उज्जैन। यूनाइटेड फोरम के बैनर तले बिजली कंपनियों के हो रहे निजीकरण के विरोध में 3 फरवरी 2021 को बिजली कर्मचारी, अधिकारी, संविदा, आउटसोर्स कर्मचारियों ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार आंदोलन किया। कार्य बहिष्कार आंदोलन करते समय अधिकारी कर्मचारी संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों की मेहनत वह खून पसीने से हमने इस बिजली कंपनियों के स्ट्रक्चर को खड़ा किया है किंतु सरकार इसे पूर्ण रूप से निजीकरण करने पर आमादा है, कोविड-19 कोरोना काल में भी केवल बिजली कंपनी एक ऐसा क्षेत्र था जो सरकार को राजस्व दे रहा था। कर्मचारियों अधिकारियों का आरोप है कि बिजली कंपनियों के निजीकरण होने से उनकी ग्रेजुएटी व पेंशन की कोई गारंटी नहीं रहेगी साथ ही संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि संविदा कर्मचारियों को संविदा नीति 2018 के तहत 60 साल की सेवा सुरक्षा नहीं रहेगी वह आउटसोर्स कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनके रोजगार की कोई सुरक्षा नहीं रहेगी निजी कंपनियां आती है तो वह अपनी नई पॉलिसी के तहत नए कर्मचारियों को रखेगी व वर्षों से कार्य कर रही आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है। कार्य बहिष्कार आंदोलन में अधीक्षण यंत्री श्री आशीष आचार्य, लववंशी जी, कनाडा जी, अतिरिक्त अधीक्षण यंत्री श्री केके शर्मा जी, एसएन वर्मा जी, अनिल सक्सेना जी, संजय कनौजिया जी, योगेश माथुर जी, जैसे कई बड़े अधिकारियों के बीच भारी संख्या में संविदा नियमित व आउटसोर्स कर्मचारी मौजूद थे। कर्मचारियों ने कहा कि 7 फरवरी 2021 को भोपाल में एक बड़ा आंदोलन करने वाले हैं।
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार आंदोलन
उज्जैन। यूनाइटेड फोरम के बैनर तले बिजली कंपनियों के हो रहे निजीकरण के विरोध में 3 फरवरी 2021 को बिजली कर्मचारी, अधिकारी, संविदा, आउटसोर्स कर्मचारियों ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार आंदोलन किया। कार्य बहिष्कार आंदोलन करते समय अधिकारी कर्मचारी संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों की मेहनत वह खून पसीने से हमने इस बिजली कंपनियों के स्ट्रक्चर को खड़ा किया है किंतु सरकार इसे पूर्ण रूप से निजीकरण करने पर आमादा है, कोविड-19 कोरोना काल में भी केवल बिजली कंपनी एक ऐसा क्षेत्र था जो सरकार को राजस्व दे रहा था। कर्मचारियों अधिकारियों का आरोप है कि बिजली कंपनियों के निजीकरण होने से उनकी ग्रेजुएटी व पेंशन की कोई गारंटी नहीं रहेगी साथ ही संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि संविदा कर्मचारियों को संविदा नीति 2018 के तहत 60 साल की सेवा सुरक्षा नहीं रहेगी वह आउटसोर्स कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनके रोजगार की कोई सुरक्षा नहीं रहेगी निजी कंपनियां आती है तो वह अपनी नई पॉलिसी के तहत नए कर्मचारियों को रखेगी व वर्षों से कार्य कर रही आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है। कार्य बहिष्कार आंदोलन में अधीक्षण यंत्री श्री आशीष आचार्य, लववंशी जी, कनाडा जी, अतिरिक्त अधीक्षण यंत्री श्री केके शर्मा जी, एसएन वर्मा जी, अनिल सक्सेना जी, संजय कनौजिया जी, योगेश माथुर जी, जैसे कई बड़े अधिकारियों के बीच भारी संख्या में संविदा नियमित व आउटसोर्स कर्मचारी मौजूद थे। कर्मचारियों ने कहा कि 7 फरवरी 2021 को भोपाल में एक बड़ा आंदोलन करने वाले हैं।