– सफेद रंग के गणपति की उपासना से ऋणों से मुक्ति मिलती है।
– चार भुजाओं वाले लाल गणपति की उपासना से सभी संकट दूर होते हैं।
– बैठे हुए गणपति की मूर्ति ही खरीदें। इन्हें घर में रखने से स्थाई धन लाभ होता है।
– गणेश जी की ऐसी मूर्ति ही घर के लिए खरीदें, जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हो।
– भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापना के समय ध्यान रखना चाहिए कि उनके एक हाथ में अंकुश, मोदक और उनका टूटा हुआ दांत होना चाहिए। एक हाथ आशीर्वाद देते हुए होना चाहिए। साथ में उनकी सवारी मूषक भी हो।
– भगवान श्रीगणेश के मुख की तरफ समृद्धि, सिद्धि, सुख और सौभाग्य होता है। ध्यान रखें कि मूर्ति का मुख दरवाजे की ओर नहीं होना चाहिए।
– दायीं ओर सूंड वाले गणपति देर से प्रसन्न होते हैं, जबकि बाईं ओर सूंड वाले गणपति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
– घर में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति इस प्रकार स्थापित करें कि उनकी पीठ किसी भी कमरे की ओर न हों। कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति स्थापित न करें। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर में दुर्भाग्य आता है।
– गणेश चतुर्थी पर बच्चों के अध्ययन कक्ष में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति लगाना श्रेष्ठ माना जाता है।
– गणेश चतुर्थी पर पूजा के दौरान तुलसी अर्पित नहीं करनी चाहिए।
– घर में भगवान श्रीगणेश की बैठी हुई प्रतिमा जबकि कार्यस्थल पर अन्य मुद्राओं वाले रूप की मूर्ति रखी जा सकती है।
– ध्यान रखें कि भगवान श्रीगणेश के दोनों पैर जमीन को स्पर्श कर रहे हों।
– एक ही जगह पर भगवान श्रीगणेश की दो मूर्ति एक साथ न रखें।
– चार भुजाओं वाले लाल गणपति की उपासना से सभी संकट दूर होते हैं।
– बैठे हुए गणपति की मूर्ति ही खरीदें। इन्हें घर में रखने से स्थाई धन लाभ होता है।
– गणेश जी की ऐसी मूर्ति ही घर के लिए खरीदें, जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हो।
– भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापना के समय ध्यान रखना चाहिए कि उनके एक हाथ में अंकुश, मोदक और उनका टूटा हुआ दांत होना चाहिए। एक हाथ आशीर्वाद देते हुए होना चाहिए। साथ में उनकी सवारी मूषक भी हो।
– भगवान श्रीगणेश के मुख की तरफ समृद्धि, सिद्धि, सुख और सौभाग्य होता है। ध्यान रखें कि मूर्ति का मुख दरवाजे की ओर नहीं होना चाहिए।
– दायीं ओर सूंड वाले गणपति देर से प्रसन्न होते हैं, जबकि बाईं ओर सूंड वाले गणपति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
– घर में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति इस प्रकार स्थापित करें कि उनकी पीठ किसी भी कमरे की ओर न हों। कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति स्थापित न करें। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर में दुर्भाग्य आता है।
– गणेश चतुर्थी पर बच्चों के अध्ययन कक्ष में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति लगाना श्रेष्ठ माना जाता है।
– गणेश चतुर्थी पर पूजा के दौरान तुलसी अर्पित नहीं करनी चाहिए।
– घर में भगवान श्रीगणेश की बैठी हुई प्रतिमा जबकि कार्यस्थल पर अन्य मुद्राओं वाले रूप की मूर्ति रखी जा सकती है।
– ध्यान रखें कि भगवान श्रीगणेश के दोनों पैर जमीन को स्पर्श कर रहे हों।
– एक ही जगह पर भगवान श्रीगणेश की दो मूर्ति एक साथ न रखें।
कैसे करें गणेश पूजन :–
गणेश जी को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें। इसके बाद गणेश जी के मंत्र ऊं गं गणपतये नम: का जप करें। घी का दीया जलाएं। भगवान की आरती करें।फिर उन्हें प्रसाद अर्पित करें। गणेश जी की उपासना जितने भी दिन चलेगी अखंड घी का दीपक जलता रहेगा।