आम भाषा में कहा जाता है कि मन चंचल होता है। ऐसे में मन की चंचलता को नियंत्रित करना बहुत जरुरी है वर्ना आप अपनी रणनीति से दूर होते चले जाते हैं। वहीं, बहुत बार ऐसा होता है कि हमारे मन में एक साथ कई बातें चल रही होती है, जिसकी वजह से हम अस्थिर हो जाते हैं और भटक जाते हैं। ऐसे में आइए, जानते हैं मन के भटकाव को कैसे करें नियंत्रितकिसी भी बात को दोहराना बंद करें- आपके जीवन में कोई अच्छी बात हुई है या बुरी लेकिन उन बातों को लगातार दोहराना सही नहीं है। ऐसा करने से आपका मन भटकता रहेगा और आप अपने लक्ष्य से दूर होते चले जाएंगे। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखें- कई बार ऐसा होता है कि हम किसी के कुछ नकारात्मक कहने पर शंकाओं से घिर जाते हैं लेकिन आपको दूसरे लोगों की बातों में आकर खुद पर अविश्वास नहीं करना है। आपसे बेहतर आपको कोई नहीं आंक सकता। मन के भटकाव से बचते हुए अपनी क्षमताओं पर काम करें। अति भावुक होने से बचें- इंसान में भावनाएं होना बुरा नहीं है लेकिन उसे नियंत्रित न करना आपके लिए घातक हो सकता है। अत्यंत खुशी या दुख दोनों ही सोचने-समझने की तार्किक बुद्धि को कमजोर करते हैं इसलिए अतिभावुक होने से बचें। __ गलतियों से बचें- जीवन में गलतियां सभी से होती है इसलिए जो गलती आप कर चुके हैं उससे आगे बढ़े और आने वाले कल पर ध्यान दें। हमेशा गलतियों पर रोने से कोई नया रास्ता नहीं निकलने वाला। __ रास्तों और मंजिलों को लेकर प्लान बनाएं- आपको याद रखना है कि बिना किसी रणनीति के आपका मन भटकता रहेगा इसलिए अपनी मंजिल और उस तक पहुंचने के तरीकों को लेकर अपना दिमाग क्लियर रखें। बेकार में समय व्यर्थ करने से अच्छा एक बेहतर रणनीति बनाएं।
सफलता में बाधक है मन का भटकाव