स्केच कला के चित्रकार द्वारा बनाए गए रेखा चित्र से प्रभावित होकर गौतमभाई रूबरू मिले
अहमदाबाद निवासी बारह साल का हेमल आज अदाणी ग्रुप के चैयरमेन श्री गौतम अदाणी का विशेष मेहमान बना। हेमल का लालन-पालन चित्रकला व्ययसाय से जुड़े हुए परिवार में हुआ है। अपने बाल्य काल से ही वो अखबार और मैगज़ीन देखकर छोटी-मोटी रेखाएं खींचकर स्केच बनाने का प्रयास करता रहा है। मूक-बधीर माता-पिता के पुत्र हेमल ने गौतम अदाणी का स्केच बनाया और उस स्केच को ट्वीटर पर पोस्ट कर के गौतम अदाणी को टैग किया था।
हेमल का नंबर ढूंढकर उसको बताया गया कि “आपने जिनका स्केच बनाया है वो गौतम अदाणी आपसे मिलने की ईच्छा रखते हैं।” शूरू में तो हेमल को लगा कि वह कोई सपना देख रहा है, लेकिन हकीकत में ये सपना सच होने वाला था। खुद का स्केच देखकर गौतमभाई ने इस बालक के आने जाने की व्यवस्था करके उसको वैष्णों देवी निकट शांतिग्राम की कॉर्पोरेट ऑफिस में मिलने के लिए आमंत्रित किया। अपना स्केच एक बडे उद्योगपति से रूबरू मुलाकात करायेगा ऐसी कल्पना खुद हेमल और उसके माता-पिता ने भी नहीं की थी।
गौतमभाई खुद का यथार्थ स्केच देखकर प्रभावित हुए और हेमल को उपहार के रूप में गजराज की चांदी की मूर्ति और चित्रकला की किट दी। हेमल ने उपहार स्विकारते हुए ट्वीट किया कि “मुझे इस बात की खुशी है कि मैं गौतमभाई अदाणी को उनकी ऑफिस में मिल पाया। उनके आशीर्वाद से मुझे प्रेरणा प्राप्त हुई है।”
हेमल के दादा ने टेलीफोन से बात करते हुए बताया कि हेमल ने भारत की अनेक बड़ी हस्तीओं के स्केच बनाऐ हैं, लेकिन श्री अदाणी ने बडे व्यक्ति होते हुए भी हेमल की कला-प्रतिभा की रूबरू बुलाकर प्रशंसा की है।
न्यू सी जी रोड पर साकार स्कूल के अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थी हेमल को स्केच ओर रेखाचित्र बनाने की कला विरासत में मिली है। चार पीढ़ी से पेंटिंग के साथ जुडे हुए परिवार के हेमल के पिता मेहुलभाई शारीरिक रूप से मूक-बधिर होते हुए भी अपने व्यवसाय का पत्र व्यवहारऔर कम्प्यूटर संबंधित कामकाज खुद करते हैं। हेमल की माता नीशाबेन घर का कामकाज संभालती हैं।