हनुमान जयंती विशेष


प्रिय साथियो,


राम-राम


।नमस्ते।
  💐आज हनुमान जयंती पर आप सभी को बधाई💐
 आज  सभी हिन्दू परिवारों में  8 अप्रैल 2020 बुधवार  हनुमानजी का भी जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां शुरू कर रहे हैं।   हनुमान जयंती 8 अप्रैल  बुधवार को  है। प्रति वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा को राम भक्ति हनुमान की जयंती मनाई जाती है। अजर और अमर माने जाने वाले हनुमानजी को प्रसन्‍न करने के लिए यह बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। लेकिन इस बार राम नवमी की तरह ही हनुमान जयंती भी ऐसे समय में पड़ी है जब कोरोनावायरस के कारण पूरा देश तालाबंदी कर चुका है। इसलिए आपको इस बार मंदिर में बिना घर पर ही हनुमान जयंती मनानी होगी।  जानीये इनकी पूजा विधि, पूजा, कथा और अन्य विशेष बातें…
      💐 हनुमान जयंती का व्रत और पूजा विधि💐
हनुमान जयंती पर कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। इस दिन व्रत रखने वालों को विशेष नियमों का भी पालन करना होता है। व्रत रखने वाले शासनक्ति को एक दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य के नियमों का पालना करना होता है। जयंती पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। उसके बाद हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करने के द्वारा विधिवत पूजा करें ।  हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। इस दिन आप सुंदर कांड की कुछ खास चौपियों का भी पाठ करें और हनुमानजी को प्रसाद के रूप में चना चीरोंजी एवम नारियल का भोग लगाए। इस दिन कुछ घरों में मीठी रोटी का भी भोग लगाया जाता है।एवम दिया जलाकर उनकी पूजा करें।
         💐 हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त💐
हनुमान जयंती तिथि : बुधवार, 8 अप्रैल
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 7 अप्रैल को 12 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त : सुबह 8 बजकर 3 मिनट
      💐 धरती पर सशरीर हैं बजरंगबली💐
हनुमानजीआज भी पृथ्वी पर सशरीर विराजमान हैं,इस बात का प्रमाण महाभारत में मिलता है। हनुमानजी कलियुग केअंत तक धर्म की रक्षाके लिए पृथ्वी पर रहेंगे, बजरंगबली चिरायु हैं, भगवान राम ने उन्हें वरदान दिया है।कहते हैं किधरती पर जहाँ भी रामकथा का आयोजन होता है, वहाँ हनुमानजी किसी ना किसी रूप में मौजूद होते हैं इसलिए रामजी की पूजा में हनुमान जीकी पूजा जरूर होती है।
              💐 हनुमान जी का जन्म💐
केशरीनंदन एवम अंजना के पुत्र वानर रूप हनुमान का आज के दिन जन्म हुआ। उन्हें शिव का 11 वां रूद्र अवतार माना जाता है।
               💐आजमाएं ये उपाय💐
-हनुमानजी को पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, कनेर और गुलाब के जैसे फूल ही चढ़ते हैं।
-गाय के घी का दीपक ही जलाएं या फिर चमेली के तेल का दीपक भी जला सकते हैं।
-अगर आप व्रत नहीं भी रख रहे हैं तो कोशिश करें कि दोपहर तक नमक का कुछ भी न खाएं और इस दिन सुंदरकांड का पाठ करें।
-हनुमानजी ब्रह्मचारी थे, इसलिए वे इस दिन जनेऊ भी चढ़ाया जाता है।
-भगवान राम की दीर्घायु के लिए उन्होंने अपने शरीर पर सिंदूर लगा लिया था इसलिए उनकी मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाया जाता है और चांदी का व्रक भी लगाया जाता है।
-शाम के वतन हनुमानजी के सामने दीया जलाएं और पीले गमछा ओढ़कर रामचरितमानस या फिर रामायण का भी पाठ कर सकते है।



Comments