क्रिसमस डे विशेष


25 दिसंबर को मनाया जा रहा है क्रिसमस डे, जानिए इस 'बड़ा दिन' के बारे में सबकुछ


24 दिसंबर को लोग ईस्टर ईव मनाते हैं और 25 दिसंबर  को घरों में पार्टी करते हैं, जो कि 12 दिनों तक चलती है. 25 दिसंबर से शुरु होकर क्रिसमस 5 जनवरी तक चलता है
25 December 2019: बड़ा दिन (Bada Din) के नाम से मशहूर क्रिसमस (Christmas Day) का त्योहार 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन घरों और घरों के बाहर एक से बढ़कर एक सजावट दिखेगी. सैंटा क्लॉज़ की ड्रेस पहने लोग दिखेंगे. घरों में एक-दूसरे को केक खिलाया जाएगा, तोहफे दिए जाएंगे. क्रिश्चियन्स चर्च में जाकर प्रेयर करेंगे और रात में पूरा परिवार और दोस्त आपस में मिलकर पार्टी करेंगे. इससे ठीक सातवें दिन नया साल 2020 (New Year 2020) शुरू हो जाएगा. यहां जानिए क्रिसमस ट्री से लेकर मोज़े में गिफ्ट देने के चलन से जुड़ी कुछ बेहद ही खास बातें.
       💐क्रिसमस क्यों मनाया जाता है?💐
क्रिसमस जीसस क्रिस्ट  के जन्म की खुशी में मनाया जाता है. जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा  कहा जाता है. क्रिसमस  का नाम भी क्रिस्ट  से पड़ा. जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा  कहा जाता है.
     💐  25 दिसंबर को ही क्रिसमस क्यों?💐
बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है. इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ. लेकिन 336 ई. पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट  के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया. इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ) ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान किया. 
               💐क्रिसमस ट्री की कहानी💐
क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में हज़ारों सालों पहले हुई. उस दौरान 'Fir' नाम के पेड़ को सजाकर इस विंटर फेस्टिवल को मनाया जाता था. इसके अलावा लोग चेरी के पेड़ की टहनियों को भी क्रिसमस के वक्त सजाया करते थे. जो लोग इन पौधों को खरीद नहीं पाते थे वो लकड़ी को पिरामिड का शेप देकर क्रिसमस मनाया करते थे. धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन हर जगह बढ़ा और अब हर कोई क्रिसमस के मौके पर इस पेड़ को अपने घर लाता है और इसे कैंडी, चॉकलेट्स, खिलौने, लाइट्स, बेल्स और गिफ्ट्स से सजाता है. 'FIR' नाम के पेड़ को सजाकर इस विंटर फेस्टिवल को मनाया जाता है.
 💐सीक्रेट सैंटा व उनके मोज़े में गिफ्ट की कहानी💐


प्रचलित कहानियों के अनुसार चौथी शताब्दी में एशिया माइनर की एक जगह मायरा (अब तुर्की) में सेंट निकोलस  नाम का एक शख्स रहता था. जो बहुत अमीर था, लेकिन उनके माता-पिता का देहांत हो चुका था. वो हमेशा गरीबों की चुपके से मदद करता था. उन्हें सीक्रेट गिफ्ट  देकर खुश करने की कोशिश करता रहता था. 
एक दिन संत निकोलस  को पता चला कि एक गरीब आदमी की तीन बेटियां है, जिनकी शादियों के लिए उसके पास बिल्कुल भी पैसा नही है. ये बात जान निकोलस इस शख्स की मदद करने पहुंचे. एक रात वो इस आदमी की घर की छत में लगी चिमनी के पास पहुंचे और वहां से सोने से भरा बैग डाल दिया. उस दौरान इस गरीब शख्स ने अपना मोज़ा सुखाने के लिए चिमनी में लगा रखा था. पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोज़े में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सैंटा बनने का रिवाज है.
इस मोज़े में अचानक सोने से भरा बैग उसके घर में गिरा. ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ. आखिरी बार में इस आदमी ने सन्त निकोलस को देख लिया. निकोलस ने यह बात किसी को ना बताने के लिए कहा. लेकिन जल्द ही इस बात का शोर बाहर हुआ. उस दिन से जब भी किसी को कोई सीक्रेट गिफ्ट  मिलता सभी को लगता कि यह निकोलस ने दिया.। 


धीरे-धीरे निकोलस की ये कहानी पॉपुलर हुई. क्योंकि क्रिसमस के दिन बच्चों को तोहफे देने का प्रथा रही है. सीलिए सबसे पहले यूके  खासकर इंग्लैंड में निकोलस की कहानी  को आधार बनाया और उन्हें फादर क्रिसमस ओल्ड मैन क्रिसमस ( म दिया गया. इसके बाद पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोज़े में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सैंटा बनने का रिवाज आगे बढ़ता चला गया. 
                 💐  कैसे मनाते हैं क्रिसमस💐
खासकर, विदेशों में क्रिसमस से पहले ही लोगों और बच्चों की स्कूल, कॉलेज और ऑफिस से छुट्टियां कर दी जाती हैं. पूरा बाज़ार और हर सड़क क्रिसमस ट्री  और लाइटों से जगमगा उठती है. 24 दिसंबर को लोग ईस्टर ईव मनाते हैं और 25 दिसंबर (25  घरों में पार्टी करते हैं, जो कि 12 दिनों तक चलती है. 25 दिसंबर से शुरु होकर क्रिसमस 5 जनवरी तक चलता है. खासकर यूरोप में 12 दिनों तक मनाए जाने वाले इस फेस्टिवल को Twelfth Night के नाम से जाना जाता है.
   आज क्रिसमस डे पर हमारे सभी क्रिस्चन साथियो को हार्दिक बधाई।आप सभी स्वस्थ ,मस्त रहे।हैप्पी क्रिसमस डे।
 निवेदक; चित्रांश विजॉय निगम
दिनांक :- 25 दिसंबर 2019


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