नई दिल्ली। गलवान घाटी में चीन की सेना से हिंसक झड़प के बाद सरकार ने सेना का हौसला बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सेना को 500 करोड़ तक के हथियार खरीदने के अधिकार दिए गए हैं। इसके अलावा सेना ने नियमों में बदलाव करते हुए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर असाधारण परिस्थितियों में जवानों को हथियारों के इस्तेमाल की भी इजाजत दे दी गई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नियमों में बदलाव के तहत फील्ड कमांडरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे विशेष परिस्थितियों में अपने जवानों को हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत दे सकते हैं।
गलवान में हुई झड़प के दौरान भारतीय जवानों ने इसलिए हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था, क्योंकि 1996 और 2005 में हुए समझौते में ऐसा ना करने पर चीन और भारत में सहमति बनी थी। दोनों देशों में इस बात पर भी समझौता हुआ था कि उनकी सेनाएं एलएसी के 2 किलोमीटर के दायरे में विस्फोटकों और हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगी।
केंद्र ने अब आर्म्ड फोर्सेज को पूरी छूट दे दी है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेनाओं को धरती, आसमान और समुद्री इलाके में चीन की किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त रवैया अख्तियार करने के लिए कहा गया है।
रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत समेत सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह से बात की। इसी में उन्होंने सेनाओं को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए।