नागपुर। वर्ल्ड डाइजेस्टिव हेल्थ डे के अवसर पर विशेषज्ञों ने पित्त नली और आंत के स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया है जो एक स्वस्थ डाइजेस्टिव सिस्टम को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है। इनका महत्वपूर्ण कार्य डाइजेशन की देखभाल और अपने शारीरिक स्वास्थ्य के लिए होता है।
जहाँ पित्त नली विकार और आंत संबंधी बीमारियां, जैसे कि बिलियरी ऑब्स्ट्रक्शन, गैलस्टोन्स, इंफ्लेमेटरी बोल डिसीज़ और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर, बढ़ती जा रही हैं। तकलीफों से बचने और डाइजेशन को सही रखने के लिए, इन समस्याओं का समय पर पता लगाना और उचित देखभाल करना आवश्यक है।
डॉ. सौरभ मुकेवर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट, मिडास हॉस्पिटल, नागपुर, ने पित्त नली और स्वस्थ आंत के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "हमारे शरीर में आहार और पोषक तत्वों के पाचन और अवशोषण में पित्त नली और आँतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनका महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर्स से बचना और डाइजेस्टिव सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखना है।" डाइजेशन से सम्बंधित बीमारियों की वृद्धि ने इन स्थितियों को रोकने के लिए प्रभावी उपायों की मांग को और अधिक बढ़ाया है।
डॉ. मुकेवर ने आगे बात करते हुए कहा, "पित्त नली और आंत की समस्याओं की समय पर पहचान होने से हम बेहतर उपचार और उसके अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको नियमित रूप से डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो रही हैं या डाइजेशन से जुड़ा आपका परिवारिक इतिहास है, तो एक विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पित्त नली और आंत संबंधी समस्याओं में इंडोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, ईआरसीपी और कोलेंगिओस्कोपी जैसी उपचार प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन प्रक्रियाओं से स्ट्रिचर, ट्यूमर या सूजन जैसी असामान्य बीमारियों की पहचान होती है, जो इनसे निजात पाने के लिए हमारी सहायता करती हैं। पित्त नली और आंतो को स्वस्थ रखने के लिए नियमित स्क्रीनिंग और स्वस्थ जीवनशैली जैसे प्रेरक उपाय हमारी बहुत मदद करते हैं।" वर्ल्ड डाइजेस्टिव हेल्थ डे के तहत, व्यक्ति को संतुलित आहार के साथ सही वजन रखकर, नियमित रूप से जांच करवाकर, धूम्रपान, और अत्यधिक शराब के सेवन से बचकर अपनी डाइजेस्टिव हेल्थ को प्राथमिकता देनी चाहिए। अच्छे डाइजेशन और स्वास्थ्य के लिए हम जागरूकता बढ़ाकर इन उपायों के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।