- देश की पहली ऑनलाइन शेफ प्रतियोगिता
- 1 मई से हर शनिवार दोपहर 3 बजे
- 50 हजार तक की डिजिटल ब्रांडिंग व कई आकर्षक उपहार
भोपाल। बुंदेलखंड क्षेत्र का तेजी से उभरता ऑनलाइन न्यूज प्लेटफार्म बुंदेलखंड ट्रूपल जल्द ही क्षेत्र की महिलाओं के लिए बुंदेली शेफ प्रतियोगिता आयोजित करने जा रहा है। 1 मई से शुरू होने जा रही इस ऑनलाइन प्रतियोगिता के अंतर्गत बुंदेलखंड के मशहूर व्यंजनों की पेशकश देखने को मिलेगी। खासबात यह है कि प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए व्यंजनों को उनके ही शहर के प्रचलित शेफ जज करेंगे। देश के इस पहले ऑनलाइन शेफ प्रतियोगिता का संचालन बुंदेली शेफ ज्योति नामदेव करेंगी।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए चैनल के को-फाउंडर अतुल मलिकराम ने बताया कि पिछले एक साल से बनी परिस्थियों में सबसे अधिक जिम्मेदारी घर की महिलाओं पर बढ़ी है। वह कम पैसे में घर खर्च चलाना हो या पूरे समय परिवार के तमाम सदस्यों की देखभाल, महिलाओं ने हर किरदार को बखूबी निभाया है। बुंदेली शेफ उन महिलाओं के सम्मान में, उनकी क्षमता से दुनिया को रूबरू कराने का मंच है।
उन्होंने कहा कि, भारत में शेफ से जुड़ी जितनी भी प्रतियोगिताएं होती हैं, उनमें बनाए जाने वाले व्यंजन ज्यादातर नेशनल, इंटरनेशनल, कॉन्टिनेंटल या इटालियन आदि होते हैं। लेकिन बुंदेली शेफ अपने आप में ऐसी पहली प्रतियोगिता है जो क्षेत्रीय किचन का स्वाद सबको चखाने और देश भर में इसकी पहचान बनाने में सहायक होगा।
लगभग दो माह चलने वाली यह प्रतियोगिता 6 ऑडिशन, 2 क्वाटर फाइनल, एक सेमीफाइनल व 10 जुलाई को चंदेरी में होने वाले फाइनल के साथ संपन्न होगी। इसमें मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में आने वाले बुंदेलखंड के 13 जिलों समेत क्षेत्र से संबंधित अन्य शहरों की रहवासी महिलाएं भी हिस्सा ले सकेंगी। जीतने वाली प्रतिभागी को 50 हजार तक के पुरस्कार ससम्मान भेंट किए जाएंगे। इसमें उनकी डिजिटल ब्रांडिंग से लेकर आकर्षक गिफ्ट आइटम्स तक शामिल हैं। प्रतियोगिता का हिस्सा बनने के लिए https://taplink.troopel.com/p/5b01b4/ इस लिंक पर रजिस्टर कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - 74893 13033
बुंदेलखंड ट्रूपल के बारे में:
बुंदेलखंड ट्रूपल क्षेत्र का विश्वसनीय ऑनलाइन न्यूज प्लेटफार्म है। जो क्षेत्र के युवाओं, किसानों, महिलाओं व लोक संस्कृति के संरक्षण हेतु सक्रियता से कार्य कर रहा है। चैनल अपने ऑनलाइन शो जैसे राजनेताओं पर आधारित नेताजी कहिन, लोकगीत कलाकारों के लिए बुंदेली बावरा, जेलों की दयनीय स्थिति के मद्देनजर कमबख्त जेल व खेती किसानी संबंधित शान-ए-किसान आदि कार्यक्रमों के जरिए एक सशक्त बुंदेलखंड के स्वप्न को साकार करने की दिशा में कार्यरत है।