आज की बात आपके साथ - विजय निगम

22 अप्रैल 2020 आज की बात
🌺🥀🌾🌴🌲🌹🌻🍁💐⚘🔆🌺प्रिय साथियो। 💐
🌹राम-राम🌹 ,
🌻 नमस्ते।🌻


आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों का दिनांक 22अप्रैल 2020 बुधवार की प्रातः की बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।
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आज की बात आपके साथ  अंक मे है 


A कुछ रोचक समाचार
B आज के दिन जन्मे प्रसीद्ध रशियन राजनीतीज्ञ एव विचारक लेनिन जीवन का परिचय लेख               
C आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व
E आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
F आज का दिवस का नाम ।
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      (A)कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त) 


🌺(A/1)बिल्कुल न हों परेशान, अब यहां पर भी सुबह से शाम तक मिलेगा 'किराने का सामान'.🌺
🌺(A/2)कोविद के बाद चीन से बाहर निकलीं हजारों कंपनियां; भारत अगला वैश्विक विनिर्माण केंद्र?
🌺(A/3)अक्षयके25 करोड़ डोनेट करने
पर शत्रुघ्नसिन्हानेउठाया थासवाल शत्रुघ्न 
ने दी  सफाई।🌺
🌺(A/4)1982 में अमिताभ पर जया बच्चन को 'नैदानिक ​​रूप से मृत' घोषित किया गया: वह हमारे साथ ऐसा नहीं करने जा रहे हैं,  वे  हमें निराश नहीं कर सकते।🌺
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    (A)कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)


🌺(A/1)बिल्कुल न हों परेशान, अब यहां पर भी सुबह से शाम तक मिलेगा 'किराने का सामान'......
कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी केद्वारा दिए गए आदेश के बाद पूरे देशमें 3मई तक पूर्ण लॉकडाउन जारी है। वहीं सरकार ने आज यानी 20अप्रैल से कुछ चीजों पर छूट दी है लेकिन बता देंकि जिनशहरों को रेडअलर्ट जोन बनाया गया है उन्हें किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है।
वहीं सरकार ने कुछ चीजों परआजसे छूट का एलान किया है। ई-कॉमर्स शॉपिंग पर भी नए नियम जारी किए गए है। सरकार ने लॉकडाउन में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपनेमंच केजरिये गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी है।यानीअब ऑन लाइन भी कुछ चीजें ही खरीदी जा सकती हैं।वहींलोगोंको अब किराने के सामान की दिक्कत भी नहीं होगी।
लॉकडाउन में सरकार द्वारा किए गए फैसले के बादअब अमेजन फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लैटफॉर्म पर जरूरी सामान को ही बेच सकेंगी। जानिए क्या-क्या  ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।.....
Grocery: सामान को खरीदने के  लिए फ्लिपकार्ट ने अलग से सूपरमार्ट लाइट की माइक्रोसाइट बनाई है। यहां से ग्राहक आटा, दाल, तेल जैसे सामान खरीद सकते हैं।
- Food & Beverages: इसमें हेल्थ ड्रिंक्स, कुकिंग, बेकिंग, ब्रेकफास्ट का सामान, ड्राई फ्रूट्स, स्वीट्स और स्नैक्स, हेल्थी फूड शामिल है।
- Health Care: इस समय आप मास्क, सैनिटाइज़र,हैंड वॉश,ब्लड प्रेशर मॉनिटर, नेबुलाइज़र, थेरमोमीटर जैसा सामान शामिल है।
- Grooming & Hygeine: इसमें बाथ, ओरल केयर, पर्सनल हाइजीन, स्किन और हेयर केयर, शेविंग का सामान शामिल है।
- Baby Care Essentials: डायपर्स, फीडिंग और नर्सिंग, हेल्थ और सेफ्टी का सामान शामिल है।
- Cleaning & Pet Supplies: इसमें पेट फूड, डिटरजेंट, डिश क्लीनर, किचन क्लीनर, स्क्रब, एयर फ्रेशनर जैसे सामान शामिल है।
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🌺(A/2)कोविद के बाद चीन से बाहर निकलीं हजारों कंपनियां; भारत अगला वैश्विक विनिर्माण केंद्र?
हजारों विदेशी कंपनियां चीन से भारत में अपने विनिर्माण आधार को स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था COVID से बड़े पैमाने पर पिटाई कर रही है।
जैसा कि विश्व अर्थव्यवस्था ने दुनिया भर में बंधक बनाए गए कोरोना वायरस  महामारी के कारण बड़े पैमाने पर झटका लिया है,हजारों विदेशी कंपनियां रिपोर्ट के अनुसार, चीन से अपने विनिर्माण आधार को भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।कंपनियां विभिन्न स्तरों, इनपुट स्टेट्स पर भारतीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्शकरने में लगीहुई हैंतदनुसार,
इनमें से लगभग 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण,कपड़ा और सिंथेटिक कपड़े जैसे क्षेत्रों से सक्रिय रूप से भारत में विनिर्माण स्थापित करने की योजना काअनुसरण कर रही हैंकथित तौर पर,सरकार केअधिकारियों ने COVID-19 संकट के नियंत्रित होने के बाद विनिर्माण इकाइयों के संभावित स्थानांतरण के बारे में आशा व्यक्त की हैऔर भारत दुनिया के लिए एक वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र केरूप में उभरेगाअमेरिका,जापान,दक्षिण कोरिया जैसे अधिकांश राष्ट्र वर्तमान में चीनपर निर्भर हैं। हालांकि,वे घातक वायरके प्रकोप को प्रबंधित करने मेंचीनकी पराजय के बाद स्विच बनाने पर विचार कर रहे हैं।देशअपने निगमों पर जोर दे रहे हैं कि वे उत्पादन इकाइयों को स्थानां
-तरित करें या चीन के बाहर वैकल्पिक इकाइयां स्थापित करें।इस बीच,अमेरिका ने चीन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथअपने हमले को जारी रखा है जिसमें कहा गया है कि वायरस को चीन में शुरूहोने से पहले रोका जा सकता था। क्योकि,पूरी दुनिया इसकी वजह सेपीड़ित है जापान ने अपनी कंपनियों को उत्पादन को चीन से बाहर स्थानांतरित केरने के लिए 2 बिलियनडॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा की है और अन्य देशों को सूट का पालन करने के लिए अनुमान लगाया गया है।
विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारतसरकारने कई सुधारकारी कदम उठाए हैं जैसे कि कॉर्पोरेट कर को 25.27 %तक कम करनाऔर नए निर्माताओंके लिएइसे
घटाकर 17 % करना जो कि दक्षिण पूर्व एशियामें सबसे कम है।जीएसटी के रूप में कम कर दर व एकल कर संरचना के कार्यान्वयन के साथ,भारत विनिर्माण क्षेत्र में महत्वपूर्ण विदेशी निवेश को आकर्षित करने की उम्मीद करता है।हालांकि,चीन के साथ उत्पादन लागत का मिलानभारत के लिए एकचुनौती है, क्योंकि भारतऔर दक्षिण पूर्वएशियाई देशों के बीच उत्पादन लागतकाअंतर लगभग 10-12 % है।फिर भी भारत का बाजार अभीभी निर्माताओं को आकर्षित करता है क्योंकि वे अपनी 1उपज घरेलू बाजार में बेच सकते हैं।अन्य देशों के विपरीत जहां एक मात्र विकल्प विनिर्माण देश के गृह देश में छोटे बाजार आकार के कारण निर्यात करना है।
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🌺(A/3)अक्षय के25 करोड़ डोनेट करने परशत्रुघ्नसिन्हाने उठाया था सवाल शत्रुघ्न ने दी  सफाई।
बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा ने25 करोड़ रुपए काजिक्र करते हुए कहा था कि डोने
शनकी रकम बताने की क्या जरूरजिसके
बाद ये कयास लगने लगे कि शत्रुघ्नसिन्हा ने अक्षय पर निशाना साधा है. अब एक्टर नेअपने बयान पर सफाई देदी है।.कोरोना वायरसकीवजह सेदुनिया भर में हाहाकार मचा हुआ है।भारत मेंइसवायरस कोखत्म करने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है।ऐसे में देश का एक बड़ा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।जरूरतमंदों कीसहायता 
के लिए बॉलीवुड सितारे पी एम केअर्स फंडमेंडोनेशन दे रहे हैं।एक्टरअक्षय कुमार ने25करोड़ रुपये डोनेट किए थे मगरहाल 
ही में बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा ने 25
करोड़ रुपए का जिक्र करते हुए कहा था कडोनेशनकीरकम बताने की क्या जरूरत
जिसके बाद ये कयासलगने लगेकिशत्रुघ्न
सिन्हा नेअक्षय पर निशाना साधा है।अब एक्टर ने अपने बयान पर सफाई दे दी है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने एक इंटरव्यू में कहा- जब मैंने ये बयान दिया था और 25 करोड़ का जिक्र कियाथा,मेरे दिमाग में अक्षय कुमार कानाम कहीं सेभी नहीं था।सिर्फ इसलिए किअक्षय कुमार ने 25 करोड़ रुपए डोनेट किए हैं लोगों ने अपना ही निष्कर्षनिकाल लिया किमैंअक्षय को टारगेट कर रहा हूं।. जबकी मैंने ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया।. वो सिर्फ मेरी बेटी सोनाक्षी सिन्हा का
को-स्टार नहीं है बल्कि निजी जीवन में भी मेरा करीबी है।वो हमारा फैमिली फ्रेंड है। मैं उसके घर जाता रहता हूं, वो मेरे घर आता रहता है।.
शत्रुघ्न सिन्हा ने अक्षय की तारीफ करते हुए कहा- एक बड़ा स्टार होने के साथ ही वो लगातारलोगोंकी मदद कर रहा है जहां भीउसे वजहनजर आती हैवो हमेशाअपने स्तर से मदद करनेके लिए तत्पर रहता है।अक्षय कुमार ने जो किया है वो समाज के लिए एक उदाहरण है।शत्रुघन नेपहलेकही
थी ये बात बता दें कि इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने कहाथा-ये सुनना बहुतनिरुत्साह और अमानवीय है कि किसीने दान में 25 करोड़ रुपए दिए हैं।समाजसेवा की पब्लि
-सिटीनहीं होनी चाहिए।उन्होंने आगे कहा किशोबि़जअब शोऑफ बिज़ बन गया है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि शत्रुघन ने अपने बयान के जरिए अक्षय कुमार पर निशाना साधा है।
 🌺🥀🌾🌴🌲🌹🌻🍁💐⚘🔆🌺(A/4)1982 :-अमिताभ पर जया बच्चन को 'नैदानिक ​​रूप से मृत' घोषित किया गया: वह हमारे साथ ऐसा नहीं करने जा रहे हैं, हमें निराश नहीं कर सकते (थ्रोबैक)।
कईअन्य बातों के अलावा,राष्ट्र को 1982 का एक बड़ा कारण याद होगा - अमिताभ बच्चन का पुनर्जन्म। बॉलीवुड के शहंशाह ने जून1982 में कुली की शूटिंग के दौरान लगभग एक घातक दुर्घटना के साथ मुला
कातकीथी।अभिनेताने कईआपातकालीन
संचालनऔर प्रक्रियाओं कोअंजाम दिया।हालांकि,अगस्त में इस तरह के एकऑपरे
-शन केदौरान जब एनेस्थीसिया दिए जाने के बाद अमिताभ होश में नहीं आ सके। बच्चों श्वेता बच्चन और अभिषेक को पता नहीं था कि उनके पिता के साथ क्या हुआ था और जया उन पर जाँच करने के लिए गई थी,जब उसने अपने बहनोई से उन्मत्त कॉल प्राप्त किए थे।जब जया अस्पताल पहुंची,तो उन्हें बहादुर बताया गया और कहागया कि बच्चनअब किसी भी उपचार का जवाबनहीं देरहे हैं।जया ने एकडॉक्टर
को याद करते हुएबताया था किअबकेवल प्रार्थना ही काम करेगी। श्रीमती बच्चन ने कहा कि उनके हाथ में हनुमान चालीसा है लेकिन वह इसे पढ़ नहीं पाईं। उसने उसे अपनेहाथों में कसकर पकड़ रखाथा।जया
ने अपना दिल बहलायाअपनेशो पर सिमी 
गरेवाल सेबातकरते हुए,जया ने कहा था,
जबमैंअस्पताल पहुंचीथीजहांमेरजीजाजी
ने कहा आप कहां थे,हम आपको खोज
रहे थे? हम आपको ढूंढ रहे हैं? "और मैंने कहा कि मैं बच्चों को देखने के लिए घर गया हूं।फिर उसने मुझे उठाया।उसने मुझे बहादुर बनने के लिए कहा और फिर मैं
आपको बताने जारहा हूं।मैं पसंद था,नहीं यह संभव नहीं है। वह ऐसा करने नहीं जा रहा है।मुझे पता है कि यह संभव नहीं है।मेरे हाथ में प्रार्थना पुस्तक थी,ओ हनुमान
चालीसाडॉ-दस्तूर ने पास दियाऔर कहा,
यह केवल आपकी प्रार्थना है जो मदद करेगा।'लेकिन मैं इसे नहीं पढ़ सका।मैं देख नहींपाया कि वेक्या कररहे थे,लेकिन 
मैं देख सकता था किउसके दिल को पंप
कर रहे थे वे उसे इंजेक्शन दे रहे थे। और जब उन्होंनेहार मान ली,तब मैंने उसके
पैर के अंगूठे को देखा और मैंने कहा वह 
चला गया,वहचला गया।अमिताभ पर जया का विश्वास सिमी द्वारायह पूछेजाने पर कि इस सब केबीच उसके दिमाग में क्या चल रहा था,जया नेकहा,"मुझे लगता है कि मैंनेअभी यह सोचना बंद कर दिया था किक्या हो सकता है या क्या होसकता
है।मुझेहमेशा से लगता था कि वह लड़ेगी
वहअपनी सारी समस्याओं को दूर करेगा
और क्योंकि बैंगलोर में,वह बहुत बुरा था।मेरे द्वाराकही गई कुछ बातें,जो मेरे दिमाग में थीं,और कोई रास्ता नहीं था किवह हमें निराश न करे।यही विश्वास था।अभिनेता के प्रशंसक और शुभचिंतक 2अगस्त को
अमिताभ बच्चन के जन्म दिवस के रूप में मनाते रहते हैं।
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💐(B)आज के दिन जन्मे प्रसिद्ध     
            राजनैतिक विचारक
  व्लादिमीर इलीइच उल्यानोव लेनिन जीवन परिचय लेख🔆💐. 


    🔆 व्लादिमीर इलीइच उल्यानोव🔆, जिन्हें लेनिन के नाम से भी जाना जाता है, (22 अप्रैल 1870–21 जनवरी 1924)एक रूसी साम्यवादीक्रान्तिकारी, 
राजनीतिज्ञ ,राजनीतिक,सिद्धांतकार थे।लेनिनको रूस में बोल्शेविक की लड़ाई के नेताके रूप में प्रसिद्ध हुए। वह 1917 से 1924 तक सोवियत रूस के,और 1922 से1924तक सोवियत संघकेभी हेडऑफ़
गवर्नमेंट"रहे।उनकेप्रशासन काल में रूस, और उसकेबाद व्यापक सोवियत संघ भी, रूसीकम्युनिस्टपार्टीद्वारानियंत्रितएक-पक्ष
साम्यवादी राज्य बन गया।लेनिन विचार
धारा सेमार्क्सवादी थे और उन्होंने लेनिन
वाद नाम से प्रचलित राजनीतिक सिद्धांत विकसित किए। सिंविर्स्क में एक अमीर मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए ।1887 में जब उनके बड़े भाई को मौत की सजा मिलीतो उन्होंनेरूस की क्रांतिकारीसमाज
वादीराजनीति को गले लगाया।रूसीसाम्रा
ज्य की ज़ार सरकार के विरोध मेंभाग लेने पर उन्हें कज़न इंपीरियल विश्वविद्यालय से निकाल दियागया, फिर उन्होंने अगले 
वर्षों में कानून की डिग्री प्राप्त की। वह 1893 में सेंट पीटर्सबर्ग में चले गए और वहां एक वरिष्ठ मार्क्सवादी कार्यकर्ता बन गए। 1897 में उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया, और तीन साल तक शूसनस्केय को निर्वासित कर दिया गया, जहां उन्होंने नाडेज़्दा कृपकाया से शादी कर ली। अपने निर्वासन के बाद, वह पश्चिमी यूरोप में चले गए, जहां वे मार्क्सवादी रूसी सामाजिक डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी (आरएसडीएलपी) में एक प्रमुख सिद्धांतकार बन गए। 1903 में उन्होंनेआरएसडीएलपी के वैचारिक विभा
जन मेंएक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,और फिरवह जुलियस मार्टोवके मेन्शेविकों के खिलाफबोल्शेविकगुटकानेतृत्व करनेलगे। रूस की1905 असफल क्रांति के दौरान विद्रोह कोप्रोत्साहित करने के बादउन्होंने 
प्रथम विश्व युद्ध के समय एक अभियान चलाया,जिसे यूरोप-व्यापी सर्वहारा क्रांति में परिवर्तित किया जाना था, क्योंकि एक मार्क्सवादी के रूप मेंउनका मानना थाकि यह विरोधपूंजीवादिको उखाड़फेंकने,और
समाजवाद की स्थापना का कारण बनेगा।1917 की फरवरीक्रांति के बाद जब रूस में ज़ारको हटादिया गयाऔर एकअनंतिम
सरकार की स्थापना हो गई,तो वह रूस लौटआए।उन्होंने अक्तूबर क्रांति में प्रमुख भूमिका निभाई, जिसमें बोल्शेविकों ने नए शासन को उखाड़ फेंका था। यह एक कट्टरपंथी साम्यवादी था।
          💐जीवन परिचय💐
व्लादिमीर इलीइच लेनिन का जन्म सिंवि
र्स्क नामक स्थानमें हुआ था और  उसका  वास्तविक नाम"उल्यानोव"था।उनके पिता विद्यालयों के निरीक्षक थे जिनका झुकाव लोकतंत्रात्मक विचारों की ओर था उसकी माता,जोएक चिकित्सक की पुत्रीथी।सुशि
क्षित महिला थी।सन् 1886 में पिता की मृत्यु हो जानेपर कई पुत्र पुत्रियों वाले बड़े परिवार कासारा बोझ लेनिन की माता पर पड़ा।ये भाई बहन प्रारंभ से ही क्रांतिवाद केअनुयायी बनते गए। बड़े भाई एलेग्जेंडर को ज़ारकीहत्याका षडयंत्र रचने में शरीक
होने के  आरोप में फाँसी दे दी गई। उच्च 
योग्यता के साथ स्नातक बनने पर लेनिन ने 1887में कज़ान विश्वविद्यालय के विधि विभाग में प्रवेश किया किंतुशीघ्र ही विद्या
र्थियों के क्रांतिकारी प्रदर्शन में हिस्सा लेने के कारणविश्वविद्यालय ने निष्कासित कर दिया गया। सन्1889 में वह समारा चला
गया जहाँउसने स्थानीय मार्क्सवादियों की एक मंडली का संगटन किया।1891 में
सेंट पीटर्स बर्ग विश्वविद्यालय से विधि परीक्षा मेंउपाधि प्राप्त कर लेनिन नेसमारा में ही वकालत करना आरभ कर दिया। 1893 में उसने सेंट पीटर्सबर्ग को अपना निवास स्थान बनाया। शीघ्र ही वह वहाँ के मार्क्सवादियों का बहुमान्य नेता बन गया। यहींसुश्री क्रुप्सकाया सेजोश्रमिकों मेंक्रांति
का प्रचारकरने मेंसंलग्न थी,उसकापरिचय
हुआ।इसकेबादलेनिनकीक्रांतिकारीसंघर्ष 
मेंजीवनपर्यंत उसका घनिष्ठसहयोग प्राप्त 
होता रहा।सन्1895 में लेनिन को बंदीगृह में डाल दिया गया और 1897 में तीन वर्ष के लिए पूर्वी साइबेरिया के एक स्थान पर निर्वासित कर दिया गया। कुछ समय बाद क्रुप्सकाया को भी निर्वासित होकर वहाँ जाना पड़ा औरअब लेनिन से उसका विवाह हो गया। निर्वासन में रहते समय लेनिन ने तीस पुस्तकें लिखीं, जिनमें से एक थी "रूस में पूँजीवाद का विकास"। इसमें मार्क्सवादी सिद्धांतों के आधार पर रूस की आर्थिक उन्नति के विश्लेषण का प्रयत्न किया गया। यहीं उसने अपने मन में रूस के निर्धन श्रमिकों या सर्वहारा वर्ग का एक दल स्थापित करने की योजना बनाई।सन् 1900 में निर्वासन से वापस आने पर एक समाचार पत्र स्थापित करने के उद्देश्य से उसने कई नगरों की यात्रा की। ग्रीष्म ऋतु में वह रूस के बाहर चला गया औरवहीं से उसने"इस्क्रा" (चिनगारी) 
नामक समाचार पत्र का संपादन आरंभ किया। इसमें उसके साथ ""श्रमिकों की मुक्ति"" के लिए प्रयत्न करने वाले वे रूसी मार्क्सवादीभी थे जिन्हें ज़ारशाही केअत्या
चारोंसेउत्पीड़ित होकर देश के बाहर रहना पड़ रहा था।1902 में उसनेहमें क्याकरना 
है"शीर्षक पुस्तक तैयार की जिसमें इस बात पर जोर दिया कि क्रांति का नेतृत्व ऐसेअनुशासितदल के हाथ मेंहोना चाहिए जिसका मुख्य कामकाज ही क्रांति केलिए उद्योगकरना है।सन्1903में रूसीश्रमिकों 
केसमाजवादी लोकतंत्र दल का दूसरा सम्मेलन हुआ। इसमें लेनिन तथा उसके समर्थकों को अवसरवादी तत्वों से कड़ा लोहालेना पड़ा।अंत में क्रांतिकारी योजना के प्रस्ताव बहुमत से मंजूर हो गया और रूसी समाजवादीलोकतंत्र दलदोशाखाओं में विभक्त हो गया - क्रांति का वास्तविक समर्थक बोलशेविक समूह और अवसर
वादी में शेविकों का गिरोह।सन्1905-07
.में उसने रूस की प्रथम क्राति के समय जनसाधारण को उभारने और लक्ष्य की ओरअग्रसर करने में बोलशेविकों के कार्य कानिदेशन किया।अवसर मिलतेही नवंबर
,1905 में वह रूस लौट आया। सशस्त्र विद्रोह की तैयारी कराने तथा केंद्रीय समिति की गतिविधि का संचालन करने में उसने पूरी शक्ति से हाथ बँटाया और करखानों तथा मिलों में काम करनेवाले श्रमिकों की सभाओं में अनेक बार भाषण किया।प्रथम रूसी क्रांति केविफल होजाने परलेनिन को फिर देश से बाहर चले जाना पड़ा। जनवरी, 1912 में सर्व रूसी दल का सम्मेलन प्राग में हुआ।लेनिन केनिदेश से सम्मेलनने क्रांतिकारीसमाजवादी लोक
तंत्र दल से मेनशेविकों को निकाल बाहर किया। इसके बाद लेनिन के क्रैको नामक स्थान में रहकर दल के पत्र "प्रावदा" का संचालन करने, उसके लिए लेख लिखने और चौथे राज्य ड्यूमा के बोलशेविक दल का निदेशनकरने मेंअपने आपकोलगाया।
सन् 1913-14 में लेनिन ने दो पुस्तकें लिखीं -"राष्ट्रीयता के प्रश्न पर समीक्षात्मक "विचार"तथा (राष्ट्रो का)आत्मनिर्णय करने का अधिकार।"पहली में उसने बूर्ज्वालोगों के राष्ट्रवाद की तीव्र आलोचना की और श्रमिकों की अंतर्राष्ट्रीयता के सिद्धांतों का समर्थन किया।दूसरी में उसने यह माँग की किअपने भविष्य का निर्णय करने काराष्ट्रों का अधिकार मान लिया जाए। उसने इस बात पर बल दिया कि गुलामी से छुटकारा पाने का प्रयत्नकरनेवाले देशों कीसहायता की जाए।प्रथम महासमर के दौरान लेनिन केनेतृत्व में रूसी साम्यवादियों ने सर्वहारा वर्ग कीअंतरराष्ट्रीयता का, "साम्राज्यवादी" युद्ध केविरोध का,झंडा ऊपरउठाया। युद्ध
काल मेंउसनेमार्क्सवाद की दार्शनिक
विचारधारा को औरआगे बढ़ाने का प्रयत्न किया।उसनेअपनीपुस्तक "साम्राज्यवाद" 
(1916) में साम्राज्यवाद का विश्लेषण करते हुए बतलाया कि यह पूँजीवाद के विकास कीचरम और आखिरी मंजिल है। उसने उनपरिस्थितियों परभीप्रकाश डाला जो साम्राज्यवाद के विनाश के अनिवार्य बना देती हैं। उसने यह स्पष्ट कर दिया कि साम्राज्यवादकेयुग में पूँजीवाद केआर्थिक एवं राजनीतिक विकास की गति सब देशों में एक सीनहीं होती।इसीआधार पर उसने यहनिष्पत्ति निकालीकिशुरूशुरू मेंसमाज
वाद की विजय पृथक्रूप से केवल दो तीन, या मात्र एक ही, पूँजीवादी देश में संभव है।इसकाप्रतिपादन उसनेअपनीदोपुस्तकों
में किया "दि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप स्लोगन"(1915)तथादि वार प्रोग्राम ऑफ दि पोलिटिकल रिवाल्यूशन" (1916)।
     💐 महासमर के समय लेनिन💐 ने स्विटजरलैंड में अपना निवास बनाया। कठिनाइयों के बावजूदअपने दल के लोगों कासंगठन और एकसूत्रीकरण जारी रखा, रूसमेंस्थित दल की संस्थाओंसेपुन:संपर्क
स्थापित कर लिया तथा और भी अधिक उत्साह एवंसाहस के साथ उनके कार्य का निदेशनकिया।फरवरी-मार्च,1917 मेंरूस 
में क्रांति का आरंभ होने पर वह रूस लौट आया।उसनेक्रांति की व्यापकतैयारियोंका संचालन कियाऔर श्रमिकों तथा सैनिकों कीबहुसंख्यक सभाओं मेंभाषणकरउनकी 
राजनीतिक चेतनाबढ़ाने और संतुष्ट करने काप्रयत्न किया।जुलाई, 1917 में क्रांति
विरोधियों के हाथ में सत्ता चली जाने पर बोलशेविक दल नेअपनेनेता केअज्ञातवास 
की व्यवस्था की।इसी समयउसने "दि स्टेट ऐंड रिवाल्यूशन"(राज तथा क्रांति) नामक पुस्तकलिखी औरगुप्त रूप से दल के संग
ठन और क्रांति की तैयारियों के निर्देशन का कार्य जारी रखा।अक्टूबर में विरोधियों की कामचलाऊ सरकार का तख़्ता उलट दियागयाऔर 7 नवम्बर 1917 को लेनिन कीअध्यक्षता मेंसोवियत सरकार की स्था
पना कर दीगई।प्रारंभसेही सोवियतशासन
ने शांति स्थापना पर बल देना शुरू किया। जर्मनीके साथ उसने संधिकरली;जमींदारों
से भूमि छीनकर सारी भूसंपत्ति पर राष्ट्र का स्वामित्व स्थापित कर दिया गया, व्यव
सायोंतथा कारखानों परश्रमिकों का नियं
त्रण होगयाऔर बैकोंतथापरिवहन साधनों काराष्ट्रीकरण कर दिया गया।श्रमिकों तथा 
किसानों को पूँजीपतियों और जमींदारों से छुटकारामिलाऔरसमस्त देशकेनिवासियों
में पूर्ण समतास्थापित कर दीगई। नवस्था
पित सोवियत प्रजातंत्र की रक्षा के लिए लाल सेना का निर्माण किया गया। लेनिन ने अब मजदूरों और किसानों के संसार के इसप्रथम राज्य के निर्माण का कार्य अपने हाथ में लिया।उसने "दि इमीडिएट टास्क्स ऑफ दि सोवियत गवर्नमेंट"तथा "दि प्रोले टेरियनरिवाल्यूशनऐंड दिरेनीगेड कौत्स्की" नामक पुस्तकें लिखीं (1918)। लेनिन ने बतलाया कि मजदूरों का अधिनायकतंत्र वास्तव मेंअधिकांश जनता के लिए सच्चा लोकतंत्र है। उसका मुख्य काम दबाव या जोर जबरदस्ती नहीं वरन् संगठनात्मक तथा शिक्षण संबंधी कार्य है। बाहरी देशों के सैनिकहस्तक्षेपों तथा गृहकलह के तीन वर्षों1928-20 मेंलेनिननेविदेशीआक्रमण
कारियों तथा प्रति क्रांतिकारियों से दृढ़ता
पूर्वक लोहा लेने के लिए सोवियत जनता का मार्ग दर्शन किया। इस व्यापकअशांति 
और गृहयुद्ध के समय भी लेनिन ने युद्ध काल से हुई देश की बर्बादी को दूर कर स्थिति सुधारने, विद्युतीकरण का विकास करने,परिवहन के साधनों के विस्तार और छोटी छोटी जोतों को मिलाकर सहयोग समितियों केआधार पर बड़े फार्म स्थापित करने की योजनाएँ आरंभ कर दीं। उसने शासनिक यंत्र का आकार घटाने, उसमें सुधार करने तथा खर्च में कमी करने पर बल दिया। उसने शिक्षित और मनीषी वर्ग से किसानों,मजदूरों केसाथ सहयोग करते हुए नए समाज के निर्माणकार्य में सक्रिय भागलेने का आग्रह लिया।जहाँ तक सोवि
यत शासनकीविदेश नीतिका प्रश्नहै,लेनिन
ने अविकल रूप से शांति बनाए रखने का निरंतर प्रयत्न किया।उसने कहा किहमारी
समस्त नीतिऔर प्रचारका लक्ष्य यह होना चाहिए कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमारे देशवासियों को युद्ध की आग में न झोंका जाए।लड़ाई का खात्मा कर देने की ओर ही हमेंअग्रसर होना चाहिए।उसने साम्य
वाद के शत्रुओं से देश का बचाव करने के लिए प्रतिरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर बल दिया और सोवियत नागरिकों से आग्रह किया कि वे "वास्तविक" लोकतंत्र तथा समाजवाद के स्थापनार्थ विश्व के अन्य सभी देशों में रहनेवाले श्रमिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय बंधुत्व की भावन। उनके शव को एम्बाम किया गया और वो आज भी मॉस्कोकेरेड स्कवेयर में रखा है।20वीं 
सदी की सबसे महत्वपूर्ण और असरदार शख़्सियतों में गिने जाने वाले लेनिन की मौत केबादउनकी पर्सनेलिटी ने बड़े तबके पर गहराअसर डाला।साल 1991में सोवि
यत संघकेबिखरनेतक उनका ख़ासाअसर जारीरहा। मार्क्सवाद-लेनिनवाद के साथ उनकीवैचारिक अहमियत काफ़ी रही और अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट मूवमेंट मेंउनका ख़ासस्थान रहा। हालांकि,उन्हें काफ़ीविवा
-दित और भेदभाव फैलाने वाला नेता भी माना जाता है।लेनिन को उनके समर्थक समाजवाद और कामकाजी तबके का चैम्पियन मानते हैं,जबकि आलोचक उन्हें ऐसी तानाशाही सत्ता के अगुवा के रूप में यादकरते हैं,जो राजनीतिकअत्याचार व बड़े पैमाने पर हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार रहे।
🌺🌻🌱🍁🌾🥀🌲💐⚘🌷🌸🌺   🔆 (C)आज के दिन की महत्वपूर्ण ऐतिहासिकघटनाओं की सूची:🔅
1500  पुर्तगाली नाविक पेड्रो अलवेयर कैब्राल ने ब्राजील की खोज की।
1728  पेरियर डी मैरविक्स ''पेरिस में ले ट्रायमफे डे प्लूटस का उद्घाटन हुआ।1769  मैडम डु बैरी किंग लुई XV की "आधिकारिक" मालकिन बनी।
1792 अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने यूरोप के युद्ध में अमेरिकी तटस्थता की घोषणा की।
1793  जॉर्ज वॉशिंगटन ने तटस्थता घोषणा पर हस्ताक्षर किए।
1884  थॉमस स्टीवंस ने दुनिया भर में पहली बाइक यात्रा शुरू की।
1895  गोंगचे शंगशु आंदोलन: 603 उम्मीदवारों शिमोनोसेकि की संधि के खिलाफ एक 10,000 के शब्द की एक याचिका पर हस्ताक्षर किए।
1898 अमेरिकी राष्ट्रपति मैककिनले क्यूबा ने बंदरगाहों की नाकाबंदी का आदेश दिया।
1915  प्रथम विश्व युद्व में जर्मनी की सेना ने पहली बार जहरीली गैस क्लोरीन का इस्तेमाल किया।
1921  स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश सेवा के लिए भारतीय सिविल सेवा की नौकरी से इस्तीफा दिया।
1954  तत्कालीन सोवियत रूस यूनेस्को में शामिल हुआ।
1958 एडमिरल आर डी कटारी भारतीय नौसेना में पहले प्रमुख बने।
1970  पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं को बचाने और दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के लिए अमेरिका के लाखों लोगों ने पहली बार ‘पृथ्वी दिवस’ यानि ‘अर्थ डे’ मनाया।
1977  आप्टिकल फाइबर को पहली बार टेलीफोन ट्रैफिक में यूज किया गया।1983  अंतरिक्ष यान सोयूज टी-8 पृथ्वी पर लौटा।
1991 अल्बानिया की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना की गई।
1992  मेक्सिको में सीवर गैस विस्फोट में करीब 200 लोगों की मौत।
1997  हौशे खेमिसी नरसंहार: अल्जीरिया में 93 ग्रामीण मारे गए।
2004 दो ईंधन गाड़ियों रयोंगचों के उत्तर कोरिया में टकराने से 150 लोगों को मौत हुई।
2005  बांडुंग (इंडोनेशिया) में 50 वर्षों के बाद दूसरा एशियाई-अफ्रीकी सम्मेलन आरम्भ।
2008  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लुडविग नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2008  लंदन के मूरफील्ड्स नेत्र अस्पताल के सर्जन ने पहला बायोनिक आंखों का उपयोग कर दो अंधे रोगियों सही किया।
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🌺(D)आज के दिन जन्मे
                     महत्वपुर्ण व्यक्तित्व🌺     
    1870 रूस के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ
व्लादिमीर लेनिन ।    
1891भारत के प्रसीद्ध महिला राजनीतिज्ञ राधाबाई सुबारायन ।
1929  भारत की अभिनेत्री ऊषा किरण का जन्म। 
1947  भारत के प्रसीद्ध राजनीतिज्ञ        वीरेंद्र भाटिया का जन्म। 
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   🌻(E)आज के दिन निधन हुवे    
         उल्लेखनीय लोगों की मृत्यु -🌻
 
2013 भारत के प्रसिद्ध न्यायाधीश
          जगदीश शरण वर्मा   
2013 संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रसीद्ध       
           गायक रिची हैवन
2013 भारत  की प्रसीद्ध महिला वादक 
        एवं गायक लालगुडी जी. जयरामन
 
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 🌺(F)आज के दिन/ उत्सव का नाम🌺
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  🌺अन्तरराष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस🌺


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       आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।
      आज जन्म लिये  सभी  व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई।  बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।
💐।जय चित्रांश।💐
💐जय महाकाल,बोले सो निहाल💐
💐।जय हिंद जय भारत💐


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