उज्जैन। उज्जैन से लगभग 20 किलो मीटर दूर मक्सी रोड स्थित कायथा गांव में 45 वर्षीय भंवरलाल पिता रतनलाल की छोटी-सी वेल्डिंग की दुकान है। पहले भंवरलाल किसी दूसरे के यहां वेल्डिंग का काम किया करते थे, लेकिन तीन साल पहले उन्होंने किराये पर मुख्य सड़क पर स्थित एक छोटी-सी दुकान ले ली थी। उनका वेल्डिंग का काम काफी अच्छा चल रहा था। वे तरह-तरह के दरवाजे, खिड़की और पलंग का काम ऑर्डर मिलने पर किया करते थे। भंवरलाल के परिवार में छोटा भाई, माता, पिता, पत्नी और तीन बच्चे हैं। वेल्डिंग के काम से हुई आमदनी परिवार चलाने के लिये काफी हुआ करती थी। भंवरलाल का छोटा भाई भी खेतों में काम कर उनका घर चलाने में हाथ बंटाता था।
लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण भंवरलाल को लॉकडाउन के चलते तीन महीने तक दुकान बन्द रखनी पड़ी। इस दौरान भंवरलाल की आय बिलकुल बन्द हो गई थी और दूसरी ओर दुकान का तीन महीने का किराया चढ़ गया था। जब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई तो भंवरलाल काम तो दोबारा शुरू करना चाहते थे, लेकिन दुकान के किराये की बकाया राशि बहुत ज्यादा हो गई थी और वे उसे चुका पाने में असमर्थ थे। इस वजह से तीन साल की मेहनत से जमा जमाया व्यवसाय बिखरने की कगार पर आ गया था। भंवरलाल को दुकान हाथ से जाती हुई दिख रही थी। वे रुपयों की कमी के कारण इतने कम समय में कोई दूसरा नया काम भी शुरू नहीं कर सकते थे।
इस वजह से भंवरलाल की माली हालत काफी खराब हो गई थी। बड़े परिवार को चलाने में भी उन्हें काफी समस्या आने लगी थी। नौबत यहां तक आ गई थी कि उन्हें दूसरों से घर का दैनिक उपयोग में आने वाला राशन भी रोज उधार लाना पड़ रहा था। फिर एक दिन ग्राम पंचायत के सचिव ने भंवरलाल को मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना के बारे में जानकारी दी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमन्द स्ट्रीट वेण्डर्स को पात्रता के आधार पर बिना किसी सिक्योरिटी और ब्याज के 10 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
बस फिर क्या था भंवरलाल ने तुरन्त योजना के तहत आवेदन दिया और एक सप्ताह के अन्दर उनके खाते में 10 हजार रुपये का ऋण प्रदाय कर दिया गया। इस ऋण से भंवरलाल न सिर्फ दुकान का किराया जमा कर सके, बल्कि बीते दिनों हुए नुकसान की भरपाई भी कर सके। अब उनका काम फिर से पहले जैसा चलने लगा है। भंवरलाल का कहना है कि निश्चित रूप से मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना उनके जैसे छोटे व्यवसाईयों के लिये वरदान साबित हुई है, जिनका व्यवसाय कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित हुआ था।