आज की बात आपके साथ - विजय निगम

          ।।ॐ गं गणपतये नमः।।
        ।।ॐ यमाय  धर्मराजाय ।।
        -श्री चित्रगुप्ताय नमो नमः।।  
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प्रिय साथियो। 
🌹राम-राम🌹 
🌻 नमस्ते।🌻
आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों का दिनांक 27 सितंबर 2020 रविवार की प्रातः की बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।
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आज की बात आपके साथ  अंक मे है 
 A कुछ रोचक समाचार
B आज के दिन जन्मीभारत के एक महानआध्यात्मिकगुरूमाई मांआनंदमयी
जी काजीवन परिचय  लेख
C आज के दिन   की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण    
    व्यक्तित्व
E आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
F आज का दिवस का नाम ।
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    (A) कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त)
💖(A/1)अमेरिका मेंतैयार हुई यहघड़ी
बताती है वह समय:दुनिया के समाप्त होनेमेंअब कितने दिनजीवन बाकीहै💖
💝(A/2)पी.एम.मोदी ने बदल दी देश की सियासी संस्कृति: अब हम बनाएंगे आत्म निर्भर बिहार:BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा।💝.
❤️(A/3) सुशांत सिंह प्रकरण: श्रृद्धा और सारा ने एनसीबी को बताया सुशांत सिंह ड्रग्स लेते थे ।💖
💖(A/4)आईपीएल 20-20 में कॉमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने अनुष्का शर्मा कानामलेते हुए कोहली पर किया कॉमेंट
अनुष्का शर्मा ने की सुनील गावस्कर की आलोचना।💖
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌲🌹💐💐🌻 (A)कुछ रोचकसमाचार(विस्तृत)
💖(A/1)अमेरिका में तैयार हुई यह घड़ी बताती है वह समय :दुनिया के समाप्त होने में अब कितने दिन जीवन बाकी है ।💖
आजभागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास समय नहीं है।मौजूदा समयमेंइंसान
काम के पिछले दौड़ रहा है। लेकिन क्या आपजानते हैकिधरतीकेपासऔरकितना
समय बचा हुआ है।कहनेका मतलब यह किबुरे हालात स्टाट होने वाले है।यह पढ़
करआपको भले ही थोड़ा अजीब लगेगा पर यह सच है।अमेरिका के न्यूयॉर्क के मैनहटनमें यह अनोखी घड़ी लगी हुई है। इसका नाम एस्ट्रोनॉमिकल डिजिटल क्लॉक हालांकि कई लोग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है।लेकिन ऐसा कहा जा रहा हैं कि यह घड़ी बताती है किदुनिया के पास अब कितनासमयऔर बचा हुआ है।दो आर्टिस्टों ने किया तैयार
धरती का समय बनाने वाली इस घड़ी के बारे मेंहर कोई जानना चाहता हैं।चलिए, आज आपको बताते इस घड़ी के बारे में पूरी जानकारी। इस घंड़ी को दो आर्टिस्ट ने मिलकर तैयार किया है। उनका नाम गैन गोलन और एंड्रयू बॉयड है। इनदिनों ने इस घड़ी के जरिए सभी को बताया कि अब हमारे पास सिर्फ 7 साल 101 दिन, 17 घंटे, 29 मिनट और 22 सैकंड बचा हुआहै।बताया जा रहा है कि दुनिया में इतना सालों से कार्बन बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाएगा और उनका लेवल कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रकृति के साथ की गईछेड़छाड़के बादकई भयानकपरिणाम
भुगताने होंगे।दुनिया केबड़े हिस्से में बाढ़ आएगी जंगलों में आग लगेगी,अकाल पड़ेंगे,लोग विस्थापन होंगे।तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से बढ़ जाएगा।आगे बताया गया है कि इसके बाद गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी किलोगों को पानी भी नसीब नहीं होगा। दुनिया के लिए यह नंबर्स जरूरी इस अनोखी घड़ी कोबनाने 
वालेआर्टिस्टगोलन का कहना है कि छत परचढ़करये बताना कि इतनासमय बचा है हमारा पास, ये हमारा स्टाइल है।’ इस प्रोजेक्ट को उन्होंने 'द क्लाइमेट क्लॉक'  का नाम दिया है। वहीं बॉयड ने कहा कि दुनिया के लिए यह नंबर्स काफी जरूरी हैं।14स्ट्रीटबिल्डिंग,वनयूनियनस्कॉवायर 
साउथ में ये क्लॉक लगाई गई है।अब तो जैसी बची है वैसी की वैसी बचा लो ये दुनिया। कहने का मतलब यही है कि आने वाला समय बहुत ही खराब होगा। इस दौरानइंसान के सामने कईचुनौतियां
होगी जिसका सामने करनेके लिएउसके
पास कोई विकल्प नहीं होगा।
🌻💐🌹🌸🌲🌹💐💐🌻💐💝(A/2)पी.एम.मोदी ने बदल दी देश की सियासी संस्कृति: अब हम बनाएंगे आत्म निर्भर बिहार:BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा।💝.
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव 2020 की सरगर्मियों के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीयअध्यक्ष जे.पी.नड्डा दो दिवसीय बिहार दौरे पर हैं। विधानसभा चुनाव की वजह से वहां पर राजनीति चरम सीमा पर है।इस बीच बीजेपी कार्य
-कर्ताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी केअध्यक्ष जेपी नड्डा बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि 2014 के पहले देश के नेताओं का वक्तव्य होता था, हम देखेंगे, सोचेंगे,करनेका प्रयास करेंगे।हमये काम नहीं कर पा रहे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने6 सालकेअंदर देशकी रजनीतिक संस्कृतिको बदलकररखदियाहै। बदली 
सियासी संस्कृति के बीच राजनेताओं के बयान भी बदल गए हैं।अब नेता लोग कहने लगे हैं कि हम ये काम हम कर सकते हैंयाये काम और करके दिखाएंगे।
ये बातउन्होंने चुनाव प्रचार के बीचआत्म
निर्भर बिहार अभियान के उद्घाटन कार्य
क्रम में कहीे।बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा किबचपन में हमने देखा कि राजनीतिक नेतृत्व चरमराया हुआ था। पहले के राजनेताओं में राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं थी। इसकी वजह से पूरी व्यवस्था चरमराई हुई थी।
वर्तमान में सियासी परिवेश बदलने से मोदी जी से लेकर नीतीश कुमार और सुशीलमोदी तक राजनीतिक इच्छाशक्ति
से काम कर रहे हैं। इसलिए मैं, आपसे वादा करता हूं कि हम अब बिहार को आत्मनिर्भर बना के दिखाएंगे। आगामी कुछ वर्षों में बिहार हर क्षेत्र में बेहतर पर
फॉर्म करता दिखाई देगा। हम बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।ऐसा हमबिहारवासियों के सहयोग से करके दिखाएंगे। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने को लेकर बीजेपी ने पूरे दमखम से जुट गई है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की।दोनों के बीच एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई।बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ डिप्टी सीएम सुशील मोदी औरबीजेपी बिहार के प्रभारीभूपेंद्र यादव भी मौजूद हैं। सीट बंटवारे पर बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है।बहुत जल्द इस मुद्दे पर अंतिमफैसला होने की उम्मीद है।जानकारी केमुताबिक एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान केरुख और जीतन राम मांझी केएनडीए मेंआने की बात पर भी चर्चाहुई। सभी के बीच सियासी तालमेल बनाने पर जोर दिया गया।
🌻💐🌹🌲🌸🌲🌹💐💐🌻❤️(A/3) सुशांत सिंह प्रकरण: श्रृद्धा और सारा ने एनसीबी को बताया सुशांत सिंह ड्रग्स लेते थे ।💖
मुंबई।सुशांत सिंह केमौत के बाद सामने आए बॉलिवुड ड्रग्स मामले में पूछताछ केलिए अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के श्रद्धाकपूरऔर सारा अली खानभी शनि
वार को पूछताछ के लिए एनसीबी के ऑफिस पहुंचीं।सूत्रों कीमानेतो बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान ने एनसीबी को बताया है कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स लिया करते थे। सारा ने यह भी बताया किवह सुशांत के साथ फरवरी 2018 से रिलेशनशिप में थी।फिल्मकेदारनाथ की
शूटिंगखत्म होने के बाद सारा सुशांत के
 घर में भी रहने गई थीं।इसके साथ सूत्रों के मुताबिक,श्रद्धा नेभी कहा कि सुशांत
सिंह राजपूत ड्रग्स लेते थे। उन्होनेकहा कि सुशांतफिल्म के सेट और वैनिटी वैन 
में ड्रग्स लेते थे।श्रद्धाने खुद के ड्रग्स लेने कीबात से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि फिल्म 'छिछोरे' की रिलीज के बादजिस ड्रग्स पार्टी को सुशांतसिंह राज
पूत नेहोस्ट किया था उसमें वो गई जरूर थींलेकिन ड्रग्स का सेवन नहीं किया था।इसपार्टी का आयोजन हुआ था।रिया के बाद ये तीनों अभिनेत्रियां एनसीबी के रडार पर हैं,जो पिछले लगभग 3महीनों से बॉलीवुड में कथित ड्रग्स कनेक्शन को उजागर करने के लिए जांच कर रही है 
💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐💖(A/4)आईपीएल 20-20 में कॉमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने अनुष्का शर्मा कानामलेते हुए कोहली पर किया कॉमेंट
अनुष्का शर्मा ने की सुनील गावस्कर की आलोचना।💖
नई दिल्ली: गुरुवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरुऔरकिंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैचखेला गया।इस मैच में कप्तान विराट कोहलीका प्रदर्शनअच्छानहीं रहा। पहले फील्डिंग करते हुए विराट कोहली ने दो कैचछोड़ दिए औरफिर बल्लेबाजी करते हुए कोहली महजपांच रनबनाकर आउट हो गए। इस दौरान भारत के पूर्व कप्तान औरआईपीएल में कॉमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने अनुष्का शर्मा का नाम लेते हुए कोहली पर कमेंट कर दिया। जिसके बादअनुष्काशर्मा नेउनके कमेंटकीआलो
चना की।ऐसे में अब सुनील गावस्कर ने अपनी सफाई दी है।
मीडिया से बातचीत में सुनील गावस्कर ने कहा कि उन्हें शब्दों के साथ छेड़खानी कीगई है।उन्होंने जोभी बातें की है उसमें उन्हें सेक्सिस्ट कॉमेंट नहीं की है। सुनील गावस्कर ने कहा,मैंऔर आकाश चोपड़ा उसवीडियो की बात कर रहे थे,जो लॉक
डाउन के दौरान वायरल हो रही थी। उस वीडियो में विराट कोहली और अनुष्का शर्माअपनेअपार्टमेंट के बाहरक्रिकेटखेल
रहे थे।उस वीडियोमेंअनुष्का बॉलिंग कर रही थीं। गावस्कर ने कहा कि मैंने उसी वीडियो का जिक्र किया था।मैंने कहा था किविराटकोहली ने लॉकडाउन के दौरान बल्लेबाजीका जो भी अभ्यास किया वह अनुष्काकी बॉलिंग का सामना करते हुए कहा।गावस्करने येभी कहा किमैंने अपने कमेंट्रीकेदौरानअनुष्काकोविराटकेखराब
परफॉर्मेंस का दोषी नहीं ठहराया है।
अनुष्का शर्मा सुनील गावस्कर के कमेंट पर आपत्ति जता चुकी हैं। अनुष्का शर्मा नेअपनी पोस्ट में लिखा,मिस्टर गावस्कर आपका यह कमेंट अच्छा नहीं लगा। मैं आपकोजवाब देना चाहती हूं।आपने मेरे पति पर कटाक्ष के साथ मेरा नाम लिया। मैंयह जानती हूं के सालों से क्रिकेटर की
प्राइवेट लाइफ का सम्मान करते हैं। आपकोनहीं लगता हम भी इसके हक
दार हैं। आप किसी और शब्द से भी मेरे पति केपरफॉर्मेंसपर निशाना साध सकते थे,लेकिनआपने मेरानाम भी घसीटलिया 
क्या यह सही है? यह 2020 साल चल रहा है लेकिन मेरे लिए आज भी चीजें सही नहीं हुई हैं। मुझे हमेशा कॉमेंट्री के वक्त क्रिकेट में घसीट दिया जाता है। मैं आपकाबहुत सम्मान करती हूं।आप इस गेम के लेजेंड हैं। मैं बस आपको बताना चाहती हूं कि आप ये समझ सकते हैं कि जब आपने मेरा नाम लिया तो मुझे कैसा लगा होगा।
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻💐(B)आज के दिन जन्मीभारत केएक महान आध्यात्मिक गुरूमाई माता अमृतानंदमयीदेवी जी काजीवन परिचय  लेख. 
माता अमृतानंदमयी देवी (देवनागरी: माता अमृतानंदमयी, मलयालम: മാതാ അമൃതാനന്ദമയി, जन्म सुधामणि इदमन्नेल, 27 सितम्बर 1953) एक हिन्दू आध्यात्मिक नेत्री व गुरु हैं, जिन्हें उनके अनुयायी संत के रूप में सम्मान देते हैं और "अम्मा ", "अम्माची" या "मां" के नाम से भी जानते हैं। उनकी मानवतावादी गतिविधियों के लिए उन्हें व्यापक स्तर पर सम्मान प्राप्त है। कभी-कभी उनकी ओर "प्रेम से गले लगाने वाली संत" के नाम से भी संकेत किया जाता है।
हिन्दूमाताअमृतानंदमयी मठ केउपाध्यक्ष 
स्वामीलअमृतास्वरुपनन्द पुरी केअनुसार
,"अम्माकेलिएदूसरों के दुःखको दूरकरना
उतना ही स्वाभाविक है जैसे कि अपनी आंखों के आंसू पोछना।दूसरों की खुशी मेंहीअम्मा की खुशी है। दूसरों की सुरक्षा में हीअम्माअपनी सुरक्षा मानती हैं।दूसरों
के विश्राममें हीअम्मा का विश्राम है।यही अम्मा का सपना है।और यही वह सपना हैजिसकेलिएमां नेअपनाजीवन मानवता
केजागरण के प्रति समर्पित कर दिया है।
                💖 जीवनी 💖
माताअमृतानंदमयीदेवीकाजन्मपर्यकडवु
(जोअब कभीकभीअमृतापुरी के नाम से भीजानाजाता है)केछोटेसे गांव अलप्पढ़ पंचायत, जिला कोलम, केरल में 1953 मेंसुधामणि इदमन्नेल केरूप में हुआ था।
9वर्ष की आयु में उनका विद्यालय जाना बंद हो गया था और वे पूरे समय अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल और घरेलू काम करने लगीं.इन कार्यों के एक हिस्से केरूपमेंसुधामणि इदमन्नेलअपनेपरिवार
कीगायोंऔर बकरियों के लिएअपने पड़ो
सियों से बचा हुआ भोजन एकत्र करती थीं।अम्मा बताती हैं किउन दिनों वे अत्य
धिक निर्धनता और अन्य लोगों के कष्टों केकारणअत्यधिक दुःख से गुजररही थीं
।वेअपनेघर से इन लोगों के लिए वस्त्र और खाना लाती थीं।उनका परिवार, जो
किधनवाननहीं था,इसके लिएउन्हेंडांटता
था और दण्डित करता था। अम्मा कभी कभीअचानक ही लोगों कोदुःख से राहत पहुंचानेकेलिए उन्हें गले से लगालेतीथीं। जबकिउस समय एक 14 वर्ष की कन्या को किसी को भी स्पर्श करने की आज्ञा नहींदीजाती थी, ख़ास तौर पर पुरुषों को स्पर्शकरने की।लेकिन अपने माता-पिता सेविपरीत प्रतिक्रियाएंमिलने के बावजूद भी अम्मा ऐसा ही करती रहीं। दूसरों को गले लगाने की बात पर अम्मा ने कहा, "मै यह नहीं देखती कि वह एक स्त्री है या पुरुष. मै किसी को भी स्वयं से भिन्न रूपमें नहीं देखती।मुझसेसंसार कीसभी
रचनाओं की ओर एक निरंतर प्रेम धारा बहती है।यह मेरा जन्मजात स्वभाव है। एक चिकित्सक का कर्तव्य रोगियों का उपचार करना होता है। "इसी प्रकार मेरा कर्तव्य उन लोगों को सांत्वना देना है जो कष्ट में हैं।"
उनके माता-पिता द्वारा उनके विवाह के अनेकों प्रयासों के बावजूद भी अम्मा ने सभी निवेदकों को अस्वीकार कर दिया।  1981 में,जब अनेकों जिज्ञासु पर्यकडवु में आकर अम्मा के शिष्य बनने के लिए उनकेमाता-पिता की संपत्ति में रहने लगे तो,एक विश्वस्तरीय संगठन,माता अमृता
नंदमयी मठ की स्थापना की गयी।अम्मा 
इसमठ की अध्यक्ष थीं।आजमाताअमृता
नंदमयी मठ अनेकों आध्यात्मिक और धर्मार्थ गतिविधियों में संलग्न है।
1987 में, अपने श्रद्धालुओं के अनुरोध परअम्मा विश्व के सभी देशों में कार्यक्रम
आयोजित करने लगीं. तब से वे प्रतिवर्ष ऐसाकरतीहैं। वेदेश जहां अम्मा के कार्य-
क्रमआयोजित हो चुके हैंउनमे निम्न देश
शामिल हैं:ऑस्ट्रेलिया,ऑस्ट्रिया, ब्राज़ील
, कनाडा, चिली, दुबई, इंग्लैंड, फिनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, होलैंड, आयरलैंड, इटली, जापान,केन्या,कुवैत,मलेशिया,मॉरिशस, रीयूनियन,रशिया,सिंगापूर,स्पेन श्रीलंका
स्वीडेन, स्विटज़रलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका. वे प्रतिवर्ष भारत में वार्षिक भ्रमण भी करती हैं।
                  💖दर्शन💖 
संस्कृतमेंदर्शन का अर्थ होता है 'देखना'. हिन्दू पारंपरिक प्रथा में यह पवित्र व्यक्ति या वस्तु को देखने की ओर संकेत करता है आदर्श रूप में यह किसी मंदिर में एक ईश्वरकी छवि मेंउसपवित्र व्यक्ति या वस्तु के दर्शन के सदृश होता है।किसी देवता कीछवि देखने में दर्शंनकर्ताअपनीआंखों के माध्यम से उस देवता की शक्तियों को ग्रहण करते हैं।अतःदर्शन में, दर्शंनकर्ता को सौभाग्य,कल्याण और ईश्वरीयप्रभाव प्रदान करने की क्षमता होती है।अम्मा के अनुयायी इसशब्द का प्रयोग विशिष्टरूप सेप्रेमपूर्वक आलिंगनकिये जाने के बेहद मांगपूर्ण संस्कार के लिए करते हैं।
अम्माअपनी किशोरावस्थासेही इस तरह से दर्शन दे रही हैं।यह प्रथा किस प्रकार शुरूहुई इससम्बन्ध मेंअम्माबताती हैं कि
लोगयहांआकरअपनी समस्याओं के बारे में बताया करते थे।वे रोतेथेऔर मैं उनके आंसूपोंछा करतीथी।जब वेरोते-रोते मेरी गोद में गिर जाया करते थे,तो मैउन्हें गले से लगा लेती थी। फिर अगला व्यक्ति भी मुझसे ऐसे ही व्यवहार की उम्मीद रखता था।.और इस तरह से यह रिवाज़ बन गया।अम्मा का संगठन,माता अमृतानंद
मयीमठ यह दावा करता है कि अम्मा ने इस दुनियाके 29 मिलियन से भीअधिक
लोगों कोअपनेगलेसे लगाया है।जब सन 2002 में उनसे यहपूछा गयाकिउन्हेंक्या
लगता है उनकाआलिंगन किस हद तक दुनियाके बीमारों की सहायता करता है? अम्माने कहा,"मैं यह नहीं कहती कि मैं इनकीसमस्याओं का100 प्रतिशत समा
धानकरसकती हूं।इससंसारकोपरिवर्तित 
[पूरी तरह से]करनेकाप्रयास करना ठीक वैसा ही हैजैसे कुत्ते की टेढ़ीपूंछकोसीधा
करना।लेकिनलोगों सेही समाजका जन्म होता है।इसलिएलोगों कोप्रभावित करने के द्वाराआप इस समाज में परिवर्तन ला सकते हैंऔर इसके द्वारा इस संसार में परिवर्तनलाया जा सकता है।आप परिव
र्तन ला सकते हैं,पर इसे पूरी तरह परिव
र्तित नहीं कर सकते.प्रत्येक व्यक्ति के मष्तिष्कमेंचलने वाला युद्ध ही वास्तविक युद्धों के लिए उत्तरदायी है। इसलिए यदि आप लोगों को स्पर्श कर सकते हैं, तो अप इस विश्व को भी स्पर्श कर सकते हैं।"अम्मा का यह दर्शन ही उनके जीवन का केंद्र है क्योंकि 1970 के उत्तरार्ध से वह लगभग प्रतिदिन ही लोगों से मिलती हैं। इसके साथ ही अम्मा का आशीर्वाद पाने के लिए आने वाले लोगों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, कभी-कभी तो ऐसाभी होता हैकि वह लगातार 20 घंटों तक दर्शन देती रहती हैं। 2004 की एक पुस्तकफ्रॉमअम्मा'ज़ हार्ट,मेंअंकितसंवाद
मेंअम्मा कहती हैं; "जब तक मेरे ये हाथ ज़राभीहिलपानेऔर मेरे पास आने वाले लोगों तक पहुंच पाने में समर्थ रहेंगे और जबतकमुझमें रोते हुए व्यक्ति के कंधे पर अपनाहाथ रखने और पर प्रेम से हाथ फेरने तथा उनके आंसू पोंछने की शक्ति रहेगी,तबतक यहअम्मा दर्शनदेती रहेगी. इसनश्वर संसार का अंत होने तक, लोगों पर प्रेम से हाथ फेरना, उन्हें सांत्वना देना औरउनकेआंसू पोंछना,यहीअम्मा की इच्छा है।
              ❤️ शिक्षाएं ❤️ 
पुस्तक द टाइमलेस पाथ, में अम्मा के एक वरिष्ठ शिष्य, स्वामी रामकृष्णनंदा पुरी लिखते हैं:अम्मा द्वारा मन में बैठाया गया [आध्यात्मिक] पाठ ठीक वैसा ही है जैसा कि हमारे वेदों में दिया गया है और उनके बाद के पारंपरिक धार्मिक ग्रंथों में संक्षेप में दोहराया गया है जैसे भगवद गीता."अम्मा स्वयं ही कहती हैं, "कर्म [क्रिया], ज्ञान और भक्ति यह तीनों ही आवश्यक हैं। यदि भक्ति और कर्म एक पक्षी के दो पंख हैं तो ज्ञान उसका अंत सिरा है। इन तीनों की सहायता से ही पक्षी उंचाइयों तक पहुंच सकता है।" वह सभी धर्मों की विभिन्न प्रार्थनाओं और आध्यात्मिक परिपाटियों को मष्तिष्क के निर्मलीकरण के एकमात्र उद्देश्य के लिए विविध पद्धतियों के रूप में देखती हैं। इसके साथ ही अम्मा ध्यान, कर्म योग पर आधारित क्रियाओं, परोपकार और करुणा, धैर्य, दया, आत्म नियंत्रण जैसे दैवीय गुणों के विकास के महत्व पर भी बल देती हैं, अम्मा कहती हैं कि इन गुणों का अभ्यास हमारे मष्तिष्क को परिष्कृत करता है,इसे अंतिम सत्य को आत्मसात करने के योग्य बनाता है:अंतिम सत्य यह हैकि हमाराअस्तित्व इसशरीरऔर मष्तिष्क की सीमा में सीमित नहीं हैं अपितु यह एक आनंदमय चेतना है जो इस ब्रह्माण्ड के अद्वैत अधःस्तर के रूप मेंकार्य करतीहै।इस विचार को ही अम्मा
जीवनमुक्ति जीवित अवस्था में ही मुक्ति] कहती हैं।अम्मा कहती हैं, "जीवनमुक्ति कोई ऐसी अवस्था नहीं है जिसे मृत्यु के बादप्राप्त किया जाये और ना हीआपको
इसकाअनुभवयाप्राप्ति किसीदूसरेसंसार
मेंहोगी।यह पूर्ण चेतना और समवृत्ति की 
एकअवस्थाहैजिसकाअनुभवइस जीवित
शरीर को धारण किये हुए ही इसी संसार मेंअभी ही किया जा सकता है।अपने स्व केसाथएकीकृत होकर इसउच्चतम सत्य काअनुभव करने के बाद,ऐसी आनंदमय
आत्म को पुनःजन्म लेने कीआवश्यकता नही होतीवहअनंतचेतन केसाथएकीकृत
हो जाती है।"
             ❤️धर्मार्थ मिशन ❤️
अम्मा केविश्वव्यापीधर्मार्थमिशन में बेघर लोगों के लिए 100,000 घर, 3 अनाथ आश्रम बनाने का कार्यक्रम और 2004 मेंभारतीयसागरमेंसुनामीजैसीआपदाओ
से सामना होने कीअवस्था में राहत-और
-पुनर्वास, मुफ्त चिकित्सकीय देखभाल, विधवाओंऔर असमर्थ व्यक्तियों के लिए पेंशन,पर्यावरणीय सुरक्षा समूह, मलिन बस्तियों का नवीनीकरण, वृद्धों के लिए देखभाल केंद्र और गरीबों के लिए मुफ्त वस्त्रऔरभोजनआदि कार्यक्रमसम्मिलित
हैं।यहपरियोजनाएं अनेकों संगठनों द्वारा संचालितकी जातीहैं जिसमेमाता अमृता
नंदमयीमठ (भारत),माता अमृतानंदमयी सेंटर(संयुक्तराज्य अमेरिका)अम्मा-यूरोप
अम्मा-जापान,अम्मा-केन्या,अम्मा-ऑस्ट्रे
लियाआदि शामिल हैं। यह सभी संगठन संयुक्तरूप से एम्ब्रेसिंग द वर्ल्ड (विश्व को गलेलगाने वाले) के रूप में जानेजाते हैं।
जब 2004 में उनसे यह पूछा गया कि उनके धर्मार्थ मिशन का विकास कैसा चल रहा है तो अम्मा ने कहा, "जहां तक गतिविधियों की बात है यह किसीयोजना 
परआधारित नहीं हैं।सब कुछसहज रूप से होता है।ग़रीबों और व्यथित लोगों की दुर्दशा देखकर एक कार्य ही दूसरे कार्य का माध्यम बना.अम्मा प्रत्येक व्यक्ति से मिलती हैं,वे प्रत्यक्ष ही उनकी समस्याओं को देखती हैंऔरउनके कष्टों कोदूर करने का प्रयास करती हैं। ॐ लोकाः समस्ताः सुखिनोभवन्तु,यहसनातन धर्मं के प्रमुख मन्त्रों में से एक है,जिसका अर्थ होता है, 'इससंसारकेसभी प्राणी प्रसन्नऔर शांति
पूर्ण रहें.'इस मंत्र की भावना को ही कर्म का माध्यम बनाया गया है।"अधिकांश 
कार्य स्वयंसेवकों द्वारा आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में किया जाता है। "यह अम्मा की इच्छा है कि उनके सभी बच्चे इस विश्व में प्रेम और शांति के प्रसार के लिएअपना जीवन समर्पित कर दें. अम्मा
कहती हैं "ग़रीबों तथा पीड़ितों के लिए सच्चीकरुणा ही ईश्वर के प्रति सच्चा प्रेम औरभक्ति है।"मेरे बच्चेउन्हें भोजनकराते
हैं जो भूखे हैं, ग़रीबों की सहायता करते हैं,दुखी लोगों को सांत्वना देते हैं,पीड़ितों
 को राहत पहुंचाते हैं और सभी के प्रति दानशील हैं।"
         ❤️पुरस्कार और सम्मान ❤️
1993,प्रेसिडेंटऑफ़ दहिन्दू फेथ' (पार्लि
यमेंटऑफ़ द वर्ल्ड रिलिजन्स)
1993, हिंदू पुनर्जागरण पुरस्कार (हिंदू धर्म आज)
1998,केयरएंडशेयरइंटरनैशनल ह्यूमै
निटेरियनऑफ़ द इयर अवॉर्ड (शिकागो)
2002, कर्म योगी ऑफ़ द इयर (योग जर्नल)
2002, द वर्ल्ड मूवमेंट फॉर नॉनवायलेंस द्वारा अहिंसा के लिए गांधी-किंग अवॉर्ड (यूएन (UN), जेनेवा)  
2005, महावीर महात्मा अवॉर्ड (लंदन)
2005, सेंटेनरी लिजेंड्री अवॉर्ड ऑफ़ द इंटरनैशनल रोटैरियंस (कोचीन)
2006,जेम्स पार्क मॉर्टन इंटरफेथअवॉर्ड 
(न्यूयॉर्क)
2006, द फिलॉसफर सेंट श्री ज्ञानेश्वर वर्ल्ड पीस प्राइज़ (पुणे)
2007, ले प्रिक्स सिनेमा वेरिट (सिनेमा वेरिट, पैरिस)
2010, अपने बफैलो कैम्पस में 25 मई 2010कोमानवीयपत्र में स्टेटयूनिवर्सिटी ऑफ़न्यूयॉर्क नेअम्मा को मानद् डॉक्टरेट से सम्मानित
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🌻(C)आजकेदिनकीमहत्त्वपूर्ण घटनाएँ💐
1290-चीनके चिली की खाड़ी में भूकंप से करीब एक लाख लोगों की मौत हुई।
1760-मीरकासिमबंगाल के नवाब बने।
1821-मैक्सिको को स्वतंत्रता मिली।
1825-इंग्लैंड में स्टॉकटन-डार्लिंगटन लाइनकीशुरुआतकेसाथदुनियाकापहला
सार्वजनिक रेल परिवहन शुरू हुआ।
1940 - द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इटली, जर्मनी एवं जापान ने धूरी राष्ट्र के समझौते पर हस्ताक्षर किया।
1958 - मिहिर सेन ब्रिटिश चैनल को तैरकरपारकरनेवाले पहले भारतीय बने।
1961-सिएरालियोनसंयुक्तराष्ट्रका सौवां सदस्य बना।
1988-अमेरिकी अंतरिक्षयान'डिस्कवरी' काकेप कैनेवरल से प्रक्षेपण।
1995-बोस्नियामेंसंघर्षरत तीन दलों के मध्यअमेरिकीमध्यस्थतामेंसमझौता सम्पन्न।
1996 - अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान द्वारा क़ाबुल पर अधिकार, पूर्व राष्ट्रपति नजीबुल्लाह एवं उनके भाई को सरेआम फ़ांसी।
1998-इंटरनेट सर्च इंजनगूगलकी स्था
पना हुई।
1998-जर्मनी में सम्पन्न हुए चुनाव में गेरहार्ड श्रोयडर ने हेल्मट कोल को हराकर नये चांसलर बने।
2000 - वेनेजुएला की राजधानी काराकस में ओपेक देशों का शिखर सम्मेलन शुरू।
2002 - न्यूयार्क में विश्व बैंक व आइएमएफ़ की वार्षिक बैठक शुरू।
2003 - ध्वनि से भी अधिक तेज़ गति से उड़ने वाले ब्रिटिश एयर के कांकर्ड विमान ने न्यूयार्क से लंदन के लिए आख़िरी उड़ान भरी।
2005 - बिल गेट्स लगातार ग्यारहवें साल दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति बने।
2007 - पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ ने राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए परचा भरा।
2009 - भारत-पाक के विदेश मंत्रियों की बातचीत शुरू हुई
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐(D)आज के दिन जन्म लिए प्रसिद्ध व्यक्तित्व
1907-भगत सिंह, भारतीय क्रान्तिकारी
1932 -यश चोपड़ा, भारतीय निर्देशक.
1953 - माता अमृतानंदमयी, भारतीय, धार्मिक नेता.
1956~राजेश राज , (भारत) गीतकार, आशुकवि@
1981-लक्ष्मीपति बालाजीभारतीय, क्रिकेट खिलाड़ी
1996,~हिमांशु सोनी" (भोपाल,मध्य
प्रदेश,भारत)
🌻💐🌹🌲🌸🌲🌹💐💐🌻(E)आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
1972, एस. आर. रंगनाथन
2008, महेन्द्र कपूर, भारत के हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध पार्श्वगायक
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌸🌲🌹💐💐🌻(F) आज का दिवस का नाम
भगत सिंह, भारतीय क्रान्तिकारी
थे  यश चोपड़ा,भारतीय निर्देशक.
1953 - माता अमृतानंदमयी, भारतीय, धार्मिक नेता.
1956~राजेश राज , (भारत) गीतकार, आशुकवि
4 एस.आर.रंगनाथन,भारतीय गणितज्ञ.का पुण्यतिथि
5.महेन्द्र कपूर, भारत के हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध पार्श्वगायक
🌻💐🌹🌲🌱🌸🌲🌹💐💐   
आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।
 आज जन्म लिये  सभी  व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई।  बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।
💐।जय चित्रांश।💐
🔥जयमहाकाल,बोले सोनिहाल💐
💐।जय हिंद जय भारत💐
💐  निवेदक;-💐
 💐 चित्रांश ;-विजय निगम।💐


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