रक्षक ही बने भक्षक : आर.डी.गार्डी हॉस्पिटल में हाथ पैर बांध कर कर रहे थे इलाज

उज्जैन। बीती रात आरडी गार्डी अस्पताल में कोरोना पाजिटिव महिला की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। मृतिका के पुत्र ने बताया कि डॉक्टर द्वारा मां के हाथ पैर बांधकर उपचार किया जा रहा था और लापरवाही के कारण मां की मृत्यु हुई, जबकि वार्ड में ड्यूटी कर रहे मेडिकल स्टूडेंट ने मृतिका के परिजनों पर हंगामा, मारपीट और कोविड 19 नियमों के उल्लंघन का प्रकरण चिमनगंज थाने में दर्ज कराया। महिला का शव अस्पताल में पड़ा है और उसका बेटा पुलिस हिरासत में थाने में सुबह 11 बजे बाद तक बैठा रहा।



आकाश का कहना - ऐसे कौन इलाज करता है: अपनी मां की मृत्यु से व्यथित आकाश ने कहा कि 15 दिनों से मां का असपताल में उपचार चल रहा था। स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा था फिर ऐसी क्या स्थिति उत्पन्न हुई कि मां के पलंग से हाथ पैर बांधकर उपचार किया जा रहा था। अटेंडर के रूप में मैं स्वयं वहां मौजूद था। आईसीयू में जाकर देखा तो वहां न तो डॉक्टर और न ही नर्स मौजूद थे इस पर आपत्ति ली और मां की स्थिति बताई, मां के हाथ पैर खोलने के लिये डॉक्टर से गुहार लगाई लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। कुछ ही देर में मां की मृत्यु हो गई। अपनी मां को आंखों के सामने मरते देखा तो गुस्सा आया। आकाश ने बताया कि मां का शव अस्पताल में पड़ा है, पुलिस भाई सहित पकड़कर थाने ले आई, मां का अंतिम संस्कार करना है लेकिन अब तक कोई सुनने वाला नहीं है।


डॉक्टर का कहना - आरडी गार्डी अस्पताल में तृतीय वर्ष के मेडिकल स्टूडेंट विवेक पिता राजकुमार रघुवंशी 30 वर्ष निवासी आरडी गार्डी हास्पिटल ने चिमनगंज थाने में आकाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें लिखा है कि जयादेवी कोरोना पाजिटिव होने से अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें उल्टी की शिकायत पर जांच की। सांस लेने में तकलीफ होने के कारण ऑक्सिजन मास्क लगाकर आईसीयू में शिफ्ट किया। जीवन रक्षक इंजेक्शन लगाये लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद जयादेवी के पुत्र आकाश व अन्य परिजनों ने हंगामा करते हुए वार्ड में मौजूद लोकेश, सुनील, संगीता, राहुल, सुनीता, रेखा आदि के मास्क खींचे, धक्का मुक्की व मारपीट करते हुए गाली गलौज की और शासन के आदेश का उल्लंघन किया।


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