महाकाल राजा के भक्तों पर नहीं हुआ आग हादसे का कोई असर

महाकालेश्वर मंदिर में 2 लाख भक्तों ने किए दर्शन

उज्जैन। होली के दिन तड़के भूतभावन भगवान श्री महाकाल महाराज की भस्मारती के दौरान गर्भगृह में हुई आगजनी की घटना के बाद ऐसा माना जा रहा था कि कुछ घंटे तक मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी रहेगी, लेकिन इसका बिलकुल विपरीत ही हुआ। मंदिर में तो पूजन-अर्चन और दर्शन प्रतिदिन की तरह ही हुए, लेकिन घटना के बाद भी मंदिर में लाखों दर्शनार्थियों का आना लगातार जारी रहा।

जय महाकाल के नारे और अपने भोले को देखने की खुशी… कुछ ऐसा ही नजारा आज विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में देखने को मिला, जहां सुबह हुई घटना के बाद भी करीब दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आज दिनभर से भले ही महाकाल मंदिर में हुई आगजनी की घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हों, लेकिन बाबा महाकाल के भक्त तो निराले ही हैं, उनकी आस्था पर इस हादसे का कोई असर नहीं हुआ और रोजाना की तरह ही आज भी श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे।

महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि, बाबा के दरबार में होली पर्व पर आज नगर के साथ ही विभिन्न प्रदेशों से लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे, जिसके कारण नंदी हॉल, कार्तिक मंडपम, गणेश मंडपम के साथ ही पूरे मंदिर परिसर में श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे।

ठंडे जल से कराया महाकाल को स्नान : वैसे तो मंदिर में आज सुबह की घटना ने सभी के होश उड़ा दिए थे, लेकिन इसके बावजूद भी श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के द्वारा मंदिर में प्रतिदिन की जाने वाली श्रृंगार आरती निर्धारित समय पर की गई. आज होली पर्व होने के साथ ही विशेष दिन यह भी रहा की आज से बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान करवाना शुरू किया गया. मंदिर के पुजारी पंडित अभिषेक शर्मा बाला गुरु ने बताया कि होली पर्व से शरद पूर्णिमा तक बाबा महाकाल ठंडे जल से स्नान करते हैं, जिसकी शुरुआत आज से की गई।

आरती का समय : बताया जाता है कि 26 मार्च 2024 से परम्परानुसार ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होगा, जिसमें प्रथम भस्म आरती प्रात: 04:00 से 06:00 बजे तक, द्वितीय दद्योदक आरती प्रात: 07:00 से 07:45 बजे तक, तृतीय भोग आरती प्रात: 10:00 से 10:45 बजे तक, चतुर्थ संध्या पूजन सायं 05:00 से 05:45 बजे तक, पंचम संध्या आरती सायं 07:00 से 07:45 बजे व शयन आरती रात्रि 10:30 ये 11:00 बजे तक होगी. वहीं भस्म आरती, संध्या पूजन एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय होगी।

जय श्री महाकाल के नारों से गूंज उठा मंदिर : 25 मार्च के दिन सुबह बाबा महाकाल के गर्भगृह में हुई आगजनी की घटना के बाद ऐसा माना जा रहा था कि कुछ घंटे तक मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मंदिर में तो पूजन-अर्चन और दर्शन प्रतिदिन की तरह ही हुए, लेकिन घटना के बाद भी मंदिर में लाखों दर्शनार्थियों का आना लगातार जारी रहा, जिन्होंने अपने इष्ट देव के दर्शन किए. सुबह से लेकर देर शाम तक लगभग दो लाख की संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे, जिससे मंदिर में प्रतिदिन की तरह ही जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हुई।

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