प्रदूषण के आंकड़ों के विश्लेषण हेतु शहर में लगाई 4 मशीनें


उज्जैन। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की माने तो दीपावली पर्व पर पटाखों से फैलने वाले प्रदुषण में उज्जैन शहर भी शामिल है। उज्जैन का नंबर पांचवा है। प्रदेश में पहला शहर भोपाल, दूसरा इंदौर, तीसरा जबलपुर और चौथा ग्वालियर आता हैँ। इस बार भी आतिशबाजी से उज्जैन शहर में होने वाले प्रदूषण को मापने के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के केन्द्रीय कार्यालय ने तैयारी कर ली है। प्रदूषण के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले विभाग के वैज्ञानिक डॉ. संत ने बताया कि उज्जैन शहर में इस बार भी जिला उद्योग केन्द्र, नगर निगम परिसर, महाकाल मंदिर में कुल 4 मशीनें स्थापित की गई हैं।


इन चारों मशीनों द्वारा 10 माइक्रोन से छोटे और 2.5 माइक्रोन से छोटे धूलकणों का मेजरमेंट किया जायेगा। आतिशबाजी बंद होने के बाद वातावरण में सूक्ष्म धूलकणों की मात्रा बढ़ जाती है। यदि प्रदूषक के रूप में मानव स्वास्थ्य को हानी पहुंचाती है। डॉ. संत ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण नापने के लिये अलग से भी मशीनें लगाई गई हैं। इस मशीन के द्वारा यह देखा जा रहा है कि बम एवं पटाखों को फोडऩे के बाद कितनी आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न होती है। जिन पटाखों को फोडऩे के बाद 125 डीबी से अधिक ध्वनि उत्पन्न होती है उसे ध्वनि प्रदूषक की श्रेणी में रखा जाता है। ज्ञात रहे कल बापजी पटाखा दुकान को प्रशासन ने इसलिये सील किया था क्योंकि उसका पटाखा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. संत ने मशीन चालू करके चलाया था। पटाखों की आवृत्ति 125 डीबी से अधिक पाई गई थी। डॉ. संत ने बताया कि आज भी मौके पर जाकर पटाखों की आवाज की जांच की जायेगी।


 



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