आज की बात आपके साथ - विजय निगम

            ।ॐ गं गणपतये नमः।।
   ।। ॐ महाशिवाय सोमाय नम:।।
ॐयमायधर्मराजायश्री चित्रगुप्तायनमो नमः   
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻
प्रिय साथियो। 
🌹राम-राम🌹 
🌻 नमस्ते।🌻
आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों का दिनांक 30 नवम्बर 2020 सोमवार.की प्रातः की बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌲🌹💐💐🌻
आज की बात आपके साथ  अंक मे है 
A. कुछ रोचक समाचार
B.आज के दिन जन्मे प्रसिद्ध भारतीय भौतिक वेज्ञानिक अनुसंधानकर्ता जगदीश चन्द्र बसु का जीवनपरिचय लेख
C. आज के दिन   की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
D. आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण    
    व्यक्तित्व
E. आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
F. आज का दिवस का नाम ।
🌻💐🌲🌸🌲🌹💐💐🌻
     (A) कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त)
🏵️(A/1)सीरमइंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे के सीइओ अदार ने प्रधानमंत्री मोदी जी से कहा"अगले दो हफ्ते में हम कोविशील्ड के इम
रजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्लाई करेंगे।🏵️"
🏵️(A/2)किसान आंदोलन के कारणदिल्ली से हरियाणा और पंजाब की तरफ जाने वाली सड़कों पर यातायात प्रभावित🏵️
🏵️(A/3) सुशांत सिंह मामले में इसलिए बेबस हे जांच एजेंसियां।🏵️
💥(A/4)'कौन बनेगा करोड़पति' का 12 वां सीजन में मिली तीसरी करोड़पति महिला💥
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐।    
     (A)कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)
🏵️(A/1)सीरमइंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे के सीइओ अदार ने प्रधानमंत्री मोदी जी से कहा"अगले दो हफ्ते में हम कोविशील्ड के इम
रजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्लाई करेंगे।🏵️"
नई दिल्ली।भारत में बन रहीं कोरोना वैक्सीन की प्रगतिजानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन शहरों के दौरे पर निकले। शनिवार सुबह वह करीब10 बजे अहमदाबादमेंजायडसबायो
टेकपार्क पहुंचे।यहां करीब एक घंटा रुके और
वैज्ञानिकों से वैक्सीन के बारे में जानकारीली। पीपीई किट पहनकर उन्होंने रिसर्च सेंटर में वैक्सीन की डेवलपमेंट प्रोसेस देखीप्रधानमंत्री
ने कंपनी के प्रमोटर्स और एक्जीक्यूटिव से भी बात की।
इसके बाद मोदी हैदराबाद पहुंचे। यहां मोदी ने स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ बना रही कंपनी भारत बायोटेक के रिसर्च सेंटर का दौराकिया। उन्होंने ट्रायल में अब तक मिली कामयाबी के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। शाम साढ़े चार बजेमोदी पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफइंडिया पहुंचे। मोदी के वैक्सीन टूर के बाद पुणे-बेस्ड सीरमइंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीइओ अदार पूनावाला ने कहा कि हम अगले दो हफ्ते में कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्लाई करेंगे।
🏵️गांव तक वैक्सीन पहुंचाएगा लग्जमबर्ग, हो सकता है करार🏵️
केंद्र सरकार हर भारतीय को कोरोना वैक्सीन देने की रणनीति पर काम कर रही है। वैक्सीन के उत्पादन, स्टोरेज औरउसके लिए जरूरी कोल्ड चेन समेत हर छोटी-बड़ी चीज पर सीधे प्रधानमंत्रीकार्यालय की नजर है।एकरिपोर्ट के
मुताबिक लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री ने वैक्सीन
ट्रांसपोर्टेशन प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है। पीएम मोदी गंभीरता से विचार कर रहे हैं। प्रस्ताव के मुताबिक, गुजरात में रेफ्रिजरेटेड वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन प्लांट लगना है। देश में वैक्सीन पहुंचाने को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में बताया है कि लक्जमबर्ग की कंपनी बी. मेडिकल सिस्टम अगले हफ्ते एक हाई- लेवल टीम को गुजरात भेज रही है।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻🏵️(A/2)किसान आंदोलन के कारणदिल्ली से हरियाणा और पंजाब की तरफ जाने वाली सड़कों पर यातायात प्रभावित🏵️
नई दिल्ली।किसान आंदोलन के कारणदिल्ली से हरियाणा और पंजाब की तरफ जाने वाली सड़कों पर यातायात प्रभावित होने से देश की राजधानी में फलों और सब्जियों की आपूर्ति पर असर पड़ा है। केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों का प्रदर्शनरविवार को चौथे दिन दिन भी जारी है। एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी के रूप में शुमार दिल्ली की आजादपुर मंडी में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू
-कश्मीर से फलों और सब्जियों की आपूर्ति पर किसान आंदोलन के कारण असर पड़ा है। मंडी के काराबारियों ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर जगह-जगह जाम होने से फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई है।
   🙏🏵️आंदोलनकर्ताओं से अपील🏵️🙏
आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रे
टरीराजेंद्रशर्मा केअनुसार प्रदर्शनकारी किसान
नेताओंसे फलोंऔरसब्जियों कीआपूर्तिबाधित
नहींकरने की अपील की है।उन्होंनेकहा,किसी भी प्रदर्शन के दौरान दूध, फल, सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की आपूर्ति नहीं रोकी जाती है,लेकिन यहां इनकी आपूर्ति रोकीजारही है।"शर्मा ने कहा किइससे प्रदर्शन
कारीअपने ही किसानभाई को नुकसान पहुंचा
रहे हैं,इसलिए फलों और सब्जियों की गाडिय़ों को न रोकी जाए।
   🏵️50 % से भी कम हो गई आवक🏵️
आजादपुर मंडी में इस समय पंजाब औरहिमा
चल से आलू की नई फसल की आपूर्ति हो रही है और मंडी में बीते मंगलवार को जहां 1,700 टन से ज्यादा आलू की आवक थी वहां शनिवार को घटकर 783.5 टन रह गई। इसी प्रकार, कश्मीर से सेब की आपूर्ति में कमी आई। शर्मा ने बताया कि मंडी में न सिर्फ आवक पर असर पड़ा है, बल्कि यहां से उत्तर भारतके विभिन्न हिस्सों में फलों और सब्जियों की सप्लाई भी बाधित हुई है।
  🏵️ट्रांसपोटर्स की भी बढ़ी परेशानी🏵️
ट्रांसपोटरभी बताते हैं किकिसानोंके आंदोलन सेउत्तरभारत में ट्रकों कीआवा-जाही पर असर पड़ा है।ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सेक्रेटरीजनरलनवीन गुप्ताकेअनुसारआंदोलन की वजह सेजगह-जगह जाम लगने से टेकरों कीआवाजाही प्रभावितहुईहै,जिससेआवश्यक
वस्तुओं व जल्द खराब होने वाली वस्तुओं का निर्बाध परिवहन नहीं हो पा रहा है।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻
🏵️(A/3) सुशांत सिंह मामले में इसलिए बेबस हे जांच एजेंसियां।🏵️ 
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता शेखर सुमन  को लगता है कि सीबीआई, एनसीबी और ईडी जैसी जांच एजेंसियां अपर्याप्त सबूतों के कारण सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले में बेबस हैं।
जांच की वर्तमान स्थिति के बारे में अपनी राय शेयर करते हुए शेखर ने ट्वीट किया, मुझे लगता है कि सुशांत के मामले में सीबीआई, एनसीबी और ईडी के तीनों विभागों ने पूछताछ, जांच और गिरफ्तारी करके एक अच्छा काम किया है, लेकिन मुझे लगता है कि अपर्याप्त सबूत के कारण वे असहाय हैं। इसलिए हमें बस इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या वे लकी साबित होते हैं।
हाल ही में अभिनेता शेखर सुमन ने सवाल किया कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का अभी तक अपडेट क्यों नहीं आया है।
शेखर ने ट्वीट किया, काफी समय बीत गया है, लेकिन सीबीआई ने सुशांत सिंह के मामले में अभी कोई निर्णायक सबूत पेश नहीं किया है। अधिकारियों को अपडेट करने की परवाह करनी चाहिए। कुछ समय के लिए चुप्पी का मतलब यह नहीं है कि हमने इसे छोड़ दिया है या इसके बारे में भूल गए हैं। सुशांत इस साल 14 जून को अपने मुंबई स्थित फ्लैट में मृत पाए गए थे।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐
💥(A/4)'कौन बनेगा करोड़पति' का 12 वां सीजन में मिली तीसरी करोड़पति महिला💥
नई दिल्ली: 'कौन बनेगा करोड़पति' का 12 वां सीजन लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। क्योंकि इस बार का शो काफी मजेदार होने के साथ एक बड़ी सीख देने वाला भी साबित हुआ है इस बार के शो में महिलाओं ने बाजी मारकर अपने हुनर का प्रदर्शन किया है। इस साल के KBC 12 शो को एक नहीं बल्कि तीन करोड़पति मिले हैं, वो भी तीनों महिलाए हैं। इस साल केबीसी में महिलाओं ने अपनी कौशल का डंका पीटकर बाजी मारी है। बता दें, अब यह शो जल्द ही खत्म होने वाला है और अंतिम चरण में शो को अपना तीसरा करोड़पति भी मिल गया है। शो के नए प्रोमो से ये बात साफ हो गई है।
कौन बनेगा करोड़पति' का 12 वां सीजन की हॉट सीट पर बस्तर की रहने वाली अनूपा दास आई थी। एक के बाद एक सवालों के जवाब देने के बाद वो केबीसी में एक करोड़ रुपये जीतने वाली तीसरी कंटेस्टेंट बनने जा रही हैं। उन्होने 15 सवालों के सही जवाब दिए हैं। एक करोड़ की राशि जीतने के बाद अमिताभ बच्चन अब अनूपा से 7 करोड़ वाला जैकपॉट प्रश्न पूछेंगे।
यदि अनूपा 7 करोड़ वाले सवाल का सही जवाब दे देती है तो इतनी बड़ी रकम जीतने वाली इस सीजन की पहली कंटेस्टेंट बनेंगी अभी इस बारें में नही कहा जा सकता है कि आगे क्या होगा। अभी तक किसी ने भी इस सीजन में जैकपॉट प्रश्न का सही जवाब नहीं दिया है। और अब अनूपा दास भी इस सवाल का सही जवाब दे पाती हैं या नहीं ये देखने वाली बात होगी। बता दें इससे पहले नाजिया नसीमा और महिला आईपीएस ऑफिसर मोहिता शर्मा ने एक करोड़ धनराशि जीती थी।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐 💐
(B)आज के दिन जन्मे..प्रसिद्ध भारतीय भौतिक वेज्ञानिक अनुसंधानकर्ता जगदीश चन्द्र बसु.का जीवनपरिचय लेख.
           🌻 जगदीश चन्द्र बसु🌻 
        🌺   जीवन परिचय  लेख. 🌺
भौतिक वैज्ञानिक  डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु(30 नवंबर1858 to23 नवंबर,1937) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी
जीवविज्ञान,वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था।वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियोऔर सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकीपर कार्य किया।वनस्पति विज्ञानमेंउन्होनेंकई महत्त्वपूर्ण खोजें की।साथ ही वे भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता थे।वे भारत के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंनेएकअमरीकन पेटेंट प्राप्त किया। उन्हें रेडियोविज्ञानका पितामानाजाता है।वे विज्ञान
कथाएँ भी लिखते थे और उन्हें बंगाली विज्ञान
कथा-साहित्य का पिता भी माना जाता है।उन्होंने अपने काम के लिए कभी नोबेल नहीं जीता। इनके स्थान पर 1909 में मारकोनी को नोबेल पुरस्कार दे दिया गया।
            🌺 जगदीश चन्द्र बसू🌺
जन्म:-30 नवम्बर 1858
जन्मस्थल:-मेमनसिंह, पूर्वीबंगाल (अब बांग्लादेश)ब्रिटिश भारत
मृत्यु:-गिरिडीह, बंगाल प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत
आवास:-अविभाजित भारत
राष्ट्रीयता:-ब्रिटिश भारतीय 
क्षेत्र:-भौतिकी, जीवभौतिकी [जीवविज्ञान],वनस्पति
विज्ञान, पुरातत्व, बांग्ला साहित्य,बांग्लाविज्ञानकथाएँ
संस्थान:-प्रेसिडेंसी कालेज, कोलकाता
शिक्षा:-कलकत्ता विश्वविद्यालय,क्राइस्ट महाविद्यालय
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय,लंदन विश्वविद्यालय
डॉक्टरी सलाहकार:-जॉन स्ट्रट (लॉर्ड रेले)
प्रसिद्धि:-मिलिमीटर तरंगें,रेडियो क्रेस्कोग्राफ़
ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में जन्मे बसु ने सेन्टज़ैवियरमहाविद्यालय,कलकत्तासे स्नातक
कीउपाधि प्राप्त की।ये फिर लंदन विश्वविद्या
लय में चिकित्सा की शिक्षा लेनेगए,लेकिन
स्वास्थ्यकी समस्याओं के चलते इन्हें यहशिक्षा
बीचमें ही छोड़ कर भारत वापिस आना पड़ा। इन्होंने फिर प्रेसिडेंसी महाविद्यालय मेंभौतिकी के प्राध्यापक का पद संभाला और जातिगत भेदभाव का सामना करते हुए भी बहुत से महत्त्वपूर्णवैज्ञानिक प्रयोग किये।इन्होंने बेतार 
के संकेत भेजने में असाधारण प्रगति की और सबसे पहले रेडियो संदेशों को पकड़ने के लिए
अर्धचालकोंका प्रयोग करनाशुरु किया लेकिन
अपनी खोजों से व्यावसायिक लाभ उठाने की
जगहइन्होंने इन्हें सार्वजनिक रूप से प्रकाशित
कर दिया ताकि अन्य शोधकर्त्ता इनपर आगे काम कर सकें। इसके बाद इन्होंने वनस्पति जीवविद्या में अनेक खोजें की। इन्होंने एक यन्त्र क्रेस्कोग्राफ़ का आविष्कार किया और इससे विभिन्न उत्तेजकों के प्रति पौधों की प्रति
क्रिया का अध्ययन किया। इस तरह से इन्होंने
सिद्ध किया कि वनस्पतियों और पशुओंकेऊत
कोंमें काफी समानता है।ये पेटेंट प्रक्रिया के
 बहुत विरुद्ध थे और मित्रों के कहने पर ही इन्होंने एक पेटेंट के लिए आवेदन किया। हाल के वर्षों में आधुनिक विज्ञान को मिले इनकयोगदानों को फिर मान्यता दी जा रही है।
      🌺 प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा🌺
बसु का जन्म 30 नवम्बर 1858 को बंगाल (अब बांग्लादेश) में ढाका जिले के फरीदपुर के मेमनसिंह में हुआ था। उनके पिता भगवान चन्द्र बसु ब्रह्म समाज के नेता थे औरफरीदपुर
बर्धमान एवं अन्य जगहों पर उप-मैजिस्ट्रेट या सहायक कमिश्नर थे।इनका परिवार रारीखाल गांव, बिक्रमपुर से आया था, जो आजकल बांग्लादेश के मुन्शीगंज जिले में है। ग्यारह वर्ष की आयु तक इन्होने गांव के ही एक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की। बसु की शिक्षा एक बांग्ला विद्यालय में प्रारंभ हुई। उनके पिता मानते थे कि अंग्रेजी सीखने से पहले अपनी मातृभाषा अच्छे से आनी चाहिए। विक्रमपुर में ,1915 में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए बसु ने कहा-उस समयपर बच्चों कोअंग्रेज विद्यालयों
मेंभेजना हैसियत की निशानी माना जाता था। मैं जिस बांग्ला विद्यालय में भेजा गया वहाँ पर मेरे दायीं तरफ मेरे पिता के मुस्लिम परिचारक काबेटाबैठा करता था और मेरी बाईं ओर एक मछुआरे का बेटा। ये ही मेरे खेल के साथी भी थे।उनकी पक्षियों,जानवरों और जलजीवों की कहानियोंकोमैं कान लगा करसुनताथा, शायद इन्हीं कहानियों ने मेरे मस्तिष्क में प्रकृति की संरचना पर अनुसंधान करने की गहरी रुचि जगाई।" विद्यालयी शिक्षा के बाद वे कलकत्ता आ गये और सेंट जेवियर स्कूल में प्रवेशलिया। जगदीशचंद्र बोसकी जीव विज्ञानमें बहुत रुचि थीऔर 22 वर्ष की आयु में चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए। मगर स्वास्थ खराब रहने की वजह से इन्होने चिकि
त्सक (डॉक्टर) बनने का विचार त्यागकर कैम्ब्रिज के क्राइस्ट महाविद्यालय चले गयेऔर वहाँभौतिकीकेएकविख्यातप्रो॰फादर लाफोण्ट ने बोस को भौतिकशास्त्र के अध्ययन के लिए प्रेरित किया।
वर्ष 1885 में ये स्वदेश लौटे तथा भौतिकी के सहायक प्राध्यापक के रूप मेंप्रेसिडेंसीकॉलेज 
में पढ़ाने लगे। यहां वह 1915 तक रहे। उस समयभारतीय शिक्षकों को अंग्रेज शिक्षकों की तुलनामेंएकतिहाईवेतन दिया जाता था.इसका जगदीश चंद्र बोस ने विरोध किया और बिना वेतन केतीन वर्षोंतक काम करते रहे, जिसकी वजह से उनकी स्तिथि खराब हो गई और उन परकाफीकर्जा हो गया था।इस कर्जको चुकान के लिये उन्हें अपनी पुश्तैनी जमीन भी बेचनी पड़ी।चौथे वर्ष जगदीश चंद्र बोस की जीत हुई और उन्हें पूरा वेतन दिया गया।बोसएक अच्छे शिक्षक भी थे, जो कक्षा में पढ़ाने के लिए बड़े पैमानेपरवैज्ञानिकप्रदर्शनों का उपयोगकरतेथे। बोस के ही कुछ छात्र जैसे सतेन्द्र नाथ बोस आगे चलकर प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री बने।
           🌺 रेडियो की खोज🌺
ब्रिटिशसैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी जेम्स क्लर्क मैक्सवेलनेगणितीयरूप से विविधतरंगदैर्ध्यकी
विद्युतचुम्बकीय तरंगों केअस्तित्वकी भविष्य
वाणी कीथी,परउनकीभविष्यवाणीकेसत्यापन
सेपहले 1879 में निधनउनका होगया. ब्रिटिश भौतिकविद ओलिवर लॉज मैक्सवेल तरंगों के अस्तित्व काप्रदर्शन1887-88 मेंतारों के साथ उन्हें प्रेषित करके किया। जर्मन भौतिकशास्त्री हेनरिकहर्ट्ज ने1888 में मुक्तअंतरिक्षमेंविद्युत
चुम्बकीय तरंगों के अस्तित्व को प्रयोग करके दिखाया। इसके बाद, लॉज ने हर्ट्ज का काम जारी रखा और जून 1894 में एक स्मरणीय व्याख्यान दिया (हर्ट्ज की मृत्यु के बाद) और उसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। लॉज के काम ने भारत के बोस सहित विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया।बोस केमाइक्रोवेवअनुसंधान का पहली उल्लेखनीय पहलूयहथाकिउन्होंने तरंग दैर्ध्यको मिलीमीटर
स्तर परला दिया(लगभग 5 मिमी तरंग दैर्ध्य)। वे प्रकाश के गुणों के अध्ययन के लिए लंबी तरंग दैर्ध्य की प्रकाश तरंगों के नुकसान को समझ गए।1893 में, निकोला टेस्ला ने पहले सार्वजनिक रेडियो संचार का प्रदर्शन किया। एक साल बाद, कोलकाता में नवम्बर 1894 के एक(या 1895) सार्वजनिकप्रदर्शन दौरान, बोसने एकमिलीमीटर रेंज माइक्रोवेव तरंग का
उपयोगबारूददूरीपर प्रज्वलित करनेऔर घंटी
बजाने में किया लेफ्टिनेंट गवर्नर सर विलियम
मैकें जी ने कलकत्ता टाउन हॉल में बोस का प्रदर्शनदेखा।बोस नेएकबंगाली निबंध,'अदृश्य 
आलोक' में लिखा था,अदृश्य प्रकाश आसानी से ईंट की दीवारों, भवनों आदि के भीतर से जा सकती है, इसलिए तार की बिना प्रकाश के माध्यम से संदेश संचारित हो सकता है।" रूस में पोपोव ने ऐसा ही एक प्रयोग किया।
बोस क डबल अपवर्तक क्रिस्टल द्वारा बिजली की किरणों के ध्रुवीकरण पर" पहला वैज्ञानिक लेख, लॉज लेख के एक साल के भीतर, मई 1895 में बंगाल की एशियाटिक सोसाइटी को भेजा गया था। उनका दूसरा लेख अक्टूबर 1895 में लंदन की रॉयल सोसाइटी को लार्ड रेले द्वारा भेजा गया। दिसम्बर 1895 में, लंदन पत्रिका इलेक्ट्रीशियन (36 Vol) ने बोस का लेख एक नए इलेक्ट्रो-पोलेरीस्कोपपर" प्रका
शित किया।उस समय अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया में लॉज द्वारा गढ़े गए शब्द 'कोहिरर' का प्रयोग हर्ट्ज़ के तरंग रिसीवर या डिटेक्टर केलिएकियाजाताथा। इलेक्ट्रीशियनने तत्काल बोस के 'कोहिरर' पर टिप्पणी की। (दिसम्बर 1895). अंग्रेजी पत्रिका (18 जनवरी 1896) इलेक्ट्रीशियन से उद्धृत टिप्पणी है:यदि प्रोफे
सर बोस अपने कोहिरर को बेहतरीन बनाने में और पेटेंट सफल होते हैं,हमशीघ्रहीएकबंगाली
 वैज्ञानिक के प्रेसीडेंसी कॉलेज प्रयोगशाला में अकेले शोध के कारण नौ-परिवहन की तट प्रकाशव्यवस्थामें नई क्रांती देखेंगे।बोस अपने 
कोहिरर" को बेह्तर करने की योजना बनाई लेकिन यह पेटेंट के बारे में कभी नहीं सोचा।
       🌺 रेडियो डेवलपमेंट में स्थान🌺
जगदीश चन्द्र बसु द्वारा विकसित 60 गीगा
हर्ट्ज माइक्रोवेव उपकरणबोस ने अपने प्रयोग उससमयकिये थेजब रेडियोएक संपर्क माध्यम केतौरपरविकसित हो रहाथा।रेडियो माइक्रो
वेव ऑप्टिक्स पर बोस ने जो काम किया था वो रेडियो कम्युनिकेशन से जुड़ा हुआ नहीं था, लेकिन उनके द्वारा किये हुए सुधार एवं उनके द्वाराइस विषय में लिखे हुएतथ्यों नेदूसरेरेडियो
आविष्कारकों कोज़रूरप्रभावित कियाथा उस
दौर में1894 के अंत में गुगलिएल्मो मारकोनी एक रेडियो सिस्टम पर काम कर रहे थे जो वायरलेसटेलीग्राफी के लिए विषिठरूप डिज़ा
इन किया जा रहा था। 1896 के आरंभ तक यह प्रणाली फिजिक्स द्वारा बताये गए रेंज से ज़्यादादुरी में रेडियो सिग्नल्स ट्रांस्मिट कर रही थी।
जगदीशचन्द्र बोस पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो तरंगेडिटेक्ट करने के लिएसेमीकंडक्टर जंक्शन का इस्तेमाल क्या था और इस पद्धति मेंकई माइक्रोवेव कंपोनेंट्स की खोज की थि। इसके बाद अगले 50 साल तक मिलीमीटर लम्बाईकीइलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगोपर कोई शोध कार्य नहीं हुआ था। 1897 में बोस ने लंदन के रॉयलइंस्टीटूशन में अपने मिलीमीटर तरंगो पर किये हुए शोध की वर्णना दी थी।उन्होंने अपने शोध में वेवगाइड्स,हॉर्न ऐन्टेना,डाईइलेक्ट्रिक
लेंस ,अलगअलगपोलअराइज़रऔर सेमीकंड
क्टर जिनकीफ्रीक्वेंसी60 GHzतक थीउनका इस्तेमाल किया था। यह सारे उपकरण आज भी कोलकाता के बोस इंस्टिट्यूट में मौजूद हैं। एक 01.03 mm मल्टीबीम रिसीवर जो की एरिज़ोना के NRAO12 मीटर टेलिस्कोप में हैं
आचार्यबोस ने1897 में लिखे हुए रिसर्च पेपर के सिद्धांतो पर बनाया गया हैं।
सर नेविल्ले मोट्ट को 1977 में सॉलिड स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स में किये अपनेशोधकार्य के लिए नोबल पुरस्कार मिला था। उन्होंने यह कहा था कीआचार्य जगदीश चन्द्र बोस अपने समय से 60 सालआगे थे।असलमें बोसने ही P - टाइप और N - टाइप सेमीकंडक्टर के अस्तित्व का पूर्वानुमान किया था।
        🌺  वनस्पति पर अनुसंधान🌺
बायोफिजिक्स केक्षेत्र मेंउनका सबसेबड़ा योग
दान यहथा कीउन्होंने अपन दिखाया की पौधो 
में उत्तेजना का संचार वैद्युतिक (इलेक्ट्रिकल ) माध्यम से होता हैं ना की केमिकल माध्यम से
बाद में इनदावों को वैज्ञानिक प्रयोगोकेमाध्यम से सच साबित किया गया था। आचार्य बोस ने सबसे पहले माइक्रोवेव के वनस्पति के टिश्यू पर होने वाले असर का अध्ययन किया था। उन्होंनेपौधों पर बदलते हुएमौसम से होने वाले असर का अध्ययन किया था।इसके साथ साथ उन्होंने रासायनिक इन्हिबिटर्स का पौधों पर असर और बदलते हुए तापमान से होने वाले पौधों पर असर का भी अध्ययन किया था। अलगअलगपरिस्थितियों में सेलमेम्ब्रेन पोटेंशि
यलकेबदलाव का विश्लेषण करकेवेइसनतीजे
पर पहुंचे की पौधे संवेदनशील होते हैं वे " दर्द महसूस कर सकते हैं ,स्नेह अनुभव कर सकते हैं इत्यादि "।
🌻मेटलफ़टीगऔर कोशिकाओकी प्रतिक्रिया 
काअध्ययन🌻
बोस ने अलग अलग धातु और पौधों के टिश्यू परफटीगरिस्पांसका तुलनात्मकअध्ययनकिया
था।उन्होंनेअलगअलगधातुओंं को इलेक्ट्रिकल
मैकेनिकल,रासायनिक और थर्मल तरीकों के मिश्रण से उत्तेजित किया था औरकोशिकाओ और धातु की प्रतिक्रिया के समानताओं को नोट किया था। बोस के प्रयोगो ने सिम्युलेटर (नकली)कोशिकाओऔरधातु मेंचक्रीय फटीग
प्रतिक्रिया दिखाई थी। इसके साथ ही जीवित कोशिकाओ और धातुओ में अलग अलग तरह के उत्तेजनाओं स्टिम्युली के लिए विशेष चक्रीय फटीग और रिकवरी रिस्पांस का भी अध्ययन किया था।आचार्य बोस ने बदलते हुए इलेक्ट्रिकलस्टिमुली के साथ पौधों बदलते हुए इलेक्ट्रिकल प्रतिक्रिया का एक ग्राफ बनाया , और यह भी दिखाया की जब पौधों को ज़हर याएनेस्थेटिक(चेतनाशून्य करनेवालीऔषधि) दी जाती हैं तब उनकी प्रतिक्रिया काम होने लगती हैं और आगे चलकर शूून्य हो जाती हैं। लेकिनयह प्रतिक्रिया जिंकधातु ने नहीं दिखाई
जब सेओक्सालिक एसिड के साथ ट्रीट किया गया।
           🌻 नाइट की उपाधि🌻
1902 में निर्मित जगदीश चन्द्र बसु का घर (आचार्य भवन) अब संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है।
1917मेंजगदीश चंद्रबोस कोनाइट की उपाधि
प्रदान की गई तथा शीघ्र ही भौतिक तथा जीव विज्ञान के लिए रॉयल सोसायटी लंदन केफैलो चुन लिए गए। बोस ने अपना पूरा शोधकार्य बिनाकिसी अच्छे (महगे) उपकरणऔर प्रयोग
शाला के किया था इसलिये जगदीश चंद्र बोस एकअच्छी प्रयोगशाला बनाने की सोच रहे थे। "बोस इंस्टीट्यूट" (बोस विज्ञान मंदिर) इसी सोच का परिणाम है ।
🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐🌲🌹💐💐🌻(C) आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ💐
1731 - बीजिंग में भूकंप से लगभग एक लाख लोग मरे। 
1759 - दिल्ली के सम्राट आलमगिर द्वितीय की उनके मंत्री ने हत्या की। 
1939 - तत्कालीन सोवियत रूस ने सीमा विवाद को लेकर फिनलैंड पर आक्रमण किया। 
1961 - तत्कालीन सोवियत संघ ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिये कुवैत के आवेदन का विरोध किया। 1965 - गुड़ियों का संग्रहालय दिल्ली की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्‍ट 'के. शंकर पिल्‍लई' ने की थी। 
1997 - भारत-बांग्लादेश विवादित सीमा क्षेत्र में यथास्थिति बनाये रखने पर सहमत।
 1999 - सं.रा. अमेरिका के उत्तर पश्चिम 'सिएटल' में विश्व व्यापार संगठन का तीसरा अधिवेशन प्रारम्भ। विश्व के बड़े मीटर वेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायण गांव में उदघाटन। 
2000 - अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव मामले में अल गोर ने पुनर्मतगणना की अपील की। प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं। 
2001 - विश्व प्रसिद्ध पॉप गायक जार्ज हैरीसन का निधन।
 2002 - आईसीसी ने जिम्बाव्वे में न खेलने वाले देशों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की चेतावनी दी। 
2004 - बांग्लादेश की संसद में महिलाओं के लिए 45 प्रतिशत सीटों वाला विधेयक पारित।
 2008- मुम्बई में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने संघीय जाँच एजेंसी के गठन की घोषणा की। सरकार ने एसएटी रिजवी वेतन समिति का कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय लिया।
🌻💐🌱🌸🌸🌲🌹💐🌲🌹💐💐
(D)आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व
1835 - प्रसिद्घ लेखक मार्क ट्वैन। 
1858 - प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस 
1888 - गेंदालाल दीक्षित - भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी
1931 - रोमिला थापर, भारतीय इतिहासकार
1936 - सुधा मल्होत्रा - हिन्दी फ़िल्मों की प्रसिद्ध पार्श्व गायिका। 
1944 - मैत्रेयी पुष्पा - हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। 
1989 - भक्ति शर्मा - भारतीय तैराक हैं। 
🌻🌱🌸🌸🌲🌹💐🌲🌹💐💐🌻
(E)आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
 1909 - रमेश चन्द्र दत्त - अंग्रेज़ी और बंगला भाषा के प्रसिद्ध लेखक, ये धन के बहिर्गमन की विचारधारा के प्रवर्तक तथा महान् शिक्षाशास्त्री थे।
1915- गुरुजाडा अप्पाराव- प्रसिद्ध तेलुगु साहित्यकार 
2010 - राजीव दीक्षित - भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन प्रणेता।
2012- इन्द्र कुमार गुजराल - भारत के बारहवें प्रधानमंत्री 
2014 - जारबोम गारलिन - भारतीय राजनीतिज्ञ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(F) आज का दिवस का नाम
1 - प्रसिद्घ लेखक मार्क ट्वैन का जयंती दिवस
2 - प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस का जयंती दिवस
3 - गेंदालाल दीक्षित - भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारीथे  उनका जयंती दिवस
4  रोमिला थापर, भारतीय इतिहासकारथे  उनका जयंती दिवस
5 जारबोम गारलिन - भारतीय राजनीतिज्ञ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे।उनका पुण्यतिथि दिवस
6 राजीव दीक्षित - भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन प्रणेता थे उनका पुण्यतिथि दिवस
7- इन्द्र कुमार गुजराल - भारत के बारहवें प्रधानमंत्रीएवं अर्थशास्त्री थे उनका जयंती दिवस। 
8- गुरुजाडा अप्पाराव- प्रसिद्ध तेलुगु साहित्यकार थे उनका जयंती दिवस।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐   
आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।
      आज जन्म लिये  सभी  व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई।  बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।
💐।जय चित्रांश।💐
💐जय महाकाल,बोले सो निहाल💐
💐।जय हिंद जय भारत💐
💐  निवेदक;-💐
💐 चित्रांश ;-विजय निगम।💐


Comments