उज्जैन। एक पिता के लिए उम्र का पड़ाव मायने नही रखता है वो तो कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाता है ताकि उसके बच्चो का पेट भर सके पर जब हर तरह से मजबूर हो जाता है तो वो केवल भगवान के हवाले होकर प्रभु से प्रार्थना ही कर सकता है।
लॉक डॉउन के कारण दुख की घड़ी में एक परिवार मदद की गुहार लगाते हुए स्वर्णिम भारत मंच तक पहुंचा। परिवार की जानकारी प्राप्त होने पर लगा कि वास्तव मे हम कई बार जो बाहर से जैसा देखते है वैसा नही होता है। हमारी सरकार प्रशासन तथा स्वयंसेवी संस्था का भरपूर प्रयास कभी निर्थक भी हो जाता है जब कोई हकदार जरूरतमंद छूट जाए।
स्वर्णिम भारत मंच के कार्यकर्ताओं तक सूचना आयी थी कि, एक परिवार ऐसा है, जिसके हालात बहुत खराब है, पिता की उम्र 70 से ज्यादा हो चुकी है, खुद केंसर पीड़ित है, एक लड़का दिव्यांग है, घर मे खाने की परेशानी है 15 दिनों से मंच की ओर से भोजन सेवा दी जा रही है।
स्वर्णिम भारत मंच द्वारा 22 मार्च से लॉक डॉउन में अभी तक चालीस हजार लोगों तक भोजन पहुंचाने का प्रयास किया है।
सरकार, प्रशासन व समस्त स्वयंसेवी संस्थाओं के अद्भुत सहयोग से बाबा महाकाल की नगरी में सबको भोजन मिल रहा है छूट पुट सूचनाओं को छोड़ दे तो बड़ी मुश्किल नही है कि हम कोरोना जैसी महामारी से जल्द जीत जाएंगे।
सनद रहे स्वर्णिम भारत मंच द्वारा संचालित निःशुल्क भोजन सेवा को आज 200 दिन पूरे हो रहे है।
- हम संकल्पित है नगर सीमा में निवासरत वृद्धजनो दिव्यांगों, विधवाओं व आह्यजनो हेतु निःशुल्क भोजन सेवा देने के लिए - स्वर्णिम भारत मंच न्यास, उज्जैन
- स्वर्णिम भारत मंच न्यास, उज्जैन (म.प्र.)
सम्पर्क : 9827501268, 07581888818