अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान महाकाल राजसी ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले

भगवान महाकाल ने भक्तों को पाँच रूप में दिये दर्शन


उज्जैन।
अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान श्री महाकाल श्रावण माह के पांचवे सोमवार को राजसी ठाट-बाट के साथ अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। भगवान महाकाल ने अपनी प्रजा को पॉच रूपों में दर्शन दिये। सवारी निकलने के पूर्व सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन श्री आशीष सिंह कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति एवं पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड द्वारा किया गया। पूजन पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न करवाया गया। इस दौरान एस.डी.एम.श्री संतोष टैगोर, मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक श्री लोकेश चौहान, श्री मूलचंद जूनवाल, श्री प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के. तिवारी आदि उपस्थित थे। 

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने जानकारी देते हुए बताया कि, सभा मंडप से नियत समय पर भगवान श्री  चंद्रमोलीश्वर रजत  पालकी अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुची वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के (टुकडी) जवानों के द्वारा सलामी दी गई पालकी के आगे घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थी। 

राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी हजारों भक्त शिव का गुणगान करते हुए चल रही थी, तथा विभिन्न भजन मंडलियां झांझा मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु पालकी में विराजित चन्द्रमोलेश्वर के दर्शन के लिए खडे थे। जैसे ही पालकी उनके सामने से निकली वैसे ही भगवान के दर्शन व पुष्पवर्षा कर अपने आपको धन्य मान रहे थे। सवारी के आगे चांदी की झाड़ू  से रास्ते  बुहार कर विभिन्न प्रकार के रंगों से रंगोली आदि बनाई जाकर बाबा महाकल का स्वागत किया गया। 

पंचम सवारी में भगवान रजत जडित पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर के रूप में विराजित थे, और हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव की प्रतिमा और नंदी रथ पर उमामहेश तथा बैलगाडी में डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट का मुखारबिन्द विराजित थे। इस प्रकार पांचवी सवारी में भगवान महाकाल ने पॉच रूपों अपने भक्तों को दर्शन दिये। 

सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुची, जहॉ क्षिप्रा के जल से भगवान महाकाल अभिषेक किया गया। पूजन-अर्चन पं.आशीष पुजारी द्वारा किया गया। पूजन-अर्चन के बाद रामघाट से सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए शहर भ्रमण के लिये आगे बढ़ी।

हर घर तिरंगा अभियान के प्रचार-प्रसार हेतु कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ध्वज लेकर घोडे पर सवार होकर सवारी मार्ग पर निकले ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के तहत शहर के सभी घरों पर तिरंगा फहराया गया। इस अभियान में आमजन की भागीदारी व जनचेतना जागृत करने हेतु भगवान महाकालेश्वर की पांचवी सवारी में कलेक्टर एवं अध्यक्ष व पुलिस अधीक्षक सवारी के आगे- आगे घोडे पर सवार होकर राष्ट्रीय ध्वज लेकर चले। नगर पालिक निगम द्वारा भी हर घर तिरंगा अभियान एवं स्वच्छता अभियान का संदेश दिया ।

प्रशासक श्री धाकड़ ने बताया कि, भाद्रपद माह की दूसरी सवारी (छठी एवं शाही सवारी) 22 अगस्त 2022 को निकाली जावेगी। सवारी में रथ पर श्री सप्तधान का मुखरबिन्द के दर्शन होंगे।

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