उमा-सांझी महोत्सव 2022 हेतु प्रविष्टियां आमंत्रित
सृष्टि के सृजन-कर्ता भगवान शिव एवं उमा का पुरूष एवं प्रकृति का उत्सव श्री महाकालेश्वर मंदिर में उमा-सांझी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। प्राचीन कथन अनुसार उमा ( पार्वतीजी के स्वरूप ) ने भगवान शिव की प्राप्ति के लिए संध्या पूजनआदि किया था. उसी क्रम में कुँवारी कन्याएँ अपने घर की दीवारों पर गाय के शुद्ध गोबर से संजा मांडकर श्राद्ध पक्ष में 16 दिवसीय सन्ध्या मनाती हैं. उसी परम्परा से श्री महाकालेश्वर मंदिर में यह महोत्सव अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी से अश्विन शुक्ल द्वितीया तक मनाया जाता है।
मंदिर प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं, मूल्यों के निर्वहन व धरोहर संरक्षण में मंदिर परिवार सदैव अग्रणी भूमिका निभाता रहा है एवं मंदिर परिवार के पुरोहित एवं पुजारी गण प्राचीन सांझी जी की शिला पर प्रतिदिन रंगोली सज्जा करते हैं तथा भगवान श्री महाकाल के विभिन्न स्वरूपों के मुखौटों से झांकी सजाई जाती है।
श्री धाकड़ ने बताया कि उमा-सांझी के पूजन की परम्परा प्राचीन संस्कृति पर आधारित है व देश के अनेक भागों में इसे भिन्न-भिन्न नामों से मनाया जाता है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष श्राध्द पक्ष में ''उमासांझी'' महोत्सव मनाया जाता है व उमाजी की परंपरागत सवारी भी निकाली जाती है. श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैन के तत्वावधान में आयोजित होने वाले उमा-सांझी महोत्सव 2022 में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिनांक 21.09.2022 बुधवार (अश्विन कृष्ण एकादशी) से 25.092022 रविवार (अश्विन कृष्ण एकादशी) को आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
इस पॉच दिवसीय उमा-सांझी महोत्सव में प्रतिदिन सायं-आरती के पश्चात शास्त्रीय व लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। जिसमें कलाकारों द्वारा गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुतियॉ दी जाती हैं। उमा-सांझी महोत्सव में भाग लेने के लिए इच्छुक ख्याति प्राप्त कलाकार अपना बॉयोडाटा, सी.डी. अपेक्षित मानदेय (मय यात्रा व्यय व सहयोगी कलाकारों के यात्रा व्यय एवं मानदेय सहित) व अन्य आवश्यक विवरण के साथ आवेदन पत्र दिनांक 12.09.2022 तक भेजे जा सकते है।
अधिक जानकारी के लिए 0734-2550563 एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर की वेबसाइट shrimahakaleshwar.com से प्राप्त कर सकते है।