प्रिय साथियों,
💐राम-राम💐
💐 नमस्ते।💐
आज की बात आपके साथ मे आप सभी साथीयों का
दिनांक 01 जनवरी 2020 बुधवार की प्रातः की बेला में अंग्रेजी नव वर्ष 2020 में हार्दिक वंदन है अभिनन्दन है। आप सभी को अंग्रेजी नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं,एवम बधाई।
ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये,नमस्तस्ये,नमस्तस्ये,नमो नमः।
सर्व मंगल्य मंगले शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
संसार की इस एक मात्र गुंजायमान ॐ ध्वनि के द्वारा साक्षात सूर्य देव के रुप में हमे भगवान वासु देव जो कि भगवान विष्णु, है जो नर से नारायण बने है और प्रत्येक प्राणिमात्र में नारायण आत्मा,परमात्मा के रूप में विद्यमान है उन सबको हम नमन करते है। उन्हें बारम्बार नमन करते है। है ईश्वर हमने कभी आपको देखा नहि है किन्तु प्रकृति में आपको हम सभी दिन,और रात के प्राकृतिक रूप,आपके बनाये मौसम के रूप से से भूमि,गगन,वायु,जल,अग्नि,प्रकाश
,ध्वनि ,चाँद, तारे ,वृक्ष,पर्वत के रूप में विद्यमान है को देखते है महसूस करते है आपकी दैवीय शक्ति का एहसास करते है समय के रूप में आपको क्षण प्रतिक्षण मानते है आपके इसी रूप को काल देवता भगवान महाकाल के रूप में मानते है आपको नमन है नमन है बारंबार नमन है।
है देवी आपको प्रणाम है आप सभी प्राणियों में शक्ति का संचार करे उन्हें शक्ति प्रदान करे आपको नमस्कार है,नमस्कार है,नमस्कार है।
भगवान शिव की तपस्या करने वाली ,महाकाली,महालक्ष्मी,महासरस्वती मा जिन्होंने अपने तीन रूप से भगवान शिव की तपस्या की है,और है भगवान त्रयम्बक शिव भी आपकी त्रय शक्ति की पूजा करते है है ऐसे त्रय रूप धारण करने वाली मा जन्होने भगवान शिव को भी साध रखा है। आपके शरण मे आने वाले सभी भक्तो का आप कल्याण करें। हम सभी आपको नमस्कार करते है,नमस्कार करते है बारम्बार नमस्कार करते है।।
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आज की बात आपके साथ अंक मे है
A कुछ रोचक खबरे
B आज के दिन जन्मे.बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता श्री नाना पाटेकर. का जीवन परिचय लेख।
C आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
D आज के दिन जन्म लिए महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व
E आज के निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व।
F आज का दिवस का नाम ।
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💐 A रोचक खबरे। 💐.
(A/1) आधी हक़ीक़त आधा फसाना :- भारतीय तीर्थ स्थल हिलाचल प्रदेश की मणिमहेश यात्रा।
(A/2)31 दिसंबर, 01 और 02 जनवरी के लिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी।
(A/3) नए साल पर रेलवे का 'महंगाई गिफ्ट', एक जनवरी से यात्री किराए में बढ़ोतरी।
(A/4) मजबूत इच्छाशक्ति से पीएम मोदी ने उठाया ऐसा कदम, जिसे कभी किसी सरकार ने सोचा तक नहीं
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💐 (A) कुछ रोचक समाचार 💐
💐 (A/1) आधी हक़ीक़त आधा फसाना :- भारतीय
तीर्थ स्थल हिलाचल प्रदेश की मणिमहेश यात्रा💐
💐हिलाचल प्रदेश की मणिमहेश यात्रा 💐
मणिमहेश यात्रा: जनश्रुतियों के अनुसार यहां मणि के रूप में दर्शन देते हैं महादेव, जानिए क्या है इस बारे में।
चंबा, जेएनएन। चंबा को शिवभूमि के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव इन्हीं पहाड़ों में निवास करते हैं। हिमाचल की पीर पंजाल की पहाडिय़ों के पूर्वी हिस्से में तहसील भरमौर में स्थित है प्रसिद्ध मणिमहेश तीर्थ। हिमाचल के चंबा शहर से करीब 82 किलोमीटर की दूरी पर बसे मणिमहेश में भगवान भोले मणि के रूप में दर्शन देते हैं। इसी कारण इसे मणिमहेश कहा जाता है। धौलाधार, पांगी व जांस्कर पर्वत शृंखलाओं से घिरा यह कैलाश पर्वत मणिमहेश कैलाश के नाम से भी जाना जाता है। हजारों साल से श्रद्धालु रोमांचक यात्रा पर आ रहे हैं। इस साल 2020 यह यात्रा 24 अगस्त से शुरू होगी। मान्यता है कि भगवान शिव इन्हीं पहाड़ों में निवास करते हैं। कहते हैं भगवान शिव ने यहीं पर सदियों तक तपस्या की थी। इसके बाद से ये पहाड़ रहस्यमयी बन गया। मणिमहेश यात्रा कब शुरू हुई, इसके बारे में अलग-अलग विचार हैं, लेकिन कहा जाता है कि यहां पर भगवान शिव ने कई बार अपने भक्तों को दर्शन दिए हैं। 13,500 फीट की ऊंचाई पर किसी प्राकृतिक झील का होना किसी दैवीय शक्ति का प्रमाण है। आइए मणिमहेश यात्रा के बारे में जानें कुछ रोचक तथ्य...
💐 भगवान शिव ने की थी पर्वत की रचना 💐
मणिमहेश नाम का पवित्र सरोवर है जो समुद्र तल से लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसी सरोवर की पूर्व की दिशा में है वह पर्वत जिसे कैलाश कहा जाता है। इस हिमाच्छादित शिखर की ऊंचाई समुद्र तल से करीब 18,564 फीट है। स्थानीय लोग मानते हैं कि देवी पार्वती से विवाह करने के बाद भगवान शिव ने मणिमहेश नाम के इस पर्वत की रचना की थी। मणिमहेश पर्वत के शिखर पर भोर में एक प्रकाश उभरता है जो तेजी से पर्वत की गोद में बनी झील में प्रवेश कर जाता है। यह इस बात का प्रतीक माना जाता है कि भगवान शंकर कैलाश पर्वत पर बने आसन पर विराजमान होने आ गए हैं तथा येअलौकिक
प्रकाश उनके गले में पहने शेषनाग की मणि का है। इस दिव्य अलौकिक दृश्य को देखने केलिए यात्रीअत्यधिक
सर्दी के बावजूद भी दर्शनों के लिए बैठे रहते हैं।
💐 चौरासी मंदिर। 💐
कहा जाता है कि भरमौर का नाम पहले ब्रह्मïपुर नाम हुआ करता था। इस दौरान माता भरमाणी का मंदिर भी चौरासी परिसर में ही था। चौरासी में ही माता का वास हुआ करता था। ऐसे में चौरासी परिसर में रात के समय पुरुषों के विश्राम को निषेध किया गया था।उस दौरानचौरासी सिद्धों का एक दल पवित्र मणिमहेशयात्रा
पर जा रहा था। यात्रा पर आगे बढऩे से पूर्व धीरे-धीरे अंधेरा होने लगा। ऐसे में चौरासी सिद्धों ने चौरासी में समतल स्थल होने की सूरत में रात यहीं पर ही रुकने का निर्णय लिया।जैसे चौरासी सिद्धों ने चौरासी परिसर में रात के समय प्रवेश किया तो इससे माता भरमाणी क्रोधित हो उठीं।माता भरमाणी उन चौरासी सिद्धों को श्राप देने लगीतो चौरासी सिद्धों के मुखिया जो कि स्वयं भगवान शंकर थेआगे बढ़े।भगवान शंकर को देखमाता
भरमाणी क्रोध शांत हो गया।माता भरमाणी ने भगवान से क्षमा मांगी। साथ ही चौरासी परिसर में रात के पुरुषों
के आगमन निषेध होने की बात कही। माता भरमाणी वहां से विलुप्त होकर यहां से तीन किलोमीटर दूरसाहर
नामक स्थान पर प्रकट हुईं। जिसके बाद भगवान शंकर ने माता भरमाणी को वरदान दिया कि मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा तभी पूर्ण होगी जब श्रद्धालु सर्वप्रथम माता भरमाणी के दर्शन करेंगे। कहा जाता है कि मणिमहेश यात्रा के लिए चौरासी मंदिर के दर्शन भी जरूरी हैं।
💐 पारंपरिक वार्षिक यात्रा आरंभ करने का श्रेय
योगी चरपटनाथ को 💐
चंबा गजेटियर के अनुसार योगी चरपटनाथ ने राजा साहिल वर्मा को राज्य के विस्तार के लिए उस इलाके को समझने में काफी सहायता की थी।गीता प्रेस,गोरख
-पुर से प्रकाशित कल्याण पत्रिका के शिवोपासनांक में छपे एक लेख के अनुसार मणिमहेश-कैलाश की खोज और पारंपरिक वार्षिक यात्रा आरंभ करने का श्रेय योगी चरपटनाथ को जाता है।पहले यात्रा तीन चरणों में होती थीपहली यात्रा रक्षा बंधन पर होती थी। इसमें साधु संत जाते थे। दूसरा चरण भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर किया जाता था जिसमें जम्मू काशमीर के भद्रवाह , भलेस के लोग यात्रा करते थे। ये लोग आज भी सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा अपने बच्चों के साथ करते हैं। तीसरा चरण दुर्गाअष्टमी या राधाष्टमी को किया जाता है,जिसे राजाओं के समय से मान्यता प्राप्त है। अब प्रदेश सरकार ने भी इसे मान्यता प्रदान की है।
💐 आस्था के साथ रोमांच भी💐
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हिमालय की धौलाधार,पांगी और जांस्कर शृंखलाओं से घिराकैलाश पर्वतमणिमहेश
-कैलाश के नाम से प्रसिद्ध है।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी(भाद्र
-पद कृष्णअष्टमी)से श्रीराधाष्टमी(भाद्रपद शुक्लअष्टमी)
तक लाखों श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश झील में स्नान के बाद कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। पहाड़ों, खड्डों नालों से होते हुए मणिमहेश झील तक पहुंचने का रास्ता रोमांच से भरपूर है। मणिमहेश यात्रा को अमरनाथ यात्रा के बराबर माना जाता है। जो लोग अमरनाथ नहीं जा पाते हैं वे मणिमहेश झील में पवित्र स्नान के लिए पहुंचते हैं। अब मणिमहेश झील तक पहुंचना और भी आसान हो गया है। यात्रा के दौरान भरमौर से गौरीकुंड तक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था है और जो लोग पैदल यात्रा करने के शौकीन हैं उनके लिए हड़सर, धनछो, सुंदरासी, गौरीकुंड और मणिमहेश झील के आसपास रहने के लिए टेंटों की व्यवस्था भी है।
💐 भौगोलिक स्थिति 💐
शैव तीर्थ स्थल मणिमहेश कैलाश हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले के भरमौर में है। मान्यता के अनुसार, 550 ईस्वी में भरमौर मरु वंश के राजा मरुवर्मा की राजधानी था। मणिमहेश कैलाश के लिए भी बुद्धिल घाटी जो भरमौर का भाग है, से होकर जाना पड़ता है।
💐 हड़सर से पैदल यात्रा 💐
हड़सर या हरसर नामक स्थान सड़क का अंतिम पड़ाव है। यहां से आगे पहाड़ी और सर्पीले रास्तों पर पैदल या घोड़े-खच्चरों की सवारी कर ही सफर तय होता है। चंबा, भरमौर और हड़सर तक सड़क बनने से पहले चंबा से ही पैदल यात्रा शुरू हो जाती थी। हड़सर से मणिमहेश झील की दूरी करीब 13 किलोमीटर है। पैदल तीर्थयात्रा चंबा जिले के 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हड़सर गांव से शुरू होती है।
💐 महिलाएं गौरीकुंड में करती हैं स्नान। 💐
गौरीकुंड पहुंचने पर प्रथम कैलाश शिखर के दर्शन होते हैं। गौरीकुंड माता गौरी का स्नान स्थल है। यात्रा करने वाली महिलाएं यहां स्नान करती हैं। यहां से करीब डेढ़ किलोमीटर की सीधी चढ़ाई के बाद मणिमहेश झील तक पहुंचा जाता है। यह झील चारों ओर से पहाड़ों से घिरी हुई। यहां का खूबसूरत दृश्य पैदल पहुंचने वालों की थकावट को क्षण भर में दूर कर देता है।
💐 होते हैं नीलमणि के दर्शन। 💐
हिमाचल सरकार ने इस पर्वत को टरकॉइज माउंटेन यानी वैदूर्यमणि या नीलमणि कहा है। मणिमहेश में कैलाश पर्वत के पीछे जब सूर्य उदय होता है तो सारे आकाश मंडल में नीलिमा छा जाती है और किरणें नीले रंग में निकलती हैं। मान्यता है कि कैलाश पर्वत में नीलमणि का गुण-धर्म है, जिनसे टकराकर सूर्य की किरणें नीले रंग में रंगती हैं।
💐 हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध। 💐
मणिमहेश झील में पहला पवित्र स्नान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (24 अगस्त) को हुआ और दूसरा तथा अंतिम स्नान राधाष्टमी पर 6 सितंबर को होगा। राज्य सरकार ने यात्रियों को ले जाने के लिए एक निजी हेली टैक्सी संचालक को अनुमति दी है। हेलीकॉप्टर लोगों को आधार शिविर भरमौर से पवित्र झील से एक किलोमीटर पीछे गौरीकुंड तक ले जाएगा। एक तरफ का किराया 2750 रुपये प्रति यात्री तय किया गया है।
💐 कैसे पहुंचें मणिमहेश। 💐
मणिमहेश यात्रा हड़सर से पैदल शुरू होती है। भरमौर से मणिमहेश 17 किलोमीटर, चंबा से करीब 82 किलोमीटर और पठानकोट से 220 किलोमीटर की दूरी पर है। पठानकोट मणिमहेश कैलाश यात्रा के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन है, जबकि कांगड़ा हवाई अड्डा नजदीकी हवाई अड्डा है। यहां से अपने वाहन या टैक्सी के माध्यम से यात्रा शुरू की जा सकती है।
💐 यात्रा के दौरान बरतें ये सावधानियां। 💐
अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े रखें। यहां तापमान एकदम से पांच डिग्री तक गिर सकता है। यात्रा मार्ग पर मौसम कभी भी बिगड़ सकता है, लिहाजा अपने साथ छाता, रेनकोट व वाटरप्रूफ जूते लेकर जाएं। बारिश में सामान गीला न हो,इसके लिए कपड़े व अन्यखाने-पीने
की चीजेवाटरप्रूफ बैग में ही रखें,आपातस्थिति के लिए
अपने किसी साथी यात्री का नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखकर एक पर्ची अपनी जेब में रखें। अपने साथ पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस या यात्रा पर्ची जरूर रखें।
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💐 (A/2) 31 दिसम्बर मौसम का हाल
31 दिसंबर, 01 और 02 जनवरी के लिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी💐
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत ठंड के कंपकंपा रहा है। मौसम विभाग ने 31 दिसंबर 2019, 01 और 02 जनवरी 2020 के लिए ये भविष्यवाणी की है।
: 31 दिसंबर, 01 और 02 जनवरी के मौसम का हाल जानिए
नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत ठंड से ठिठुर चुकी है। सोमवार को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, पश्चिमी मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कड़ाके की ठंड कहर बरपा रखा है। दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तरी राजस्थान, बिहार और पूर्वोत्तर के राज्यों में सोमवार सीवियर ठंड के साथ घना कोहरा देखने को मिला। मौसम विभाग ने 31 दिसंबर और न्यू ईयर को लेकर भविष्यवाणी की। साथ मौसम को लेकर चेतावनी भी जारी की है।
मौसम विभाग ने कहा कि जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में 31 दिसंबर को तेज बारिश और निचले इलाकों में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। इसके बाद एक से तीन जनवरी तक पूर्वी हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की आशंका व्यक्त की गई है, जबकि दिल्ली में दो जनवरी को कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की आशंका है।
💐 अगले तीन दिनों के लिए मौसम विभाग की
भविष्यवाणी💐
31 दिसंबर- बिहार के बिहार के अधिकांस इलाकों में कोल्ड डे की स्थिति बने रहने की संभावना है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब के दूर दराज इलाकों में कोल्ड डे स्थिति बनी रही रहेगी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ में घने कोहरे की भी संभावना है। छत्तीसगढ़, विदर्भ, पश्चिमी मध्य प्रदेश और मराठवाड़ा तूफान के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है।
01 जनवरी- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, दक्षिण हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीगढ़ में तेज हवा और बिजली की कड़क के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। कड़ाके की ठंड बरकरार रहने का अनुमान है।
02 जनवरी- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, दक्षिण हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में तेज हवा चल सकती है। गरज के साथ बारिश हो सकती है। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके, पंजाब में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।उधर, पिछले 119 साल में सोमवार को दिल्ली में दिसंबर का सबसे सर्द दिन रहने की संभावना है। इस दौरान तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला में दोपहर 2.30 बजे तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने ट्वीट किया कि पिछले 119 साल में दिसंबर के महीने में आज दिल्ली में सर्द दिन रहने का अनुमान है, क्योंकि दोपहर ढाई बजे सफदरजंग में तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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💐(A/3) नए साल पर रेलवे का 'महंगाई गिफ्ट', एक जनवरी से यात्री किराए में बढ़ोतरी
नया साल पर इंडियन रेलवे ने किराए में बढ़ोतरी कर लोगों को तगड़ा झटका दिया है. नया रेल किराया एक जनवरी से लागू होगा.
रेल का नया किराया 1 जनवरी से होगा लागू
रेलवे ने 4 पैसे प्रति किलोमीटर तक बढ़ाया किराया
नया साल पर इंडियन रेलवे ने किराए में बढ़ोतरी कर लोगों को तगड़ा झटका दिया है. नया रेल किराया एक जनवरी यानी आज से ही से लागू होगा. लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों पर यात्री किराये में बढ़ोतरी का बड़ा असर होगा. रेलवे ने 4 पैसे प्रति किलोमीटर तक यात्री किराए में बढ़ोतरी की है।
रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेन के लिए 2 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी ट्रेन के किराए में 4 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी की है।. नए साल की पूर्व संध्या पर रेल यात्री किराया बढ़ाए जाने को लेकर सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।. उन्होंने ट्वीट कर सरकार के इस फैसले की आलोचना की और कहा कि यह सरकार का लोगों को न्यू ईयर गिफ्ट है।
कितना है रेलवे का बढ़ा हुआ किराया?ऑर्डिनरी नॉन एसी का किराया
सेकेंड क्लास ऑर्डिनरी - एक पैसे प्रति किलोमीटर
स्लीपर क्लास ऑर्डिनरी - एक पैसे प्रति किलोमीटर
फर्स्ट क्लास ऑर्डिनरी - एक पैसे प्रति किलोमीटर
मेल/एक्सप्रेस नॉन एसी का किराया
सेकेंड क्लास (मेल/एक्सप्रेस) - 2 पैसे प्रति किलोमीटर
स्लीपर क्लास (मेल/एक्सप्रेस) - 2 पैसे प्रति किलोमीटर
फर्स्ट क्लास (मेल/एक्सप्रेस) - 2 पैसे प्रति किलोमीटर
एसी क्लास का किराया
एसी चेयर कार- 4 पैसे प्रति किलोमीटर
एसी 3-टियर/3E- 4 पैसे प्रति किलोमीटर
एसी 2-टियर- 4 पैसे प्रति किलोमीटर
एसी फर्स्ट क्लास/इकॉनोमी क्लास/EA- 4 पैसे प्रति किलोमीटर
वहीं, उपनगरीय (सब अर्बन) रेल सेवा और सीजन टिकट के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
ऐसे समझिए बढ़े हुए किराए का गणित
नई दिल्ली से पटना की दूरी करीब 1000 किलोमीटर है. अगर आप नई दिल्ली से पटना तक ऑर्डिनरी नॉन एसी ट्रेन से सफर करते हैं तोबढ़ेहुए किराए केमुताबिक
आपको 10 रुपये ज्यादा देने होंगे.अगर आपनईदिल्ली
से पटना के लिए नॉन एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करते हैं तो आपको 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी के हिसाब से 20 रुपये ज्यादा देने होंगे. वहीं,इसी सफर को अगर आप एसी क्लास में तय करते हैं तो आपको 40 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे।
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💐(A/4) मजबूत इच्छाशक्ति से पीएम मोदी ने उठाया ऐसा कदम, जिसे कभी किसी सरकार ने सोचा तक नहीं💐
मोदी सरकार की कार्य पद्धति का मूल्यांकन करें तो ऐसे अनेक कदम नजर आएंगे जिन पर कभी किसी सरकार ने कदम उठाना तो दूर सोचा तक नहीं था।...
[अमित शाह]। आजादी के बाद हुए 17 लोकसभा चुनावों में देश ने 22 सरकारें और 15 प्रधानमंत्री देखे हैं। नि:संदेह इन सभी सरकारों ने राष्ट्र निर्माण में अपने विवेक के अनुसार कुछ न कुछ किया, परंतु ऐसी सरकारें विरली रहीं जो दूरगामी परिणाम लाने वाले काम कर सकीं। अपने 55 वर्षों के शासन में कांग्रेस को आठ बार पूर्ण बहुमत वाला जनादेश मिला, लेकिन उसने शायद दस काम भी ऐसे नहीं किए जिनसे देश को निर्णायक दिशा मिली हो।
हालांकि वाजपेयी सरकार ने अल्पकाल में कई बड़े काम करने के प्रयास किए, परंतु बहुमत के अभाव में उनका प्रभाव सीमित रहा। देश में पहली बार 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की एक गैर कांग्रेसी सरकार बनी। मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में परिवर्तन की जो बयार बहती दिख रही है उसके पीछे मजबूत नेतृत्व और विकासोन्मुख नीतियां हैं।
सामान्य जन के जीवन-स्तर में गुणात्मक सुधार
मोदी सरकार ने अब तक के अपने कार्यकाल में ही दर्जनों ऐसे काम किए हैं जिनसे न केवल सामान्य जन के जीवन-स्तर में गुणात्मक सुधार आया है, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा भी विश्व में फिर से स्थापित हुई है। मोदी जी की सबसे बड़ी विशेषता उनकी अतुलनीय दृढ़ इच्छाशक्ति है, जिसका सबसे ताजा उदाहरण राज्यसभा में संख्याबल न होने के बावजूद अनुच्छेद-370 और 35-ए को समाप्त करना रहा। इन दोनों अनुच्छेदों के कारण कश्मीर देश की विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाया जिससे वहां आतंकी और अलगाववादी शक्तियां फल-फूल रही थीं।
💐 अनुच्छेद- 370/35-ए से मिली मुक्ति 💐
आतंकी हिंसा से 41 हजार कश्मीरी मौत का शिकार हुए, केंद्र से भेजी जाने वाली विकास की राशि गिने चुने लोगों की जेब भरती रही और कई पीढ़ियां गरीबी और अशिक्षा का दंश झेलती रहीं। तुष्टीकरण की राजनीति और इच्छाशक्ति की कमी के कारण किसी भी नेता या सरकार ने जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद- 370/35-ए से मुक्ति दिलाने का साहस नहीं किया। यह एक देश एक संविधान के सपने को पूरा करने की मोदी जी की मजबूत इच्छाशक्ति ही थी कि जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद- 370/35-ए से मुक्ति मिल सकी।
CAA Protest: समुदाय विशेष को गुमराह कर रहा विपक्ष, कट्टरपंथ को हवा देने की कोशिश
💐 सबसे मजबूत इच्छाशक्ति वाले प्रधानमंत्री 💐
यह भी मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति ही है कि वह विषम राजनीतिक परिस्थितियों में भी अनेक कठिन फैसले ले सके। कभी असंभव से दिखने वाले सर्जिकल एवं एयर स्ट्राइक जैसे फैसले लेना मोदी जी को देश का अब तक का सबसे मजबूत इच्छाशक्ति वाला प्रधानमंत्री साबित करता है। स्वतंत्रता के बाद देश की सरकारें अमीर-गरीब, शहर-गांव, कृषि-उद्योग जैसे अनेक विरोधाभासों से ग्रस्त रहीं। कुछ शक्तियों ने ऐसा वैचारिक वातावरण बना दिया था जिससे ये भ्रामक द्वंद्व देश के विकास में एक बड़ी बाधा बन गए। नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने तत्काल इस द्वंद्व को खत्म किया। अमीर और गरीब की खाई पाट कर सबको एक साथ लेकर चलने की नीति प्रधानमंत्री मोदी के इस कथन से स्पष्ट होती है कि देश में सिर्फ दो वर्ग हैं, एक गरीब और दूसरा गरीबी हटाने वाला।
गुजरता साल 2019 ऐसा वर्ष था जिसने हमारी जेबें काटकर देश की डगमगाती अर्थव्यवस्था का बिल भरा
💐 मोदी सरकार की प्राथमिकता 💐
मोदी सरकार की नीतियों में गरीबों के कल्याण के प्रति चिंता और अन्तोदय का भाव स्पष्ट नजर आता है। सामान्य जन के जीवन में बदलाव लाना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। जनधन, मुद्रा, सौभाग्य, स्वच्छ भारत, श्रमयोगी मानधन पेंशन, किसान पेंशन और लघु व्यापारी मानधन जैसी दर्जनों योजनाओं के माध्यम से सरकार ने आमजन के जीवन-स्तर को ऊपर उठाने और उन्हें सामाजिक-आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया है।
विदा होता वर्ष बता गया कि राजनीतिक नेतृत्व में व्याप्त विकृति समाज और राजनीति के लिए घातक
💐 सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाया 💐
2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनमें नीम कोटेड यूरिया लाना, समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना वृद्धि, समर्थन मूल्य दायरे का विस्तार, यूरिया सब्सिडी में वृद्धि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि योजना आदि प्रमुख हैं। तीन तलाक उन्मूलन, उज्ज्वला, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि, मातृत्व अवकाश में वृद्धि जैसे निर्णयों के जरिये भी सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके जीवन में बदलाव लाने का काम किया है। मोदी सरकार का मानना है कि व्यवसायी के विकास के बिना गरीबों का कल्याण संभव नहीं है।
💐 सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था 💐
मोदी जी ने वेल्थ क्रिएटर के महत्व को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट किया है। चरमराई बैंकिंग प्रणाली के पुनरुत्थान, भ्रष्टाचार पर प्रहार के कानून, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, कानूनों के सरलीकरण, जीएसटी इत्यादि जैसे अनेक प्रयास व्यापार को सुगम बना रहे हैं और भारत आज सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन कर पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। करदाताओं की संख्या और कर प्राप्ति में जिस तरह वृद्धि हुई है वह मोदी सरकार पर विश्वास और देश के विकास में भागीदारी का प्रतीक है।
💐 विश्व पटल पर भारत की ऊंची होती साख 💐
पाकिस्तान की आतंकी नीतियों का जवाब देने के लिए जब देश की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की तब एक तरफ दुनिया के प्रभावी देश भारत के साथ थे तो वहीं दूसरी तरफ हमारा पड़ोसी मुल्क अलग-थलग पड़ा हुआ था। कश्मीर के मुद्दे पर भी स्थिति वही है। विश्व पटल पर भारत की ऊंची होती साख का एक और उदाहरण अंतररराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में हमारे सामने है। प्रधानमंत्री मोदी पर्यावरण के मुद्दे पर विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। आज भारत अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस का नेतृत्व कर रहा है।
💐 चंद्रयान ने देश का अंतरराष्ट्रीय गौरव बढ़ाया💐
चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण और एक बार में सर्वाधिक सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजने के कीर्तिमान ने भी देश का अंतरराष्ट्रीय गौरव बढ़ाया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति मोदी सरकार की मंशा और नीति, दोनों स्पष्ट हैं। जहां सेना के आधुनिकीकरण का काम जारी है वहीं अंतरिक्ष में एंटी सेटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण से स्पष्ट होता है कि राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर यह सरकार जल, थल और नभ के साथ-साथ अंतरिक्ष तक जुटी हुई है। सेना के तीनों अंगों में समन्वय के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बनाने का फैसला भी ले लिया गया है। मोदी सरकार ने सैनिकों की वर्षों से लंबित ओआरओपी की मांग को भी पूरा करके उनके मनोबल को बढ़ाया।
💐 सरकार के मूलभूत परिवर्तन लाने वाले साहसिक निर्णय💐
मोदी सरकार की कार्य पद्धति का बारीकी से मूल्यांकन करें तो ऐसे अनेक कदम नजर आएंगे, जिन पर कभी किसी सरकार ने कदम उठाना तो दूर, सोचा तक नहीं था। नरेंद्र मोदी ने सत्ता की परवाह किए बगैर देशहित को ध्यान में रखते हुए कठिन और मूलभूत परिवर्तन लाने वाले साहसिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने ऐसे फैसले लिए जो आमजन के हित में हों और जरूरी नहीं कि वह लोक लुभावने और देखने में अच्छे लगने वाले हों। इस सरकार ने सिद्ध किया है कि जब देशहित में कठिन निर्णय लिए जाते हैं तो जनता भी समर्थन देने में पीछे नहीं हटती। इसका सबसे ज्वलंत प्रमाण 2019 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी का 2014 के जनादेश से बड़े जनादेश के साथ दोबारा प्रधानमंत्री बनना है।
(लेख। अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री हैं)
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💐(B)आज के दिन जन्मे प्रसिद्ध हिंदी/ मराठी
रंगमंच एवम भारतीय फिल्म के अभिनेता
श्री नाना पाटेकर का जीवन
परिचय लेख.💐
विश्वनाथ "नाना" पाटेकर (जन्म: 1जनवरी, 1951)
हिन्दी एवं मराठी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं।
नाना पाटेकर। नाना पाटेकर
जन्म नाम;- विश्वनाथ पाटेकर
जन्म दिनांक:- 1 जनवरी 1951 (आयु 68)
जन्म स्थान:- मुरुड जंजीरा, बॉम्बे राज्य, भारत.
आवास:- मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत
राष्ट्रीयता;- भारतीय
व्यवसाय;- अभिनेता, लेखक
जीवनसाथी:- नीलाकांती पाटेकर
बच्चे;- मल्हार पाटेकर
पिता। गजानन पाटेकर
माता- निर्मला पाटेकर
पुरस्कार;- पद्म श्री (2013)
💐 जीवनी। 💐
नाना पाटेकर भारतीय फिल्मों के अभिनेता हैं। वे लेखक और फिल्म निर्माता भी हैं। नाना हिन्दी फिल्मों के मशहूर अभिनेता माने जाते हैं। उनके अभिनय के सभी कायल हैं और यही कारण है कि उन्हें आज तक कई बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें पद्मश्री सम्मान भी मिल चुका है। वे इंडस्ट्री में अपने डॉयलाग को बोलने की स्टाइल को लेकर काफी मशहूर हैं। उनके अभिनय के दीवाने आपको हर आयु वर्ग में मिल जाएंगे।
💐 पृष्ठभूमि 💐
नाना का जन्म मुरूड-जंजीरा, रायगढ़, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम दिनकर पाटेकर और मां का नाम संजनाबाई पाटेकर है।
💐 पढ़ाई। 💐
नाना की पढ़ाई सर जे जे इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाईड आर्ट, मुंबई से हुई थी।
💐 शादी 💐
नाना की शादी नीलाकांती पाटेकर से हुई लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया। उनका एक लड़का भी है जिसका नाम मल्हार है।
💐 करियर। 💐
नाना के करियर की शुरूआत फिल्म 'गमन' से हुई थी लेकिन इंडस्ट्री में उन्हें फिल्म 'परिंदा' से नोटिस किया गया जिसमें उन्होंने खलनायक की भूमिका अदा की थी। इस फिल्म में उनके अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिया गया। इसके बाद उन्होंने कई अच्छी फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। क्रांतिवीर, खामोशी, यशवंत, अब तक छप्पन, अपहरण, वेलकम, राजनीति उनकी प्रमुख फिल्मों में से एक हैं।
💐 हिन्दी फ़िल्में। 💐
वर्ष। फ़िल्म चरित्र। टिप्पणी। 2016 द जंगल बुक (हिंदी)
नटसम्राट
गणपतराव रामचंद्र।
बेलवाल्कर
2015 वेलकम बैक
अब तक छप्पन
2014 डॉ प्रकाश बाबा आमटे:
असली हीरो। डॉ प्रकाश आमटे।
2013 हंगामा पर हंगामा 26/11 के हमलों
2012 कमाल धमाल मालामाल ?
2011 देऊल शागिर्द
2010 तुम मिलो तो सही
राजनीति पाठशाला
2008W। यहाँ के हम है सिकन्दर कोच
2007 वैलकम। उदय शेट्टी
2007 हैटट्रिक
2006 टैक्सी नम्बर। ९२११राघव शास्त्री
2005 अपहरण। तबरेज़ आलम
2005 ब्लफ़ मास्टर
2003 भूतपुलिस अधिकारी
2003 आँच
2003 डरना मना है
2002 शक्ति
2000 तरकीब
2000 गैंगअब्दुल
1999 हु तू तूभाऊ
1999 कोहराम
1998 युगपुरुष। अनिरुद्ध
1993 वजूद। मल्हार
1997 ग़ुलाम-ए-मुस्तफा मुस्तफा
1996 खामोशी। नायिका का पिता
1996 अग्नि साक्षी। विश्वनाथ
1995 हम दोनों
1994 क्रान्तिवीर। प्रताप नारायण तिलक
1993 तिरंगा। शिवाजीराव वाघले
1992 अंगार। माज़िद ख़ान
1992 राजू बन गया जेंटलमैन जय
1991 प्रहार
1991 दिक्षा।
1990 दिशा
1990 थोड़ा सा रूमानी हो जायें
1989 परिन्दा। अन्ना
1988 सलाम बॉम्बे
1988 सागर संगम
1987 आज का रॉबिनहुड रॉबिंनहूड
1987 सूत्रधार। कुमार
1987 आवाम
1984 गिद्ध
💐 नामांकन और पुरस्कार। 💐
💐 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार 💐
2006 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार - अपहरण
1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - क्रान्तिवीर
1990 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - परिन्दा
2013 - पद्म श्री
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💐 (C) आज के दिन महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 💐
1515 - यहूदियों को आॅस्ट्रिया के लाइबाख क्षेत्र से निष्कासित किया गया।
1651 - चार्ल्स द्वितीय स्टुआर्ट स्कॉटलैंड के राजा बने।
1600 - स्कॉटलैंड में 25 मार्च के बजाय 1 जनवरी से नये साल की शुरुआत।
1664 - छत्रपति शिवाजी ने सूरत अभियान शुरू किया।
1785 - 'डेली यूनिवर्सल रजिस्टर' (टाइम्स आॅफ लंदन) का पहला अंक प्रकाशित हुआ।
1808 - अफ्रीकी देश सिएरा लियाेन ब्रिटिश उपनिवेश बना।
1862 - 'भारतीय दंड संहिता' लागू किया गया।
1877 - इंग्लैण्ड की महारानी विक्टोरिया भारत की साम्राज्ञी बनी।
1880 - देश में मनी आर्डर प्रणाली की शुरुआत हुई।
1906 - ब्रिटिश सरकार ने भारतीय मानक को स्वीकार किया।
1915 - महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में उनके कार्यों के लिये वायसराॅय ने 'केसर-ए-हिंद' से सम्मानित किया।
1928 - अमेरिका में पहला एयर कंडीशंड कार्यालय सेन एंतोनियो में खुला।
1949 - कश्मीर में युद्धविराम की घोषणा हुई।
1950 - अजाइगढ़ का राज्य भारत संघ में मिलता है।
1955 - भूटान ने पहला डाक टिकट जारी किया गया।
1971 - टेलीविजन पर सिगरेट विज्ञापनों का प्रसारण प्रतिबंधित किया गया।
1978 - बम्बई (अब मुंबई) में एयर इंडिया के जंबो जेट बोइंग-747 विमान हादसे में 213 लोगों की मौत हुई।
1985 - लीबिया सरकार द्वारा सभी नागरिकों के लिए सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य घोषित।
1992 -भारत और पाकिस्तान ने पहली बार अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों की अदला-बदली की।
डॉक्टर बुतरोस घाली ने संयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव का कार्यभार ग्रहण किया।
1993 - चेकोस्लोवाकिया का दो स्वतंत्र गणराज्यों- चेक एवं स्लोवाक के रूप में विभाजन।
1994 - 'उत्तरी अफ़्रीका मुक्त व्यापार समझौता' (नाफ्टा) व्यापारिक बना।यTरR
1995 - विश्व व्यापार संगठन अस्तित्व में आया।
1996 - सिंगापुर एशिया में जापान के बाद दूसरा विकसित देश बना।
1997 - भारत-बांग्लादेश के मध्य जल बंटवारे की संधि प्रभावी।
1999 - यूरोप के 11 देशों की साझी मुद्रा यूरो का प्रचलन प्रारम्भ।
2000 - न्यूजीलैंड से 860 कि.मी. पूर्व दिशा में स्थित मोरिओरी चैटहैम द्वीप पर सहस्त्राब्दी की प्रथम किरण पड़ी।
2001 -अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अपराध कोर्ट के गठन के लिए रोम संधि पर संयुक्त राज्य अमेरिका व इस्रायल के हस्ताक्षर।
कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर पर कोलकाता हुआ।
2002 - संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए भारत पाकिस्तान को मोहलत दे, ब्रिटेन ने पाक की कार्रवाई को अपर्याप्त माना।
2004 - चेक राष्ट्रपति वाक्लाव हावेल को 'गांधी शांति पुरस्कार' प्रदान किये गये, सार्क देशों ने दक्षिण एशिया को मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने वाली साफ्टा संधि और सार्क आतंकवाद विरोधी संधि को मंजूरी दी।
2005 - इंडोनेशिया और भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पुन: भूकम्प के झटके।
2006 - दक्षेस देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता 'साफ़्टा' लागू।
2007 - विजय नांबियार संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून के चीफ़ आफ़ स्टॉफ़ नियुक्त।
2008 -भारत ने सार्क में बांग्लादेश सहित एल डी देशों के निर्यात पर 1 जनवरी, 2008 से शुल्क मुक्त पहुंच (भारत की संवेदनशील सूची में शामिल कुछ वस्तुओं को छोड़कर) प्रदान करना प्रारंभ किया।
उत्तर प्रदेश में मूल्य वर्द्धित कर 'वैट' लागू किया गया।
भूटान के इतिहास में पहली बार चुनाव में जीते नेशनल काउंसिल के 15 प्रतिनिधियों के नामों की घोषणा की गयी।
2009 - केन्द्र सरकार ने सैन्य कर्मियों के लिए वेतन आयोग के गठन के साथ ही 12000 लेफ्टिनेंट कर्नल और नौसेना व वायुसेना में उनके समकक्षों को ऊँचे वेतनमान देने का फ़ैसला किया।
उत्तर प्रदेश कैडर के 1972 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी राजीव माथुर ने आइ.बी. के निदेशक पद का कार्यभार सम्भाला।
थाइलैंड की राजधानी बैंकाक के एक नाइट क्लब में आग लगने से 61 लोगों की मौत हुई।
2013 -उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई में 'महात्मा गांधी जनकल्याण समिति' के सचिव अशोक कुमार शुक्ला ने गांधी भवन में एक प्रार्थना कक्ष स्थापित कराया तथा सर्वोदय आश्रम टडियांवा के सहयोग से सर्वधर्म प्रार्थना का नियमित आरंभ कराया।
2013 - अंगोला के लुआंडा में भगदड़ में 10 लोगों की मौत और 120 घायल हुए।
2017- एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव का पद संभाला।
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💐(D)आज के दिन जन्मे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व💐
1979 - डिंको सिंह - भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़ों में से एक हैं।
1978 - विद्या बालन - हिन्दी फ़िल्मों की अभिनेत्री
1978 - तनीशा - हिन्दी फ़िल्मों की अभिनेत्री
1975 - सोनाली बेंद्रे - हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री
1971 - ज्योतिरादित्य सिंधिया - ग्वालियर राजघराने के स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के पुत्र।
1961 - एन. बीरेन सिंह - भारतीय राजनीतिज्ञ तथा मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं।
1953 - सलमान खुर्शीद, राजनीतिज्ञ
1952 - उदय प्रकाश, हिन्दी कथाकार व उपन्यासकार
1951 - नाना पाटेकर, हिन्दी व मराठी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता
1950 - दीपा मेहता, निर्माता निर्देशक, पटकथा लेखक
1950 - राहत इंदौरी, प्रसिद्ध उर्दू कवि एवं गीतकार।
1943 - रघुनाथ अनंत माशेलकर - भारतीय वैज्ञानिक हैं।
1941 - असरानी - भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के ख्याति प्राप्त हास्य अभिनेता हैं।
1937 - काशीनाथ सिंह, प्रसिद्ध उपन्यासकार
1936 - शकीला - हिन्दी सिनेमा में सन 1950-60 की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं।
1934 - कीर्ति चौधरी - तीसरे सप्तक की एकमात्र कवयित्री
1920 - मनीराम बागड़ी - समाजवादी विचारधारा के प्रसिद्ध भारतीय नेता।
1914 - सरत चन्द्र सिन्हा - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और असम के मुख्यमंत्री थे।
1914 - नूर इनायात ख़ाँ, भारतीय राजकुमारी
1914 - अद्वैत मल्लबर्मन, प्रसिद्ध बांग्ला लेखक
1894 - प्रोफेसर सत्येंद्रनाथ बोस, प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक
1892 - महादेव देसाई - भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी
1890 - सम्पूर्णानन्द - भारत प्रसिद्ध राजनेता
1885 - शशिभूषण रथ - 'उड़िया पत्रकारिता के जनक' और स्वतंत्रता सैनानी थे।
1875 - हसरत मुहानी - लखनऊ के प्रसिद्ध शायर।
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💐(E)आज के दिन निधन हुवे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व💐
2008- प्रताप चन्द्र चंदर - पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री एवं लेखक।
1983 - डी. एन. खुरोदे - एक प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी थे, जिन्हें भारत के दुग्ध उद्योग में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।
1955 - शान्ति स्वरूप भटनागर - भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक।
1940 - पानुगंटि लक्ष्मी नरसिंग राव- प्रसिद्ध तेलुगु लेखक।
1933 - हेमचंद दासगुप्त - भारत के प्रसिद्ध भू-वैज्ञानिक।
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(F) आज के दिवस का नाम
अंग्रेजी नववर्ष प्रारम्भ दिवस/ शुभकामना दिवस
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आज की बात -आपके साथ" मे आज इतना ही।कल पुन:मुलाकात होगी तब तक के लिये इजाजत दिजीये।
आज जन्म लिये सभी व्यक्तियोंको आज के दिन की बधाई। आज जिनका परिणय दिवस हो उनको भी हार्दिक बधाई। बाबा महाकाल से निवेदन है की बाबा आप सभी को स्वस्थ्य,व्यस्त मस्त रखे।
।जय चित्रांश।
जय महाकाल,बोले सो निहाल।जय हिंद जय भारत
निवेदक;-
चित्रांश : विजय निगम🖋️