उज्जैन। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज घट्टिया तहसील के ग्राम रलायती में जाकर ग्राम चौपाल लगाई और ग्रामीणों से विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की व शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की पड़ताल की। कलेक्टर को ग्रामीणों ने एक स्वर में लाईनमेन की शिकायत करते हुए बताया कि वह घंटों फोन नहीं उठाता है, छोटे-मोटे मेंटेनेंस के काम के लिये जब तक पैसे न दो काम नहीं करता है, कई खेतों व सड़क पर तार झूल रहे हैं, उससे कभी भी एक्सीडेंट हो सकता है, किन्तु लाईनमेल सुनवाई नहीं कर रहा है। ग्रामीणों की शिकायत पर तुरन्त कार्यवाही करते हुए कलेक्टर ने लाईनमेन मांगीलाल को निलम्बित करने के निर्देश दिये तथा उपयंत्री श्री वीरेन्द्र रावत को चेतावनी देते हुए कहा कि वे कैसा पर्यवेक्षण कर रहे हैं। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो उन पर भी निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर के भ्रमण में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अंकित अस्थाना, एसडीएम श्री गोविन्द दुबे एवं अन्य जिला अधिकारी मौजूद थे।
90 लाख रुपये की नल जल योजना मंजूर हुई है, ग्रामीण अपना 10 प्रतिशत अंशदान शीघ्र एकत्रित कर जमा करें
ग्राम चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि रलायती गांव में पानी की समस्या है। यहां बहुत दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है। इस सम्बन्ध में कलेक्टर ने ग्रामीणों को बताया कि जल जीवन मिशन के तहत इस ग्राम को फेज-1 में ले लिया गया है तथा 90 लाख रुपये की पेयजल योजना तैयार कर स्वीकृत की गई है। कलेक्टर ने ग्रामीणों से आव्हान किया कि वे इसके लिये जनभागीदारी में लागत राशि का 10 प्रतिशत अंशदान शीघ्र एकत्रित करें, जिससे कि योजना का क्रियान्वयन शुरू हो सके। कलेक्टर ने कहा कि जैसे ही अंशदान की राशि आयेगी, पांच-छह माह में नल जल योजना का कार्य शुरू हो जायेगा। कार्यपालन यंत्री पीएचई ने बताया कि उक्त ग्राम में 300 घरों में कनेक्शन दिये जायेंगे तथा गांव से डेढ़ किलो मीटर दूर ट्यूबवेल लगाकर स्त्रोत विकसित किया जायेगा। कलेक्टर ने ग्रामीणों को जल संरक्षण की महत्ता समझाते हुए कहा कि नल जल योजना के साथ-साथ वे जितना पानी जमीन से लेने जा रहे हैं, उतना फिर से जमीन में पुनर्भरण करने के लिये जल संरक्षण संरचनाएं तैयार करें। कलेक्टर ने इसके लिये जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को स्थान चिन्हित कर कार्य करने के निर्देश दिये हैं।
डीएपी, एनपीके 3-4 दिन में और यूरिया एक सप्ताह में मिलना शुरू हो जायेगा
चौपाल बैठक के दौरान ग्रामीणों ने शिकायत की कि इस बार सोसायटी में डीएपी, एनपीके की कमी है, साथ ही यूरिया बिलकुल प्रदाय नहीं किया जा रहा है। कॉपरेटिव सोसायटी के सेक्रेटरी ने बताया कि गत वर्ष 900 टन यूरिया की खपत उनकी सोसायटी से हुई थी, किन्तु अभी तक यूरिया अप्राप्त है। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि एवं विपणन संघ के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे डबल लॉक से शीघ्र डीएपी एवं एनपीके की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि यूरिया भी रैक की समस्या खत्म होते ही एक-दो सप्ताह में मिलने लगेगा।
फसल बीमा लगातार करवाते रहें, रबी फसल के लिये अभी से कैम्प लगाना शुरू करेंगे
कलेक्टर ने ग्रामीणों से पूछा कि इस बार फसल बीमा उनके खाते में डला है या नहीं। ग्रामीणों ने बताया कि आज ही कुछ लोगों के खाते में पैसे आये हैं। कलेक्टर ने कहा कि आने वाले एक-दो सप्ताह में सभी को फसल बीमा एवं चने के बीमे की राशि मिल जायेगी। कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि वे निरन्तर फसल बीमा करवाते रहें। जो अऋणी कृषक हैं उनके लिये रबी की फसल के लिये अभी से कैम्प लगाना प्रारम्भ किये जायेंगे। इस हेतु उन्होंने कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये हैं।
आंगनवाड़ी केन्द्र एवं जल संरक्षण संरचना का निरीक्षण किया
कलेक्टर ने रलायती ग्राम के भ्रमण के दौरान आरोग्य सह आंगनवाड़ी केन्द्र एवं जल संरक्षण हेतु निर्मित की गई एनीकट का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने आरोग्य केन्द्र में जाकर एएनएम द्वारा भरे जाने वाले रजिस्टर को चैक किया एवं एएनएम से उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की पूछताछ की। कलेक्टर ने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे जब भी ग्राम में भ्रमण पर जायें, आरोग्य केन्द्र में रखे हुए रजिस्टर में अपनी टीप अंकित करके अवश्य आयें। कलेक्टर ने एएनएम को निर्देशित किया है कि वे घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों आदि के पंजीयन एवं टीकाकरण कार्य को गंभीरता से करें।
कलेक्टर ने ग्राम रलायती में ग्राम पंचायत द्वारा किये गये नाला-बंधान (एनीकट) का निरीक्षण किया। उन्होंने इसी वर्ष बनी इस जल संरचना में एकत्रित हुई जलराशि को देखकर अच्छे निर्माण के लिये सरपंच श्री सत्यनारायण त्रिवेदी को बधाई दी। ग्राम चौपाल में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आरके उईके, सरपंच श्री सत्यनारायण त्रिवेदी, श्री जगदीशनारायण त्रिवेदी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।