लॉकडाउन में जीवन की सायकल की चेन उतर गई थी....

  • मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना से फिर चलने लगी सायकल



उज्जैन। उज्जैन से तकरीबन 20 किलो मीटर दूर तराना रोड पर कायथा नाम का एक छोटा-सा गांव है। यहां मुख्य मार्ग पर प्रजापत सायकल सर्विस के नाम से एक छोटी-सी सायकल रिपेयर की दुकान है। यह दुकान आकार में छोटी जरूर है, लेकिन पूरे कायथा में जब भी किसी व्यक्ति की सायकल में कोई खराबी आती है तो वे इसे सुधरवाने के लिये इसी दुकान पर लेकर आते हैं।


इसकी वजह है, लोगों के मन में पिछले 20 सालों से जमा विश्वास कि सायकल में कुछ भी खराबी हो तो दिनेश भैया देख लेंगे। दिनेश प्रजापत यही नाम है इस दुकान के मालिक का। 40 वर्षीय दिनेश बताते हैं कि जब से उन्होंने होश संभाला, तब से वे इस दुकान में सायकल रिपेयर का काम करते आ रहे हैं। पिछले 20 सालों के अनुभव में उन्होंने न जानें कितनी ही सायकलों को दुरूस्त कर दिया होगा। दिनेश ने बताया कि कायथा में पेयजल की काफी समस्या है। गांववाले दूर से पीने का पानी लाने के लिये आसपास के क्षेत्रों में सायकल से ही आना-जाना करते हैं, इसीलिये कायथा में हर घर में एक सायकल तो मिल ही जायेगी।


इसीलिये छोटी होने के बावजूद दिनेश की सायकल की दुकान काफी चलती थी। पहले दिनेश के पिता दुकान चलाते थे। उन्हीं से सायकल सुधारने का हुनर दिनेश को मिला। दिनेश के परिवार में मां, पत्नी और दो बच्चे हैं। बच्चों की पढ़ाई, उनका पालन-पोषण, मां की देखभाल और पूरी गृहस्थी चलाने के लिये मुख्य आय का स्त्रोत सायकल की दुकान ही थी।


बीते दिनों कोरोना संक्रमण के कारण जब लॉकडाउन लगा और जैसे-जैसे उसकी अवधि बढ़ती जा रही थी वैसे-वैसे दिनेश का व्यवसाय ठप पड़ता जा रहा था। दिनेश की दुकान तकरीबन तीन महीने बन्द रही। इस दौरान उन्हें काफी नुकसान हो गया था। दिनेश को ऐसा लगने लगा था मानों उनकी जिन्दगी की सायकल की चेन उतर गई है, जिसे वे कई कोशिशों की बावजूद चढ़ा नहीं पा रहे थे।


जब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई और सबकुछ सामान्य होने लगा, उसके बावजूद दिनेश को सायकल रिपेयर के लिये जरूरी उपकरण और कुछ सामान खरीदना था, लेकिन वे इतनी पूंजी जुटा पाने में असमर्थ थे। एक दिन दिनेश को ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता (स्ट्रीट वेण्डर) योजना के बारे में जानकारी मिली। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत स्ट्रीट वेण्डर्स को 10 हजार रुपये का ऋण बिना किसी ब्याज के शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। दिनेश ने योजना के तहत आवेदन दिया और ग्रामीण बैंक के माध्यम से उनके खाते में 10 हजार रुपये की राशि कुछ ही दिनों में आ गई।


इस राशि से दिनेश ने अपनी दुकान के लिये लगने वाले आवश्यक उपकरण और सामान की खरीदी की तथा उनका व्यवसाय एक बार पुन: सामान्य रूप से चलने लगा। दिनेश ने बताया कि गरीबों के लिये शासन की यह अत्यन्त लाभदायी योजना है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले लोगों के लिये काफी सहुलियत होगी। कोरोना संक्रमण के बाद पुन: अपने व्यवसाय को प्रारम्भ करने के लिये एक नई प्रेरणा मिलेगी तथा वे बेपटरी हुई जिन्दगी को दोबारा पटरी पर ला सकेंगे। दिनेश इसके लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं।


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