भोपाल। वर्तमान मे कोरोना के बचाव के लिए और उपायों के साथ सबसे महत्व पूर्ण योगाभ्यास है - 'भस्त्रिका प्राणायाम' जो की सभी को अपनी छमता के अनुसार प्रतिदिन नियमित जरूर करना चाहिए।
भस्त्रिका का अभ्यास करने से पहले अपनी छमता के अनुसार रस्सी कूदना, दौड़ना , साइकिल चलाना, जंपिंग जैक, या जो अभ्यास से सांस थोडी चलने लगे।
भस्त्रिका प्राणायाम - कुछ महीनों के सही अभ्यास के बाद महिलाओ के लिए काम के दौरान किया जा सकने वाला एक उपयोगी अभ्यास है। भस्त्रिका फेफड़ों मे कार्बन डाइऑक्साइड के लेवल को कम करता है। यह दमा के रोगिओं तथा फेफड़े के अन्य रोगों से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए अतिउत्तम अभ्यास है। यह गले की सूजन तथा गले मे जमा कफ को दूर करता है और भूख बढ़ाता है। यह तंत्रिका तंत्र को संतुलित एवं सशक्त बनाता है, जिससे शान्ति एवं मानसिक एकाग्रता का अनुभव होता है, यह ध्यान के अभ्यास के लिए तैयार करता है।
- एकाग्रता - श्वास पर, उदर की गति पर, मणिपुर चक्र पर।
- सावधानियां - भस्त्रिका का अभ्यास उन्हें नहीं करना चाहिए जो उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, हर्निया, गैस्ट्रिक अल्सर मिर्गी या वर्टिगो से पीड़ित है। जो यक्ष्मा से उबर रहे है उन्हें कुशल निर्देशन मे भस्त्रिका का अभ्यास करने का सुझाव दिया जाता है।
- योग प्रशिक्षक : महेश अग्रवाल, मोबा.9827042893