलना है,
अभी वक्त नहीं है आत्मविश्वास खोने का, अभी तो तुझे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है,
अभी वक्त नहीं है अपने मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ने का, अभी तो तुझे अपने शांत चित्त से ही इस दौर में सुदृढ़ खड़ा रहना है,
अभी वक्त नहीं है हारने का अभी तो तुझे जीतना है...
हां तेरा समय खराब है, माना की चीजें तेरे हिसाब से नहीं चल रही है,
हां माना कि तेरा खुद से और दूसरों पर से भरोसा उठता जा रहा है,
हां माना कि नकारात्मकता के बादलों ने तुझे घेर लिया है, लेकिन इन परिस्थितियों से तुझे हर रोज लड़ना है,
और इन नकारात्मकताओ के बादलों में से ही तुझे सकारात्मकता और खुशियों की बरसात करानी है,
इसलिए फिर कहता है यह 'सिद्धार्थ' अभी वक्त नहीं है हारने का अभी तो तुझे इस जिंदगी की जंग को जीतना है...
-सिद्धार्थ शर्मा, लेखक एवं विचारक