उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे बाबा की पालकी का पूजन किया गया। यह पूजन परंपरा अनुसार पंडे पुजारियों के साथ संभाग आयुक्त आनंद शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी मनीष कपूरिया, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह व महाकाल मंदिर प्रशासक सुजान सिंह रावत द्वारा किया गया। मन्दिर में पूजन के बाद बाबा नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर से शुरू हुई बाबा की सवारी बड़े गणेश मंदिर होते हुए सिद्ध आश्रम से रामघाट पहुंची। जहां शिप्रा नदी के रामघाट पर जल अभिषेक के बाद सवारी पुनः महाकाल मंदिर के लिए रवाना होगी। मान्यता हे की भगवान महाकाल सवारी के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हे। शाम को पूजन के बाद राजा महाकाल को चाँदी की पालकी में बैठाकर मंदिर से बाहर लाया गया। मंदिर से निकलते ही पुलिस बैंड औऱ जवानो के द्वारा सवारी को गार्ड आफ ऑनर दिया गया। सवारी के आगे पुलिस बेंड व अश्वारोही दल चल रहा था। गाजे बाजे के साथ निकल रही सवारी का सफ़र लगभग 2 किलोमीटर का है। इस वर्ष कोरोना संकट काल के कारण प्रशासन ने महाकाल सवारी का मार्ग परिवर्तित किया है आज सवारी महाकाल मंदिर से बड़े गणेश, हरसिद्धि माता मंदिर, सिद्ध आश्रम होते हुए रामघाट पहुंची फिर रामघाट से हरसिद्धि की पाल होते हुए बड़े गणेश मंदिर से पुनः महाकाल पहुंचेगी। सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि सवारी मार्ग को बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया है। यहाँ पूरे सवारी मार्ग पर संभागायुक्त, आईजी, डीआईजी, कलेक्टर, एसपी व महाकाल मंदिर प्रशासक ने पैदल नंगे पैर घूमकर व्यवस्था संभाली।
यहां महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने कहा कि सवारी का मार्ग बदलने से किसी भी प्रकार की कोई परंपरा भंग नहीं हुई है। सवारी में कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव, उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया भी मौजूद रहे। सवारी मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए सिटी एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी, एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह, आकाश भूरिया , सीएसपी पल्लवी शुक्ला, रवींद्र वर्मा , एके नेगी, एचएन बाथम, डीएसपी सुरेंद्र पाल सिंह एसडीओपी अरविंद सिंह मौजूद रहे।