विद्युत व्यवस्थाओं में मालवा निमाड़ के 15 जिलों में उज्जैन जिला प्रथम

उज्जैन। विद्युत क्षेत्र की व्यवस्थाओं एवं इसके लिये निर्धारित मापदण्डों पर खरा उतरने पर मालवा निमाड़ क्षेत्र के 15 जिलों में उज्जैन जिले को प्रथम स्थान मिला है। इन्दौर एवं देवास क्रमश: द्वितीय एवं तृतीय स्थानों पर रहे हैं। अधीक्षण यंत्री विद्युत ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत क्षेत्र के कार्यों के परीक्षण हेतु विभाग द्वारा ‘की-परफारमेंस इंडिकेटर’ निर्धारित किया है। इसके तहत सुचारू विद्युत प्रदाय, बिजली के बिलों को त्रुटिरहित बनाना, उपभोक्ताओं की संतुष्टि, नवीन कनेक्शन तत्काल प्रदान करना, विद्युत लाइनों का रख-रखाव, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, विद्युत चोरी को नियंत्रित करना, राजस्व में वृद्धि करना, सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का सकारात्मक निराकरण करना, बन्द/खराब मीटर बदलना, जले/फेल ट्रांसफार्मरों को यथासमय बदलना एवं रबी सीजन में किसानों को सतत बिजली देना इत्यादि कार्य किये जा रहे हैं।

उज्जैन जिले में लगभग पांच लाख उपभोक्ता हैं। उपभोक्ता एवं अधोसंरचना की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा वृत्त है। सीएम हेल्पलाइन में प्रदेश स्तर पर सिवनी, सागर, छिंदवाड़ा के बाद उज्जैन जिला चौथे क्रम पर है। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 की अवधि में घटित न्यूनतम विद्युत दुर्घटनाएं पाई जाने पर उज्जैन जिले ने प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। उज्जैन शहर में स्मार्ट मीटर लग जाने से मीटर रीडिंग ऑटोमैटिक होने लगी है। इससे रीडिंग एवं बिल सम्बन्धी शिकायतों में कमी आई है। 15 अगस्त के अवसर पर अधीक्षण यंत्री श्री आशीष आचार्य को इन्दौर मुख्यालय पर शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा। इसी प्रकार जिले के अन्य अभियंता आदि अधिकारियों को सोने/चांदी के सिक्के प्रदान कर पुरस्कृत किया जायेगा।

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