आज की बात आपके साथ - विजय निगम

           ॐ गं गणपतये नमः।।

या देवी सर्व भुतेशू शक्तिरूपेण सांस्थिता नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नम:

ॐयमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय नमो नमः।।.  

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प्रिय साथियो। 

🌹राम-राम🌹 

🌻 नमस्ते।🌻

    ।। आज की बात आपके साथ।।

आजकीबातआपकेसाथ मेआप स एफभी साथीयों का दिनांक 25 दिसंबर 2020 शुक्र

वार की प्रातः की बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।

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आज की बात आपके साथ  अंक मे है 

 A कुछ रोचक समाचार

B आज के दिन जन्मे भारत के दसवें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 

जीवन परिचय लेख

C आज के दिन   की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण    

    व्यक्तित्व

E आज के दिन निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।

F आज का दिवस का नाम ।

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     (A) कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त)

💝(A/1)आज क्रिसमस दिवस है आप सभी को क्रिसमस दिवस कि बधाई। आइए इस पवित्र त्योहार क्रिसमस के बारे में जानते हे,

क्रिसमस क्यों मनाते हैं और क्रिसमस ट्री कैसे बनाते हैं?💝

💝(A/2)1999 में अटल बिहारी वाजपयी की सरकार1 वोट क्‍यों नहीं हासिल कर पाई? राज से उठा पर्दा💝

,💝(A/3)बुजुर्गों को राहत देने की तैयारी में सरकार, बजट 2021 में पेंशनरों के लिए बढ़ाई जा सकती है टैक्‍स छूट की सीमा।💝

💝(A/4)KBC 12: शिवम राजपूत ने छोड़ा 1 करोड़ रुपये का यह सवाल, जीते 50 लाख रुपए ,जानें- क्या है सही जवाब💝

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      (A)कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)

💝(A/1)आज क्रिसमस दिवस है आप सभी को क्रिसमस दिवस कि बधाई। आइए इस पवित्र त्योहार क्रिसमस के बारे में जानते हे,

क्रिसमस क्यों मनाते हैं और क्रिसमस ट्री कैसे बनाते हैं?💝

क्या आप जानते हैं की आखिर क्रिसमस क्यों मनाते हैं? यदि नहीं तब आज के  इस विषय में पूरी जानकारी प्राप्त होगी. 25 दिसंबर को पूरेउत्साह केसाथ मनाया जाता हैऔरईसाइयोंका सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है.आजकल पूरी दुनिया मेंक्रिसमस केवल ईसाइयों द्वारा ही नहीं बल्कि सभी या गैर ईसाइयों द्वारा भी मनाया जाता है. बच्चे विशेष रूप से इस दिन की प्रतीक्षा करतेहैंक्योंकिउन्हें कई उपहारमिलतेहैं.यह खुशी का समय है जहां परिवार, दोस्त एक साथ आते हैं और खुशी फैलाते हैं.यह दिन ईसा मसीह के जन्म को याद करने के लिए मनायाजाता है.मसीहाजो दुनियाको बचाने

के लिए स्वर्ग से आए हैं. ईसाई का मानना हैकिईसासे दो हजारसाल पहले ईसामसीह

 का जन्म बेथलहम में हुआ था. क्रिसमस के नाम के बारे में बहुत सारी व्याख्याएं हैं और इसे क्यों मनाया जाता है. इसलिए मैंने सोचा की क्यों न आप लोगों को क्रिसमस के विषय में और क्रिसमस क्यों मनाया जाता है के  बारे में पूरी जानकारी प्रदान की जाये. तो फिर चलिए शुरू करते हैं.क्रिसमस (Christamas) वर्ष का एक महान त्योहार हैऔर इसे ‘ईसा मसीह का पर्व’भी कहा जाता है.यह हर साल 25दिसं

बर को क्रिसमस दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह विशेष रूप से ईसाइयों द्वारा बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाताहै.यहमहानईसामसीह की जयंती है,

जिन्हें ईसाईधर्म केलोगोंद्वारा ईश्वरका पुत्र

माना जाता है यह एकसांस्कृतिकअवकाश

है जिसका आनंद हर कोई उठाता है. यह ईसाइयोंकेलिए बड़े महत्व का दिन है. लोग त्योहार से बहुत पहले बहुत सारी तैयारियाँ करते हैंऔरअपने घरों को रोशनी,सजावटी

सामान और फूलों से सजाते हैं.

      🏵️क्रिसमस कब मनाया जाता है?🏵️

 क्रिसमस हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है.क्रिसमस का जश्न क्रिसमस दिवस से लगभग चार सप्ताह पहले शुरू होता है और क्रिसमस के 12 वें दिन समाप्त होता है.यह पूरी दुनिया में एकधार्मिकऔर पारंप

रिकत्योहार के रूप में मनाया जाताहै.क्रिस

मस मनाने की परंपरा क्षेत्र में भिन्न-भिन्न है. लोग उपहार, क्रिसमस कार्ड वितरित करते हैं, दावतों का आयोजन करते हैं.

     💝क्रिसमस क्यों मनाया जाता है💝

25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य मेंक्रिसमस के रूप मेंमनायाजाता

है.नए नियम के अनुसार,यीशु का जन्म बेथलहममें जोसेफऔर मैरी के लिए हुआ

था. उनके जन्म का महीना और तारीख ज्ञातनहीं है,लेकिन चौथी शताब्दी के शुरु

आती दशक तक,पश्चिमी ईसाईचर्च ने25 दिसंबर को क्रिसमस रखा था. इस तिथि कोबाद में दुनिया भर में अपनाया गया था.1870 में,संयुक्त राज्यअमेरिकाने क्रिसमस

को एक संघीय अवकाश घोषित किया.

          💝क्रिसमस ट्री क्या है?💝

क्रिसमस ट्री,एक सदाबहार पेड़है जो क्रिस

मसके उत्सव के एक भाग के रूप में लाइट औरगहनों से सजाया जाता है.मार्टिन लूथर ने क्रिसमस ट्री के लिए प्रचार किया था,

उनके माध्यम से,क्रिसमस ट्रीआखिरकार पूरे जर्मनीमेंप्रसिद्धहो गया. और शेष यूरोप जल्द ही क्रिसमस ट्री से परिचित हो गया – 1840 में इंग्लिश क्वीन विक्टोरिया का पहला क्रिसमस ट्री इंग्लैंड में सजाया गया था .

      🌾क्रिसमस ट्री की कहानी🌾

सबसे पहले, सब कुछ एक क्रिसमस ट्री सजावटके रूप में इस्तेमाल किया गया था. उदाहरणके लिए, स्विट्जरलैंड में,इसेपहले

सेब और पनीर से सजाया गया था.लगभग 

सन1650 में राजकुमारों नेअपने पेड़ों को गुड़िया, कपड़े और यहां तक कि चांदी के गहने से सजाया.बेशक, लोग सजावट के रूप मेंचांदी के गहने या गुड़िया काउपयोग

करने काजोखिमनहींउठा सकतेथे,इसलिए उन्होंने खुदके गहने डिजाइन करना और बनाना शुरूकरदिया19 वींसदी में औद्योगि

-कीकरण केआगमन केसाथ फिरक्रिसमस

ट्री की सजावट का भी उत्पादन और बिक्री हुई.औरअंत में, 19 वीं शताब्दी के अंत में, क्रिसमस ट्री को डिजाइन किया गया था. 19 वींशताब्दी में,जर्मनी में,पहले कृत्रिम

क्रिसमसपेड़ विकसितकिएगएथे.आधुनिक  कृत्रिमक्रिसमस पेड़ पीवीसी से बनेहोतेहैं

कमाल यह है कि असली क्रिसमस के पेड़ हवा से धूल और पराग को हटाने में मदद करते हैं.

           💝क्रिसमस की कहानी💝

इजरायल के नज़ारेथ के छोटे से गाँव में, मैरी एक युवा कुंवारी रहती थी,जो एक यहूदी बढ़ई जोसेफ के साथ विवाहित थी.

एकपरीने अपने सपने में मरियम से मुला

कात की जिसने उसे बताया किउसे एक ईश्वर का पुत्र के लिए चुना गया था और

उसका नाम यीशु होना था.और इस प्रकार, यह हुआ कि जब मैरी अभी भी यूसुफ से जुड़ी हुई थी,तोवह पवित्र आत्मा केमाध्यम

सेचमत्कारिक रूप से गर्भवती होगई.जब मैरी ने जोसेफ को बताया,तो स्वाभाविक रूप से उसे विश्वासघात हुआ, लेकिन एक स्वर्गदूत ने उसेसपने मेंदेखाऔर सत्यापित कियाकि मैरी ने उसे क्या कहा है. इस तरह उन्होंने  संभावित  सार्वजनिक अपमान के बावजूद मैरी को अपनी पत्नी बना लिया.

           🏵️क्रिसमस के प्रतीक🏵️

चलिए अब कुछ क्रिसमस के प्रतीकों के बारे में भी जानते हैं.जिन्हें की सभी  को जानना बेहद जरुरी होता है.

1. देवदूत – स्वर्गदूतों ने जन्म की खबर की घोषणा की. उन्होंने उस पहली क्रिसमस की रात को अच्छी खबर की घोषणा की.

2. Bell – क्रिसमस की घंटी यह संकेत देती है कि सभी उसकी आँखों में कीमती हैं और वह आपकी मदद करेगा.

3. सदाबहार पेड़(क्रिसमस का पेड़) – सदाबहारक्रिसमस का पेड़ पूरे साल हरा रहता है और हमें अनन्त आशा और जीवन शाश्वत की याद दिलाता है. यीशु मसीह की वजह से हमअनंत जीवन पा सकते हैं.यह स्वर्गकी ओर इशाराकरता है जो हमें सभी चीजों में भगवान को देखने की याद दिलाता है.

4. उपहार – क्रिसमस का उपहार हमें याद दिलाता है कि कैसे यीशु मसीह ने हमें सभी का सबसे बड़ा उपहार दिया.

5. होली – होली का पौधा अमरता का प्रतिनिधित्व करता है. लाल होली बेरीज हमारे लिए उनके द्वारा बहाए गए रक्त का प्रतिनिधित्व करते हैं.

6. पुष्पांजलि – क्रिसमस पुष्पांजलि ईश्वर के कभी न खत्म होने वाले प्रेम का प्रतीक है-न कोई शुरुआत और न कोई अंत. पुष्पांजलि सदाबहार के साथ बनाए गए मंडलियों में हैं जो शाश्वत जीवन का प्रतीक हैं.

7. सांता क्लॉज – सेंट निकोलस घर-घर जाकर उपहार देते थे. वह लाल, क्रिसमस का पहला रंग पहनते है. वह रक्षक की तरह सभी के लिए अच्छी इच्छा और प्रेम लाते है.

8. मोमबत्तियाँ – क्रिसमस की मोमबत्ती हमें याद दिलाती है कि यीशु दुनिया की रोशनी है. वह प्रकाश है जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए और उसके माध्यम से हम जीवन के अंधेरे में अपना रास्ता खोज लेंगे.

9. कैंडी केन – कैंडी बेंत पर सफेद यीशु की पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है, और लाल धारियों वह खून का प्रतीक है जो उसने हमारे लिए बहाया था.

10. तारा – क्रिसमस स्टार बेथलेहम के पहले सितारे का प्रतिनिधित्व करता है जो उस रात को पैदा हुआ था जब यीशु का जन्म हुआ था. यह भी प्रतीक है कि मसीह दुनिया की रोशनी है और सभी मानव जाति के लिए एक चमकदार उम्मीद है.

    💝क्रिसमस डे कैसे मनाया जाता है?💝

क्रिसमस का पर्व एक ऐसा उत्सव है जो लोगों के जीवन में खुशी, आनंद और पूजा से भरा होता है. इस अवसर पर, लोग चर्च जाते हैं, कैरल गाते हैं, विभिन्न धार्मिक सेवाओं में भाग लेते हैं,उपहार प्रस्तुत करते हैं, होली, मिस्टलेट

,लाइट्स, फूलों और क्रिसमस ट्री केसाथअपने

 घरों को सुशोभित करते हैं और परिवार के साथ-साथ व्यवहार करते हैं. क्रिसमस की पूर्व संध्यापर,दुनिया भर के चर्च शाम की सेवाओं का प्रदर्शन करते हैं.

आधी रात को, कई चर्च असाधारण मोमबत्ती कीरोशनीमें सेवाएं प्रदान करते हैं.सांताक्लॉज़

 क्रिसमस कार्यक्रम में एक प्रशंसित व्यक्तित्व है जो बच्चों को उपहार वितरित करते है. लोग कई केक और दावतें तैयार करते हैं. बच्चे इस त्यौहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते थे और उपहारों के लिए उत्साहित होते थे जो माता-पिता, दोस्तों द्वारा दिए जाते थे.

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻💗(A/2)1999 में अटल बिहारी वाजपयी की सरकार1 वोट क्‍यों नहीं हासिल कर पाई? राज से उठा पर्दा💗

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार 1999 में मात्र एक वोट से गिर गई थी, शक्ति सिन्हा  की लिखी किताब `वाजपेयी: द ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया` में इस बाबत खुलासा किया है.

लोक सभा में 1999 में महज एक वोट से तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरजाने के बारेमें एक किताबमें बड़ा खुलासा किया गया है. किताब में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी  छोटी पार्टियों के साथ तालमेल बिठा पाने में नाकाम रही थी, यही सबसे बड़ा कारण रहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सर

कारमात्र एक वोटसे गिर गई. हालांकि बीजेपी वाजपेयीसरकारगिरने केलिएतत्कालीनकांग्रेस

सांसद गिरधर गमांग और नेशनल कांफ्रेंस के सैफुद्दीन सोज को मुख्य दोषी मानते हैं.

🌺'वाजपेयी: द ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया' में खुलासा'🌺

 शक्ति सिन्हा की लिखी किताब 'वाजपेयी: द ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया'मेंपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरने के बारे में दावा किया गया है. शक्ति सिन्हा कई वर्षों तक वाजपेयीकेनिजीसचिव रहेऔरउन्होंने प्रधान

मंत्री कार्यालय में भी सेवा दी थी. केंद्र में बनी बीजेपी की पहली सरकार की कार्यप्रणाली और अन्नाद्रमुक की नेता जे जयललिता द्वारा वाजपेयी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद यह कैसे 13 दिनों में गिर गई थी, इसके बारे में पुस्तक में विस्तृत जानकारी दी गई है.

🌺अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को

               नहीं था कोई खतरा🌺

सिन्हानेअपनीकिताब में लिखा हैकि वाजपेयी सरकारकेपतन केलिएभले हीगमांग को दोषी

ठहरायाजाताहैलेकिन कई ऐसेलोगथे जिन्होंने

इसमेंअपनी भूमिका निभाई थी.उन्होंने लिखा, ‘इसमें एक बड़ी भूमिका छोटे दलों को साधने में बीजेपीकी असफलता थी.’उन्होंने उदाहरण देते हुएबताया किअरुणाचलकांग्रेस के वांगचा राजकुमारने लोकसभा में विश्वास मत से बहुत पहले ही वाजपेयी को आश्वासन दिया था कि उनकी क्षेत्रीय पार्टी में फूट के बावजूद सरकार को उनका समर्थन जारी रहेगा. उन्होंने पुस्तक में लिखा कि उस समय वाजपेयी सरकार को कोई खतरा नहीं था लेकिन दुर्भाग्य से जब विश्वास मत का समय आया तब किसी को राजकुमार से संपर्क साधना याद नहीं रहा. उन्होंने सरकार के खिलाफ मतदान किया.

'🌺सोजको साधने में बीजेपी रहीफेल🌺'

 सिन्हा ने पुस्तक में कहा कि सोज से बेहतर तरीके से बातचीत की गई होती तो उसका सकारात्मक परिणाम आता. सोज उस वक्त नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य थे और उनकी पार्टी के दो सांसद थे. दूसरे उमर अब्दुल्ला थे. जम्मू एवं कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाजोउस वक्तनेशनल कांफ्रेंसकेमुखिया

भी थे,ने अपने बेटे उमर अब्दुल्ला को आगे बढ़ाया और सोज को ‘बहुत तुच्छ तरीके से पार्टी में किनारे किया.’श्रीनगर दौरे के दौरान हुई थी ये चूक।.

 🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻🌺(A/3)बुजुर्गों को राहत देने की तैयारी में सरकार, बजट 2021 में पेंशनरों के लिए बढ़ाई जा सकती है टैक्‍स छूट की सीमा🌺

केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्‍कीम (NPS) में 14 फीसदी तक हिस्सेदारी पर टैक्स छूट  देने पर विचार कर रहीहै. दरअसल, पेंशन फंड रेग्‍युलेटर पीएफआरडीए  ने वित्‍त मंत्रालय  से इस बारे में सिफारिश की है.

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2021 में बुजुर्गों को बड़ी राहत दे सकती हैं.

 कोरोना संकट  के बीच केंद्र सरकार बुजुर्गों को आर्थिक मोर्चे पर बड़ी राहत दे सकती है. दरअसल, पेंशन फंड रेग्‍युलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी  ने वित्‍त मंत्रालय  से सिफारिश की है कि बजट 2021-22 में पेंशनर्स को इनकम टैक्‍स में छूटदी जाए.पीएफआरडीए की सिफा

रिश पर केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के तहत टैक्स छूट बढ़ाने पर विचार कर सकती है.

एनपीएस में 14% हिस्‍सेदारी पर टैक्‍स छूट की सिफारिश की

सूत्रों के हवाले मिली जानकारी के आधार पर बताया कि बजट 2021 (Budget 2021-22) में एनपीएस पर टैक्स छूट बढ़ सकती है. सरकार फैसला ले सकती है कि टीयर-1 पेंशनधारकों के लिए टैक्स छूट बढ़ाई जाए. सूत्रों के मुताबिक, पीएफआरडीए की ओर से एनपीएस में 14 फीसदी तक हिस्सेदारी पर टैक्स छूट देने की सिफारिश की गई है. बता दें कि अभी एनपीएस में 10 फीसदी तक हिस्सेदारी पर टैक्स छूट मिलती है. सूत्रों के मुताबिक, पीएफआरडीए ने पेंशनर्स को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर टैक्स छूट देने की सिफारिश की है.

पीएफआरडी ने वित्‍त मंत्रालय से की हैं ये सिफारिशें भीपीएफआरडीए ने टीयर-1 कर्मचारियों को एनपीएस से संबंधित छूट देने, एनपीएस में 14 फीसदी तक हिस्सेदारी बढ़ाने और एन्यूटी प्लान के तहत मिली रकम पर टैक्स छूट देने की सिफारिश वित्‍त मंत्रालय से की है. इसके अलावा टीयर-1 में सेक्शन 80CCD(1B) के तहत छूट की सीमा बढ़ाने और टैक्स छूट सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की सिफारिश भी की है. साथ ही पेंशन फंड रेग्‍युलेटर ने एनपीएस टीयर-2 के सभी पेंशनर को 80C के तहत छूट देने की सिफारिश भी की है. सूत्रों केमुताबिकए2कपीएफआरडीए की इसिफा

रिशों पर वित्त मंत्रालय में चर्चा भी हुई है.

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻🌹(A/4)KBC 12: शिवम राजपूत ने छोड़ा 1 करोड़ रुपये का यह सवाल, जानें- क्या है सही जवाब🌹

कौन बनेगा करोड़पति के 12वें सीजन के 23 दिसंबर के एपिसोड में कानपुर के शिवम राजपूत ने 50 लाख रुपये जीत लिए। शिवम राजपूत उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में क्लर्क के तौर पर काम करते हैं। शिवम के साथ उनकी मां मंजू राजपूत भी कौन बनेगा करोड़पति के इस इवेंट में शामिल हुईं। शिवम राजपूत के ज्ञान की अमिताभ बच्चन ने भी तारीफ की। इसके अलावा क्रिकेट के शौकीन शिवम राजपूत के खेलों को लेकर ज्ञान के भी अमिताभ बच्चन मुरीद दिखे।

शिवम राजपूत ने बिग बी से बात करते हुए कहा कि वह बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन विपरीत परिस्थितियों के चलते खेल से दूर होना पड़ा। फिलहाल वह यूपीपीसीएल में क्लर्क के तौर पर नौकरी करते हैं। शिवम राजपूत ने लगातार सवालों के जवाब देते हुए 50 लाख रुपये की रकम अपने नाम कर ली। हालांकि उन्होंने 1 करोड़ रुपये के सवाल पर कोई रिस्क नहीं लिया और गेम को क्विट करने का फैसला लिया। यह सवाल था- 

-🌺 मेघालय शब्द गढ़ने का श्रेय किसे दिया जाता है?🌺

इसके लिए 4 विकल्प दिए गए थे- 

A) बंकिम  चंद्र चटर्जी 

B) शिव प्रसाद चटर्जी 

C) राधानाथ सिकदर 

D) डॉरोथी मिडलटन

इस सवाल का सही जवाब शिव प्रसाद चटर्जी है। लेकिन शिवम राजपूत ने कोई रिस्क न लेते हुए 50 लाख रुपये की रकम सुरक्षित लेकर लौटने का फैसला लिया। शिवम राजपूत के बाद अमिताभ बच्चन के सामने सीआरपीएफ के डीआईजी प्रीत मोहन सिंह अब हॉट सीट पर हैं। प्रीत मोहन सिंह अब तक 40,000 रुपये की रकम जीत चुके हैं। गुरुवार को एक बार फिर से वह अमिताभ के सामने होंगे और खेल को आगे बढ़ाएंगे। 

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐 💐(B)आज के दिन जन्मे भारत के दसवें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 

जीवन परिचय लेख             

        ❤️जीवन परिचय  लेख❤️ 

      🏵️ अटल बिहारी वाजपेयी🏵️

    ❤️भारत के दसवें प्रधानमंत्री❤️

अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसंबर 1924 से अगस्त 2018) भारत के तीन बार के प्रधानमंत्री थे। वे पहले 16 मई से 01 जून 1996 तक,तथा फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004तकभारत केप्रधानमंत्री रहे।वेहिन्दी

कवि,पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे।वेभारतीय

जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बेसमय तक राष्‍ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुनआदि राष्ट्रीयभावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।

       🏵️अटल बिहारी वाजपेयी🏵️

      🏵️भारत के दसवें प्रधानमंत्री🏵️

जन्म:-25 दिसंबर 1924

जन्म स्थल:-ग्वालियर, मध्य प्रदेश

मृत्यु:-अगस्त 16, 2018 (उम्र 93)

मृत्यु स्थल:-एम्स दिल्ली  नई दिल्ली, भारत

राष्ट्रियता:-भारतीय

राजनैतिक दल:-भारतीय जनता पार्टी

धर्म:-हिन्दू धर्म

हस्ताक्षर:अटल बिहारी वाजपेयी

वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया, 2009 तक उत्तर प्रदेश जब स्वास्थ्य सम्बंधी चिंताओं के कारण सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हुए। अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहलेप्रधानमन्त्री थे,जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हे भीष्मपितामह भी कहा जाता है।उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे।2005 से वे राजनीति से संन्यास ले चुके थे और नई दिल्ली में 06-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे।16 अगस्त 2018 को एक लम्बी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में श्री वाजपेयी का निधन हो गया। वे जीवन भरभारतीय राजनीति में सक्रिय रहे

             🏵️आरम्भिक जीवन 🏵️

उत्तर प्रदेश में आगरा जनपद के प्राचीन स्थान बटेश्वर के मूल निवासी पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में अध्यापक थे। वहीं शिन्दे की छावनी में 25 दिसम्बर 1924 को ब्रह्ममुहूर्त में उनकी सहधर्मिणी कृष्णा वाजपेयी की कोख से अटल जी का जन्म हुआ था। पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में अध्यापन कार्य तो करते ही थे इसके अतिरिक्त वे हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। पुत्र में काव्यके गुण वंशानुगत परिपाटी से प्राप्त हुए। महात्मा रामचन्द्र वीर द्वारा रचित अमर कृति "विजय पताका" पढ़कर अटल जी के जीवन की दिशा ही बदल गयी। अटल जी की बी॰ए॰ की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कालेज) में हुई।छात्र जीवनसे वेराष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघके स्वयंसेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर कीवाद-विवाद प्रतियोगिताओं मेंभागलेते रहे।

कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एम॰ए॰ की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।उसके बाद उन्होंने अपने पिताजी के साथ

-साथ कानपुर में ही एल॰एल॰बी॰ की पढ़ाई भी प्रारम्भ की लेकिन उसे बीच में ही विराम देकर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये। डॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पण्डित दीन

दयाल उपाध्याय के निर्देशन में राजनीति का पाठ तो पढ़ा ही, साथ-साथ पाञ्चजन्य, राष्ट्र

धर्म, दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसे पत्र-

पत्रिकाओं के सम्पादन का कार्यभी कुशलता पूर्वक करते रहे।सर्वतोमुखी विकास के लिये किये गये योगदान तथा असाधारण कार्यों के लिये 2015 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

           🏵️ राजनीतिक जीवन 🏵️

        🏵️अटल बिहारी वाजपेयी🏵️

वह भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों मेंसेएक थे और सन् 1968 से 1973 तक वह उसकेराष्ट्रीयअध्यक्ष भी रह चुके थे।सन्1952

 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, परन्तुसफलता नहीं मिली।लेकिन उन्होंनेहिम्म

तनहीं हारी और सन्1957 में बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुँचे। सन् 1957 से 1977 तक जनता पार्टी कीस्थापना तक वे बीस वर्ष तक लगातार जन

संघ के संसदीय दल के नेता रहे। मोरारजी देसाई की सरकार में सन् 1977 से 1979 तक विदेश मन्त्री रहे और विदेशों में भारत की छवि बनायी।

1980 में जनता पार्टी से असन्तुष्ट होकर इन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनतापार्टी की स्थापना में मदद की।06अप्रैल 

1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी केअध्यक्ष

 पद का दायित्व भी वाजपेयी को सौंपा गया। दो बार राज्यसभा के लिये भी निर्वाचित हुए। लोकतन्त्रके सजगप्रहरीअटल बिहारीवाजपेयी

 ने सन् 1996 में प्रधानमन्त्री के रूप में देश कीबागडोर संभाली।19अप्रैल1998 को पुनः

प्रधानमन्त्रीपद की शपथ लीऔर उनकेनेतृत्व

में13 दलों की गठबन्धन सरकार ने पाँच वर्षों में देश के अन्दर प्रगति के अनेक आयाम छुए।

सन् 2004 में कार्यकाल पूरा होने से पहले भयंकर गर्मी में सम्पन्न कराये गये लोकसभा चुनावों में भा॰ज॰पा॰ के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिकगठबन्धन (एन॰डी॰ए॰)ने वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और भारत उदय (अंग्रेजी में इण्डिया शाइनिंग) का नारा दिया। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला।ऐसी स्थिति में वामपंथी दलोंके समर्थन सेकाँग्रेस नेभारत की केन्द्रीयसरकारपरकायम

होने में सफलता प्राप्त की और भा॰ज॰पा॰ विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई। सम्प्रति वेराज

नीति से संन्यास ले चुके हैं और नई दिल्ली में 06-एकृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे।

   💖प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल 💖

भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाना

    💥 भारतीय परमाणु परीक्षण💥

अटल सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। इस कदम से उन्होंने भारत को निर्विवाद रूप से विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। यह सब इतनी गोपनीयता से किया गया कि अति विकसित जासूसी उपग्रहों व तकनीक से संपन्न पश्चिमी देशों को इसकी भनक तक नहीं लगी। यही नहीं इसके बाद पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर अनेक प्रतिबंध लगाए गए लेकिन वाजपेयी सरकार ने सबका दृढ़तापूर्वक सामना करते हुए आर्थिक विकास की ऊँचाईयों को छुआ।

💥पाकिस्तानसेसंबंधों में सुधार कीपहल💥

19 फ़रवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई। इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज़ शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नयी शुरुआत की।

                🔥कारगिल युद्ध🔥

कारगिलयुद्ध कुछ ही समय पश्चात् पाकिस्तान

के तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ की शह पर पाकिस्तानी सेना व उग्रवादियों ने कार

गिलक्षेत्रमें घुसपैठकरकेकईपहाड़ीचोटियों पर

कब्जा कर लिया।अटलसरकार ने पाकिस्तान की सीमा का उल्लंघन न करने की अंतर्राष्ट्रीय सलाह का सम्मान करते हुए धैर्यपूर्वक किंतु ठोस कार्यवाही करके भारतीय क्षेत्र को मुक्त कराया। इस युद्ध में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण भारतीय सेना को जान माल का बहुत नुकसान हुआ और पाकिस्तान के साथ शुरु किए गए संबंध सुधार एकबार फिर शून्य हो गए।

    🔶स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना 🔶

भारत भर के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना (अंग्रेजी में- गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल प्रोजैक्ट या संक्षेप में जी॰क्यू॰ प्रोजैक्ट) की शुरुआत की गई। इसके अंतर्गत दिल्ली, कलकत्ता, चेन्नई व मुम्बई को राजमार्गों से जोड़ा गया। ऐसा माना जाताहै कि अटल जी के शासनकाल में भारत मेंजितनी सड़कों का निर्माण हुआइतना केवल शेरशाह सूरी के समय में ही हुआ था।

💥वाजपेयी सरकार के अन्य प्रमुख कार्य 💥

एक सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया।संरचनात्मक ढाँचेकेलिये

कार्यदल, सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल, विद्युतीकरण में गति लाने के लिये केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि का गठन किया।

राष्ट्रीय राजमार्गों एवं हवाई अड्डों का विकास; नई टेलीकॉम नीति तथा कोकण रेलवे की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने वाले कदम उठाये।

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाहसमिति,

 व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित कीं।

आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों के मूल्योंं को नियन्त्रित करने के लिये मुख्यमन्त्रियों का सम्मेलन बुलाया।

उड़ीसा के सर्वाधिक निर्धन क्षेत्र के लिये सात सूत्रीयनिर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया।

आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया। ग्रामीण

रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिये बीमा योजना शुरू की।

सरकारी खर्चे पर रोजा इफ़्तार शुरू किया

ये सारे तथ्य सरकारी विज्ञप्तियों के माध्यम से समय समय पर प्रकाशित होते रहे हैं।

           🔥व्यक्तिगत जीवन 🔥

वाजपेयी अपने पूरे जीवन अविवाहित रहे। उन्होंने लंबे समय से दोस्त राजकुमारी कौल और बी॰एन॰ कौल की बेटी नमिता भट्टाचार्य को उन्होंने दत्तक पुत्री के रूप में स्वीकार किया। राजकुमारी कौल की मृत्यु वर्ष 2014 में हो चुकी है। अटल जी के साथ नमिता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य रहते थे  वह हिंदी में लिखते हुए एक प्रसिद्ध कवि थे। उनके प्रकाशित कार्यों में कैदी कविराई कुंडलियां शामिल हैं, जो 1975-77 आपातकाल के दौरान कैद किए गए कविताओं का संग्रह था, और अमर आग है। अपनी कविता के संबंध में उन्होंने लिखा, "मेरी कविता युद्ध की घोषणा है, हारने के लिए एक निर्वासन नहीं है। यह हारने वाले सैनिक की निराशा की ड्रमबीट नहीं है, लेकिन युद्ध योद्धा की जीत होगी। यह निराशा की इच्छानहीं हैलेकिन जीतकाहलचलचिल्लाओ। "

           😀कवि के रूप में 😀

जगद्गुरु रामभद्राचार्य के साथ अटल जी

अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी थे। मेरी इक्यावन कविताएँ अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। वाजपेयी जी को काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण विरासत में मिले हैं। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे। वे ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे।पारिवारिक वातावरण साहित्यिक एवं काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में काव्य रक्त-रस अनवरत घूमता रहा है। उनकी सर्व प्रथम कविता ताजमहल थी। इसमें शृंगार रस के प्रेम प्रसून न चढ़ाकर "एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल, हम गरीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मजाक" की तरह उनका भी ध्यान ताजमहल के कारीगरों के शोषण पर ही गया। वास्तव में कोई भी कवि हृदय कभी कविता से वंचित नहीं रह सकता।

अटल जी ने किशोर वय में ही एक अद्भुत कविता लिखी थी - ''हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय", जिससे यह पता चलता है कि बचपन से ही उनका रुझान देश हित की तरफ था।

राजनीति के साथ-साथ समष्टि एवं राष्ट्र के प्रति उनकी वैयक्तिक संवेदनशीलता आद्योपान्त प्रकट होती ही रही है। उनके संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियाँ, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेक आयामों के प्रभाव एवं अनुभूति ने काव्य में सदैव ही अभिव्यक्ति पायी। विख्यात गज़ल गायक जगजीत सिंह ने अटल जी की चुनिंदा कविताओं को संगीतबद्ध करके एक एल्बम भी निकाला था।

               🔥 मृत्यु 🔥

वाजपेयीको 2009 मेंएकदौरा पड़ाथा,जिसके

बाद वह बोलने में असक्षम हो गए थे।उन्हें 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह सेअखिल भारतीय आयुर्विज्ञानसंस्थान(एम्स) मेंभर्ती कराया गया था,जहाँ16 अगस्त 2018 को शाम 05:05 बजे उनकी मृत्यु हो गयी। उनके निधन पर जारी एम्स के औपचारिक बयान में कहा गया:

"पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त 2018 को शाम 05:05 बजे अंतिम सांस ली। पिछले 36 घंटों में उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी। हमने पूरी कोशिश की पर आज उन्हें बचाया नहीं जा सका।"

उन्हेंअगले दिन 17अगस्त को हिंदू रीतिरिवाज 

केअनुसारउनकी दत्‍तकपुत्रीनमिताकौल भट्टा

चार्याने उन्हें मुखाग्नि दी। उनका समाधि स्थल राजघाट केपास शान्ति वन में बने स्मृति स्थल मेंबनाया गया है।उनकीअंतिम यात्राबहुत भव्य तरीके से निकाली गयी। जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सैंकड़ों नेता गण पैदल चलते हुए गंतव्य तक पहुंचे। वाजपेयी के निधन पर भारत भर में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गयी।अमेरिका,चीन, बांग्लादेश, ब्रिटेन, नेपाल 

औरजापानसमेत विश्वके कई राष्ट्रों द्वारा उनके निधनपर दुःख जताया गया।

अटलजी की अस्थियों को देशकी सभी प्रमुख नदियों में विसर्जित किया गया।

       🔶अटल जी की प्रमुख रचनायें🔶

उनकी कुछ प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ इस प्रकार हैं :

1.रग-रग हिन्दू मेरा परिचय

2.मृत्यु या हत्या

3.अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)

4.कैदी कविराय की कुण्डलियाँ

5.संसद में तीन दशक

6.अमर आग है

7.मेरी इक्यावन कविताएँ

        🔶 कुछ लेख: कुछ भाषण🔶

1=सेक्युलर वाद

2=राजनीति की रपटीली राहें

3=बिन्दु बिन्दु विचार, इत्यादि।

                💝पुरस्कार 💝

    🔶 जीवन के कुछ प्रमुख तथ्य 🔶

आजीवन अविवाहित रहे।वेएकओजस्वी एवं 

पटुवक्ता(ओरेटर)एवं सिद्ध हिन्दी कवि भी थे।

परमाणुशक्तिसम्पन्नदेशों कीसंभावितनाराजगी

से विचलित हुए बिना उन्होंने अग्नि-दो और परमाणु परीक्षण कर देश की सुरक्षा के लिये साहसीकदमभीउठाये।सन् 1998 मेंराजस्थान

के पोखरण में भारत का द्वितीय परमाणु परी

क्षण किया जिसे अमेरिका की सी०आई०ए० कोभनक तक नहीं लगने दी।अटलसबसे लम्बे समयतक सांसद रहे हैंऔर जवाहरलाल नेहरू व इंदिरागांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक

गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्रीभी।वहपहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंनेगठबन्धन सरकार को नकेवल स्था

यित्व दियाअपितुसफलता पूर्वक संचालित भी

किया।अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी मेंभाषण देकर भारत को  हिंदी भाषा को भी गौरवान्वित किया था।

      💝 अटल जी की टिप्पणियाँ 💝

चाहे प्रधान मन्त्री के पद पर रहे हों या नेता प्रतिपक्ष;बेशकदेशकीबात होया क्रान्तिकारियों

 की, या फिर उनकी अपनी ही कविताओं की; नपी-तुली और बेवाक टिप्पणी करने में अटल जी कभी नहीं चूके। यहाँ पर उनकी कुछ टिप्पणियाँ दी जा रही हैं।

"भारत को लेकर मेरी एक दृष्टि है- ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो।"

"क्रान्तिकारियों के साथ हमनेन्याय नहींकिया,

 देशवासी महान क्रान्तिकारियों को भूल रहे हैं, आजादी के बाद अहिंसा के अतिरेक के कारण यह सब हुआ।

"मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावनानहीं।वह हारेहुए सिपाहीका नैराश्य

-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय-संकल्प है। वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(C) आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ💐

1763 - भरतपुर के महाराजा सूरजमल की हत्या।

1771 मुग़लशासक शाहआलमद्वितीय मराठा

ओं के संरक्षण में दिल्ली के सिंहासन पर बैठे।

1892 - स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी में समुद्र के मध्य स्थित चट्टान पर तीन दिन तक साधना की।

1924 - पहला अखिल भारतीय कम्युनिस्ट कॉन्फ्रेंस कानपुर में संपन्न।

1946 - ताईवान में संविधान को अंगीकार किया गया।

1947 - पाकिस्तानी सेना ने झनगड़ को कब्जे में ले लिया था।

1974 - रोम जा रहे एयर इंडिया के विमान बोइंग 747 का अपहरण।

।1991 - राष्ट्रपति मिखाइल एस. गोर्बाचोव के त्यागपत्र के साथ ही सोवियत संघ का विभाजन एवं उसका अस्तित्व समाप्त।

1998 - रूस एवं बेलारूस द्वारा एक संयुक्त संघबनाये जाने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर।

2012 - दक्षिणी के शिमकेंट शहर मेंएन्टोनोव

 कम्पनी का एएकज़ाकिस्तानन-72 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई।

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐

 (D)आज के दिन जन्मे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व

1861को महान् स्वतंत्रता सेनानी,राजनीतिज्ञ, 

शिक्षाविदऔर एक बड़े समाज सुधारक मदन

मोहन मालवीय का जन्म हुआ था।

1872 को संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित गंगानाथ झा का जन्म हुआ था।

1924 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था।

1925 को प्रसिद्ध चित्रकार सतीश गुजराल का जन्म हुआ था।

1949 को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जन्म हुआ था।

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(E)आज के दिन निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।

1959 को भारतीय अभिनेता प्रेम अदीब का निधन हुआ था।

1972 को भारत के अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी का निधन हुआ था।

1977 को हॉलीवुडके प्रसिद्ध फ़िल्मअभिनेता

चार्ली चैपलिन का निधन हुआ था।

2007कोनाडा के प्रसिद्ध जॉजपियानोवादक

और संगीतकार आस्कर पीटरसन का निधन हुआ था।

 2011 को नाटककार, पटकथा लेखक, फ़िल्म व नाट्य निर्देशक सत्यदेव दुबे का निधन हुआ था।

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻।    

    (F) आज का दिन/दिवस का नाम

1.महान् स्वतंत्रता सेनानी,राजनीतिज्ञ, शिक्षा-

विदऔर एक बड़े समाज सुधारक मदनमोहन मालवीयक थे आज  उनका जयंती दिवस।

2  संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित गंगानाथ झा का आज जयंती दिवस है। 

3 भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जयंती  दिवस है।

4 प्रसिद्ध चित्रकार सतीश गुजराल का आज जयंती दिवस है ।

5  पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का आज जयंती दिवस है।

6 भारतीय अभिनेता प्रेम अदीब  थे आज उनका पुण्यतिथि दिवस है ।

7 भारत के अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी थे आज उनका पुण्यतिथि दिवस है।

8 हॉलीवुडके प्रसिद्ध फ़िल्मअभिनेता

चार्ली चैपलिन थे आज  उनका पुण्यतिथि दिवस है।

9 क़नाडा के प्रसिद्ध जॉजपियानोवादक

और संगीतकार आस्कर पीटरसन थे आज  उनका पुण्यतिथि दिवस है।

10 नाटककार, पटकथा लेखक, फ़िल्म व नाट्य निर्देशक सत्यदेव दुबे  थे आज उनका उनका पुण्यतिथि दिवस है।

🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐   

आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।

      आज जन्म लिये  सभी  व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई।  बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।

💐।जय चित्रांश।💐

💐जय महाकाल,बोले सो निहाल💐

💐।जय हिंद जय भारत💐

💐  निवेदक;-💐

💐 चित्रांश ;-विजय निगम।💐

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