आज की बात आपके साथ - विजय निगम

प्रिय साथियो। 


🌹राम-राम🌹 


🌻 नमस्ते।🌻


आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों का दिनांक 31मई 2020 रविवार की प्रातः की बेला में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है।


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आज की बात आपके साथ अंक मे है 


 A कुछ रोचक समाचार


B आज के दिन जन्मीअहिल्याबाई होल्कर काजीवन परिचय लेख. 


C आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ


D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण    


    व्यक्तित्व


E आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।


F आज का दिवस का नाम ।


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     (A)कुछ रोचक समाचार(संक्षिप्त)


💝(A/1)क्या लॉकडाउन5.0होगा लागू?       


 गृहमंत्री अमित शाह ने की पीएम मोदी से मुलाकात💐


💝(A/2)भारत का भविष्य कोई आपदा तय नहीं कर सकती: PM नरेंद्र मोदीका जनता के नाम पत्र💝


 💝(A/3)मध्यप्रदेश में 15 जून तक बढ़ा लॉकडाउन, सीएम शिवराज ने कहा स्कूल-कॉलेज खुलेंगे, लेकिन फैसला 13 जून के बाद💝


💝(A/4)पीपीएफ कैलकुलेटर: आपका रु 250 प्रति दिन 69.96 लाख तक बढ़ सकता है; यहां बताया गया है कि आप कैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट से पैसा कमा सकते हैं💝


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     (A) कुछ रोचक समाचार(विस्तृत)


🌺(A/1)क्या लॉकडाउन5.0होगा लागू?       


 गृहमंत्री अमित शाह ने की पीएम मोदी से मुलाकात💐


गृहमंत्री अमित शाह ने लॉकडाउन समाप्त होने के एक दिन पहले यानी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 7 लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की है. ऐसे में एक और लॉकडाउन की उम्मीद लगाई जा रही है.


💐लॉकडाउन 5.0 को लेकर सुगबुगाहट तेज💐


💐अमित शाह ने पीएममोदी सेकी मुला


कात💐


कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू है।. चौथे चरण के लॉकडाउन को बढ़ाकर 31 मई तक के लिए किया गया है,जिसकी अवधि रविवार को समाप्त हो जाएगी.ऐसे में चर्चा है किदेशमें लॉकडाउन का एक


औरचरण लागू होगा।हालांकि,लॉकडाउन


5.0 को लेकरअभीतक केंद्र सरकार की ओर सेकोई बयाननहीं आया है.बहरहाल


गृहमंत्री अमितशाहने लॉकडाउन समाप्त


होनेकेएकदिन पहलेयानीरविवारकोप्रधान


मंत्रीनरेंद्र मोदी से7 लोककल्याणमार्ग


(पीएमआवास) पर मुलाकात की है. ऐसे में एक और लॉकडाउन की उम्मीद लगाई जा रही है।.


लॉकडाउन बढ़ने को लेकर पहला संकेत गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत नेशुक्र


वार दिया था. वहीं उन्होंने लॉकडाउन को और 15 दिनों तक बढ़ाने की मांग की है. गृह मंत्रीअमित शाह से बात करने के बाद


सी एम प्रमोद सावंतने कहा कि कोरोना 


के ग्राफ बढ़ रहा है, ऐसे में और 15 दिनों तक लॉकडाउन बढ़ाने की जरूरत है.


💐सभीराज्यों केसीएम सेकीथीचर्चा💐


बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लॉकडाउन 4.0 की खत्म हो रहीअवधि कोलेकर सभी राज्यों के CM के साथ चर्चा भी की थी।गृहमंत्री ने राज्यों केमुख्यमंत्रियों से 31 मई के बाद लॉक


डाउन परउनके राज्यों की क्या राय हैऔर आगे वह क्या सोचते हैं इसपर उनसे चर्चा की थी।.माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मन की बात भी करेंगे. वैसे अनुमान लगाया जा रहा है कि दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन का बढ़ना लगभगतय है.वहीं, दिल्ली,मुंबई,बेंगलुरू, पुणे,ठाणे,इंदौर,चेन्नई,अहमदाबाद,जयपुर


सूरत और कोलकाता में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज हैं।इन शहरों में देश के कुल कोरोना संक्रमितके 70 % मामले मिले हैं.


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💝(A/2)भारत का भविष्य कोई आपदा तय नहीं कर सकती: PM नरेंद्र मोदीका जनता के नाम पत्र💝


मेरे प्रिय स्नेहीजन,


आज से एक सालपहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसीसरकार कोलगातारदूसरी बारजनता


ने जिम्मेदारी सौंपी थी। इस अध्याय को रचने मेंआपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है


ऐसे मेंआज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का,भारतऔर भार


तीय लोकतंत्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने का।यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह सेजो परिस्थि


-तियां बनी हैं,उन परिस्थितियों में,मैं इस


पत्र के द्वारा आपके चरणों मेंप्रणाम करने औरआपका आशीर्वाद लेने आया हूं।


बीते वर्ष में आपके स्नेह, शुभाशीष और आपकेसक्रिय सहयोग ने मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा,नई प्रेरणा दी है।इस दौरानआप


ने लोकतंत्र की जिस सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए वह आज पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है।


वर्ष 2014 में आपने, देश की जनता ने, देश मेंएक बड़े परिवर्तन केलिए वोटकिया


 था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन पांच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। उन 5वर्षों में देश नेअंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने केलिएगवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है। उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी,वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर,उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर,गरीब की गरिमा भी बढ़ाई।हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे हम आगे बढ़ेंगे, प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे : मोदीउस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंकवन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स


-जीएसटी, किसानों की एमएसपी की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया। वह कार्यकालदेश की अनेकों आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा। वर्ष 2019 मेंआपका आशीर्वाद, देश की जनता का आशीर्वाद, देश के बड़े सपनों के लिए था,आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था।और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है।आज जन-जन से जुड़ी जन मन की जनशक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना को प्रज्वलित कर रही है। गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए, और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतरनिर्णय लेकर कदमभी बढ़ाए। भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा में देश के हर समाज,हर वर्ग और हर व्यक्तिनेबखूबी


अपना दायित्व निभाया है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है।


प्रिय स्नेहीजन,


बीते एक वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है। राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुरानेसंघर्ष के सुखद परिणाम -राम मंदिर


 निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं।


एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीचअनेक फैसले,अनेक बद


लाव ऐसेभी हैं जिन्होंने भारत की विकास 


यात्रा को नई गति दी है,नए लक्ष्य दिएहैं


लोगों कीअपेक्षाओं को पूरा कियाहै। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ केपद के गठनने जहां


सेनाओंमें समन्वय को बढ़ाया है,वहीं मिश


न गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।इस दौरान गरीबों को, किसानों को, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता रही है।


अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है। बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50लाखसेज्यादा किसानों केखातों


 में72 हजार करोड़ रुपए सेअधिक राशि जमा कराई गई है। देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी पाइप से मिले, इसके लिए जल जीवन मिशन शुरु किया गया है।हमारे 50 करोड़ से अधिक के पशुधन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुफ्त टीकाकरण का बहुत बड़ा अभियान भी चलाया जा रहा है। 


  देश के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है जब, किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियों, सभी के लिए 60 वर्ष की आयु केबाद 3हज़ार रुपए की नियमित मासिक


पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है। मछु


आरों की सहूलियत बढ़ाने केलिए, उनको


मिलने वाली सुविधाएं बढ़ानेऔर ब्लू इकॉ


नॉमी को मजबूत करने के लिए विशेष योजनाओं के साथ-साथ अलग से विभाग भी बनाया गया है। इसी तरह व्यापारियों की समस्याओं के समय पर समाधान के लिए व्यापारी कल्याण बोर्ड के निर्माण का निर्णय लिया गया है।स्वयं सहायता समूहों सेजुड़ी लगभग 7करोड़ बहनों को भीअब


ज्यादा वित्तीय सहायता दी जा रही है। हाल में ही स्वयं सहायता समूहों के लिए बिनागारंटी के ऋण को 10 लाख से बढ़ा


कर दोगुना यानि 20 लाख कर दिया गया है। आदिवासी बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए, देश में 450 से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों के निर्माण का अभियान भी शुरू किया गया है।सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी बीते वर्ष में तेज गति से कार्य हुआ है। हमारी संसद ने अपने कामकाज से दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।इसी का परिणाम है कि चाहे कंज्यूमरप्रोटेक्शन एक्ट हो,चिटफंडकानून


 में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों,ये सब तेज़ी से बन पाए हैं।सरकार की नीतियों और निर्णयों की वजह सेशहरों और गांवों के बीच की खाई कम हो रही है।पहली बार ऐसा हुआ है जब गांव में इंटरनेटकाइस्तेमाल करने वालों कीसंख्या


,शहर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से 10 % ज्यादा हो गई है। देशहित में-किए


गए इस तरह के ऐतिहासिक कार्यों और निर्णयों की सूची बहुत लंबी है।इस पत्र में सभी को विस्तार से बता पाना संभव नहीं


लेकिन मैंइतनाअवश्य कहूंगाकिएक साल


के कार्यकाल के प्रत्येक दिन 24 घंटे पूरी सजगता से काम हुआ है संवेदनशीलता से काम हुआ है, निर्णय लिए गए हैं।


प्रिय स्नेहीजन,


देशवासियों की आशाओं-आकाँक्षाओं पूर्ति करते हुए हम तेज गति से आगे बढ़ ही रहे थे, कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत कोभीघेर लिया।एकओर जहांअत्या


धुनिकस्वास्थ्य सेवाओंऔर विशालअर्थव्य


-वस्थावालीविश्व कीबड़ी-बड़ी महाशक्तियाँ 


हैं वहींदूसरी ओर इतनी बड़ीआबादीऔर 


अनेक चुनौतियों से घिरा हमारा भारत है। कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा, तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा। लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है। आपने ये सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है। ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है।


निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई ये दावानहीं कर सकता किकिसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो। हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटेउद्योगों में काम करनेवाले कारी


गर,पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-


ठेला लगाने वाले,हमारे दुकानदार भाई-


बहन,लघु उद्यमी,ऐसे साथियों नेअसीमित 


कष्ट सहा है। इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हमेंयेभी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए। इसके लिए प्रत्येक भार


तीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है। जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे ही उसे आगे भी बनाए रखना है। 


यह एक बड़ा कारण है कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है। ये लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है।


अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने स्थितियों का मुकाबला किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।


प्रिय स्नेहीजन,


इन परिस्थितियों में, आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारतने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनियाको अचं


भित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे।130 करोड़ भारतीय, अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भीविश्व को चकित हीनहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं। आज समय की मांग है किहमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा। अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है - आत्मनिर्भर भारत।


अभी हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज, इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। यह अभियान,हर एक देश


सी केलिए, हमारे किसान,हमारे श्रमिक


,हमारे लघु उद्यमीहमारे स्टार्ट अप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का दौर लेकर आएगा।भारतीयों के पसीने से, परिश्रम सेऔरउनकीप्रतिभा सेबनेलोकल


उत्पादोंकेदम पर भारत आयात परअपनी


निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा।


प्रिय स्नेहीजन,


बीते छह वर्षों की इस यात्रा में आपने निरं


तर मुझ परआशीर्वाद बनाएरखा है,अपना 


प्रेम बढ़ाया है।आपके आशीर्वाद की शक्ति से ही देश पिछले एक साल में ऐतिहासिक निर्णयोंऔर विकास की अभूतपूर्व गति के साथ आगे बढ़ा है।लेकिन फिर भी मुझे पता है किअब भी बहुत कुछ करना बाकी है।देश के सामने चुनौतियां अनेक हैं, सम


स्याएंअनेक हैं।मैं दिन-रात प्रयास कर रहा हूं। मुझ में कमी हो सकती है लेकिन देश में कोई कमी नहीं है।और इसलिए, मेरा विश्वासस्वयं से ज्यादा आप पर है,आपकी 


शक्ति,आपके सामर्थ्य पर है।


मेरे संकल्प की ऊर्जा आप ही हैं, आपका समर्थन, आपका आशीर्वाद, आपका स्नेह ही है। 


वैश्विक महामारी के कारण, यह संकट की घड़ी तो है ही, लेकिन हम देशवासियों के लिए यह संकल्प की घड़ी भी है। हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भार


तीयों कावर्तमान और भविष्य कोईआपदा 


या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती। हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी। हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे।


हमारे यहां कहा गया है- ‘कृतम् मे दक्षिणे हस्ते, जयो मे सव्य आहित:’॥यानि, हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है तो दूसरे हाथ मेंसफलता सुनिश्चित है।देशकी निरं


तर सफलता की इसी कामना के साथ मैं आपको पुन: नमन करता हूं।


आपको और आपके परिवार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।


स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए !!!


जागृत रहिए, जागरूक रखिए !!!


आपका प्रधानसेवक


नरेंद्र मोदी


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 💐(A/3)मध्यप्रदेश में 15 जून तक बढ़ा लॉकडाउन, सीएम शिवराज ने कहा स्कूल-कॉलेज खुलेंगे, लेकिन फैसला 13 जून के बाद💐


मध्यप्रदेश की सरकार ने लॉकडाउन को 15 जूनतक जारी रखने का फैसला किया


 है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य में स्कूल-कॉलेज खुलेंगे, लेकिन इस पर आखिरी फैसला 13 जून के बाद ही लिया जाएगा।कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने लॉक


डाउन को 15 दिन के लिए बढ़ाया है। इस बीचराज्य में सागरजिला कोरोना कानया 


हॉट स्पॉट बनकर उभरा है।शुक्रवार को यहांकई नएकोरोना संक्रमित पाए गए थे।


प्रदेश में भोपाल,इंदौर,उज्जैन, बुरहानपुर, खरगोन,खंडवा और बड़वानी को छोड़कर बाकी सभी जिले ग्रीन जोन में हैं।राज्य के अन्यजिलों मेंशर्तों के साथ बाजार खोलने कीअनुमति दे दी गई है।प्रदेश में खेल गति


विधियां भी एक जून से शुरू हो रही हैं।


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 💝(A/4)पीपीएफ कैलकुलेटर: आपका रु 250 प्रति दिन 69.96 लाख तक बढ़ सकता है; यहां बताया गया है कि आप कैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट से पैसा कमा सकते हैं💝


पीपीएफ कैलकुलेटर:सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) को मूल रूप से एक दीर्घकालिक निवेश उपकरण माना जाता है, जिसका उपयोग सेवानिवृत्ति के बाद, किसी बच्चे या विवाह के उच्च अध्ययन के लिए किया जा सकता है।


पीएफ कैलकुलेटर: सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) को मूल रूप से एक दीर्घकालिक निवेश उपकरण माना जाता है, जिसका उपयोग सेवानिवृत्ति के बाकिसी बच्चेया विवाह केउच्चअध्ययन केलिएकियाजासकता है।आपको15साल


कीपरिपक्वताकेबाद पीपीएफ निकासी को छोड़ना होगा,लेकिन फॉर्म-एचका उप


-योग करकेइसेअगले5 वर्षोंतकविस्तारित 


करना सुनिश्चित करें।


पीपीएफ खातापरिपक्वता पर बोलते हुए, मुंबईस्थितकर औरनिवेश विशेषज्ञ बलवंत


जैन ने कहा,"पीपीएफ खाते को अगले5 वर्षों केलिए15साल कीपरिपक्वताअवधि


के बादबढ़ाया जा सकता है,हालांकिPPF, का लाभअगले पांचवर्षों केलिए, पीपीएफ खाता खाता धारक को 15 वर्ष की परि-


पक्वता के एक वर्ष के भीतर फॉर्म-एच जमा करना होगा। ” जैन ने कहा कि कोई भी असीमित संख्या के लिए 5 साल के ब्लॉक में पीपीएफ खाते का विस्तार कर सकता हैक्योंकि 15 साल की परिपक्वता अवधि केबादपीपीएफ खाताधारक अपने पीपीएफखातेको कितनी बार बढ़ा सकता


है।जैन नेयहभी कहा कि वर्तमान मेंPPF की ब्याज दर 7.1 % है,जिसकी घोषणा केंद्र सरकार ने तिमाही में की है।इसलिए, PPF की ब्याज दर 7.1 % मानकर, यदि कोई निवेशक प्रति वर्ष 90,000 रुपये या 7,500रुपये प्रति माह निवेश करताहै,तो


उसे PPFपरिपक्वता राशि 2,616,310 रुपये या 26.16 लाख रुपये मिलेगी। 15 साल केबाद,इस पैसे का उपयोग बच्चे के


उच्चअध्ययन के लिए किया जा सकताहै।


   💐नीचे PPF कैलकुलेटर देखें💐


हालाँकि, यदि बच्चे के उच्च अध्ययन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अन्य निवेश पर्याप्त हैं, तो फॉर्म-एच जमा करके पीपीएफ खाते को अगले पाँच वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। यदि यह दो अवसरों पर किया जाता है, तो पीपीएफ निवेश की अवधि 25 वर्ष हो जाएगी और प्रति वर्ष 90,000 रुपये या 7,500 रुपये प्रति माह निवेश बढ़कर 6,996,462 रुपये या 69.96 लाख रुपये हो जाएगा।


    💐नीचे PPF कैलकुलेटर देखें:💐


पीपीएफ खाता धारक केवल 250 रुपये प्रति दिन (7,500 / 30 = 250) की बचत करके इस राशि को जमा कर सकता है। दूसरे शब्दों में, हम यह भी कह सकते हैं कि एक PPF खाताधारक 69.96 लाख रुपये तक की धनराशि बढ़ाकर केवल 250 रुपये प्रतिदिन की बचत कर सकता है!


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  🌺(B) आज के दिन जन्मी अहिल्या


बाई होल्कर का जीवन परिचय लेख🌺. 


      💝अहिल्याबाई होल्कर💝


पूरा नाम:- रानी अहिल्याबाई होल्कर 


जन्म:- 31 मई सन् 1725 ई. 


जन्मभूमि :-चांऊडी गांव (चांदवड़), अहमदनगर, महाराष्ट्र 


मृत्यु:- 13 अगस्त सन् 1795 ई. अभिभावक:- मानकोजी शिंदे (पिता) पति/पत्नी:- खंडेराव


संतान:- मालेराव (पुत्र) और मुक्ताबाई (पुत्री) 


कर्म भूमि:- भारत 


विशेष योगदान:- रानी अहिल्याबाई ने कलकत्ता से बनारस तक की सड़क, बनारस में अन्नपूर्णा का मन्दिर, गया में विष्णु मन्दिर बनवाये। इसके अतिरिक्त इन्होंने घाट बनवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण करवाया, मार्ग बनवाए, भूखों के लिए सदाब्रत (अन्नक्षेत्र ) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं, मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन हेतु की। 


नागरिकता:- भारतीय विशेष इस महान् शासिका के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में इंदौर घरेलू हवाई अडडे् का नाम देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा रखा गया। इसी तरह इंदौर विश्वविद्यालय को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय नाम दिया गया है। 


अन्य जानकारी :-अहिल्याबाई को एक दार्शनिक रानी के रूप में भी जाना जाता है। अहिल्याबाई एक महान् और धर्मपारायण स्त्री थी। वह हिंदू धर्म को मानने वाली थी और भगवान शिव की बड़ी भक्त थी।


 महारानी अहिल्याबाई होल्कर (अंग्रेज़ी: Maharani Ahilyabai Holkar, जन्म: 31 मई, 1725; मृत्यु: 13 अगस्त, 1795) मल्हारराव होल्कर के पुत्र खंडेराव की पत्नी थीं। अहिल्याबाई किसी बड़े राज्य की रानी नहीं थीं, लेकिन अपने राज्य काल में उन्होंने जो कुछ किया वह आश्चर्यचकित करने वाला है। वह एक बहादुर योद्धा और कुशल तीरंदाज थीं। उन्होंने कई युद्धों में अपनी सेना का नेतृत्व किया और हाथी पर सवार होकर वीरता के साथ लड़ीं। 


          जीवन परिचय 


अहिल्याबाई का जन्म 31 मई सन् 1725 में हुआ था। अहिल्याबाई के पिता मानकोजी शिंदे एक मामूली किंतु संस्कार वाले आदमी थे। इनका विवाह इन्दौर राज्य के संस्थापक महाराज मल्हारराव होल्कर के पुत्र खंडेराव से हुआ था। सन् 1745 में अहिल्याबाई के पुत्र हुआ और तीन वर्ष बाद एक कन्या। पुत्र का नाम मालेराव और कन्या का नाम मुक्ताबाई रखा। उन्होंने बड़ी कुशलता से अपने पति के गौरव को जगाया। कुछ ही दिनों में अपने महान् पिता के मार्गदर्शन में खण्डेराव एक अच्छे सिपाही बन गये। मल्हारराव को भी देखकर संतोष होने लगा। पुत्र-वधू अहिल्याबाई को भी वह राजकाज की शिक्षा देते रहते थे। उनकी बुद्धि और चतुराई से वह बहुत प्रसन्न होते थे। मल्हारराव के जीवन काल में ही उनके पुत्र खंडेराव का निधन 1754 ई. में हो गया था। अतः मल्हार राव के निधन के बाद रानी अहिल्याबाई ने राज्य का शासन-भार सम्भाला था। रानी अहिल्याबाई ने 1795 ई. में अपनी मृत्यु पर्यन्त बड़ी कुशलता से राज्य का शासन चलाया। उनकी गणना आदर्श शासकों में की जाती है। वे अपनी उदारता और प्रजावत्सलता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके एक ही पुत्र था मालेराव जो 1766 ई. में दिवंगत हो गया। 1767 ई. में अहिल्याबाई ने तुकोजी होल्कर को सेनापति नियुक्त किया। 


निर्माण कार्य:- रानी अहिल्याबाई ने भारत के भिन्न-भिन्न भागों में अनेक मन्दिरों, धर्मशालाओं और अन्नसत्रों का निर्माण कराया था। 


कलकत्ता से बनारस तक की सड़क, बनारस में अन्नपूर्णा का मन्दिर , 


गया में विष्णु मन्दिर उनके बनवाये हुए हैं। इन्होंने घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण करवाया, मार्ग बनवाए, भूखों के लिए सदाब्रत (अन्नक्षेत्र ) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं, मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन हेतु की। उन्होंने अपने समय की हलचल में प्रमुख भाग लिया। रानी अहिल्याबाई ने इसके अलावा काशी, गया, सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारिका, बद्रीनारायण, रामेश्वर, जगन्नाथ पुरी इत्यादि प्रसिद्ध तीर्थस्थानों पर मंदिर बनवाए और धर्म शालाएं खुलवायीं। कहा जाता है कि रानी अहिल्‍याबाई के स्‍वप्‍न में एक बार भगवान शिव आए। वे भगवान शिव की भक्त थीं और इसलिए उन्‍होंने 1777 में विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया। 


शिव जी की भक्त:- उनका सारा जीवन वैराग्य, कर्त्तव्य-पालन और परमार्थ की साधना का बन गया। भगवान शिव की वह बड़ी भक्त थीं। बिना उनके पूजन के मुँह में पानी की बूंद नहीं जाने देती थीं। सारा राज्य उन्होंने शंकर को अर्पित कर रखा था और आप उनकी सेविका बनकर शासन चलाती थी। 'संपति सब रघुपति के आहि'—सारी संपत्ति भगवान की है, इसका भरत के बाद प्रत्यक्ष और एकमात्र उदाहरण शायद वही थीं। राजाज्ञाओं पर हस्ताक्षर करते समय अपना नाम नहीं लिखती थीं। नीचे केवल श्री शंकर लिख देती थीं। उनके रुपयों पर शंकर का लिंग और बिल्व पत्र का चित्र अंकित है ओर पैसों पर नंदी का। तब से लेकर भारतीय स्वराज्य की प्राप्ति तक इंदौर के सिंहासन पर जितने नरेश उनके बाद में आये सबकी राजाज्ञाऐं जब तक की श्रीशंकर आज्ञा जारी नहीं होती, तब तक वह राजाज्ञा नहीं मानी जाती थी और उस पर अमल भी नहीं होता था। अहिल्याबाई का रहन-सहन बिल्कुल सादा था। शुद्ध सफ़ेद वस्त्र धारण करती थीं। जेवर आदि कुछ नहीं पहनती थी। भगवान की पूजा, अच्छे ग्रंथों को सुनना ओर राजकाज आदि में नियमित रहती


महिला सशक्तीकरण की पक्षधर भारतीय संस्कृति में महिलाओं को दुर्गा और चण्डी के रूप में दर्शाया गया है। ठीक इसी तरह अहिल्याबाई ने स्त्रियों को उनका उचित स्थान दिया। नारीशक्ति का भरपूर उपयोग किया। उन्होंने यह बता दिया कि स्त्री किसी भी स्थिति में पुरुष से कम नहीं है। वे स्वयं भी पति के साथ रणक्षेत्र में जाया करती थीं। पति के देहान्त के बाद भी वे युध्द क्षेत्र में उतरती थीं और सेनाओं का नेतृत्व करती थीं। अहिल्याबाई के गद्दी पर बैठने के पहले शासन का ऐसा नियम था कि यदि किसी महिला का पति मर जाए और उसका पुत्र न हो तो उसकी संपूर्ण संपत्ति राजकोष में जमा कर दी जाती थी, परंतु अहिल्या बाई ने इस क़ानून को बदल दियाऔरमृतक की विधवा कोयहअधिकार


 दिया कि वह पति द्वारा छोड़ी हुई संपत्ति की वारिस रहेगी और अपनी इच्छानुसार अपने उपयोग में लाएऔर चाहे तो उसका सुखभोगेयाअपनी संपत्तिसेजनकल्याणके काम करे।अहिल्या बाई की ख़ासविशेष 


सेवकएक महिला ही थीअपनेशासनकाल


में उन्होंने नदियों पर जो घाट स्नान आदि के लिए बनवाए थे,उनमें महिलाओंकेलिए अलगव्यवस्था भी हुआ करती थी। स्त्रियों के मान-सम्मान का बड़ा ध्यान रखा जाता था। लड़कियों को पढ़ाने-लिखाने का जो घरों में थोड़ा-साचलन था,उसेविस्तारदिया


गया। दान-दक्षिणा देने में महिलाओं का वे विशेष ध्यान रखती थीं।कुछ उदाहरणएक समय बुन्देलखंड के चन्देरी मुकाम से एक अच्छा धोती-जोड़ा’आया थाजो उससमय बहुत प्रसिद्ध हुआ करता था।अहिल्याबाई ने उसे स्वीकारकिया।उससमयएकसेविका


जो वहां मौजूद थीवह धोती-जोड़े को बड़ी ललचाई नजरों से देख रहीथी।अहिल्या


बाई ने जब यह देखातोउस कीमती जोड़े को उस सेविका को दे दिया। इसी प्रकार एक बार उनके दामाद ने पूजा अर्चनाके लिए कुछ बहुमूल्य सामग्री भेजी थी।उस सामान कोएक कमज़ोरभिखारिनजिसका


नाम था सिन्दूरी,उसदेदिया किसी सेविका


ने याद दिलायाकि इस सामान की ज़रूरत


आपको भी है परन्तु उन्होंने यह कह कर 


सेविकाकी बात को नकार दिया कि उनके


पास और हैं।किसी महिला का पैरोंपरगिर


पड़ना अहिल्या बाई को पसन्द नहीं था। वे तुरंत अपने दोनों हाथों का सहारा देकर उसे उठा लिया करती थीं।उनके सिर पर


हाथ फेरतींऔर ढाढस बंधाती।रोने वाली


स्त्रियों को वे उनके आंसुओं को रोकने के लिए कहतीं,आंसुओं को संभालकर रखने काउपदेश देतीं औरउचित समय परउनके


उपयोग की बात कहतीं।उस समय किसी पुरुष की मौजूदगी को वे अच्छा नहीं सम


झतीथीं।यदिकोईपुरुष किसीकारणमौजूद भी होता तो वे उसे किसी बहाने वहां से हटजानेकोकह देतीं।इस प्रकारएकमहिला


की व्यथा,उसकीभावनाको एकांतमेंसुनतीं


,समझतीं थीं। यदि कोई कठिनाई या कोई समस्या होती तो उसे हल कर देतीं अथवा उसकी व्यवस्था करवातीं। महिलाओं को एकांत में अपनी बात खुलकर कहने का अधिकार था। राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों कादौरा करना,वहां प्रजा की बातें,उनकी समस्याएं सुनना,उनका हल तलाश करना उन्हेंबहुत भाता था।अहिल्याबाई,जोअपने


लिए पसन्द करती थीं, वही दूसरों के लिए पसंद करती थीं। इसलिए विशेषतौर पर महिलाओं को त्यागमय उपदेश भी दिया करती थीं। एक बार होल्कर राज्य की दो विधवाएं अहिल्याबाई के पास आईं, दोनों बड़ीधनवान थीं,परन्तु दोनों के पास कोई सन्ताननहींथी।वेअहिल्याबाई सेप्रभावित थीं।अपनीअपारसंपत्तिअहिल्याबाई केचर


णों मेंअर्पितकरनाचाहती थीं।संपत्तिन्योछा


-वर करने कीआज्ञामांगी,परन्तुउन्होंने उन


दोनोंकोयह कहकर मना कर दियाकिजैसे मैंनेअपनीसंपत्ति जनकल्याण में लगाईहै,


उसीप्रकार तुम भी अपनी संपत्ति को जन


हित में लगाओ।उन विधवाओं ने ऐसा ही कियाऔर वे धन्य हो गईं। मृत्यु राज्य की चिंता का भार और उस पर प्राणों से भी प्यारेलोगों का वियोग।इस सारे शोक-भार


को अहिल्याबाई का शरीर अधिक नहीं संभाल सका।और 13अगस्त सन् 1795


को उनकी जीवन-लीलासमाप्त हो गई। अहिल्याबाई के निधन के बाद तुकोजी इन्दौर की गद्दी पर बैठे।


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  (C) आज के दिनकी महत्त्वपूर्ण घटनाएँ  


1774 -भारत में पहला डाक सेवा कार्या


लय खोला गया।


1867 बंबई मेंप्रार्थना समाज की स्थापना


 हुई।


1921 - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया।


1959 - बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई।


1964 बंबई में इलेक्ट्रिक ट्राम अंतिम बार चली।


1994 -दक्षिण अफ़्रीका गूट निरपेक्ष आन्दोलन का 109वाँ सदस्य राष्ट्र बना।1996 -बेंजामिन नेतान्याहू इस्रायल के नये प्रधानमंत्री चुने बने।


1999-एडोल्फ़ ट्युटर स्लोवाक गणराज्य के राष्ट्रपति निर्वाचित,कृष्ण प्रसाद भट्टराई द्वारा नेपाल के प्रधानमंत्रीके रूप में शपथ ग्रहण की।


2001-मानवाधिकार आयुक्त राबिन्सन का कार्यकाल बढ़ा, पूर्व सोवियत देशों का राष्ट्रकुल शिखरसम्मेलन मिस्क(बेलारूस)


में सम्पन्न।


2006 -अमेरिकी वायुसेना के पूर्व जनरल मिशेल हैडेनको अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए)कानिदेशक नियुक्त किया गया


2006-अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जाएजेंसी के प्रमुख मुहम्मदअलबरदेईने स्पष्ट किया कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से दुनिया को कोई ख़तरा नहीं।


2007 -सैप ब्लेटर तीसरी बार अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबाल संघ के अध्यक्ष बने।


2008-सरकारी तेल कम्पनियों ने जहाज़ों के ईधन (एटीफ) की क़ीमत में 18.5% की बढ़ोत्तरी की।


2009-औपचारिक दस्तावेज केअभाव में पाकिस्तान केपूर्वमंत्रीअंसारबर्नीनईदिल्ली


हवाईअड्डे से पाकिस्तान वापस हुए


2010-भारत में मान्यता प्राप्त हर प्राइवेट स्कूल में ग़रीब बच्चों के लिए 25 % सीटें आरक्षित करने का क़ानून बनाया गया।


2011-भारतीयरिज़र्वबैंक केदिशा-निर्देशों


केअनुसार1 अप्रैल से बैंक में बचत खाता धारकों के ब्याज की गणना दैनिक आधार पर होगी।अब तक ब्याज की गणना बचत बैंकखाते मेंमहीने की दस तारीख सेलेकर अंतिम तारीख तक उपलब्ध न्यूनतम राशि के आधार पर की जाती थी।


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 💝(D)आज के दिन जन्मे महत्वपूर्ण


                   व्यक्तित्व💝


1577- नूरजहाँ - मुग़ल सम्राट जहाँगीर की पत्नी, जिसका मूल नाम 'मेहरुन्निसा' था।


1756 - एब्बे फारिया - दुनिया का पहला व्यक्ति, जिसने सम्मोहन की कला को एक वैज्ञानिक आधार प्रदान किया।


1725 - अहिल्याबाई होल्कर - भारत की वीरांगनाओं में से एक।


1843 अण्णा साहेब किर्लोस्कर 


मराठी रंगमंचमें क्रांति लाने वाले प्रसिद्ध नाटककार


1942- विनोद मेहता- आउटलुक के संस्थापक एवं प्रसिद्ध पत्रकार


1925 - राज खोसला - हिंदी फ़िल्मों में शीर्ष निर्देशक, निर्माणकर्ता और पटकथाकारों में से एक थे।


1899 - लाला जगत नारायन - प्रसिद्ध पत्रकार तथा हिन्द समाचार समूह के संस्थापक थे


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  💐(E)आज के दिन निधन हुवे      


             महत्वपूर्ण व्यक्तित्व💐


1988- संतराम बी. ए.- समाज सुधारक और लेखक का निधन


1988-द्वारकाप्रसाद मिश्राभारतकेप्रसिद्ध


राजनेता,स्वतंत्रतासेनानी,पत्रकार,साहित्य


कार तथामध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का निधन।


1987 - निर्देशक जॉन अब्राहम - लघु कथा लेखक, मलयाली भारतीय फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक थे का निधन।


1973-गुरनाम सिंह -भारतीय राजनीतिज्ञ


और पंजाब के मुख्यमंत्री थे का निधन।


2003-सुप्रसिद्ध संगीतकार अनिल बिस्वास का निधन।


2009 - कमलादास -अंग्रेज़ी और मलयालम की प्रसिद्ध लेखिका का निधन


1998-विचित्र नारायण शर्मा जमना लाल बजाज पुरस्कार' से सम्मानित प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थे।


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💐(F)आज के दिन/ दिवस का नाम💐


1 आज विश्व धूम्रपान निषेध दिवस


2-नूरजहाँ - मुग़ल सम्राट जहाँगीर की पत्नी, जिसका मूल नाम 'मेहरुन्निसा' थी का जयंती दिवस


3-एब्बे फारिया - दुनिया का पहला व्यक्ति, जिसने सम्मोहन की कला को एक वैज्ञानिक आधार प्रदान किया था उनका जयंती दिवस


4 अहिल्याबाई होल्कर - भारत की वीरांगनाओं में से एक थी का जयंती दिवस


5- अण्णा साहेब किर्लोस्कर मराठी रंग


मंचमें क्रांति लाने वाले प्रसिद्ध नाटककार थे उनका जयंती दिवस


6-संतराम बी. ए.- समाज सुधारक और लेखक का पुण्यतिथि दिवस


7 द्वारका प्रसाद मिश्रा - भारत के प्रसिद्ध राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, साहित्यकार तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे उनका पुण्यतिथि दिवस


8- निर्देशक जॉन अब्राहम - लघु कथा लेखक, मलयाली भारतीय फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक थे


उनका आज पुण्यतिथि दिवस


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            आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।


      आज जन्म लिये सभी व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई। बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।


💐।जय चित्रांश।💐


💐जय महाकाल,बोले सो निहाल💐


💐।जय हिंद जय भारत💐


💐 निवेदक;-💐


💐 चित्रांश ;-विजय निगम।💐


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