यूनाइटेड फोरम का जन-जागरण एवं सम्मेलन संपन्न, बिजली निजीकरण का किया विरोध


इंदौर। 
सम्मेलन में उपस्थित ऑल इंडिया पावर फेडरेशन के चेयर पर्सन इन्जी. पवन कुमार जैन ने निजीकरण तथा केंद्र सरकार द्वारा जारी एसबीडी पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया की बिजली सेक्टर में नियमित प्रकृति के कार्यों में नियमित पदों की ही आवश्यकता है जिसे सरकार निरंतर समाप्त करने का प्रयास करती आई है इसके बावजूद भी हमारे बिजली अभियंता एवं कर्मचारी अधिकारी एकजुट होकर इस प्रदेश को निरंतर प्रगतिशील बनाते हुए किसानों एवं आम जनों को 24 घंटे बिजली प्रदान करने की सतत व्यवस्था बनाए रखा है यह कहते हुए उन्होंने सरकार की निजी करण की प्रक्रिया पर जमकर निशाना साधा।

संगठन के सहसचिव प्रदीप कुमार द्विवेदी ने कहा कि मध्य प्रदेश बिजली सेक्टर में जब 8 घंटे बिजली सप्लाई एवं वर्तमान स्ट्रक्चर आधा था तो नियमित बिजली कर्मचारियों की संख्या 75000 थी एवं जब बिजली स्ट्रक्चर के स्वरूप में दो से 3 गुना वृद्धि हुई तो कर्मचारियों की संख्या आधी करने का पाप करते हुए उन्हें शोषण रूपी आग में झोंका जा रहा है एवं विभागीय घाटा दिखाकर कर्मचारियों के जायज अधिकारों को छीन कर विभाग का घाटा पाटने की नाकाम कोशिश की जा रही है जबकि सरकार की गैर जिम्मेदार नीतियां ही विभागीय घाटे के लिए पूर्णतः जिम्मेदार हैं जिस पर सरकार द्वारा गंभीरतापूर्वक विचार कर निजीकरण थोपने की साजिश को तत्काल बंद करके संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य हेतु नियमित करना होगा।

संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुशील शर्मा ने निजीकरण को किसी भी हाल में रोकने तथा प्रदेशहित एवं जनहित में प्रत्येक कर्मचारी की एकजुटता बढ़ाने पर जोर दिया एवं विभाग के समस्त कर्मचारी-अधिकारियों को बढ़-चढ़कर यूनाइटेड फोरम के आंदोलन में भाग लेने की अपील की गई।

इसी बात को आगे बढ़ाते हुए संगठन के जिला संयोजक इंजीनियर डॉ. ध्रुव नारायण शर्मा ने बताया बिजली कर्मचारियों में निजीकरण के विरुद्ध ज्वाला भड़क चुकी है एवं संपूर्ण कंपनी के कर्मचारी एकजुट होकर उत्तर प्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में भी निजीकरण रूपी वायरस का वैक्सीन तैयार कर चुके हैं।

इसी तरह कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ताओं इंजी. एसएन वर्मा इंजी. जीडी होलानी, यशवंत यादव, मनोज भार्गव, राहुल मालवीय, गणेश जेठा सहित समस्त कर्मचारी नेताओं ने सरकार के निजीकरण पर जोर दिए जाने की कड़ी शब्दों में आलोचना की एवं समस्त विभागीय कर्मचारी अधिकारियों को एकजुट होने का संदेश दिया।

कार्यक्रम के अंत में संगठन के प्रदेश के मुखिया इंजी. व्ही.के.एस परिहार ने निजीकरण एवं केंद्र सरकार द्वारा जारी एसबीडी से उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान एवं डीबीटी योजना को किसानों के साथ छल कर उनकी सब्सिडी छीनने का कुत्सित प्रयास तथा बिजली कर्मचारियों की समस्याओं को बढ़ाने का प्रयास बताया साथ ही केंद्रीय स्तर पर नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी द्वारा किए गए राष्ट्रीय आह्वान पर नेशनल अमेंडमेंट बिल 2020 तथा एसबीडी के विरोध हेतु दिनांक 3 फरवरी को प्रादेशिक स्तर पर 1 दिवसीय काम बंद असहयोग आंदोलन की घोषणा करते हुए उसमें पूरी ताकत के साथ शामिल होने तथा संगठन के द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत निरंतर कार्य करते हुए दिनांक 7 फरवरी को निजी करण तथा कर्मचारी समस्याओं के विरुद्ध भोपाल रैली को सफल बनाने की अपील की।

संगठन द्वारा आयोजित आम सभा में पश्चिम क्षेत्र कंपनी से संबंधित समस्त 15 जिलों से हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारियों ने भाग लेकर निजी करण एवं अन्य कर्मचारी समस्याओं के विरुद्ध सरकार के दांत खट्टे कर देने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम का संचालन कंपनी संयोजक सुदर्शन जटाले एवं अतिथियों का आभार प्रदर्शन इन्जी. एसके जैन के द्वारा किया गया।

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