मंत्री कुंंवर विजय शाह को जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति, भोपाल गैस त्रासदी, कैलाश विजयवर्गीय को नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य, प्रहलाद पटेल को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम, राकेश सिंह को लोक निर्माण विभाग, करण सिंह वर्मा को राजस्व, उदय प्रताप सिंह को परिवहन, स्कूल शिक्षा, श्रीमती संपतिया उइके को पीएचई, तुलसीराम सिलावट को सहकारिता, एदल सिंह कंसाना को किसान कल्याण एवं कृषि विकास, सुश्री निर्मला भूरिया को महिला एवं बाल विकास विभाग, गोविंद सिंह राजपूत को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, विश्वास सारंग को खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता, नारायण सिंह कुशवाह को सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण, नागर सिंह चौहान को वन, पर्यावरण, अनुसूचित जाति कल्याण, प्रद्युम्न सिंह तोमर उर्जा, राकेश शुक्ला को नवीन एवं नवकरणीय उर्जा, चेतन्य काश्यप को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, इंदर सिंह परमार को उच्च शिक्षा, आयुष, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास का कार्य दिया गया हैं।
राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्रीमती प्रतिमा बागरी को नगरीय विकास एवं आवास, अहिरवार दिलीप को वन, पर्यावरण तथा श्रीमती राधा सिंह को पंचायत एवं ग्रामीण विकास का कार्य दिया गया हैं। ये सभी राज्य मंत्री वरिष्ठ मंत्रियों के अधीन कार्य करेंगे।
यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री ने स्वयं अपने पास सभी भारी भरकम विभाग अपने पास रखे है। उन्होंने अपने दोनों ही उप मुख्यमंत्रियों को वजनदार विभाग दिये है। शुक्ल का कद भी बड़ा है। कैलाश विजयवगीय पूर्व में भी इन्हीं विभागों के मंत्री रह चुके है। विजय शाह का वजन जरूर कम हुआ है। उन पर वन विभाग के मंत्री रहते हाल ही में विवाद मे आने पर इस विभाग से दूर किया गया है। प्रहलाद पटेल को पंचायत एवं ग्रामीण विकास का कार्य देकर उनके महत्व को बरकरार रखा गया है। राकेश सिंह का लोनिवि का कार्य देकर वरिष्ठता का सम्मान किया गया है। करण सिंह वर्मा को राजस्व विभाग देकर उनकी वरिष्ठता का सम्मान किया गया है। उदय प्रताप सिंह को परिवहन विभाग के साथ स्कूल शिक्षा जैसा बड़ा विभाग दिया गया है। तुलसीराम सिलावट जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी पुन: दी गयी है।
गौरतलब है कि शनिवार को देर शाम को ही मंत्रियों को विभाग बंटवारे की खबरें आने लगी थी। लेकिन राज्यपाल के मण्डला से लौटने में समय लगने और विभाग बंटवारें की सूची पर हस्ताक्षर की प्रतिक्षा के बीच सोशल मीडिया पर सूत्रों के हवाले से खबरें चलने लगी थी। हालांकि इन सूची में प्रमुख चेहरों को लेकर जो अनुमान दिये गये थे, उनमें से 60 प्रतिशत जानकारी सही रही। वरिष्ठ मंत्रियों को लेकर जो अनुमान लगाये गये थे, उनमें से अधिकांश सही निकले।
देर शाम को मंत्रिमण्डल को विभाग आवंटन की खबरोंं के बीच खंडवा के सिंगाजी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी मंत्रियों को विभाग का आवंटन कर दिया गया है। 28 मंत्रियों को अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी दी गई। सभी को काम का आवंटन कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी मंत्री अगले पांच साल में प्रदेश को आगे ले जाएंगे और डटकर काम करेंगे। हालांकि उस समय मुख्यमंत्री ने विभागों के बंटवारें के संबंध मीडिया से कुछ भी शेयर नहीं किया।
सरकार के नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर उन्होंने बताया कि वह अपने सभी 28 मंत्रियों के विभागों के बंटवारे की लिस्ट भोपाल में देकर आए हुए हैं और उनका यह मंत्रिमंडल जनता को समर्पित रहेगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि उनके पास कितने विभाग होंगे, तो इन्होंने इस सवाल पर कुछ भी जवाब नहीं दिया और वे यह कहते हुए आगे चले गए कि इस पर में अभी कुछ नहीं कहूंगा। बंटवारे को लेकर उन्होंने बताया कि वह अपने सभी 28 मंत्रियों के विभागों के बंटवारे की लिस्ट भोपाल में देकर आए हुए हैं और उनका यह मंत्रिमंडल जनता को समर्पित रहेगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि उनके पास कितने विभाग होंगे, तो इन्होंने इस सवाल पर कुछ भी जवाब नही दिया और वे यह कहते हुए आगे चले गए कि इस पर में अभी कुछ नहीं कहूंगा।