जीवन के हर क्षेत्र में गीता का महत्व है। श्रीमद् भागवत भगवान की दिव्य वाणी मानव के लिए एक अमूल्य उपहार है, जिसके माध्यम से जीवन के हर पहलू का समाधान पाया जा सकता है। गीता आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत है और शाश्वत आनंद और शांति का मार्ग प्रशस्त करती है, इसलिए जीवन में आत्मविश्वास प्राप्त करने के लिए गीता को पढ़ना चाहिए। विश्वास के साथ इस पवित्र जनता का ध्यान समाधान, साहस, खुशी और मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य की उद्घाटित करता है।
गीता मनुष्य का परिचय जीवन की वास्तविकता से कराकर बिना स्वार्थ कर्म करने के लिए प्रेरित करती है। गीता अज्ञान, दुःख, मोह, क्रोध, काम और लोभ जैसी सांसारिक चीजों से मुक्ति का मार्ग बताती है। इसके अध्ययन, श्रवन, मनन-चिंतन से जीवन में श्रेष्ठता का भाव आता है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश ही श्रीमद्भागवत गीता में अंकित किए गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब भी आप किसी दुविधा या परेशानी में हो तो श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ ले क्योंकि इसमें लिखेगा श्लोक आपको सही मार्ग दिखाने में सहायक होते हैं, श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ने से हमें जीवन में सही राह चुनने में मदद मिलती है और यह ग्रंथ हमें जीवन की बुरी परिस्थितियों से कैसे निकाला जाए, इसका ज्ञान भी देता है। जिस तरह से गीता का ज्ञान सुनने के बाद अर्जुन अपनी दुविधा से निकल पाए थे, उसी तरह से गीता पढ़ने के बाद आप भी अपनी दुविधा से निकल पाने में सफल हो पाएंगे। गीता संपूर्ण जीवन दर्शन है, इसे जीवन में उतारने की आवश्यकता है। केवल कथा सुनने से कुछ नहीं होगा, कथा सुनने के बाद अच्छाई के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं इसके बारे में गीता में उल्लेख नहीं किया हो। सभी लोग अपने घर में न केवल गीता रखें, बल्कि गीता का अध्ययन भी करें। स्वयं को संस्कारित करें और दूसरों को भी संस्कारित करने का प्रयास करें। गीता का जितना प्रचार होगा उतना ही समाज में बदलाव आएगा। लोगों की सोच में बदलाव आएगा।