पूर्व प्रबंधक मसरकर पर दर्ज हो सकती हैं FIR?
उज्जैन। बैंक ऑफ बड़ोदा की शाखा वेद नगर उज्जैन में शासकीय योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले ॠणो मे पूर्व शाखा प्रबंधक विनय मसरकर द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है सारा खेल शासकीय योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी को लेकर किया गया है दो से ढाई लाख रुपये तक मिलने वाली सब्सिडी के ऋण देने के लिए 50000/-रू रिश्वत लेता था इससे ज्यादा की सब्सिडी के ऋण पर राशी अनुसार रिश्वत ले रहा था रिश्वत लेकर आंख बंद कर ऋण बांटे जिसके कारण बैंक का तो आर्थिक नुकसान होगा ही साथ में शासकीय योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों को नहीं मिला जो शासन की मंशा के विपरीत काम है जिन्हें वास्तविक रूप से लाभ मिलना चाहिए था उनको नहीं मिला और अपात्रो सक्षम लोगों को अनुचित रूप से लाभ पहुंचा कर सरकार के आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई रिश्वत लेकर बैंक के नियमों को ताक पर रखकर ऋण दिये गये जिनको ऋण दिये उनके द्वारा खरीदे गए माल सत्यापन नहीं किया गया जिसको ऋण दिया उसी का कोटेशन लेकर भुगतान भी कर दिया जैसे ए को ऋण दिया तो बी का कोटेशन लिया और बी ने ऋण लिया तो ए का कोटेशन ले लिया ओर भुगतान कर दिया सूत्रो से मिलीं जानकारी अनुसार यंहा उल्लेखनीय है कि जिसने ऋण लिया उसने वह व्यवसाय ही नहीं किया जिसके लिए ऋण लिया और कोटेशन देने वाले भी वो व्यवसाय नहीं करते जिसका कोटेशन दिया गया है सारा खेल कागजो किया गया जिसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए विश्वसनीय सूत्रो से पता चला है कि बैंक ऑफ बड़ोदा शाखा वेद नगर उज्जैन का पूर्व प्रबंधक विनय मसरकर एक युवक से मार्डगेज लोन देने के नाम पर 50000/रू रिश्वत लेकर चला गया पीड़ित युवक पिछले ग्यारह महीने से बैंक के चक्कर लगा रहा है ना लोन हो रहा है और ना ही मसरकर रूपये लोटा रहा है। पीड़ित युवक पुलिस से गुहार लगाने वाला है? मामला बहुत गंभीर है, पूर्व प्रबंधक विनय मसरकर के खिलाफ सम्बन्धित थाने में प्रकरण दर्ज हो सकता है? बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की गंभीरता को देखते हुए जाँच कर शीघ्र ही उचित कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा ब्रांच की छवि और जनता का पैसा यूं ही बर्बाद होता रहेगा?
बैंक ऑफ बड़ौदा में शासकीय योजनाओं के ऋणों में जमकर भ्रष्टाचार?