आपातकालीन सेवा में प्राइवेट डॉक्टरों की ड्यूटी क्यो नही???

      उज्जैन। देश मे इस संकट के दौर में जहाँ सरकारी हॉस्पिटल और उनमें सेवाएं दे रहे सरकारी डॉक्टर व स्टाफ अपनी पूरी ताकत और मेहनत से जुटे हुए है। देश सेवा के इस कार्य में अपने प्राणों की परवाह किये बिना कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए ततपरता से अपनी सेवाएं दिन-रात दे रहे है, ना खाने की चिंता, ना सोने की चिंता, ना अपने घर वालो की परवाह बिना किसी स्वर्थ के देश की इस विकट परिस्थितियों में भी सतत अपनी सेवाएं देने में लगे हुए है। 



      और वहीं प्रायवेट डॉक्टर जो अपने निजी हॉस्पिटलों व क्लीनिकों पर मन माने दाम लेकर इलाज करते है आज वे इस संकट की स्थिति में नजरबंद क्यो हो गए? क्या वे निजी डॉक्टर इस संकट की घड़ी में देश सेवा में सरकारी अस्पतालों में अपना योगदान नही दे सकते?? क्या वे बस अपने क्लीनिकों पर मन माफिक रकम लेकर ही इलाज करते रहेंगे??? क्या वे देश में अपनी बड़ी-बड़ी डिग्रियों को दिखाने के लिए ही डॉक्टर बने है???? आज जब एक सरकारी डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ अपनी पूरी ताकत के साथ कोरोना वायरस से लड़ रहे है, तब प्रायवेट डॉक्टर घर पर बैठ कर इन्हें टीवी पर देखकर अपना मनोरंजन करते रहेंगे?????
       उज्जैन जिले में ही कई (एमबीबीएस, एमडी, एमएस) डॉक्टर्स है।
       प्रशासन से अनुरोध है कि इन प्रायवेट डॉक्टरों को भी अपने चिकित्सकीय अनुभव व अपनी डिग्री का सही उपयोग करने, देश सेवा में अपना योगदान देने के लिए अनुग्रहित करे।


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