“यूपी के किसान बदलाव चाहते हैं, सरकार के सभी दावे झूठे” - News18 India से बातचीत में गरजे सपासुप्रीमो अखिलेश

“इत्र कारोबारी से हमारे संबंध नहीं, उन्हें इसमें भी हिन्दू-मुस्लिम दिखता है“ - अखिलेश 


नई दिल्ली।
यूपी में सियासी बिगुल बज चुका है। जैसे-जैसे चुनाव की तय तारीखें करीब आ रही हैं, बयानबाज़ी का दौर भी रफ्तार पकड़ रहा है। इसी से कदमताल मिलाते हुए सपासुप्रीमो ने भाजपा सरकार पर कड़े तंज कसने शुरू कर दिए हैं। रविवार को News18 India से खास बातचीत में अखिलेश ने कहा कि यूपी के किसान वर्तमान शासन से त्रस्त आ चुके हैं। बिजली, खाद और सिंचाई की दरें महंगी हैं जिस कारण उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा शासन में किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई, बल्कि आधी हो गई है। बेरोजगारी और महंगाई से आम जनता परेशान है, सरकार को जल्द ही इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।  

जब News18 India के ऐंकर किशोर आजवाणी ने सरकार के गुंडागर्दी पर लगाम के दावे पर सवाल पूछा तो अखिलेश ने कहा, "सबसे ज़्यादा केस तो भाजपा विधायकों पर दर्ज हैं। अभी तक सरकार ने टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट नहीं दी है।" अखिलेश ने अपनी सरकार के समय पुलिस की कार्यप्रणाली में लाए गए सुधार का उल्लेख किया। उन्होने कहा, "हमने न्यूयॉर्क पुलिस का सिस्टम समझने के लिए एक IAS अफ़सर को वहाँ भेजा था जिसके बाद एक कुशल पुलिस रिस्पॉन्ससिस्टम तैयार किया गया। हमने कभी भी अपराधियों को शरण नहीं दी।"

लखीमपुर खीरी में पनपी हिंसा पर अखिलेश ने भाजपा सरकार पर जमकर पलटवार किया। उन्होने बताया कि सरकार द्वारा उन्हें घटनास्थल पर जाने से रोकेने के बाद उनके कार्यकर्ता वहाँ पहुंचे और पीड़ित परिवारों की मदद की। सरकार का गृह राज्य मंत्री के बेटे पर कार्यवाही न करना उसकी मंशा को दिखलाता है। किसानों की हत्या करने वाले टेनी पर कार्यवाही कब होगी? 

अखिलेश ने कहा कि आगामी चुनाव के लिए पार्टी क्षेत्रीय संगठनों को अपने साथ जोड़ रही है। चाचा शिवपाल से भी उनकी बात हो चुकी है और जल्द ही सीटों का बंटवारा तय कर लिया जाएगा। ऐंकर द्वारा भाजपा के विकास के दावों पर सवाल पूछे जाने पर उन्होने कहा कि वे सभी दावे झूठे हैं। सरकार के विज्ञापन भी झूठे हैं और जनता इस दुष्प्रचार को अच्छे से समझती है। "जनता ने कोविड के दौरान हुईं लापरवाहियों को झेला है। क्या पैदल चलने वाले मजदूर ये सब भूलेंगे? इंजेक्शन दिलवाने का जिम्मा सरकार का होता है, वहाँ भी आपूर्ति नहीं हुई। हम मेडिकलकॉलेज बनवा रहे थे, जौनपुर का कॉलेज खंडहर जैसा है।" 

यूपी के चुनाव में पाला किस कंरवट गिरेगा, ये तो समय ही बताएगा। लेकिन सियासी तेवरों को देखते हुए विपक्ष और सरकार के बीच कड़े मुक़ाबले की उम्मीद की जा सकती है।

पूरे इंटरव्यू के लिए देखें :- https://www.youtube.com/watch?v=iS5OUwPNSdc

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