आज की बात आपके साथ - विजय निगम

               ॐ गं गणपतये नमः।।
  ॐनम:भगवते वासुदेवाय आदित्याय सुर्याय नम:
 "" या देवी सर्व भुतेशू शक्तिरूपेण सांस्थिता 
     नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नम:
ॐयमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय नमो नमः.   
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌲🌹💐💐🌻प्रिय साथियो। 
🌹राम-राम🌹
🌻 नमस्ते।🌻
आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों का दिनांक 22 नवम्बर 2020 रविवार.की प्रातः की बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।
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आज की बात आपके साथ  अंक मे है 
 A कुछ रोचक समाचार
B आज के दिन जन्मे..  उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री.मुलायम सिंह यादव.का.   जीवन..परिचय  लेख.... 
C आज के दिन   की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण    
    व्यक्तित्व
E आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
F आज का दिवस का नाम ।
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  (A) कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त)
🌺(A/1)वालमार्ट ने भी माना इन्सानो की जगह रोबोट नही ले सकता क्योकी इन्सान रोबोट से ज्यादा मेहनती होता हे।🌺🌺🍁
(A/2)WHO ने चेतावनी दी है कि दुनिया आज कोरोना वायरस  एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी खतरनाक समस्या से मुखातिब  होने को हे इसे नही रोका नही गया तो कोविड को लेकर की गई अब तक की सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी।
🌺(A/3 )1प्रकृती का एक नियम है। सामान्यतः 12 घंटे का दिन और फिर 12 घंटे की रात होती है। मौसम के अनुरूप इसमें कुछ घंटों का फर्क जरूर देखने को मिलता है। पर अब यदि दो महीने की रात हो जाए तो आप क्या करेंगे?
🌺(A/4)अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के एक और साथी अभिनेता अमित साध ने भी की थी कभी आत्महत्या की कोशिश ?🌺
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         (A)कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)
🌺(A/1)वालमार्ट ने भी माना इन्सानो की जगह रोबोट नही ले सकता क्योकी इन्सान रोबोर्त्स से ज्यादा मेहनती हे।🌺
 दुनिया के सबसे बड़े खुदरा विक्रेताओं में शुमार वॉलमार्ट (wallmart) ने अपने बड़े स्टोर में रुटीन कामों के लिए इंसानों की जगह रोबोटस को तैनात किया है। यानी अब इन कम्प्यूटरी कर्मचारियों ने इंसानों को आउटसोर्स कर दिया है। लेकिन कुछ सबसे बुनियादी स्तरों पर, मानव अब भी भी मशीनों से बेहतर विकल्प है। इस बात का अहसास हाल ही वॉलमार्ट को भी हो गया। वॉल स्ट्रीट जर्नल (wall street journal) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस रिटेल दिग्गज ने हाल ही में सैन फ्रांसिस्को स्थित बोसा नोवा रोबोटिक्स फर्म के साथ एक अनुबंध किया था। यह फर्म छह फीट ऊंचे रोबोट बनाती है, जो वॉलमार्ट स्टोर के गलियारों में घूमते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक शेल्फ में पर्याप्त सामान (इन्वेंट्री) है। इस रोबोटिक्स फर्म के साथ कंपनी का पांच साल तक अनुबंध रहा। कॉन्ट्रैक्ट रद्द होने की अवधि तक, इन इन्वेंट्री-स्कैनिंग रोबोट्स का वॉलमार्ट ने देशभर में बने 4,576 में से 500 स्टोर पर इस्तेमाल किया गया था। कोरोना महामारी (corona pandemic) के चलते व्यवसाय में आईं मंदी के बाद वॉलमार्ट ने साझेदारी को समाप्त करने का फैसला किया। क्योंकि कंपनी ने रोबोट्स की तुलना में मानव कर्मचारियों को अधिक सरल और लागत प्रभावी समाधान पाया।
बोसा नोवा के रोबोटस के पास हाथ नहीं हैं जिनकी मदद से वे चीजों को इधर-उधर कर सकते हैं। हालांकि, वे यह देखने के लिए इन्वेंट्री स्कैन कर सकते हैं कि कौन से उत्पाद स्टॉक से बाहर हैं। लेकिन महामारी के दौर में स्टोर में आने वाले लोगों की प्रतिक्रिया, मल्टीटास्किंग और आमने-सामने के व्यवहार में लोगों से वार्ता करने जैसे सामान्य कामों में इंसान रोबोट्स से बहुत आगे हैं। वॉलमार्ट के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे नई तकनीकों का परीक्षण करना जारी रखेंगे और अपनी इन्वेंट्री को बेहतर ढंग से ट्रैक करने के लिए अब ऐप्स में निवेश करेंगे।
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🌺🍁(A/2)WHO ने चेतावनी दी है कि दुनिया आज कोरोना वायरस  एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी खतरनाक समस्या से मुखातिब  होने को हे इसे नही रोका नही गया तो कोविड को लेकर की गई अब तक की सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी।🌺
नई दिल्ली। एक ओर जहां कोरोना वायरस भारत समेत पूरी दुनिया भर के तमाम देशों में कहर बरपा रहा है, वहीं विश्व एक और खतरनाक संकट के मुहाने पर खड़ा है। यह हमारा नहीं, बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है। WHO ने चेतावनी दी है कि दुनिया आज कोरोना वायरस ( Coronavirus ) जैसी ही भयानक समस्या से मुखातिब होने को है। अगर नहीं संभला गया तो कोविड को लेकर की गई अब तक की सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी।
     ❤  विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंतित❤
WHO एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (Antimicrobial Resistance) के बढ़ने से चिंतित है। दरअसल, एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें किसी संक्रमण या जख्म को भरने के लिए बनी दवाई काम करना बंद कर देती है। जानकारों के अनुसार ऐसा तब होता है, जब संक्रमण या घाव वाले जीवाणु उस दवाई के प्रति अपनी इम्यूनिटी स्ट्रॉंग कर लेते हैं। WHO के अनुसार एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (Antimicrobial Resistance) का बढ़ना न केवल कोरोना महामारी (COVID-19 Pandemic) की ही तरह ही खतरनाक, बल्कि ऐसे संकट में यह दुनिया को बर्बादी के कगार पर भी खड़ा कर सकती है।
        🌹जीवाणु मौजूदा दवाओं के आदी🌹
WHO के महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम घेब्रेसस ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मौजूदा समय का सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा साबित हो सकता है। घेब्रेसस ने बताया कि एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस ऐसी परिस्थिति में होता है, जब बीमारी फैलाने के लिए जिम्मेदार जीवाणु मौजूदा दवाओं के आदी हो जाते हैं। ऐसी दवाओं में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल या एंटिफंगल आदि को शामिल किया जाता है। एक प्रेस वार्ता में मीडिया को संबोधित कर रहे टेड्रोस ने कहा कि 'एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस एक महामारी के जितना ही भयानक है। अगर समय रहते नहीं संभला गया तो यह मेडिकल प्रोग्रेस की 100 सालों की मेहनत पर पानी फेर सकता है।
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🌹(A/3)प्रकृती का एक नियम है। सामान्यतः 12 घंटे का दिन और फिर 12 घंटे की रात होती है। मौसम के अनुरूप इसमें कुछ घंटों का फर्क जरूर देखने को मिलता है। पर अब यदि दो महीने की रात हो जाए तो आप क्या करेंगे🌹
दरअसल, ऐसा ही कुछ अमरीका के अलास्का प्रांत ( Alaska Province ) के एक शहर में हुआ है। अमरीका का अलास्का प्रांत बहुत ही खूबसूरत है। इस प्रांत का एक शहर उतकियागविक ( Utqiagvik City In Alaska ), जो कि आर्कटिक सर्कल की ऊंचाई पर स्थित है। इस शहर की आबादी लगभग चार हजार है। यहां पर आखिरी बार 18 नवंबर को सूरज दिखाई पड़ा था। अब दो महीने बाद अगले साल 23 जनवरी को यहां पर सूरज दिखेगा।
अलास्का आइलैंड पर फंसा व्यक्ति, 23 दिन बाद पहुंची मदद, पूरी घटना जानकर हो जाएंगे हैरान
यानी कि कुल 65 दिन के बाद उतकियागविक में लोगों को सूरज देखने को मिलेगा। तब तक सभी लोग रात के अंधेरे में ही रहेंगे। यहां के लोग इस पूरे समयावधि को ’65 डेज ऑफ डार्कनेस’ कहते हैं। उतकियागविक को 2016 तक बैरो के नाम से जाना जाता था। इस शहर की खासियत ये है कि मौसम के अनुरूप यहां पर जितने दिनों की रात होती है उतने से भी अधिक समय के लिए दिन भी होता है। मतलब ये कि गर्मी के मौसम में यहां पर करीब 3 महीने तक लगातार दिन रहता (सूरज नहीं डूबता है) है। आइए समझते हैं कि यहां पर यह सब कैसे और क्यों होता है..
          🌺दिन और रात  कैसे होती है🌺?
हम सभी ने भूगोल में ये पढ़ा है कि दिन और रात कैसे होती है और इसका मुख्य कारण क्या है। हम सभी को ये पता है कि पृथ्वी गोल है और वह अपनी धूरी पर घूमने के साथ ही सूरज के चारों और चक्कर लगाता है। अपनी धूरी में घूमने के कारण दिन और रात होती है, जबकि सूरज के चारों ओर घूमने के कारण अगला साल (वर्ष) आता है।
जब पृथ्वी अपनी धूरी में घूमता है तो एक चक्कर पूरा करने में 24 घंटा लगता है। इस दौरान 12 घंटे तक पृथ्वी के एक भाग पर सूरज की किरणें पड़ती है, जबकि दूसरे भाग पर नहीं पड़ती है। ऐसे में जहां पर रोशनी पड़ती है वहां दिन होती है और जहां नहीं पड़ता है वहां रात होती है। इस तरह से समय के अनुरूप पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में दिन-रात का सिलसिला भी चलता रहता है।
            🌺रात-दिन लंबे क्यों होते हैं🌺?
अब ये सवाल उठता है कि जब पृथ्वी 24 घंटे में अपनी धूरी में एक चक्कर पूरा करती है और उसके अनुसार ही 12-12 घंटे का दिन-रात होती है तो फिर कई जगहों पर लंबी-लंबी रातें और दिन क्यों होते है? दरअसल, हम सभी ने भूगोल में यह भी पढ़ा है कि पृथ्वी अपने अक्ष (एक्सिस) पर 23.5 डिग्री झुकी है। पृथ्वी के दो ध्रुव हैं, इसे दक्षिणी गोलार्ध और उत्तरी गोलार्ध कहते हैं।
   चूंकि पृथ्वी झुकी हुई है और जब अपनी धुरी पर घूमती है तो इन दोनों गोलार्धों में से एक पर ही सूरज की रोशनी पड़ती है। ऐसे में जिस गोलार्ध पर रोशनी पड़ती है वहां दिन होता है और जहां नहीं पड़ता है वहां रात होती है। पृथ्वी को सूरज का चक्कर लगाने में 365 दिन का वक्त लगता है। ऐसे में 6 महीने तक पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में रोशनी होती है, तो दक्षिणी गोलार्ध में रात। इसी तरह से अगले 6 महीने के लिए से दक्षिणी गोलार्ध में दिन होती है तो उत्तरी गोलार्ध में रात। इसका सीधा सा अर्थ ये है कि पृथ्वी के 23.5 डिग्री झुके होने के कारण गोलार्ध पर 6 महीने में एक बार सूरज निकलता है और अगले 6 महीने बाद एक बार ही डूबता है।
        🌺 उतकियागविक में ऐसा क्यों होता है🌺?
आपको बता दें कि अलास्का का उतकियागविक शहर उत्तरी ध्रुव पर आर्कटिक सर्कल में बसा है। यानी कि तकरीबन पृथ्वी के ध्रुवीय इलाके में ऊंचाई पर स्थित है। यह शहर उत्तरी ध्रुव से लगभग 2 हजार 92 किलोमीटर दूर है। यही कारण है कि सर्दियों के मौसम में सूरज यहां क्षितिज (जमीन) से ऊपर नहीं आ पाता है। विज्ञान में इसे पोलर नाइट कहा जाता है। अलास्का के इस शहर में हर साल पोलर नाइट होता है। इस शहर का औसत तापमान – 5 डिग्री से नीचे रहता है। पोलर नाइट के समय यहां का तापमान -10 से -20 डिग्री तक नीचे चला जाता है, जिससे यहां ठंड और बढ़ जाती है। जो शहर या देश ध्रुव के जितना ज्यादा नजदीक होता है, वहां पर दिन और रात उतनी ही लंबी होती है।
🌻अलास्का में आखिर क्यों आते हैं इतने भूकंप🌻, जानिए पूरा मामला
उतकियागविक में नवंबर से जनवरी तक काफी ठंड पड़ती है। यहां 65 दिनों तक सूरज निकलेगा जरूर पर सूरज की हल्की रोशनी ही यहां पहुंच पाएगी। अंग्रेजी में इसे ‘Civic Twilight’ कहते हैं। जैसे-जैसे पोलर नाइट का समय शुरू होती है, वैसे-वैसे 6 घंटे तक विजिबिलिटी रहती है। पर जैसे-जैसे यह समय गुजरता है, वैसे-वैसे यह 3 घंटे तक ही रह जाती है।
उतकियागविक में 82 दिनों तक रहती हो रोशनी
बता दें कि गर्मियों के मौसम में अलास्का के उतकियागविक में 82 दिनों तक सूरज निकल रहता है। इसके कारण यहां इतने दिनों तक रात नहीं होती है। इसे 'मिडनाइट सन' कहा जाता है। उतकियागविक में 12 मई से 2 अगस्त तक सूरज निकला रहता है। यहां पर भी ‘Civic Twilight’ लागू होता है।
           🌺क्या होता है ‘Civic Twilight’🌺?
आपको बता दें कि ‘Civic Twilight’ का मतलब हल्की मध्यम प्रकाश किसी जगह तक पहुंचना। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जब हम अपने कमरे में किसी बल्ब को जलाते हैं तो पूरे कमरे में बल्ब की रोशनी फैल जाती है और तेज प्रकाश होता है। लेकिन कमरे का दरवाजा या खिड़की खुली हो तो बाहर कुछ दूर तक इसकी रोशनी पहुंचती है।
इस दौरान खिड़की या दरवाजे के सामने थोड़ा ज्यादा रोशनी होती है, पर जैसे-जैसे हम थोड़ा दूर बढ़ते हैं रोशनी कम होती जाती है और एक स्थान ऐसा आता है, जब कमरे की रोशनी बिल्कुल भी नहीं पहुंचती है, वहां अंधेरा हो जाता है। इसी हल्की मध्यम रोशनी को ‘Civic Twilight’ कहा जाता है।
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🌺(A/4)अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के एक और साथी अभिनेता अमित साध ने भी की थी कभी आत्महत्या की कोशिश ?🌺 
नई दिल्ली। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (के निधन के बाद से इंडस्ट्री में कई गंभीर मुद्दों ने जन्म ले लिया है। जिसमें से एक है मेंटल हेल्थ का मुद्दा। जिस पर काफी लंबे सेवाद-विवाद चलता आ रहा है। जिसमें यह बात सामने आई कि मानसिक तौर पर ठीक ना होने पर कई सेलेब्स खुदखुशी को कर बैठे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर कई सेलेब्स खुलकर डिप्रेशन को लेकर बात कर रहे हैं। साथ ही अपने पर्सनल एक्सपीरियंस को भी शेयर कर रहे हैं। इस बीच अभिनेता अमित साध ( Amit Sadh ) ने भी अपनी जिंदगी का एक ऐसा किस्सा शेयर किया है। जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कई बड़े खुलासे किए है।
सुशांत के साथ फिल्म 'कई पो चे' ( Kai Po Che ) में काम करने वाले अमित साध बताते हैं कि उनकी लाइफ में एक दौर ऐसा आया था। जब वह पूरी तरह से डिप्रेशन में चल गए थे। वह अपनी जिंदगी से इतना तंग आ गए थे कि उन्होंने एक बार नहीं बल्कि चार पर आत्महत्या करने की कोशिश की। हैरानी की बात यह है कि उस दौरान उनकी उम्र महज 16 से 18 साल ही थी। अभिनेता आगे बताते हैं कि जब उन्होंने चौथी बार सुसाइड करने की कोशिश की तो उन्होंने फैसला लिया कि वह अपनी जिंदगी की मायूसी का सामना करके उससे फाइट करेंगे।
उन्होंने अपनी लाइफ में 'नेवर गिव अप' ( Never Give Up ) का मंत्र अपनी जिदंगी पर लागू किया और डिप्रेशन से लड़ना शुरू कर दिया। समय के साथ वह अपनी लाइफ में आगे बढ़ गए। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अमित ने यह भी बताया कि 'अपनी परेशानियों और डर से लड़ने के लिए एक सकारात्मक सोच को इक्कट्ठा करने के लिए उन्हें करीबन 20 साल लग गए, लेकिन आज उनके पास उनकी जिंदगी को देखने का अलग नजरिया है। वह अब हर चीज़ को पॉजिटिव ढंग से ही देखते हैं।'
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(B)आज के दिन जन्मे. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
.मुलायम सिंह यादव.का. जीवन..परिचय  लेख.          
             जीवन परिचय  लेख. 
             मुलायम सिंह यादव
          उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे धुरंधर नेता के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने साधारण परिवार से निकलकर प्रदेश और देश की सियासत में एक बड़ी पहचान बनाई। वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बार देश के रक्षा मंत्री के रूप में सेवा दे चुके हैं। 22 नवम्बर, 1939 को इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई में पैदा होने वाले मुलायम ने शुरुआती दिनों में शिक्षण कार्य किया। लेकिन लोहिया और उनके साथ के लोगों के संपर्क में आने के बाद उन्होंने सियासत की ओर रुख किया। लोकदल के विधायक के रूप में सियासत में कदम रखने वाले मुलायम ने 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जड़ें मजबूत करने में उनका अमूल्य योगदान माना जाता है। इस पार्टी ने प्रदेश में चार बार सरकार बनाई। तीन बार वह खुद मुख्यमंत्री रहे जबकि चौथी बार 2012 में उनके पुत्र अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। अखिलेश यादव के कार्यकाल में उनके परिवार मेें विरासत को लेकर कडा़ संघर्ष शुरू हो गया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से एक बड़ी बैठक बुलाकर उनके पुत्र अखिलेश यादव ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बना दिया गया। मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल से पद और सरकार में भूमिका को लेकर कड़ा संघर्ष चला, जिसका असर 2017 के विधानसभा के चुनाव पर भी हुआ। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा बुरी तरह हार गई और बाद में शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से अलग संगठन बना लिया। मुलायम सिंह यादव फिलहाल समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं और मैनपुरी से पार्टी के उम्मीदवार।
              🌺मुलायम सिंह यादव🌺
              उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
                         कार्यकाल
5 दिसम्बर 1988 – 24 जून 1991
पूर्व अधिकारी
नारायण दत्त तिवारी
उत्तराधिकारी
कल्याण सिंह
                        कार्यकाल
5 दिसम्बर 1993 – 3 जून 1995
पूर्व अधिकारी
राष्ट्रपति शासन
उत्तराधिकारी
मायावती
                       कार्यकाल
29 अगस्त 2003 – 13 मई 2007
पूर्व अधिकारी
मायावती
उत्तराधिकारी
मायावती
                   भारत के रक्षा मंत्री
                          कार्यकाल
1 जून 1996 – 19 मार्च 1998
पूर्व अधिकारी
प्रमोद महाजन
उत्तराधिकारी
जॉर्ज फ़र्नान्डिस


जन्म:-21 नवम्बर 1939
सैफई, इटावा, [उत्तर प्रदेश]]
राजनैतिक पार्टी
सोशलिस्ट पार्टी , लोकदल , जनता दल , समाजवादी पार्टी 1992 से
संतान:- यादव , प्रतीक यादव
                    💝व्यक्तिगत जीवन💝 
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गाँव में मूर्ति देवी व सुधर सिंह यादव के किसान परिवार में हुआ। मुलायम सिंह यादव अपने पाँच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल सिंह यादव और कमला देवी से बड़े हैं। पिता सुधर सिंह यादव उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे किन्तु पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।
राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादवआगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम०ए०) एव जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बी० टी० करने के बाद कुछ दिनों तक इन्टर कालेज में अध्यापन कार्य भी कर चुके हैं।
               🌺  राजनीतिक जीवन 🌺
मुलायम सिंह उत्तर भारत के बड़े समाजवादी और किसान नेता हैं। एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले मुलायम सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन उत्तर प्रदेश में विधायक के रूप में शुरू किया। बहुत कम समय में ही मुलायम सिंह का प्रभाव पूरे उत्तर प्रदेश में नज़र आने लगा। मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज का सामाजिक स्तर को ऊपर करने में महत्वपूर्ण कार्य किया। सामाजिक चेतना के कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति में अन्य पिछड़ा वर्ग का महत्वपूर्ण स्थान हैं। समाजवादी नेता रामसेवक यादव के प्रमुख अनुयायी (शिष्य) थे तथा इन्हीं के आशीर्वाद से मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और मन्त्री बने। 1992में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे। इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षा मन्त्री भी रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में यादव समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में मुलायम सिंह की पहचान है। उत्तर प्रदेश में सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में मुलायम सिंह ने साहसिक योगदान किया। मुलायम सिंह की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष नेता की है। उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी माना जाता है। उत्तर प्रदेश की सियासी दुनिया में मुलायम सिंह यादव को प्यार से नेता जी कहा जाता है। 2012 में समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला। यह पहली बार हुआ था कि उत्तर प्रदेश में सपा अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में थी। नेता जी के पुत्र और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर शोर से उठाया और प्रदेश के सामने विकास का एजेंडा रखा। अखिलेश यादव के विकास के वादों से प्रभावित होकर पूरे प्रदेश में उनको व्यापक जनसमर्थन मिला। चुनाव के बाद नेतृत्व का सवाल उठा तो नेताजी ने वरिष्ठ साथियों के विमर्श के बाद अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। अखिलेश यादव मुलायम सिंह के पुत्र है। अखिलेश यादव ने नेता जी के बताए गये रास्ते पर चलते हुए उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया. 'समाजवादी पार्टी' के नेता मुलायम सिंह यादव पिछले तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात मुलायम सिंह ने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से ही अपना राजनीतिक सफर आरम्भ किया था। मुलायम सिंह यादव जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक चुने गए थे। विधायक का चुनाव भी 'सोशलिस्ट पार्टी' और फिर 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' से लड़ा था। इसमें उन्होंने विजय भी प्राप्त की। उन्होंने स्कूल के अध्यापन कार्य से इस्तीफा दे दिया था। पहली बार मंत्री बनने के लिए मुलायम सिंह यादव को 1977 तक इंतज़ार करना पड़ा, जब कांग्रेस विरोधी लहर में उत्तर प्रदेश में भी जनता सरकार बनी थी। 1980 में भी कांग्रेस की सरकार में वे राज्य मंत्री रहे और फिर चौधरी चरण सिंह के लोकदल के अध्यक्ष बने और विधान सभा चुनाव हार गए। चौधरी साहब ने विधान परिषद में मनोनीत करवाया, जहाँ वे प्रतिपक्ष के नेता भी रहे। 1996 में मुलायम सिंह यादव ग्यारहवीं लोकसभा के लिए मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से चुने गए थे और उस समय जो संयुक्त मोर्चा सरकार बनी थी, उसमें मुलायम सिंह भी शामिल थे और देश के रक्षामंत्री बने थे। यह सरकार बहुत लंबे समय तक चली नहीं। मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने की भी बात चली थी। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में वे सबसे आगे खड़े थे, किंतु उनके सजातियों ने उनका साथ नहीं दिया। लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने उनके इस इरादे पर पानी फेर दिया। इसके बाद चुनाव हुए तो मुलायम सिंह संभल से लोकसभा में वापस लौटे। असल में वे कन्नौज भी जीते थे, किंतु वहाँ से उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव को सांसद बनाया।
           💝  केंद्रीय राजनीति 💝
केंद्रीय राजनीति में मुलायम सिंह का प्रवेश 1996 में हुआ, जब काँग्रेस पार्टी को हरा कर संयुक्त मोर्चा ने सरकार बनाई। एच. डी. देवेगौडा के नेतृत्व वाली इस सरकार में वह रक्षामंत्री बनाए गए थे, किंतु यह सरकार भी ज़्यादा दिन चल नहीं पाई और तीन साल में भारत को दो प्रधानमंत्री देने के बाद सत्ता से बाहर हो गई। 'भारतीय जनता पार्टी' के साथ उनकी विमुखता से लगता था, वह काँग्रेस के नज़दीक होंगे, लेकिन 1999 में उनके समर्थन का आश्वासन ना मिलने पर काँग्रेस सरकार बनाने में असफल रही और दोनों पार्टियों के संबंधों में कड़वाहट पैदा हो गई। 2002 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 391 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, जबकि 1996 के चुनाव में उसने केवल 281 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था।
      💝राजनीतिक दर्शन तथा विदेश यात्रा,💖
मुलायम सिंह यादव की राष्ट्रवाद, लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्तों में अटूट आस्था रही है। भारतीय भाषाओं, भारतीय संस्कृति और शोषित पीड़ित वर्गों के हितों के लिए उनका अनवरत संघर्ष जारी रहा है। उन्होंने ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैण्ड, पोलैंड और नेपाल आदि देशों की भी यात्राएँ की हैं। लोकसभा सदस्य कहा जाता है कि मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश की किसी भी जनसभा में कम से कम पचास लोगों को नाम लेकर मंच पर बुला सकते हैं। समाजवाद के फ़्राँसीसी पुरोधा 'कॉम डी सिमॉन' की अभिजात्यवर्गीय पृष्ठभूमि के विपरीत उनका भारतीय संस्करण केंद्रीय भारत के कभी निपट गाँव रहे सैंफई के अखाड़े में तैयार हुआ है। वहाँ उन्होंने पहलवानी के साथ ही राजनीति के पैंतरे भी सीखे। लोकसभा से मुलायम सिंह यादव ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य चुने गये थे।
   विधान परिषद 1982-1985 विधान सभा 1967, 1974, 1977, 1985, 1989,1991,
 1993 और 1996 (आठ बार) विपक्ष के नेता, उत्तर प्रदेश विधान परिषद 1982-1985 विपक्ष के नेता, उत्तर प्रदेश विधान सभा 1985-1987 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री
सहकारिता और पशुपालन मंत्री 1977 रक्षा मंत्री 1996-1998
            💖भाजपा से नजदीकी 💖
मुलायम सिंह यादव मीडिया को कोई भी ऐसा मौका नहीं देते, जिससे कि उनके ऊपर 'भाजपा' के क़रीबी होने का आरोप लगे। जबकि राजनीतिक हलकों में यह बात मशहूर है कि अटल बिहारी वाजपेयी से उनके व्यक्तिगत रिश्ते बेहद मधुर थे। वर्ष 2003 में उन्होंने भाजपा के अप्रत्यक्ष सहयोग से ही प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी। अब 2012 में उनका आकलन सच भी साबित हुआ। उत्तर प्रदेश में 'समाजवादी पार्टी' को अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल हुई है। 45 मुस्लिम विधायक उनके दल में हैं।
            💥पुरस्कार व सम्मान💥 
पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को 28 मई, 2012 को लंदन में 'अंतर्राष्ट्रीय जूरी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ़ जूरिस्ट की जारी विज्ञप्ति में हाईकोर्ट ऑफ़ लंदन के सेवानिवृत न्यायाधीश सर गाविन लाइटमैन ने बताया कि श्री यादव का इस पुरस्कार के लिये चयन बार और पीठ की प्रगति में बेझिझक योगदान देना है।उन्होंने कहा कि श्री यादव का विधि एवं न्याय क्षेत्र से जुड़े लोगों में भाईचारा पैदा करने में सहयोग दुनियाभर में लाजवाब है।
ज्ञातव्य है कि मुलायम सिंह यादव ने विधिक्षेत्र में ख़ासा योगदान दिया है। समाज में भाईचारे की भावना पैदाकर मुलायम सिंह यादव का लोगों को न्‍याय दिलाने में विशेष योगदान है। उन्होंने कई विधि विश्‍वविद्यालयों में भी महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।
              💥मुलायम सिंह 💥
मुलायम सिंह पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। इनमे पहला नाम "मुलायम सिंह यादव- चिन्तन और विचार" का है जिसे अशोक कुमार शर्मा ने सम्पादित किया था।  इसके अतिरिक्त राम सिंह तथा अंशुमान यादव द्वारा लिखी गयी "मुलायम सिंह: ए पोलिटिकल बायोग्राफी" अब उनकी प्रमाणिक जीवनी है।  लखनऊ की पत्रकार डॉ नूतन ठाकुर ने भी मुलायम सिंह के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक महत्व को रेखांकित करते हुए एक पुस्तक लिखने का कार्य किया है।
 🌻💐🌹🌲🌱🌸💐🌹🌲🌱🌸🌲🌹💐💐🌻(C) आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ💐
1943- द्वितीय विश्वयुद्ध मृत कड़ियाँ के दौरान जापान को हराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट, ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और चीनी शासक च्यांग काई शेक के बीच मंत्रणा हुई।
1950- अमेरिका के रिचमंड हिल्स में रेल दुर्घटना में 79 लोगों की मृत्यु हो गई।
1967- संयुक्त राष्ट्र ने 242वां प्रस्ताव पारित करके इजरायल को जमीन वापस करने का निर्देश दिया।
1968- मद्रास राज्य का नाम बदलकर तमिलनाडु करने के प्रस्ताव को लोकसभा से स्वीकृति मिली।
1971- भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे की हवाई सीमाओं का उल्लंघन किया और दोनों देशों के बीच हवाई संघर्ष शुरू हुआ।
1989- मंगल, शुक्र, शनि, यूरेनस, नेप्च्यून और चंद्रमा एक ही सीध में आये।
1990- ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
1997 भारत की डायना हेडेन विश्व सुन्दरी बनी।
1920 – हकीम अजमल ख़ान जामिया के पहले चांसलर बने।
1963 – डलास (टेक्सास) में सं.रा. अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ॰ केनेडी की हत्या।
1971 – भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे की हवाई सीमाओं का उल्लंघन किया और दोनों देशों के बीच हवाई संघर्ष शुरू हुआ।
1975 – जुआन कार्लोस स्पेन के राजा बने।
1998 – बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन ने ढाका की अदालत में आत्मसमर्पण किया।
2000 – पाकिस्तान व ईरान पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रतिबंध।
2002 – मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन के विरोध में नाइजीरिया में भड़के दंगे में सैंकड़ों लोग मारे गये।
2006 – भारत और वैश्विक कंसोर्टियन के छह अन्य देशों ने सूर्य की तरह ऊर्जा पैदा करने वाले प्राथमिक फ़्यूजन रिएक्टर की स्थापना करने के लिए पेरिस में ऐतिहासिक समझौता किया।
2007 – ब्रिटेन में अवैध प्रवासी की समस्या पर काबू पाने के लिए कड़ी घोषणायें की गईं।
2008 – भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने अपना पद छोड़ने की धमकी दी।
2008 – हिन्दी के प्रख्यात कवि कुंवर नारायण को वर्ष 2005 के ज्ञानपीठ पुरस्कार हेतु चुना गया।
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(D)आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व
1830-झलकारीबाई- झाँसीकरानी लक्ष्मीबाई
की नियमितसेना में,महिला शाखा 'दुर्गा दल' की सेनापति|
1882 – वालचंद हीराचंद - भारत के प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक थे।
1892 – मीरा बेन - एक ब्रिटिश सैन्‍य अधिकारी की पुत्री, जिन्होंने 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम' में महात्मा गाँधी के सिद्धांतों से प्रभावित होकर खादी का प्रचार किया।
1899 - शहीद लक्ष्मण नायक, वरिष्ठ भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
1916- शांति घोष, वरिष्ठ भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
1939 – मुलायम सिंह यादव - 'समाजवादी पार्टी' के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
1963 – पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग - नौकायन में भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में गिने जाते हैं।
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(E)आज के दिन निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
1967 – तारा सिंह- प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा कट्टर सिक्ख नेता
2016 – राम नरेश यादव- मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेशके पूर्व मुख्यमंत्री
2016 – विवेकी राय – हिन्दी और भोजपुरी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
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        (F) आज का दिवस का नाम
1.राष्ट्रीय औषधि दिवस
2.झलकारी बाई- झाँसीकीरानी लक्ष्मीबाई की नियमितसेना में,महिला शाखा 'दुर्गा दल' की सेनापतिथी आज उनका जयंती दिवस|
3.वालचंद हीराचंद - भारत के प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक थे।आज उनका जयंती दिवस|
4.मीरा बेन - एक ब्रिटिश सैन्‍य अधिकारी की पुत्री, जिन्होंने 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम' में महात्मा गाँधी के सिद्धांतों से प्रभावित होकर खादी का प्रचार किया आज उनका जयंती दिवस|
5.शहीद लक्ष्मण नायक, वरिष्ठ भारतीय स्वतंत्रता सेनानी आज उनका जयंती दिवस|
6. तारा सिंह- प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा कट्टर सिक्ख नेताआज उनका पुण्यतिथि दिवस हे।
7 रामनरेशयादव-मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल
और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उनका पुण्य
तिथि दिवस हे।
8 विवेकी राय – हिन्दी और भोजपुरी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
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आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।
      आज जन्म लिये  सभी  व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई।  बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।
💐।जय चित्रांश।💐
💐जयमहाकाल,बोले सोनिहाल💐
💐।जय हिंद जय भारत💐
💐  निवेदक;-💐
💐 चित्रांश ;-विजय निगम।💐


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