नईदिल्ली। महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के 19 दिन बाद भी सरकार बनने की संभावना नहीं दिखने पर वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। महाराष्ट्र के इतिहास में यह तीसरा मौका है, जब राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। पहली बार 17 फरवरी से 9 जून 1980 तक और दूसरी बार 2014 में 32 दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। आजादी के बाद से अब तक 121मौके आए, जब राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते सबसे ज्यादा 49 बार अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की व्याख्या संविधान के अनुच्छेद 356 में की गई है।
राष्ट्रपति शासन पहली बार 1951 में लगा था
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आजादी के बाद पंजाब वह राज्य था, जहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। कांग्रेस में फूट की वजह से यहां 20 जून 1951 से 17 अप्रैल 1952 के बीच राष्ट्रपति शासन लगाया गया। आपातकाल के बाद 24 मार्च 1977 को मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 30 अप्रैल 1977 को 9 राज्यों में एक साथ राष्ट्रपति शासन लगा दिया। जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में कुल 16 मौके ऐसे आए, जब अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा। इस दौरान मोरारजी देसाई के अलावा चरण सिंह भी करीब 6 महीने के लिए कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे। इनमें 12 बार मोरारजी देसाई और 4 बार चरण सिंह के कार्यकाल में राष्ट्रपति शासन लगा था।
इंदिरा के शासन में 49 बार राष्ट्रपति शासन लगा था
इंदिरा गांधी का आपातकाल से पहले और बाद में बतौर प्रधानमंत्री कुल 15 साल का कार्यकाल रहा। इस दौरान 1966 से 1977 के बीच 33 बार और 1980 से 1984 के बीच 16 बार अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा। इस तरह उनके प्रधानमंत्री रहते रिकॉर्ड 49 बार राष्ट्रपति शासन लगा। जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद 1980 में इंदिरा गांधी चौथी बार प्रधानमंत्री बनीं और 17 फरवरी को एक साथ 9 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
1989 से 1999 तक 10 साल में 20 बार राष्ट्रपति शासन लगा
1989 से लेकर 1999 तक 7 प्रधानमंत्री बने। इस दौरान 20 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री बने। उनके 6 साल के कार्यकाल में सिर्फ 4 बार राष्ट्रपति शासन लगा।