स्वच्छता अभियान में तीन आर का महत्व समझाया

      उज्जैन। कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा 16 से 31 दिसम्बर तक अनवरत चलाया गया। डॉ. आर.पी.शर्मा (वरिष्ठ वैज्ञानिक) के मार्गदर्षन में पाक्षिक अभियान में मुख्यतः तीन आर के महत्व पर विषेष ध्यान दिया गया। जिसमें रीयूज, रिसाईकिल तथा रिडयुस पर ध्यानाकृर्षित किया गया। रीयूज यानि किसी भी वस्तु का उपयोग बारंबार करे यदि नहीं कर सकते हैं तो उसका रिसाईकिल करें यानि अन्य उपयोग में लाये और यदि वह भी संभव नहीं है तो ऐसी वस्तु या चीज का उपयोग न करें या कम से कम करें, ताकि पर्यावरण हमारा साफ-सुथरा रह सके। साथ ही प्रभावषील परिवर्तन हेतु इन तीन आर की उदाहरण सहित व्याख्या करते हुये, स्वच्छ भारत अभियान के तहत विभिन्न व्याख्यान कृषि वैज्ञानिक डाॅ. डी.एस.तोमर, डॉ.एस.के.कौषिक तथा एच.आर.जाटव एवं डॉ. मोनी सिंह, राजेन्द्र गवली, श्रीमती गजाला खान द्वारा विषयानुसार कृषि में स्वच्छता की विभिन्न पहलूओं को विस्तृत से बताया जैसे की भूसे का उपयोग जैविक खाद बनाने में तथा कुंभी उत्पादन में करने के तरीके, वर्षा जल संग्रहण हेतु लगाई जाने वाली यूनिट के बारे में भी विस्तृत से बताया। डेयरी से प्राप्त होने वाले गोबर से बायोगैस बनाने की विधि भी बतायी, साथ ही पोष्टिक वाटिका के बचे अवषेषों से खाद बनाने की चर्च की गयी। इस पंद्रह दिवसीय स्वच्छता पखवाडे में “स्वच्छता शपथ” भी दिलवाई गयी। इसके आलावा विभिन्न व्याख्यान, जनजागृता रैली तथा प्रष्नोत्तर प्रतियोगिता एवं लाईव माॅडल से किसान भाईयों तथा बहनों का ज्ञानवर्धन किया गया।


      इस पाक्षिक कार्यक्रम में विभिन्न गावों जैसे ग्राम कंडारिया, अजराना, कल्यानपुरा, कलेसर तथा कांकरिया चांद एवं घट्टिया एवं आगर मालवा आदि से पधारे मापवा योजना के अंतर्गत कृषि महिलायें भी लाभन्वित हुयी। ग्राम रूई से शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्रायें भी लाभन्वित हुये। इस कार्यक्रम से कुल 573 कृषक, कृषक महिलायें तथा छात्र-छात्रायें लाभान्वित हुये और सभी ने “स्वच्छ भारत” में अपनी भागीदारी सुनिष्चित करने की बात कही।


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