आज की बात आपके साथ - विजय निगम


प्रिय साथियो। 


🌹राम-राम🌹 


🌻 नमस्ते।🌻


आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों का 03 जून 2020 बुधवार की प्रातःकी बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।


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आज की बात आपके साथ अंक मे है 


A कुछ रोचक समाचार


B आज के दिन जन्मे हिन्दी के सफल पत्र


-कार,उपन्यासकार,नाटककारऔर निबंध-


कारपंडित बालकृष्णभट्ट का जीवनपरिचय


लेख. 


C आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ


D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण    


    व्यक्तित्व


E आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।


F आज का दिवस का नाम ।


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    (A) कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त) 


🌺(A/1)CII की 125 वीं वर्षगिरह पर बोले पीएम मोदी- प्रतिभा और प्रौद्योगिकी पर निर्भर, जल्द ही सुधरेंगे।🌺


🌺(A/2)PM मोदी बोले- 5I फॉर्मूले से भारत बनेगा आत्मनिर्भर, सभी को मिलेगा फायदा


🌺(A/3) लालकृष्ण आडवाणी के साथ दिखीं 'रामायण' में 'सीता' बनीं दीपिका चिखलिया, साझा की पुरानी तस्वीर।


🌺(A/4) व्हाइट हाउस के जिस बंकर में थे ट्रंप, उस पर परमाणु हमला भी होगा फेल।🌺


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     (A) कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)


🌺(A/1)CII की 125 वीं वर्षगिरह पर बोले पीएम मोदी- प्रतिभा और प्रौद्योगिकी पर निर्भर, जल्द ही सुधरेंगे।🌺


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीएम मोदी) ने मंगलवार को भारतीय उद्योग संगठन (CII) के वार्षिक सत्र को संबोधित किया।पीएम मोदी ने कहा कि हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन भी बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्थिर करना है, उसे गति देनी है।इस स्थिति में आपने "गेटिंग ग्रोथ बैक" की बात शुरू की है और निश्चित रूप से इसके लिए आप सभी, भारतीय उद्योग जगत के लोगों को बधाई के पात्र हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि हम जरूर दोबारा करेंगे। मुझे भारत के टैलेंटऔर टेक्नोलॉजीज पर भरोसा है इको


नॉमी के लीडर्स पर निर्भर है।


देखिये चिंता देश की सोमवार से शुक्रवार टीवी9भारतवर्ष पर हर रात 10 बजेपीएम


मोदी ने कहा कि मैं तो ग्रोथ बैक से आगे बढ़कर ये भी कहूंगा कि हम आर्थिक गति को निश्चित रूप से हासिल करेंगे। पीएम ने कहा कि आप लोगों में से कुछ लोग सोच सकते हैं कि संकट की इस घड़ी में, मैं बहुत विश्वास से ये कैसे बोल सकता हूं? मेरे इस भरोसे के पीछे कई वजहें हैं।


उन्होंने कहा, 'मुझे भारत की क्षमता और क्राइसिस मैनेजमेंट पर निर्भर है।मुझेभारत


के टैलेंट और टेक्नोलॉजीज पर निर्भर है। मुझे भारत के इनोवेशन और बौद्धिक क्षमता पर निर्भर है। मुझे भारत के किसानों, MSME, इंटरप्रिन्योर्स पर निर्भर है। '


🌺भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा खुला🌺


पीएम मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस ने हमारीगति जितनी भी धीमी की हो,लेकिन आजदेश की सबसे बड़ी सच्चाईयही है कि भारत लॉकडाउन (लॉकडाउन) को पीछे छोड़कर 1 (अनलॉक -1) में एंट्री कर चुका है। इस दौरान अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है।


पीएम मोदी ने कहा कि आज ये सब हम इसलिए कर पा रहे हैं, क्योंकि जब दुनिया में कोरोनावायरस पैर फैला रहा था तो भारत ने सही समय पर, सही तरीके से सही कदम उठाए। दुनिया के तमाम देशों से तुलना करें तो आज हमें पता चलता है कि भारत में तालाबंदी का कितना व्यापक प्रभाव रहा है।


🌺मेड इन इंडिया के प्रोडक्ट्स मेड फॉर वर्ल्ड के लिए हैं🌺।


पीएम मोदी ने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा को स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वह पूरी तरह से हो गया है। इससे एमएसएमई को बिना किसी चिंता के विकास करना होगा। उन्हें MSMEs का अस्तित्व को लेकर ज्यादा संघर्ष बनाए रखने की जरूरत नहीं है। स्वाभाविक है कि इस समय नए सिरे से मंथन चल रहा है।ये ऐसा लंबा है कि भारत से दुनिया की उम्मीदें बढ़ी हैं।प्रधानमंत्री ने


कहा कि जो विश्वास भारत पर पैदा हुआ है उसका भारत की इंडस्ट्री को पूरा फायदा उठाना चाहिए। "विकास वापस हो रहा है" इतना मुश्किल भी नहीं है।आपके पास आत्मनिर्भरता का रास्ता है।आत्मनिर्भर भारत का मतलबऔर बहुत मजबूत होकर हम दुनिया को प्रभावित करेंगे। अब ऐसे प्रोडक्ट बनाने की जरूरत है जो मेड इन इंडिया और मेड फॉर वर्ल्ड हो।


🌺3 महीने में दी गई सैकडों करोड़ की इंडस्ट्री🌺


पीएम ने कहा है कि मैं बहुत गर्व से कहूंगा कि सिर्फ 3 महीने के भीतर ही निजी सुरक्षा उपकरण यानी पीपीई की सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री ने ढेर कर दिया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निवेश औ अर्थव्यवस्था किसानों के साथ रास्ता खुलने का पूरा लाभ उठाता है। अब तो गांव के पास ही लोकल एग्रो प्रोडक्ट्स के क्लस्टर्स के लिए ज़रूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसमें CII के तमाम मेंबर्स के लिए बहुत सारे अवसर हैं।


🌺कल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने घटाई थी भारत की रेटिंग🌺


कल ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग्स को तोड़ दिया है। मूडीज ने ये भी कहा है कि भारत को आगे भी आर्थिक स्तर पर कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।


CII की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की। बता दें कि CII की स्थापना 1895 में हुई थी। ऐसे में कार्यक्रम के विषय "गेटिंग ग्राउंड बैक"पर पीएम मोदी ने खुलकर बात की।विषय इसलिए भी महत्वपूर्ण हैक्योंकि


भारत दोमहीने से ज्यादा देर के लॉकडाउन के बाद फिर से अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने की कोशिश में लगा है।लॉकडाउन के चलते देश को आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचा है। इस कार्यक्रम मे पीएम मोदी के अलावा कई नामचीन संस्थानों के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।


🌺कई नामचीन हस्तियों के कार्यक्रम भी शामिल हैं🌺


इन रिटर्नल ग्रुप के चेयरमैन अजय पेटेंटल, आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी संजीव पुरी, बायोकॉन के सीएमडी, एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार, कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के नाम शामिल हैं। 1 जून से देश में लगभग -1 की शुरुआत हो चुकी है।


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🌺(A/2)PM मोदी बोले- 5I फॉर्मूले से भारत बनेगा आत्मनिर्भर, सभी को मिलेगा फायदा🌺


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत जरूरी हैं. ये हैं- Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation.


CII की 125वीं सालगिरह पर अर्थव्यवस्था पर मंथन


PM मोदी बोले- आत्मनिर्भर भारत के लिए सबका सहयोग जरूरी।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार देश के सामने 'आत्मनिर्भर भारत' का खाका पेश किया. सीआईआई की 125वीं सालगिरह पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत जरूरी हैं. ये हैं- Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation.


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल में जो कड़े फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी. महिलाएं हों, दिव्यांग हों, बुजुर्ग हों, श्रमिक हों, हर किसी को इससे लाभ मिला है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर डिलिवर किए हैं.


एम नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ने गरीबों को तुरंत लाभ देने में बहुत मदद की है। इस योजना के तहत करीब 74 करोड़ लाभार्थियों तक राशन पहुंचाया जा चुका है.प्रवासी श्रमिकों के लिए भी फ्री राशन पहुंचाया जा रहा है. कोरोना के खिलाफ अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूतकरना,हमारी पहली प्राथमिकता में से एक है।.


कोरोना संकट और लॉकडाउन पर पीएम नरेंद्र मोदी नेकहा किजब दुनिया में कोरोना


वायरस पैर फैला रहा था, तो भारत ने सही समय पर,सही तरीके से सही कदम उठाए. दुनिया के तमामदेशों सेतुलना करेंतो आज हमें पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितनाव्यापक प्रभाव रहा है।पीएम 


नरेंद्रमोदीनेकहा किकोरोना ने हमारी स्पीड


जितनी भी धीमी की हो, लेकिन आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यही हैकि भारत,


लॉकडाउन को पीछे छोड़करअनलॉक के पहले चरण में प्रवेश कर चुका है।अनलॉक फेस-1मेंअर्थव्यवस्था का बहुत बड़ाहिस्सा 


खुल चुका है.


एम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन भी बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्टेबलाइज करना है, स्पीड अप करना है. इस हालात में आपने “Getting Growth Back” की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए आप सभी, भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं.


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🌺(A/3) लालकृष्ण आडवाणी के साथ दिखीं 'रामायण' में 'सीता' बनीं दीपिका चिखलिया, साझा की पुरानी तस्वीर🌺


'रामायण' में सीता का किरदार कर मशहूर हुईं अभिनेत्री दीपिका चिखलिया लगातार अपनी पुरानी तस्वीरें साझा कर रही हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं इन तस्वीरों को फैंस काफी पसंद करते हैं। इस बार दीपिका भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ नजर आईं।


दीपिका और आडवाणी की तस्वीर का बैकग्राउंड देख ऐसा लग रहा है तस्वीर तब की है जब दीपिका चुनाव प्रचार कर रही थीं। उनके पीछे लगे बैनर देखे जा सकते हैं। तस्वीर में दीपिका साड़ी पहने नजर आ रही हैं। आडवाणी को देखते ही वो काफी खुश हो जाती हैं। 


दीपिका,लालकृष्णआडवाणी को नमस्कार करती नजर आईं। वहीं आडवाणी भी हाथ जोड़े खड़े हैं औरउनकी ओर देखकर मुस्कुरा रहे हैं। तस्वीर के साथ दीपिका ने कैप्शन में लिखा, 'नमस्कार।'


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🌺(A/4) व्हाइट हाउस के जिस बंकर में थे ट्रंप, उस पर परमाणु हमला भी होगा फेल🌺


अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्यॉयड की मौत से बाद अमेरिका के ज्यादातर राज्य हिंसा में सुलगरहे हैं।हालातऐसे हो गए किअमेरिका


कीराजधानी वॉशिंगटन समेत कई शहरों में हिंसाको काबू करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा।अमेरिकीराष्ट्रपति ट्रंप केआधिकारिक निवास व्हाइटहाउस के सामने भारी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए।राष्ट्रपति ट्रंप


व उनके परिवारको सुरक्षित रखने के लिए व्हाइटहाउस मेंही बने बंकरमेंले जाया गया जहांवो रहरहे हैं।आप इस बंकर की क्षमता जानकर हैरान रह जाएंगे।


व्हाइट हाउस में बने इस बंकर में राष्ट्रपति वउनके परिवार केअलावासारे कर्मचारियों के रहनेकी भी पूरी व्यवस्था है।यह बंकर इतना शक्तिशाली हैकि इसपर रॉकेट-मिसा


-इल तो छोड़िए अगर परमाणु बम से भी हमला किया जाए तो किसी को कोई नुक


-सान नहीं पहुंचेगा.इस बंकर में कई गुप्त 


सुरंगहैं जिससेअमेरिकी राष्ट्रपति किसी भी आपात स्थिति में कहीं भी आने-जाने में सक्षम हैं।वो इस सुरंग के जरिए किसी भी विभाग के दफ्तर पहुंच सकते हैं.व्हाइट 


हाउस के बंकर में राष्ट्रपति के लिए लिविंग रूम,टीवी, कॉफ्रेंस रूम के अलावा कमांड रूम भी है जहां वो16 लोगों के साथ कभी भीबैठककर सकते हैं।पांचमंजिलाखुफिया


बंकर में राष्ट्रपति की गाड़ी के लिए पार्किंग और गैरेज की भी सुविधा है जहां उनके काफिले की गाड़ियों को सुरक्षित रखा जा सकता है।25 मई को अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड नाम केअश्वेत नागरिक को गाड़ी से उतारकर पुलिस ने जमीन पर लिटाकर घुटने सेउसकी गर्दन को दबाया था जिससे बाद में उसकी मौत हो गई।पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल होने के बाद वहां भेदभाव को लेकरधरने-प्रदर्शन शुरू हो गए। बाद में कुछ जगहों पर हिंसा भी देखने को मिली.


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  (B) आज के दिन जन्मे हिन्दी के सफल पत्रकार,उपन्यासकार,नाटककार 


और निबंधकार पंडित बालकृष्ण भट्ट का जीवन परिचय लेख. 


     


      पंडित बालकृष्ण भट्ट 


 


(23 जून 1844 से 20 जुलाई 1914)


 हिन्दी के सफल पत्रकार, उपन्यासकार, नाटककार और निबंधकार थे। उन्हें आज की गद्य प्रधान कविता का जनक माना जा सकता है। हिन्दी गद्य साहित्य के निर्माताओं में उनका प्रमुख स्थान है।


 


        पंडित बालकृष्ण भट्ट


 


            जीवन परिचय


 


पंडित बालकृष्ण भट्ट के पिता का नाम पं॰ वेणी प्रसाद था। स्कूल में दसवीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद भट्ट जी ने घर पर ही संस्कृत का अध्ययन किया। संस्कृत के अतिरिक्तउन्हें हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू, फारसी भाषाओं का भी अच्छा ज्ञान हो गया। भट्ट जी स्वतंत्र प्रकृति के व्यक्ति थे। उन्होंने व्यापार का कार्य किया तथा वे कुछ समय तक कायस्थ पाठशाला प्रयाग में संस्कृत के अध्यापक भी रहे किन्तु उनका मन किसी में नहीं रमा। भारतेंदु जी से प्रभावित होकर उन्होंने हिंदी-साहित्य सेवा का व्रत ले लिया। भट्ट जी ने हिन्दी प्रदीप नामक मासिक पत्र निकाला। इस पत्र के वे स्वयं संपादक थे। उन्होंने इस पत्र के द्वारा निरंतर 32 वर्ष तक हिंदी की सेवा की। काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा आयोजित हिंदी शब्दसागर के संपादन में भी उन्होंने बाबू श्याम सुंदरदास तथा शुक्ल जी के साथ कार्य किया।


उनकाजन्म प्रयाग के एक प्रतिष्ठितपरिवार 


में हुआ था। भट्ट जी की माता अपने पति की अपेक्षा अधिक पढ़ी-लिखी और विदुषी थीं। उनका प्रभाव बालकृष्ण भट्ट जी पर अधिक पड़ा।भट्ट जी मिशन स्कूल में पढ़ते थे।वहाँ के प्रधानाचार्य एक ईसाईपादरी थे। उनसेवाद-विवाद हो जाने के कारण इन्होंने मिशनस्कूल जाना बंद कर दिया।इसप्रकार


वह घर पर रह कर ही संस्कृत का अध्ययन करनेलगे।वे अपने सिद्धान्तों जीवन-मूल्यों के इतने दृढ़ प्रतिपादक थे कि कालान्तर में इन्हें अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण मिशन स्कूल तथा कायस्थ पाठशाला के संस्कृत अध्यापक के पद से त्याग-पत्र देना पड़ा था।जीविकोपार्जन के लिएउन्होंनेकुछ


समय तक व्यापार भी किया परन्तु उसमें इनकी अधिक रुचि न होने के कारण सफ


-लता नहीं मिल सकी। आपकी अभिरुचि आरंभसे ही साहित्य सेवा में थी।अत: सेवा


-वृत्ति को तिलांजलि देकर वे आजीवन हिन्दी साहित्य की सेवा ही करते रहे।


        //कार्यक्षेत्र//


भट्ट जी एक अच्छे और सफल पत्रकार भी थे।हिन्दी प्रचार के लिए उन्होंनेसंवत्‌1933 में प्रयाग में हिन्दीवर्द्धिनी नामक सभा की स्थापना की। उसकी ओर से एक हिन्दी मासिकपत्र का प्रकाशन भी किया,जिसका


नाम था "हिन्दी प्रदीप"।वह बत्तीस वर्ष तक इसके संपादक रहे और इसे नियमित रूप से भली-भाँति चलाते रहे। हिन्दी प्रदीप के अतिरिक्त बालकृष्णभट्ट जी ने दो-तीनअन्य पत्रिकाओं का संपादन भी किया। भट्ट जी भारतेन्दु युग के प्रतिष्ठित निबंधकार थे। अपने निबंधों द्वारा हिन्दी की सेवा करने के लिए उनका नाम सदैव अग्रगण्य रहेगा। उनके निबन्ध अधिकतर हिन्दी प्रदीप में प्रकाशितहोतेथे।उनके निबंध सदा मौलिक


और भावना पूर्ण होते थे। वह इतने व्यस्त रहते थेकिउन्हें पुस्तकें लिखने के लिए अव


काश ही नहीं मिलता था।अत्यन्त व्यस्त समय होते हुए भी उन्होंने "सौ अजान एक सुजान",रेल का विकट खेल",नूतनब्रह्मचारी


"बाल विवाह" तथा "भाग्य की परख" आदि छोटी-मोटी दस-बारह पुस्तकें लिखीं। वैसे आपने निबंधों के अतिरिक्त कुछ नाटक, कहानियाँ और उपन्यास भी लिखे हैं।


   // प्रमुख कृतियाँ//


भट्ट जी ने हिन्दी साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में लिखा। उन्हें मूलरूप से निबन्ध लेखक के रूप में जाना जाता है लेकिन उन्होंने उपन्यास और नाटक भी लिखे।


निबन्ध संग्रह : साहित्य सुमन और भट्ट नीबंधमला।आत्मनिर्भरता (1893)


उपन्यास : नूतन ब्रह्मचारी , सौ अजान और एक सुजान, रहस्यकथा


मौलिक नाटक : दमयन्ती स्वयंवर, बाल-विवाह, चन्द्रसेन, रेल का विकट खेल, आदि।


अनुवाद : भट्ट जीने बंगला 


तथा संस्कृत के नाटकों के अनुवाद भी किए जिनमें


 वेणीसंहार, मृच्छकटिक, पद्मावती आदि प्रमुख हैं।


         //भाषा//


भाषा की दृष्टि से अपने समय के लेखकों में भट्ट जी का स्थान बहुत ऊँचा है। उन्होंने अपनीरचनाओं में यथाशक्ति शुद्ध हिंदी का प्रयोग किया। भावों के अनुकूल शब्दों का चुनाव करने में भट्ट जी बड़े कुशल थे।कहावतों और मुहावरों का प्रयोग भी उन्होंने सुंदरढंग से किया है।भट्टजी की भाषामें जहाँतहाँ पूर्वीपन की झलक मिलतीहै। जैसे- तैसे समझा-बुझा के स्थान पर समझाय-बुझाय लिखा गया है।बालकृष्ण भट्ट की भाषा को दो कोटियों में रखा जा सकता है। प्रथम कोटि की भाषा तत्सम शब्दों से युक्त है।द्वितीय कोटि में आनेवाली भाषामेंसंस्कृत के तत्सम शब्दों साथ-साथ


 तत्कालीन उर्दू, अरबी, फारसी तथा ऑंग्ल भाषीय शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। वह हिन्दी की परिधि का विस्तार करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने भाषा को विषय एवं प्रसंग के अनुसार प्रचलित हिन्दीतर शब्दों से भी समन्वित किया है। आपकी भाषा जीवंत तथा चित्ताकर्षक है। इसमें यत्र-तत्र पूर्वी बोली के प्रयोगोंके साथ-साथमुहावरों


का प्रयोग भी किया गया है,जिससेभाषा अत्यन्त रोचक और प्रवाहमयी बन गई है।


     //वर्ण्य विषय//


भट्ट जी ने जहाँ आँख,कान, नाक,बातचीतजैसे साधारण


 विषयों पर लेख लिखे हैं, वहाँ आत्मनिर्भरता, चारु चरित्र जैसे गंभीर विषयों पर भी लेखनी चलाई है।साहित्यिकऔर सामाजिक


विषय भी भट्ट जी से अछूते नहीं बचे। चंद्रोदय उनके साहित्यिकनिबंधों में से है। समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिएउन्होंने सामाजिक निबंधोंकी रचना की। भट्ट जी के निबंधों में सुरुचि-संपन्नता, कल्पना, बहुवर्णन शीलता के साथ-साथ हास्य व्यंग्य के भी दर्शन होते हैं।


         //शैली//


भट्ट जी की लेखन-शैली को भी दो कोटियों में रखा जा सकता है। प्रथम कोटि की शैली को परिचयात्मक शैली कहा जा सकता है। इस शैली मेंउन्होंने कहानियाँ और उपन्यास लिखे हैं। द्वितीय कोटि में आने वाली शैली गूढ़ और गंभीर है। इस शैली में भट्ट जी को अधिक नै पुण्य प्राप्त है आपने आत्म-निर्भरता तथा "कल्पना" जैसे गम्भीर विषयों के अतिरिक्त, "आँख", "नाक", तथा "कान", आदि अति सामान्य विषयों पर भी सुन्दर निबंध लिखे हैं। आपके निबंधों में विचारों की गहनता, विषय की विस्तृत विवेचना, गम्भीर चिन्तन के साथ एक अनूठापन भी है। यत्र-तत्र व्यंग्य एवं विनोद उनकी शैली को मनोरंजक बना देता है। उन्होंने हास्य आधारित लेख भी लिखे हैं, जो अत्यन्त शिक्षादायक हैं।भट्टजी का गद्यगद्यन होकर गद्यकाव्य सा प्रतीत होता है। वस्तुत: आधुनिक कविता में पद्यात्मक शैली में गद्यलिखने की परंपरा का सूत्रपात श्री बालकृष्ण भट्ट जी ने ही किया था। उन्हें


1. वर्णनात्मक शैली- वर्णनात्मक शैली में भट्ट जी ने व्यावहारिक तथा सामाजिक विषयों पर निबंध लिखे हैं। जन साधारण के लिए भट्ट जी ने इसी शैली को अपनाया। उनके उपन्यास की शैली भी यही है, किंतु इसे उनकी प्रतिनिधि शैली नहीं कहा जा सकता।इस शैली की भाषा सरल और मुहावरेदार है। वाक्य कहीं छोटे और 


कहीं बड़े हैं।


2. विचारात्मक शैली- भट्ट जी द्वारा गंभीर विषयों पर लिखे गए निबंध इसी शैली के अंतर्गत आते हैं। तर्क और विश्वास, ज्ञानऔरभक्ति,


संभाषण आदि निबंध विचारात्मक शैली के उदाहरण हैं।इसशैलीकी भाषा में संस्कृत के शब्दों कीअधि


कता है।


3. भावात्मक शैली- इस शैली का प्रयोग भट्ट जी ने साहित्यिक निबंधों में किया है। इसे भट्ट जी की प्रतिनिधि शैली कहा जा सकता है।


इस शैली में शुद्ध हिंदी का प्रयोग हुआ है। भाषा प्रवाहमयी, संयत और भावानुकूल है। इस शैली में उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा आदि अलंकारों का प्रयोग भी हुआ है। अलंकारों के प्रयोग से भाषा में विशेष सौंदर्य आ गया है। भावों और विचार के साथ कल्पना का भी सुंदर समन्वय हुआ। इसमें गद्य काव्य जैसा आनंद होता है। चंद्रोदय निबंध का एक अंश देखिए- यह गोल-गोल प्रकाश का पिंड देखभाँति-भाँति की कल्पनाएँ मन में उदय होती है कि क्या यह निशा अभिसारिका के मुख देखने की आरसी है या उसके कान का कुंडल अथवा फूल हैयह रजनी रमणी के ललाट परदुक्केका सफ़ेद तिलक है।


4. व्यंग्यात्मक शैली- इस शैली में हास्य और व्यंग्य की प्रधानता है। विषय के अनु


सार कहीं व्यंग्य अत्यंत मार्मिक और तीखा हो गया है।इस शैली की भाषा में उर्दू शब्दों की अधिकता है और वाक्य छोटे-छोटे हैं।


//साहित्य सेवा और स्थान//


भारतेंदु काल के निबंध-लेखकों में भट्ट जी का सर्वोच्च स्थान है। उन्होंने पत्र, नाटक, काव्य,निबंध,लेखक, उपन्यासकार अनुवा


-दकविभिन्न रूपों में हिंदी कीसेवा की और उसे धनी बनाया।साहित्य की दृष्टि से


भट्टजी केनिबंध अत्यंत उच्चकोटि के हैं।इस दिशा में उनकी तुलना अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध निबंधकार चार्ल्स लैंब से की जा सकती है। 


गद्यकाव्य की रचना भी सर्वप्रथम भट्ट जी ने ही प्रारंभ की। इनसे पूर्वक हिंदी में गद्य काव्य का नितांत अभाव था।


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  🌺(C)आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ🌺 


1918 - गांधी जी की अध्यक्षता इन्दौर में 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' आयोजित हुआ और उसी में पारित एक प्रस्ताव के द्वारा हिन्दी राजभाषा मानी गयी। 


1994 - भारत सहायता क्लब का नया नाम 'भारत सहायता मंच' किया गया। 


1999-हावरक्राफ़्ट विमानों केअविष्कारक क्रिसटोफ़र काकरैल का निधन, यूगोस्लाविया द्वारा कोसोवो शांति योजना को मंजूरी, मिस्र के राष्ट्रपति हुश्नी मोबारक लगातार चौथी बार राष्ट्रपति चुने गये।


2004-केन फ़ोर्ड नासा के अंतरिक्ष खोज पैनल के नेतृत्वकर्ता बने।


2005-फ़्रांस ने सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन दुहराया।


2008-तेलंगाना राष्ट्र समिति केअध्यक्ष के. चन्द्रशेखर राव ने उपचुनाव में क़रारी हार के बाद अपने पर से इस्तीफ़ा दिया। केन्द्र सरकार ने सीमेंट निर्यात पर रिफंड को दी गई मंज़ूरी वापस ली।जापानी प्रयोगशाला


 के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का डिस्कवरी यान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुँचा। वैज्ञानिकों को सौर परिवार के बाहर अब तक का सबसे छोटा ग्रह मिला। 


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 🌺(D)आज के दिन जन्मे महत्वपुर्ण व्यक्ति🌺 


1844-बालकृष्ण भट्ट - आधुनिक हिन्दी साहित्य के शीर्ष निर्माताओं में से एक।1867-हरविलास शारदा भारत के प्रसिद्ध शिक्षाविद,


राजनेता,समाज सुधारक, न्यायविद और लेखक थे।


1895-पणीक्कर,के.एम.मैसूर (कर्नाटक) के प्रसिद्ध राजनी


तिज्ञ,राजनीयक और विद्वान। 


1924 - एम. करुणानिधि-


भारतीय राजनेता और तमिल


नाडु के पूर्व मुख्यमंत्री थे।


1929-चिमनभाई पटेल - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे,जो गुजरात के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे। 


1930 - जॉर्ज फ़र्नांडिस-एक पूर्व ट्रेड यूनियन नेताथे,जो राजनेता,पत्रकार व भारत के रक्षामंत्री रहे। 


1941 - रूमा पाल - भारत की प्रसिद्ध महिला न्यायधीश रही हैं। 


 💐🌹🌲🌱💐💮🌹🌳🌺🥀🌼🌺🌻(E)आज के दिन निधन हुवे महत्वपुर्ण व्यक्तित्व🌻


1974- कृष्ण बल्लभ सहाय- बिहार के 


मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी


1994 -त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल - सामुदायिक नेतृत्व


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   🌺(F) आज का दिवस का नाम🌺।


1.बालकृष्ण भट्ट -आधुनिक हिन्दी साहित्य के शीर्ष निर्माताओं में से एक थे का जयंती दिवस।


2.हरविलास शारदा -भारत केप्रसिद्धशिक्षा-विद, राजनेता, समाज सुधारक, न्यायविद और लेखक थे का जयंती दिवस।


3 पणीक्कर, के. एम. - मैसूर (कर्नाटक) के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, राजनीयक और विद्वान का जयंती दिवस।


4.कृष्णबल्लभसहाय- बिहार के मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी का पुण्यतिथि दिवस


5  त्रिभुवन दास कृषि भाई पटेल सामुदायिक नेतृत्वकर्ता थे का पुण्यतिथि दिवस


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       आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।


      आज जन्म लिये सभी व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई। बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।


💐।जय चित्रांश।💐


💐जय महाकाल,बोले सो निहाल💐


💐।जय हिंद जय भारत💐


💐 निवेदक;-💐


💐 चित्रांश ;-विजय निगम


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